अंतर्राष्ट्रीय मूर्ति दिवस एक वैश्विक उत्सव है जो मूर्ति कला के महत्व को मान्यता और समर्थन प्रदान करता है। अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकला केंद्र द्वारा स्थापित इस दिवस का उद्देश्य दुनिया भर के समुदायों में मूर्तिकला के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। आपको बता दें कि यह विशेष दिन हर साल अप्रैल के अंतिम शनिवार को मनाया जाता है। ऐसे में यह दिवस इस वर्ष 27 अप्रैल 2024 को मनाया जायेगा। इस लेख में आपको अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकला दिवस (International Sculpture Day in Hindi) क्या है, कब हुई थी इसकी शुरूआत और क्या है इसका महत्व आदि के बारे में बताया गया है।
This Blog Includes:
- अंतर्राष्ट्रीय मूर्ति दिवस क्या है? – International Sculpture Day in Hindi
- अंतर्राष्ट्रीय मूर्ति दिवस का इतिहास
- अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकला दिवस क्यों मनाया जाता है?
- अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकला दिवस का महत्व
- दुनिया की कुछ सबसे प्रसिद्ध मूर्तियाँ
- अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकला दिवस कैसे मनाएं?
- अंतर्राष्ट्रीय मूर्ति दिवस पर कोट्स
- FAQs
अंतर्राष्ट्रीय मूर्ति दिवस क्या है? – International Sculpture Day in Hindi
अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकला दिवस (International Sculpture Day) को आईएस दिवस के नाम से भी जाना जाता है। दुनियाभर में यह दिवस हर साल अप्रैल के अंतिम शनिवार को मनाया जाता है। इसका आयोजन अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकला केंद्र (International Sculpture Center) द्वारा किया जाता है। यह दिवस मूर्तिकला कला के प्रति जागरूकता बढ़ाने और कलाकारों को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन मूर्तिकला के महत्व को उजागर करता है, दुनिया भर में मूर्तिकला की विविधता का प्रदर्शन करता है, कलाकारों को प्रेरित करता है और साथ ही सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देना।
अंतर्राष्ट्रीय मूर्ति दिवस का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय मूर्ति दिवस का इतिहास मूर्तिकला के विकास और अंतर्राष्ट्रीय मूर्ति केंद्र के प्रयासों के साथ जुड़ा हुआ है। प्रत्येक वर्ष, यह वार्षिक उत्सव दुनियाभर में मूर्तिकला की विरासत को सम्मानित करने और इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने, मूर्तिकला की कला पर ध्यान आकर्षित करने और मूर्तिकला कलाकारों को सम्मानित करना और उनके कार्य को मान्यता के लिए मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकला दिवस पहली बार 2015 में अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकला केंद्र (आईएससी) द्वारा स्थापित किया गया था, जो संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन है जो मूर्तिकला के निर्माण और समझ को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है।
अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकला दिवस क्यों मनाया जाता है?
अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकला दिवस कला और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण उत्सव है। यह दिवस मूर्तिकला कला के प्रति जागरूकता बढ़ाने, मूर्तिकला कलाकारों को अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करने और अपनी कल्पना को आकार देने, विभिन्न संस्कृतियों में मूर्तिकला की विविधता को प्रदर्शित करने के लिए मनाया जाता है।
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अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकला दिवस का महत्व
अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकला दिवस का महत्व (Importance of International Sculpture Day in Hindi) के बारे में नीचे बताया गया है :
- अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकला दिवस, मूर्तिकला कलाकारों को अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करने और अपनी कल्पना को आकार देने का एक माध्यम प्रदान करती है।
- यह दिवस मूर्तिकला कला की सुंदरता और शक्ति का जश्न मनाने का एक अवसर है।
- यह दिवस लोगों को सांस्कृतिक विरासत के महत्व के बारे में जागरूक करने में मदद करता है।
- यह दिवस कला शिक्षा को प्रोत्साहित करता है और युवा पीढ़ी को कला और संस्कृति से जोड़ता है।
दुनिया की कुछ सबसे प्रसिद्ध मूर्तियाँ
हर अद्वितीय मूर्ति के पीछे एक कहानी छिपी होती है, जो दर्शकों को आकर्षित करती है और एक लम्बे समय तक असर छोड़ती है। दुनिया की कुछ सबसे प्रसिद्ध मूर्तियों में शामिल हैं:
- स्टैचू ऑफ लिबर्टी, न्यूयॉर्क, यूएसए : यह विशाल मूर्ति स्वतंत्रता और लोकतंत्र का प्रतीक है। इसे 1886 में फ्रांस द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका को उपहार के रूप में दिया गया था।
- क्राइस्ट द रिडीमर, रियो डी जनेरियो, ब्राजील : यह विशाल कलाकृति यीशु मसीह की एक प्रतिमा है और ईसाई धर्म का प्रतीक है। यह दुनिया की सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक है।
- मोआई, ईस्टर द्वीप, चिली : ये विशाल पत्थर की मूर्तियां रहस्यमय और प्रभावशाली हैं। यह 13 वीं और 16 वीं शताब्दी के बीच बनाई गई थीं।
- डेविड, फ्लोरेंस, इटली : यह मूर्ति पुनर्जागरण कला की एक उत्कृष्ट कृति है और पुरुष सौंदर्य और शक्ति का प्रतिनिधित्व करती है। इसे माइकलएंजेलो ने 1501 और 1504 के बीच तराशा था।
- टेराकोटा सेना, शीआन, चीन : यह हजारों योद्धाओं, घोड़ों और रथों की एक विशाल सेना है। इसे चीन के पहले सम्राट, किन शी हुआंग के लिए बनाया गया था।
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अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकला दिवस कैसे मनाएं?
अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकला दिवस को आप कई तरह से मना सकते हैं:
- आप मूर्तिकला प्रदर्शनियों में भाग ले सकते हैं।
- मूर्तिकला कार्यशालाओं में भाग ले सकते हैं।
- मूर्तिकला से संबंधित फिल्मों और वृत्तचित्रों को देखकर आप अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकला दिवस मना सकते हैं।
- मूर्तिकला पुस्तकों और पत्रिकाओं को पढ़कर भी आप अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकला दिवस मना सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय मूर्ति दिवस पर कोट्स
कलाकारों और मूर्तिकला प्रेमियों को प्रेरित करने वाले कुछ प्रसिद्ध कोट्स (Quotes on International Sculpture Day in Hindi) इस प्रकार से हैं :
“मूर्तिकला बुद्धि की कला है।”
– पब्लो पिकासो
“पत्थर के प्रत्येक खंड के अंदर एक मूर्ति है और इसे खोजना मूर्तिकार का काम है।”
– माइकल एंजेलो
“एक मूर्ति एक विचार है जो दृश्यमान हो जाता है।”
– रॉडिन
“मूर्तिकला एक भाषा है जिसे हर कोई समझ सकता है।”
– हेनरी मूर
“मूर्तिकला आत्मा को आकार देने की कला है।”
– ब्रांकुसी
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FAQs
पुरातात्विक साक्ष्यों के अनुसार, भारत में मूर्तिकला का इतिहास लगभग 2500-1800 ईसा पूर्व तक जाता है, जब सिंधु घाटी सभ्यता फली-फूली थी। उस समय, छोटी टेराकोटा मूर्तियाँ बनाई जाती थीं, जो मुख्य रूप से महिला देवी और पशु आकृतियों को दर्शाती थीं।
भारतीय मूर्तिकला अपनी विशिष्ट विशेषताओं के लिए सदैव से जानी जाती रही है। इसका एक प्रमुख गुण है, जो मानव आकृतियों के चित्रण में स्पष्ट रूप से दर्शाता है। भारतीय मूर्तियों में मानव आकृतियों से लेकर पेड़- पौधे, जीव जन्तुओं और असंख्य देवी देवताओं को चित्रित किया गया है।
मूर्तिकला कला एक ऐसा रूप है जो कठोर या मुलायम पदार्थों को तराशकर, ढालकर या जोड़कर आकार देकर बनाया जाता है। यह विभिन्न संस्कृतियों, परंपराओं को व्यक्त करने का एक माध्यम है जिसका उपयोग दर्शकों को दर्शकों को प्रेरित करने, शिक्षित और मनोरंजन करने के लिए होता है।
रामकिंकर बैज को ‘आधुनिक भारतीय मूर्तिकला का जनक’ कहा जाता है।
मूर्तिकला कला केवल सौंदर्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कला, संस्कृति, समाज के अनेक पहलुओं को दर्शाता है। यह कलाकारों को अपनी रचनात्मकता और कल्पना को उजागर करने का एक माध्यम प्रदान करता है, जहाँ वे विभिन्न प्रकार की सामग्रियों, तकनीकों और शैलियों का उपयोग करके अपनी कलात्मक दृष्टि को साकार करते हैं।
विश्व की सबसे बड़ी मूर्ती का नाम स्टैच्यू ऑफ यूनिटी है। इसकी ऊंचाई – 182 मीटर है। यह मूर्ती 2018 में बनकर तैयार हुई। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में सरदार वल्लभ भाई पटेल को दर्शाया गया है।
मूर्तिकला कला का एक ऐसा रूप है जो अनेक विशिष्ट विशेषताओं से युक्त है। इन विशेषताओं के आधार पर ही मूर्तिकला को अन्य कलाओं से अलग किया जा सकता है। ये है – रूप और आकार, रंग, सतह और बनावट, विषय वस्तु, शैली आदि।
भारतीय मूर्तिकला का इतिहास काफी प्रसिद्ध है। यह कला 2500-1800 ईसा पूर्व की सिंधु घाटी सभ्यता तक विस्तृत है, जहाँ छोटी टेराकोटा मूर्तियों का निर्माण किया गया था।
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