Professor Kaise Bane: एजुकेशन सेक्टर में सबसे प्रतिष्ठित पोस्ट प्रोफेसर की होती है। एक प्रोफेसर ही युवाओं को शिक्षा के लिए प्रेरित करता है और उनके करियर निर्माण में एक विशेष भूमिका निभाता है। प्रोफेसर बनना एक प्रतिष्ठित करियर विकल्प है जिसमें उच्च शिक्षा और शोध कार्य का महत्वपूर्ण योगदान होता है। यदि आप शिक्षण में रुचि रखते हैं और अकादमिक क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो आपको स्नातक (UG) और स्नातकोत्तर (PG) की पढ़ाई के बाद UGC-NET, SET या पीएचडी जैसी योग्यताएँ पूरी करनी होंगी। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रोफेसर बनने के लिए विषय में गहरी समझ, शोध लेखन और शिक्षण अनुभव आवश्यक होते हैं। इस ब्लॉग में प्रोफेसर बनने की विस्तृत प्रक्रिया, आवश्यक योग्यताओं और करियर संभावनाओं के बारे में बताया गया है।
Professor Kaise Bane | योग्यता/परीक्षा | भारत के टॉप कॉलेज | विदेश के टॉप कॉलेज |
1. स्नातक (UG) | किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक | दिल्ली विश्वविद्यालय, JNU, BHU | हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड, ऑक्सफोर्ड |
2. स्नातकोत्तर (PG) | मास्टर्स डिग्री (55% अंकों के साथ) | IISc, IITs, टाटा इंस्टिट्यूट | MIT, कैंब्रिज, येल यूनिवर्सिटी |
3. योग्यता परीक्षा | UGC-NET, GATE, SET, CSIR-NET | JNU, DU, IISC, BHU | GRE, TOEFL, GMAT आवश्यक |
4. पीएचडी (PhD) | रिसर्च कार्य व थीसिस प्रस्तुत करना | IITs, IISER, IIMs | हार्वर्ड, प्रिंसटन, ऑक्सफोर्ड |
5. शिक्षण अनुभव | असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में अनुभव | विभिन्न विश्वविद्यालय व कॉलेज | अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय। |
This Blog Includes:
- प्रोफेसर कौन होते हैं?
- प्रोफेसर के प्रकार क्या हैं?
- प्रोफेसर बनने के लिए स्किल्स क्या हैं?
- प्रोफेसर कैसे बनें? (Professor Kaise Bane)
- प्रोफेसर बनने के लिए दुनिया के टाॅप काॅलेज कौन से हैं?
- प्रोफेसर बनने के लिए भारत के टाॅप काॅलेज कौन से हैं?
- प्रोफेसर बनने के लिए भारत व विदेश में एंट्रेंस एग्जाम क्या हैं?
- प्रोफेसर बनने के लिए योग्यता क्या है?
- प्रोफेसर बनने के लिए आवेदन प्रक्रिया क्या है?
- प्रोफेसर बनने के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या हैं?
- प्रोफेसर बनने के बाद जॉब के लिए बेहतरीन कंपनियाँ और संस्थान
- प्रोफेसर की सैलरी कितनी होती है?
- FAQs
प्रोफेसर कौन होते हैं?
कॉलेज या यूनिवर्सिटी के सीनियर टीचर को सामान्य रूप से प्रोफ़ेसर कहते हैं। आमतौर पर एक प्रोफेसर अपने स्पेसिफिक क्षेत्र में एक्सपर्ट होते हैं। प्रोफेसर का काम केवल एक अच्छे कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ाना नहीं है, एक प्रोफेसर छात्रों को पढ़ाना, रिसर्च करना, एडमिनिस्ट्रेटिव इशू को सोल्व करना आदि जैसे कई जिम्मेदारियां निभाते हैं। एक प्रोफेसर असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर करियर शुरू करते हैं फिर अनुभव के आधार पर ऊंची पोस्ट पर जाते हैं।
प्रोफेसर के प्रकार क्या हैं?
