Speech On Child Labour : छात्रों के लिए बाल मजदूरी पर भाषण

1 minute read
Speech On Child Labour in Hindi

भारत में बाल मजदूरी एक बड़ी समस्या है। यह भारत के ऊपर एक बहुत बड़े अभिशाप की तरह है। आज भारत में लाखों बच्चे बाल मजदूर बने हुए हैं। बाल मजदूरी के मामले में भारत विश्व में पहले स्थान पर आता है। एक सामाजिक बुराई के रूप में संदर्भित, भारत में बाल श्रम एक अनिवार्य मुद्दा है जिससे देश वर्षों से निपट रहा है। हर साल 12 जून के दिन विश्व बाल मजदूर दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर स्कूलों कर कॉलेजों में छात्र बाल मजदूरी पर भाषण देते हैं। यहाँ speech on child labour in Hindi दिया जा रहा है, इसकी मदद से छात्र बाल मजदूरी पर भाषण तैयार कर सकते हैं। 

Speech On Child Labour in Hindi : बाल मजदूरी पर 100 शब्दों में भाषण  

यहाँ बाल मजदूरी पर 100 शब्दों में speech on child labour in Hindi दी जा रही है: 

आदरणीय शिक्षकगण, प्राचार्य महोदय एवं मेरे प्रिय साथियों, 

आज मैं आपके सामने एक ज्वलंत मुद्दे, “बाल मजदूरी” पर बात करने के लिए खड़ा हूँ। यह एक ऐसी कुप्रथा है जो मानवता को शर्मसार करती है और हमारे समाज की प्रगति में बाधा बनती है।

कल्पना कीजिए, वो छोटे-छोटे हाथ जो खेलने और शिक्षा प्राप्त करने के लिए बनाए गए थे, उन्हें मजबूरन मजदूरी करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इन बच्चों का नाचपन छीन लिया जाता है, उनके सपनों को कुचल दिया जाता है, और उन्हें खतरनाक और अमानवीय परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।

बाल मजदूरी के पीछे कई कारण हैं, जैसे गरीबी, अशिक्षा, और सामाजिक कुरीतियां। गरीब परिवारों में, बच्चे अक्सर कमाई का एक अतिरिक्त साधन बन जाते हैं। उन्हें खेतों में काम करने, कारखानों में मशीन चलाने, या सड़कों पर भिक्षा मांगने के लिए मजबूर किया जाता है।

यह कुप्रथा बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव डालती है। वे कुपोषण, बीमारियों, और दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं। उन्हें शिक्षा से वंचित रखा जाता है, जिसके कारण उनका भविष्य अंधकारमय हो जाता है।

बाल मजदूरी रोकने के लिए हमें मिलकर प्रयास करने होंगे। सरकार को कड़े कानून बनाने चाहिए और उनका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना चाहिए। शिक्षा को बढ़ावा देकर और गरीबी को कम करके हम इस कुप्रथा को जड़ से मिटा सकते हैं।

आइए, हम सब मिलकर संकल्प लें कि हम बाल मजदूरी को पूरी तरह से खत्म करेंगे और हर बच्चे को शिक्षा और बेहतर भविष्य का अधिकार दिलाएंगे।

यह केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हम सबका सामाजिक दायित्व है।

आइए, हम सब मिलकर इस कुप्रथा के खिलाफ आवाज उठाएं और बच्चों को उनके बचपन का अधिकार दिलाएं।

धन्यवाद।

Speech On Child Labour in Hindi: बाल मजदूरी पर 200 शब्दों में भाषण 

 यहाँ बाल मजदूरी पर 200 शब्दों में speech on child labour in Hindi दी जा रही है: 

आज मैं आपके सामने एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय, बाल मजदूरी पर बात करने के लिए उपस्थित हूं। यह एक ऐसी समस्या है जो न केवल हमारे समाज को, बल्कि हमारे देश के भविष्य को भी खोखला कर रही है।

बाल मजदूरी का अर्थ है कम उम्र के बच्चों का खतरनाक और शोषणकारी परिस्थितियों में काम करना। यह न केवल उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि उनकी शिक्षा और विकास के अवसरों को भी छीन लेता है।

दुनिया भर में, करोड़ों बच्चे मजदूरी करने के लिए मजबूर हैं। इनमें से अधिकांश बच्चे गरीबी, सामाजिक बहिष्कार और अशिक्षा के शिकार होते हैं। वे खेतों में काम करते हैं, कारखानों में मशीनें चलाते हैं, सड़कों पर भिक्षा मांगते हैं, या घरेलू काम करते हैं।

