दशहरा प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है जो नवरात्रि के अंत का प्रतीक है। यह त्योहार भगवान राम की रावण पर विजय के रूप में मनाया जाता है। कई स्थानों पर इस दिन बुराई के विनाश का संकेत देने के लिए आतिशबाजी के साथ रावण के पुतले जलाए जाते हैं, लेकिन कई बार परीक्षाओं में दशहरा पर निबंध या फिर प्रश्न पूछे जाते हैं और इसके लिए हमें सही से जानकारी होना आवश्यक है, इसलिए इस ब्लाॅग में दशहरा का महत्व जानेंगे।
दशहरा का महत्व
दशहरा गांव में बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान राम की रावण पर विजय के रूप में मनाया जाता है। इसे राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय के लिए भी जाना जाता है। कई स्थानों पर इस दिन बुराई के विनाश का संकेत देने के लिए आतिशबाजी के साथ रावण के पुतले जलाए जाते हैं। दशहरा या विजयदशमी भगवान राम की विजय और दुर्गा पूजा के रूप या फिर यह शक्ति-पूजा का पर्व है।
इसलिए रहती है दशहरा की धूम
कई लोगों के लिए दशहरा का मतलब दिवाली की तैयारी शुरू करना है, जो विजयदशमी के 20 या 21 दिन बाद मनाई जाती है। इस दिन भगवान राम सीता के साथ अयोध्या पहुंचे थे। विजयादशमी के दिन शमी वृक्ष की पूजा करने का देश के कुछ हिस्सों में बहुत महत्व है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि अर्जुन ने अपने अज्ञातवास के दौरान अपने हथियार शमी वृक्ष के अंदर छिपाए थे। भारत के कुछ दक्षिणी राज्यों में शमी पूजा को बन्नी पूजा और जम्मी पूजा के नाम से भी जाना जाता है।
दशहरा के बारे में
रामायण के अनुसार भगवान राम ने रावण का वध कर बुराई पर विजय प्राप्त की। इस दिन को मनाने के लिए लोग विजयादशमी या दशहरा उत्सव मनाते हैं और पूरे देश में दशहरा उत्सव मनाया जाता है। हर साल नवरात्रि के समापन पर विजयादशमी का त्योहार या दशहरा मनाया जाता है। दशहरा को 10 सिर वाले रावण पर विष्णु अवतार राम की जीत के रूप में मनाया जाता है।
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FAQs
नवरात्रि के अंत में दशहरा आता है।
अधर्म पर धर्म की जीत के प्रतीक के रूप में विजयदशमी मनाई जाती है।
दशहरा को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है।
उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको दशहरा का महत्व पता चला होगा। इसी तरह के माइथोलॉजी से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।