प्रोफेसर के प्रकार यहां बताए जा रहे हैं-
असिस्टेंट प्रोफेसर
असिस्टेंट प्रोफेसर एक एंट्री लेवल टीचिंग पोजीशन है। सभी प्रोफेसर एक असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में शुरुआत करते हैं और अनुभव बढ़ने के बाद प्रमोशन के द्वारा एक पूर्ण प्रोफेसर की पोजीशन को प्राप्त करते हैं।
एसोसिएट प्रोफेसर
एक असिस्टेंट प्रोफेसर, अनुभव के साथ एसोसिएट प्रोफेसर बन जाता है। पढ़ाना, छात्रों की देख–रेख करना, कांफ्रेंस अटेंड करना, प्रशासनिक मुद्दो को हल करना एक एसोसिएट प्रोफेसर की जिम्मेदारियां होती है।
हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट
एक HOD एसोसिएट प्रोफेसर को दी जाने वाली एक प्रेस्टीजियस पोजीशन है। डिपार्टमेंट के मैनेजमेंट की ज़िम्मेदारी HOD की होती है।
विजिटिंग प्रोफेसर
एक विजिटिंग या गेस्ट प्रोफेसर, यूनिवर्सिटी का एक टेम्पररी स्टाफ मेंबर है। विजिटिंग प्रोफेसर एक कॉलेज या यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर होते हैं जिन्हें किसी अन्य कॉलेज या यूनिवर्सिटी में कुछ समय के लिए पढ़ाने के लिए बुलाया जाता है।
एमेरिटस प्रोफेसर
आमतौर पर यह फ़ेलोशिप उन एक्सीलेंट प्रोफेसर को प्रदान की जाती है, जो भारत में ऑफिशियल रिटायरमेंट की आयु तक पहुँच चुके हैं, लेकिन फिर भी देश के अकादमिक कम्युनिटीज में अपना योगदान दे रहे हैं। इस प्रकार एमेरिटस प्रोफेसर अपनी संबंधित यूनिवर्सिटीज़ से जुड़े रहते हैं और एक स्पेशल होनोरारियम भी प्राप्त करते हैं जो रिटायरमेंट पेंशन और अन्य लाभों से अधिक है।
यह भी पढ़ें- असिस्टेंट प्रोफेसर कौन होते हैं?
प्रोफेसर बनने के लिए स्किल्स क्या हैं?
प्रोफेसर बनने के लिए आपके पास स्पेसिफिक स्किल होना भी ज़रूरी हैं जोकि इस प्रकार हैं-
- एक अच्छे प्रोफेसर में क्रिएटिव थिंकिंग होनी चाहिए। ताकि वे टॉपिक को रोचक बना सकें और छात्र पढ़ाई के प्रति उत्साहित हों।
- उनके पास अच्छी कम्युनिकेशन स्किल भी होनी चाहिए, ताकि वे अपने छात्रों के साथ कम्यूनिकेट कर सकें और बेहतर ढंग से उनके प्रश्नों को हल कर सकें।
- एक अच्छा प्रोफेसर बनने के लिए एक अच्छा स्पीकर होना ज़रूरी है। साथ ही आपकी प्रेजेंटेशन स्किल अच्छी होनी चाहिए ताकि छात्रों को कोई डाउट न रहे।
- एक अच्छे प्रोफेसर को टाइम मैनेजमेंट आना चाहिए, क्योंकि उनकी बहुत सारी जिम्मेदारियां होती हैं। जिसे सही समय पर किया जाना जरूरी है।
प्रोफेसर कैसे बनें? (Professor Kaise Bane)
यदि आप प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो स्टार्टिंग से ही आपको इसके लिए कड़ी मेहनत करने की ज़रुरत है। यहां Professor Kaise Bane के लिए स्टेप बाई स्टेप गाइड दी जा रही है-
- स्टेप 1- हाई स्कूल: अगर आप एक प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो आप किसी भी विषय जिसमें आपकी विशेष रुचि हो, उसमें अच्छे अंकों के साथ 12वीं पास करें।
- स्टेप 2- ग्रेजुएशन: अपनी 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद अब आपको जिस भी सब्जेक्ट का प्रोफेसर बनना है, उस विषय में बैचलर डिग्री कम से कम 55% अंकों के साथ पूरी करें
- स्टेप 3- मास्टर डिग्री: आपको कम से कम 50%-55% के साथ मास्टर डिग्री में पास होना ज़रूरी है। मास्टर डिग्री में पास होने के बाद ही आप PhD के लिए योग्य साबित होते हैं।
- स्टेप 4- एंट्रेंस एग्जाम (NET और SLET): NET: National Eligibility Test (NET), UGC (University Grants Commission) द्वारा आयोजित की जाती है या कुछ राज्य स्तरीय परीक्षा TIFR, JRF-GATE, SLET पास करनी होगी। इस परीक्षा के लिए आवेदक के पास किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से कम से कम 55% अंकों के साथ मास्टर डिग्री होनी चाहिए। NET क्लियर करने के बाद आवेदक किसी भी यूनिवर्सिटी या कॉलेज में एक असिस्टेंट प्रोफेसर की पोजीशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
