दीपावली का प्राचीन नाम क्या है और जानिए दीपावली का अर्थ

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दीपावली का प्राचीन नाम क्या है

दिवाली रोशनी का हिंदू त्योहार है और इसकी विविधताएं अन्य भारतीय धर्मों में भी मनाई जाती हैं। यह आध्यात्मिक अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। दीपावली को रोशनी का त्योहार के रूप में भी जाना जाता है और इस दिन शाम को दीपों की रोशनी से भारत जगमगाता है। कई बार एग्जाम में दीपावली से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए इस ब्लाॅग दीपावली का प्राचीन नाम क्या है के बारे में विस्तार से जानेंगे।

आयोजनदीपावली 
तारीख़ 12 नवंबर 2023
उद्देश्य समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के घरों में विकास की रोशनी पहुंचाना।

दीपावली के बारे में

दीपावली, भारत में बड़ा त्योहार माना जाता है। इस त्योहार को रोशनी का त्योहार माना जाता है और यह अंधकार पर प्रकाश की शक्ति और अज्ञानता पर ज्ञान की शक्ति का संदेश देता है। इस उत्सव में धन की देवी लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणेश का सम्मान किया जाता है। कहीं-कहीं राम, सीता और लक्ष्मण के 14 साल के लंबे वनवास (हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार) के बाद घर आने के सम्मान में मनाया जाता है।

दीपावली का प्राचीन नाम क्या है?

दीपावली को दिवाली के नाम से जाना जाता है। दीपावली का प्राचीन नाम दीपोत्सव है। दीपोत्सव है का अर्थ दीपक के साथ उत्सव से है। मान्याओं के अनुसार, दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने 14 वर्ष का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे थे और इस दिन अयोध्यावासियों ने उनके आगमन पर घी के दीपक जलाए थे और तब से इसे दीपोत्सव या दीपावली के नाम से जाना जाता है और हर वर्ष भारत में इसकी धूम रहती है।

दीपावली को दीपोत्सव क्यों कहा जाता है?

दीपोत्सव को दीपावली के प्राचीन नाम से जोड़ा गया है, हालांकि भारत के गांवों में अभी भी हम लोगों के द्वारा दीपोत्सव या प्रकाश पर्व सुनते हैं। दीपावली को दीपोत्सव यानी दीपों के उत्सव के कहे जाने के पीछे माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने 14 वर्ष का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे थे और इस दिन अयोध्यावासियों ने उनगे स्वागत में घी के दीपक जलाए थे।

दीपावली के प्राचीन नाम से जुड़े तथ्य

दीपावली के प्राचीन नाम दीपोत्सव से जुड़े तथ्य जानना जरूरी है जोकि इस प्रकार बताए गए हैंः

  • भगवान राम के वन से लौटने के बाद अयोध्या को दीपों से चमकाया गया था और इसी दिन को दीपोत्सव के रूप जाना गया।
  • दीपोत्सव पर अंधकार पर प्रकाश की जीत का जश्न मनाया जाता है।
  • दीपोत्सव के दिन को अमावस्या से जोड़ा जाता है और इसे हिंदू चंद्र-सौर कैलेंडर की सबसे अंधेरी रात माना जाता है, लेकिन दीपों की रोशनी में संसार जगमग होता है।
  • दीप दान उत्सव और दिवाली दोनों ऐतिहासिक त्योहारों में शामिल हैं और इस दिन को लोग खुशियां मनाते हैं।
  • दीपोत्सव, प्रकाश का प्रतीक है और तमस को दूर करता है।
  • दीपोत्सव की रोशनी हमारी सभी अंधेरी इच्छाओं को दूर करने के लिए जानी जाती है।

दीपावली का अर्थ क्या है?

दिवाली हिंदू धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। भारत जैसे देश में इस त्योहार को मनाने का हर किसी का अपना-अपना तरीका है। भले ही इसमें उनकी आस्था अलग-अलग हो, लेकिन यह लोगों के जीवन में जो उत्साह लाता है, वह सभी को एक साथ बांधता है। दीपावली को रोशनी के त्योहार के रूप में मनाया जाता है, इस दौरान घरों को मोमबत्तियों से सजाया जाता है और दीपों की रोशनी से पूरा भारत जगमग होता है।

दीपावली क्यों मनाई जाती है?

दीपावली का प्राचीन नाम जानने के साथ ही यहां हम दीपावली क्यों मनाई जाती है के बारे में जानेंगेः

  • परंपरा के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि दिवाली की रात लक्ष्मी ने विष्णु को अपने पति के रूप में चुना और दोनों पवित्र विवाह बंधन में बंध गए।
  • रामायण के अनुसार, भगवान राम 14 साल का वनवास काटने और राक्षस राजा रावण को हराने के बाद आखिरकार अयोध्या लौट आए थे और दिवाली उनके घर लौटने का प्रतीक है।
  • महाकाव्य महाभारत के अनुसार, दिवाली वह दिन है जब पांडव कार्तिक अमावस्या की रात को हस्तिनापुर लौटते हैं।
  • जैन धर्म में दिवाली का त्योहार महावीर की आत्मा के अंततः निर्वाण प्राप्त करने की वर्षगांठ मनाने के लिए मनाया जाता है।
  • सिख धर्म में, दिवाली का संबंध मुगल सम्राट जहांगीर द्वारा गुरु हरगोबिंद की रिहाई की घटना से है।
  • भारत के राज्य गुजरात में दिवाली का त्योहार नए साल की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।

दीपावली का महत्व क्या है?

भारत में त्योहारों को लेकर काफी धूम रहती है और हर त्योहार का महत्व भी बहुत है। अगर दीपावली के महत्व को देखा जाए तो यह विभिन्न धर्मों के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला यह पांच दिवसीय रोशनी का त्योहार है। दिवाली की रोशनी हमारी सभी अंधेरी इच्छाओं और विचारों को नष्ट करने का समय दर्शाती है। दिवाली के दिन अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की विजय का जश्न मनाने का समय है। इस दिन सभी धर्म और जाति के लोग एकजुट होते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं।

दीपावली को कितने दिनों का त्योहार कहते हैं?

दीपावली का प्राचीन नाम जानने के अलावा दीपावली को कितने दिनों का त्योहार कहते हैं यह समझना जरूरी है। आपको बता दें कि दीपावली का जश्न 5 दिनों तक चलता है, जोकि विभिन्न हिंदी पंचांगों के अनुसार इस प्रकार हैः

  • दिन 1- 10 नवंबर, 2023 त्रयोदशी – धनतेरस
  • दिन 2- 11 नवंबर, 2023 चतुर्दशी – छोटी दीपावली
  • दिन 3- 12 नवंबर, 2023 अमावस्या – दीपावली
  • दिन 4- 13 नवंबर, 2023 प्रतिपदा- पड़वा
  • दिन 5- 14 नवंबर, 2023 द्वितीया – भइया दूज। (तिथियों में बदलाव हो सकता है)।

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FAQs

दिवाली के 5 दिन कौन से हैं?

दिवाली के पांच दिन हैं धनतेरस, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजा, गोवर्धन पूजा और भाई दूज।

देव दीपावली का दूसरा नाम क्या है?

देव दीपावली का दूसरा नाम त्रिपुरारी पूर्णिमा जाना जाता है।

दीपावली पर मोमबत्ती क्यों जलाई जाती है?

दीपावली पर मोमबत्ती जलाने के पीछे अंधरे पर प्रकाश की जीत का प्रतीक माना जाता है।

उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको दीपावली का प्राचीन नाम क्या है और दीपावली के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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