बाल मजदूरी के कई दुष्परिणाम हैं : 

  • शारीरिक शोषण: बाल मजदूरों को अक्सर खतरनाक और अस्वस्थ परिस्थितियों में काम करना पड़ता है, जिससे उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
  • मानसिक शोषण: बाल मजदूरी से बच्चों का मानसिक विकास भी बाधित होता है। वे तनाव, चिंता और अवसाद का शिकार हो सकते हैं।
  • शिक्षा से वंचित: बाल मजदूरी करने वाले बच्चे अक्सर स्कूल नहीं जा पाते हैं, जिससे उनका बौद्धिक विकास रुक जाता है।
  • सामाजिक बहिष्कार: बाल मजदूरों को अक्सर समाज में निम्न दृष्टि से देखा जाता है, जिससे उन्हें सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ता है।

इसके लिए हम क्या कर सकते हैं:

  • सरकारी पहल: सरकार को बाल मजदूरी को रोकने के लिए कड़े कानून बनाने चाहिए और उनका कड़ाई से पालन करना चाहिए।
  • जागरूकता अभियान: समाज में बाल मजदूरी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाए जाने चाहिए।
  • शिक्षा का महत्व: बच्चों को शिक्षा के महत्व के बारे में समझाना चाहिए और उन्हें स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
  • बदलती मानसिकता: हमें बाल मजदूरी को स्वीकार करने वाली मानसिकता को बदलने की जरूरत है।

बाल मजदूरी समाप्त करना केवल सरकार का काम नहीं है, यह हम सबका दायित्व है। आइए हम सब मिलकर इस सामाजिक कलंक को मिटाएं और बच्चों को उनके सुनहरे भविष्य का निर्माण करने का अवसर दें।

धन्यवाद!

Speech On Child Labour in Hindi : बाल मजदूरी पर 500 शब्दों में भाषण 

यहाँ बाल मजदूरी पर 500 शब्दों में speech on child labour in Hindi दी जा रही है : 

आदरणीय शिक्षकगण, प्राचार्य महोदय एवं मेरे प्रिय साथियों, 

आज मैं आपके सामने एक ज्वलंत मुद्दे, “बाल मजदूरी” पर बात करने के लिए खड़ा हूँ। यह एक ऐसी कुप्रथा है जो देश की तरक्की में रुकावट बनती है। 

कल्पना करके देखिए कि जिस पौधे को आप रोज़ पानी देते हैं, उसे कोई एक दिन कोई अचानक से कुचल दे तो क्या होगा? वह नन्हा पौधा बड़ा फलदार वृक्ष बनने से पहले ही नष्ट हो गया। इसी प्रकार से बाल मजदूरी बच्चों का बचपन छीनकर उनके जीवन को मिट्टी में मिला देती है। उनका भविष्य भी उस नन्हे पौधे की तरह ही बर्बाद हो जाता है। 

दूसरे शब्दों में कहूँ तो बाल श्रम मुख्य रूप से छोटे बच्चों के शोषण और एक अमानवीय प्रथा को संदर्भित करता है। इससे उन्हें शिक्षा के साथ साथ संपूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास के उनके मूल अधिकारों को पूरी तरह से छीन किया जाता है। भारत में आज लाखों बच्चे शिक्षा के अवसरों से वंचित किए जा चुके हैं। 

अगर बात की जाए बाल मजदूरी के कारणों की तो इसके कई प्रमुख कारण हैं। इसका सबसे प्रमुख कारण है सस्ती मजदूरी। बच्चे कम पैसों में आसानी से मिल जाते हैं। दूसरा, वे कम वेतन दिए जाने पर विरोध भी नहीं कर पाते हैं। इस कारण से बहुत से लालची मिल मालिक और ठेकेदार बच्चों को मजदूर के रूप में अपने यहाँ काम पर लगा देते हैं। 

बाल मजदूरी का एक अन्य कारण गरीबी भी है। भारत में गरीबी बहुत व्यापक रूप से विद्यमान है। मां बाप चार पैसे फालतू कमाने के लालच में अपने बच्चों को बाल मजदूरी में लगा देते हैं, ताकि उन्हें कुछ अतिरिक्त आय प्राप्त हो सके।  

बाल मजदूरी का तीसरा सबसे बड़ा कारण शिक्षा की कमी होना भी है। ग्रामीण क्षेत्रों में, शैक्षिक संसाधनों की कमी के कारण माता-पिता कम शिक्षित होते हैं। नतीजतन, वे अपने बच्चों के जीवन में स्कूल और स्कूली शिक्षा की प्रासंगिकता को कम आंकते हैं। शिक्षा के संबंध में जानकारी की कमी के कारण वे इसे ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं मानते हैं। गरीबी के कारण बच्चों को पढ़ा पाना कठिन हो जाता है और वे अपने बच्चों को जल्दी ही काम पर लगा देते हैं।