- स्टेप 5- M.Phil या PhD: प्रोफेसर बनने के लिए यह आखरी स्टेप है। पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद PhD या MPhil दोनों में से एक डिग्री पूरी करनी होगी तभी आप एक प्रोफेसर बन पाएंगे। एक पूर्ण या स्थायी प्रोफेसर और रिसर्चर बनने के लिए PhD की डिग्री अत्यंत जरूरी है। PhD करने के लिए कम से कम 55% अंकों के साथ मास्टर डिग्री अनिवार्य है।
आप AI Course Finder की मदद से भी अपने इंटरेस्ट के अनुसार अपनी पसंद के कोर्सेज और यूनिवर्सिटीज का चयन कर सकते हैं।
प्रोफेसर बनने के लिए दुनिया के टाॅप काॅलेज कौन से हैं?
प्रोफेसर बनने के लिए दुनिया के टाॅप काॅलेज और यूनिवर्सिटी इस प्रकार हैं-
- ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय
- स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय
- हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
- कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
- मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी)
- कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
- यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्केले
- येल विश्वविद्यालय
- प्रिंसटन विश्वविद्यालय
- शिकागो विश्वविद्यालय।
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प्रोफेसर बनने के लिए भारत के टाॅप काॅलेज कौन से हैं?
प्रोफेसर बनने के लिए भारत के टाॅप काॅलेज और यूनिवर्सिटी इस प्रकार हैं-
- IIT, बॉम्बे
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़, बैंगलोर
- दिल्ली यूनिवर्सिटी
- जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी
- IIT, दिल्ली
- IIT, मद्रास
- हैदराबाद यूनिवर्सिटी
- लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, पंजाब
- एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा
- सावित्री बाई फुले यूनिवर्सिटी।
प्रोफेसर बनने के लिए भारत व विदेश में एंट्रेंस एग्जाम क्या हैं?
भारत में UGC-NET और CSIR-NET सरकारी विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर बनने के लिए अनिवार्य होते हैं। विदेशों में GRE और भाषा दक्षता परीक्षाएँ आवश्यक होती हैं, लेकिन पीएचडी प्रवेश और शोध अनुभव अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहां प्रोफेसर बनने के लिए भारत व विदेश में एंट्रेंस एग्जाम की लिस्ट इस प्रकार है-
देश | प्रोफेसर बनने के लिए प्रमुख प्रवेश परीक्षाएँ |
भारत | 1. UGC-NET (National Eligibility Test) – असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए अनिवार्य |
2. CSIR-NET – विज्ञान और अनुसंधान के लिए | |
3. GATE (Graduate Aptitude Test in Engineering) – तकनीकी और इंजीनियरिंग क्षेत्रों के लिए | |
4. SET (State Eligibility Test) – विभिन्न राज्यों में प्रोफेसर पद के लिए | |
5. JRF (Junior Research Fellowship) – शोध एवं पीएचडी के लिए | |
6. TIFR GS (Tata Institute of Fundamental Research Graduate School Admission Test) | |
विदेश | 1. GRE (Graduate Record Examination) – अमेरिका, कनाडा, यूरोप में उच्च अध्ययन और पीएचडी के लिए |
2. TOEFL (Test of English as a Foreign Language) – अंग्रेजी भाषा दक्षता परीक्षा | |
3. IELTS (International English Language Testing System) – अंग्रेजी भाषा प्रवीणता हेतु | |
4. GMAT (Graduate Management Admission Test) – प्रबंधन क्षेत्र में प्रोफेसर बनने के लिए | |
5. SAT/ACT (Undergraduate & PhD Programs) – विभिन्न विश्वविद्यालयों में प्रवेश हेतु | |
6. Specific University Exams – ऑक्सफोर्ड, हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड आदि विश्वविद्यालयों की अपनी प्रवेश परीक्षाएँ होती हैं। |
प्रोफेसर बनने के लिए योग्यता क्या है?
