संविधान की आठवीं अनुसूची में कितनी भाषाएं हैं?

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संविधान की आठवीं अनुसूची में कितनी भाषाएं हैं

भारत का संविधान लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्षता के लिए महत्वपूर्ण है। संविधान को संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को पारित किया गया था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 से भारत में संविधान लागू हुआ था। भारतीय संविधान में कई सारी भाषाएं मान्यता प्राप्त की लिस्ट में आती हैं। हमारे संविधान में हिंदी और इंग्लिश 2 मुख्य भाषाएं हैं और बाकि रीजनल लैंग्वेज के साथ-साथ उनकी बोलियां भी हैं लेकिन शायद ही आप जानते हो कि संविधान की आठवीं अनुसूची में कितनी भाषाएं हैं? इसलिए इस ब्लॉग में संविधान की आठवीं अनुसूची में कितनी भाषाएं हैं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

संविधान क्या है?

भारत का संविधान दुनिया में सबसे लंबे लिखित संविधान के रूप में जाना जाता है। संविधान भारत का सर्वोच्च कानून है और यह रिटेन डाक्यूमेंट है। भारतीय संविधान, सरकार और उसके संगठनों की संरचना, प्रक्रियाओं, शक्तियों, कर्तव्यों और नागरिकों के अधिकारों को निर्धारित करता है। sansad.in के अनुसार, संविधान में 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं और इसमें लगभग 145,000 शब्द थे और यह अब तक का सबसे बड़ा संविधान है। आपको बता दें कि संविधान के प्रत्येक अनुच्छेद पर संविधान सभा के सदस्यों द्वारा बहस की गई, जिससे संविधान के निर्माण के लिए 2 वर्ष और 11 महीने की अवधि में 11 सत्रों में और 167 दिनों के दौरान बैठक हुई थीं।

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संविधान की आठवीं अनुसूची में कितनी भाषाएं हैं?

संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाएं मान्यता प्राप्त की लिस्ट में आती हैं, नीचे इनकी लिस्ट दी गई हैं-

  1. असमिया
  2. बांगाली
  3. गुिराती (गुजराती)
  4. हहांदी
  5. कन्नड
  6. कश्मीरी
  7. कोंकणी
  8. लियाली
  9. खानपुरी
  10. राराठी
  11. नेपाली
  12. उड़िया
  13. पंजाबी
  14. संस्कृत
  15. मसांधी (मराठी)
  16. तमिल
  17. तेलुगू
  18. उर्दू
  19. बोडो
  20. सांथाली
  21. वैथाली
  22. डोंगरी।

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संविधान का इतिहास क्या है?

1928 में सर्वदलीय सम्मेलन ने भारत का संविधान तैयार करने के लिए लखनऊ में एक समिति बुलाई, जिसे नेहरू रिपोर्ट के नाम से जाना गया। 1857 से 1947 तक भारत का अधिकांश भाग सीधे ब्रिटिश शासन के अधीन था। स्वतंत्रता के बाद यह स्पष्ट हो गया कि एक नया संविधान बनाने की आवश्यकता है। लेकिन इसके लिए पूरे भारत को संघ में लाने की जरूरत थी। इसका मतलब यह था कि रियासतों को बल या कूटनीति से भारतीय संघ का हिस्सा बनने के लिए राजी करने की आवश्यकता थी। 

सरदार वल्लभभाई पटेल और वी पी मेनन ने यह अविश्वसनीय कार्य किया। ऐसा होने तक भारत अभी भी कानूनी तौर पर अंग्रेजों के अधीन था, लेकिन भारत के संविधान ने 26 जनवरी 1950 को प्रभावी होने पर भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 और भारत सरकार अधिनियम 1935 को निरस्त कर दिया। भारत ब्रिटिश क्राउन का प्रभुत्व समाप्त हो गया और संविधान के साथ एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया।

भारतीय संविधान के डेवलपमेंट में रेगुलेटिंग एक्ट 1773, पिट्स इंडिया एक्ट 1784, 1813 का चार्टर एक्ट, 1833 का चार्टर एक्ट, 1853 का चार्टर एक्ट, भारत सरकार अधिनियम 1858, भारतीय परिषद् अधिनियम 1861, भारत परिषद् अधिनियम 1892, मॉर्ले-मिंटो सुधार 1909, मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार 1919, भारत सरकार अधिनियम 1935, भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 सहायक थे।

संविधान का महत्व क्या है?

संविधान का महत्व भारत में बहुत है क्योंकि यह तय करता है कि समाज में निर्णय लेने की शक्ति किसके पास है। यह तय करता है कि सरकार का गठन कैसे होगा। एक सरकार अपने नागरिकों पर क्या थोप सकती है, इस पर कुछ सीमाएं भी हो सकती हैं। लोगों के मौलिक अधिकार संविधान की देन हैं और इससे यह तय होता है कि सरकार को समाज की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम बनाता है। संविधान सरकार की शक्तियों को सीमित कर सकता है और लोगों द्वारा राजतंत्र बनाने का अधिकार देता है।

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संविधान का कार्य क्या है?

किसी देश का संविधान लिखित नियमों का एक समूह होता है जिसे किसी देश में एक साथ रहने वाले सभी लोगों द्वारा स्वीकार किया जाता है। संविधान के कार्य इस प्रकार हैंः

  • शासन की संरचना को स्पष्ट करना।
  • एक आदर्श शासन संरचना का निर्माण करना।
  • सरकार के उद्देश्यों को स्पष्ट करना।
  • नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करना।
  • राज्यों को वैचारिक समर्थन और वैधता देना।
  • यह एक अच्छा समाज बनाने की लोगों की आकांक्षाओं को व्यक्त करना।
  • यह एक स्तर का विश्वास है जो विभिन्न प्रकार के लोगों के लिए एक साथ रहने के लिए आवश्यक है।
  • यह सरकार की शक्तियों पर सीमा तय करता है और हमें बताता है कि नागरिकों के अधिकार क्या हैं।
  • संविधान सर्वोच्च कानून है जो किसी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के बीच संबंध और लोगों और सरकार के बीच संबंध निर्धारित करता है।

FAQs

संविधान की आठवीं अनुसूची में कुल कितनी भाषाओँ का उल्लेख है?

संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाएं मान्यता प्राप्त की लिस्ट में आती हैं।

गुिराती कौनसी भाषा की बोली है?

गुिराती गुजराती भाषा की एक बोली है।

मसांधी कौनसी भाषा की बोली है?

मसांधी मराठी भाषा की एक बोली है।

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आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको संविधान की आठवीं अनुसूची में कितनी भाषाएं हैं के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ब्लाॅग्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

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