बाल मजदूरी को ख़त्म करने के लिए सरकार ने कुछ क़ानून भी बनाए हैं, जैसे कि : 

  • बाल श्रम (निषेध और उन्मूलन) अधिनियम, 1986: यह भारत में मुख्य कानून है जो 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार के काम पर लगाने पर रोक लगाता है। इसमें खतरनाक प्रक्रियाओं में काम करने वाले 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों पर भी प्रतिबंध है।
  • बाल जस्टिस (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2000: यह कानून उन बच्चों की देखभाल और संरक्षण प्रदान करता है जो बाल श्रम के शिकार हैं या जो इसके शिकार होने की संभावना रखते हैं। इसमें बाल श्रमिकों को मुक्त कराने और उनका पुनर्वास करने के लिए प्रावधान भी शामिल हैं।
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009: यह कानून 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार प्रदान करता है। शिक्षा बच्चों को बाल श्रम से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • महिलाओं और बच्चों का स्वास्थ्य (कार्यस्थल) अधिनियम, 1981: यह कानून उन प्रतिष्ठानों में काम करने वाली महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए प्रावधान करता है। इसमें खतरनाक प्रक्रियाओं में काम करने वाले बच्चों पर प्रतिबंध है।
  • अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) कन्वेंशन: भारत ने ILO के कई कन्वेंशनों को स्वीकार किया है जो बाल श्रम के उन्मूलन से संबंधित हैं। इनमें बाल श्रम (निषेध और उन्मूलन) कन्वेंशन, 1990 (No. 182) और खतरनाक प्रक्रियाओं में बाल श्रम का निषेध कन्वेंशन, 1999 (No. 182) शामिल हैं।
  • राष्ट्रीय बाल श्रम नीति, 2015: यह नीति बाल श्रम के उन्मूलन के लिए एक व्यापक रणनीति प्रदान करती है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और कानून प्रवर्तन जैसे क्षेत्रों में किए जाने वाले उपायों का विवरण दिया गया है।
  • बाल श्रम उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम: यह कार्यक्रम बाल श्रम के उन्मूलन के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाया जाता है। इसमें बाल श्रमिकों की पहचान, मुक्ति और पुनर्वास, जागरूकता अभियान और कानून प्रवर्तन गतिविधियां शामिल हैं।
  • बाल श्रम निगरानी प्रणाली: यह प्रणाली बाल श्रम की घटनाओं की निगरानी और रिपोर्ट करने के लिए स्थापित की गई है। इसमें नागरिकों द्वारा बाल श्रम की शिकायत दर्ज करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी शामिल है।
  • बाल मजदूरी रोकने के लिए जागरूकता अभियान: सरकार और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा बाल मजदूरी के खतरों और बच्चों के अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कई अभियान चलाए जाते हैं।
  • कानून प्रवर्तन: बाल श्रम (निषेध और उन्मूलन) अधिनियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। इसमें जुर्माना और कारावास की सजा का प्रावधान है। 

इस प्रथा के उन्मूलन पर कई सरकारी विभागों और मंत्रालयों में के प्रयासों के बावजूद, अभी भी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बाल मजदूरी जारी है। इस प्रकार इस सामाजिक बुराई से लड़ने के लिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चों को मुफ्त शिक्षा का अधिकार मिले एवं ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में बाल श्रम से होने वाले खतरों के प्रति जागरूकता पैदा की जाए ताकि इस कुप्रथा को पूरी तरह से ख़त्म किया जा सके।

हमें बाल मजदूरी को जड़ से मिटाने के लिए मिलकर कार्य करना होगा। सभी लोगों को साथ में आकर बाल मजदूरी के खिलाफ लड़ना होगा और इस बुराई को हमारे समाज से जड़ से मिटाना होगा। 

स्पीच से संबंधित आर्टिकल्स

हिंदी दिवस पर स्पीचक्रिकेट पर स्पीच  
क्रिसमस पर इस तरह दें भाषणविश्व हिंदी दिवस पर स्पीच
महिला सशक्तिकरण पर ऐसे दें स्पीचदिवाली पर स्पीच
मित्रता दिवस पर स्पीचभगत सिंह पर भाषण
राष्ट्रीय युवा दिवस पर स्पीच गणतंत्र दिवस पर भाषण कौन देता है?

उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको speech on child labour in Hindi के बारे में विस्तृत जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*