Professor Kaise Bane के लिए सामान्य योग्यता इस प्रकार है-
- आवेदक को 10+2 में कम से कम 50% अंकों के साथ पास होना आवश्यक है।
- आवेदक को अच्छे अंकों के साथ अपनी बैचलर डिग्री पूरी करनी होगी।
- PhD के लिए आपको संबंधित कोर्स में मास्टर डिग्री कम से कम 50%-55% अंकों के साथ पास करनी ज़रूरी है।
- प्रोफेसर बनने के लिए आपके पास PhD की डिग्री होनी चाहिए।
- भारत में PhD कोर्स में एडमिशन लेने के लिए आपको UGC-NET, TIFR, JRF-GATE या स्टेट लेवल के एंट्रेंस परीक्षा पास करने होंगे।
- विदेश में PhD करने के लिए कोई विशेष एंट्रेंस परीक्षा नहीं है, हालाँकि कुछ यूनिवर्सिटीज़ द्वारा एंट्रेंस परीक्षा संचालित करवाई भी जाती है।
- आपकी अंग्रेजी में कुशलता को मापने के लिए एक अच्छा IELTS/ TOEFLस्कोर महत्व रखता है।
- स्टेटमेंट ऑफ़ पर्पस यह एक लिखित स्टेटमेंट होती है जो आपके व्यक्तित्व को दर्शाती है।
- अंग्रेजी में निबंध
- लेटर ऑफ़ रिकमेन्डेशन या LORs
- अपडेटेड प्रोफेशनल रिज्यूमे।
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प्रोफेसर बनने के लिए आवेदन प्रक्रिया क्या है?
प्रोफेसर बनने के लिए विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:
- आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं।
- एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे।
- अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध (essay), सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है।
- यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
- आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे ।
- अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है।
आकर्षक SOP और LOR में मदद के लिए Leverage Edu एक्सपर्ट्स से संपर्क करें, ताकि आपकी एप्लीकेशन बिना किसी परेशानी के जल्दी सेलेक्ट कर ली जाए।
प्रोफेसर बनने के लिए भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है-
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
प्रोफेसर बनने के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या हैं?
प्रोफेसर बनने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की लिस्ट इस प्रकार है-
- आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्ट
- स्कैन किए हुए पासपोर्ट की कॉपी
- IELTS या TOEFL, आवश्यक टेस्ट स्कोर
- प्रोफेशनल/एकेडमिक LORs
- SOP
- निबंध (यदि आवश्यक हो)
- पोर्टफोलियो (यदि आवश्यक हो)
- अपडेट किया गया सीवी/रिज्यूमे
- एक पासपोर्ट और छात्र वीज़ा
- बैंक डिटेल्स।
छात्र वीजा पाने के लिए भी Leverage Edu विशेषज्ञ आपकी हर सम्भव मदद करेंगे।
प्रोफेसर बनने के बाद जॉब के लिए बेहतरीन कंपनियाँ और संस्थान
प्रोफेसर बनने के बाद जॉब के लिए बेहतरीन कंपनियाँ और संस्थान इस प्रकार हैं-
कैटेगरी | भारत के शीर्ष संस्थान/कंपनियाँ | विदेश के शीर्ष संस्थान/कंपनियाँ |
सरकारी विश्वविद्यालय | दिल्ली विश्वविद्यालय (DU), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU), काशी विद्यापीठ | हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT), कैंब्रिज यूनिवर्सिटी, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी |
तकनीकी संस्थान | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs), भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NITs) | कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Caltech), ETH ज्यूरिख, कार्नेगी मेलॉन यूनिवर्सिटी |
प्रबंधन संस्थान | भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIMs), XLRI, FMS, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) | हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, व्हार्टन स्कूल, लंदन बिजनेस स्कूल |
वैज्ञानिक शोध संस्थान | BARC, ISRO, DRDO, CSIR, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) | NASA, CERN, NIH, Max Planck Institute, Brookhaven National Laboratory |
प्राइवेट विश्वविद्यालय | अशोका यूनिवर्सिटी, शिव नादर यूनिवर्सिटी, OP जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी | येल यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी (NYU), यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया |
कॉर्पोरेट कंपनियाँ (शिक्षा क्षेत्र में) | BYJU’S, Unacademy, UpGrad, Vedantu, Testbook | Coursera, Udemy, Khan Academy, EdX |
नोट: प्रोफेसरों को अकादमिक क्षेत्र के अलावा शोध संस्थानों और ऑनलाइन शिक्षा कंपनियों में भी करियर के अच्छे अवसर मिलते हैं।
प्रोफेसर की सैलरी कितनी होती है?
