अगस्त क्रांति दिवस, जिसे ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह दिन हर साल 9 अगस्त को मनाया जाता है। 9 अगस्त 1942, वो दिन है जब महात्मा गांधी ने देशवासियों से अंग्रेजों के खिलाफ ‘भारत छोड़ो’ का आह्वान किया था। यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण मोड़ था जिसने देशवासियों में स्वाभिमान का भाव जगाया और उनको उनकी पहचान के प्रति जागरूक किया। अगस्त क्रांति दिवस के बारे में अधिक जानने के लिए यह ब्लॉग अंत तक पढ़े।
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क्या है अगस्त क्रांति दिवस ?
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अगस्त का महीना अत्यधिक महत्वपूर्ण है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगस्त के महीने में ही यानी 15 अगस्त को हमारा देश ने स्वतंत्रता प्राप्त की थी। और इससे पहले 9 अगस्त, 1942 को आजादी के लिए संपूर्ण क्रांति का आह्वान किया गया था। अंग्रेजी सत्ता को भारत से उखाड़ फेंकने के लिए गांधी जी के नेतृत्व में जो अंतिम संघर्ष किया गया, उसे ‘अगस्त क्रांति’ के नाम से जाना जाता है। इस संघर्ष में गांधी जी ने ‘करो या मरो’ का नारा देकर सभी देशवासी को अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया था। इसी कारण इसे ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ या क्विट इंडिया मूवमेंट भी कहते हैं। यहां तक की मुंबई के जिस पार्क से इस क्रांति की शुरुआत हुई थी, उस पार्क को भी अगस्त क्रांति मैदान के नाम से जाना जाता है।
अगस्त क्रांति दिवस का इतिहास
अगस्त क्रांति दिवस के इतिहास के बारे में निम्न बिंदुओं में विस्तार से बताया गया है :
- 4 जुलाई 1942 को, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें अंग्रेजो को भारत छोड़ने की चेतावनी दी गई।
- इस प्रस्ताव के अनुसार अगर ब्रिटिश सरकार भारत नहीं छोड़ते तो उनके विरोध आंदोलन का आह्वान किया जाएगा।
- इस प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस पार्टी में विभाजन हो गया। कुछ सदस्य इस प्रस्ताव के खिलाफ थे जबकि कुछ इसके समर्थन में थे।
- सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉ. राजेंद्र प्रसाद और जयप्रकाश नारायण जैसे नेताओं ने इस आंदोलन का खुलकर समर्थन किया।
- वहीं 9 अगस्त, 1942 को महात्मा गांधी ने मुंबई के गोवालिया टैंक मैदान (अब अगस्त क्रांति मैदान) में एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन की घोषणा की।
- उन्होंने इस भाषण में अंग्रेजों के खिलाफ पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करते हुए “करो या मरो” का नारा दिया। इसी दिन से भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई थी।
- ब्रिटिश सरकार ने इस आंदोलन को दबाने के लिए कई कड़ी कार्रवाई की। यहां तक कि महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल समेत कई प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार भी कर लिया।
- लेकिन इसके बावजूद भी आंदोलन जारी रहा और पूरे देश में फ़ैल गया।
- इस आंदोलन से ब्रिटिश शासन को यह एहसास हो गया कि अब भारत पर शासन करना आसान नहीं है। और आख़िरकार 15 अगस्त 1947 को भारत देश ब्रिटिश सरकार से आजाद हो गया।
भारत छोड़ो आंदोलन के नायक कौन थे?
भारत छोड़ो आंदोलन एक महत्वपूर्ण आंदोलन था जिसमें लाखों लोगों ने भाग लिया था। हालाँकि कुछ प्रमुख नेता थे जिन्होंने इस आंदोलन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आईये जानते हैं भारत छोड़ो आंदोलन के प्रमुख नायक कौन कौन थे :
- महात्मा गाँधी : महात्मा गांधी इस आंदोलन के प्रमुख नेता थे जिन्होंने ‘करो या मरो’ का नारा दिया और पूरे देश को ब्रिटिश शासन के खिलाफ एकजुट करने का प्रयास किया।
- पंडित जवाहरलाल नेहरू: कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी इस आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने गांधीजी का समर्थन किया और देशवासिओं को आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
- सुभाष चंद्र बोस: हालांकि सुभाष चंद्र बोस उस समय भारत में नहीं थे, लेकिन उन्होंने आजाद हिंद फौज के माध्यम से ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
- सरदार वल्लभभाई पटेल: सरदार वल्लभभाई पटेल ने भी इस आंदोलन में सक्रीय भूमिका निभाई उन्होंने गुजरात में आंदोलन को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद: डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने इस आंदोलन का समर्थन किया और गांधीजी के नेतृत्व में काम किया।
अगस्त क्रांति दिवस का महत्व
अगस्त क्रांति दिवस हमें यह दिलाता है कि हमारी आजादी कितनी कीमती है और इसे पाने के लिए हमारे देश के महान योद्धाओं ने कितना बलिदान दिया था। यह दिन हमें देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत होने और अपने देश के प्रति समर्पित रहने के लिए प्रेरित करता है। यह दिवस भारत के नागरिकों को एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित करता है।
कैसे मनाया जाता है अगस्त क्रांति दिवस?
अगस्त क्रांति दिवस को आप निम्नलिखित तरीकों से मना सकते हैं :
- इस दिन विभिन्न स्थानों पर स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।
- स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, भाषण और निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है।
- सार्वजनिक स्थानों पर रैलियां, मार्च, और सभाएं आयोजित की जाती है।
- इस दिन विभिन्न स्थानों पर स्वतंत्रता संग्राम और अगस्त क्रांति के महत्व पर चर्चा करने के लिए सभाएँ आयोजित की जाती हैं।
FAQs
9 अगस्त 1942 को भारत के इतिहास में बहुत ही महत्वपूर्ण घटना घटी थी। बता दें कि इस दिन महात्मा गाँधी ने अंग्रेज़ों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की थी। यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
9 अगस्त 1942 को इस क्रांति का एलान किया गया जिसके परिणामस्वरूप इस दिन को हर साल अगस्त क्रांति दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत छोड़ो आंदोलन को अगस्त क्रांति आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है।
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