सरकारी विश्वविद्यालयों में सैलरी UGC वेतनमान के अनुसार होती है, जबकि निजी विश्वविद्यालयों में अनुभव और संस्थान के स्तर पर निर्भर करती है। विदेशों में सैलरी संबंधित देश, विश्वविद्यालय और शोध कार्य की गुणवत्ता के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। यहां प्रोफेसर की सैलरी बताई जा रही है-
अनुभव स्तर | भारत में औसत सैलरी (प्रतिवर्ष) | विदेश में औसत सैलरी (प्रतिवर्ष) |
फ्रेशर (असिस्टेंट प्रोफेसर, 0-5 वर्ष) | ₹6-12 लाख | $50,000 – $80,000 |
मिड-लेवल (एसोसिएट प्रोफेसर, 5-10 वर्ष) | ₹12-20 लाख | $80,000 – $120,000 |
सीनियर लेवल (प्रोफेसर, 10-20 वर्ष) | ₹20-35 लाख | $120,000 – $180,000 |
डीन/डायरेक्टर (20+ वर्ष) | ₹35 लाख+ | $180,000 – $250,000+ |
FAQs
एक प्रोफेसर की औसत सैलरी INR 3-5 लाख सालाना होती है।
नीचे दी गई एम्प्लॉयमेंट सेक्टर के अंतर्गत प्रोफेसर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं–
1. निजी संस्थान
2. सरकारी संस्थान
3. कोचिंग संस्थान
4. ऑनलाइन कोचिंग पोर्टल
5. रिसर्च आधारित संस्थान
मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद NET क्लियर करके आप किसी भी यूनिवर्सिटी या कॉलेज में एक असिस्टेंट प्रोफेसर की पोजीशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। लेकिन पूर्ण प्रोफेसर बनने के लिए PhD करना अनिवार्य है।
कॉलेज या यूनिवर्सिटी के सीनियर टीचर को सामान्य रूप से प्रोफ़ेसर कहते हैं। आमतौर पर एक प्रोफेसर अपने स्पेसिफिक क्षेत्र में एक्सपर्ट होते हैं। प्रोफेसर का काम केवल एक अच्छे कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ाना नहीं है, एक प्रोफेसर छात्रों को पढ़ाना, रिसर्च करना, एडमिनिस्ट्रेटिव इशू को सोल्व करना आदि जैसे कई जिम्मेदारियां निभाते हैं। एक प्रोफेसर असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर करियर शुरू करते हैं फिर अनुभव के आधार पर ऊंची पोस्ट पर जाते हैं।
एक लेक्चरर वह व्यक्ति होता है जो अपने अकादमिक करियर की शुरुआत में होता है जबकि एक प्रोफेसर किसी विश्वविद्यालय में सर्वोच्च शैक्षणिक पद पर होता है।
प्रोफेसर बनने के लिए स्नातक (UG), स्नातकोत्तर (PG) और फिर पीएचडी (PhD) या UGC-NET/SET जैसी परीक्षाएँ उत्तीर्ण करनी होती हैं। शोध कार्य और शिक्षण अनुभव भी जरूरी होता है।
प्रोफेसर बनने में लगभग 8-12 साल लगते हैं। स्नातक (3-4 वर्ष), मास्टर्स (2 वर्ष), पीएचडी (3-5 वर्ष) और शिक्षण/शोध अनुभव आवश्यक होता है।
सरकारी प्रोफेसर बनने के लिए UGC-NET, CSIR-NET या SET परीक्षा पास करनी होती है। पीएचडी जरूरी है और विश्वविद्यालयों द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया में भाग लेना होता है।
बिना UGC-NET के निजी विश्वविद्यालयों, डिग्री कॉलेजों और ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म में अनुभव और उच्च शिक्षण योग्यता (पीएचडी) के आधार पर प्रोफेसर बना जा सकता है।
उम्मीद है कि आपको इस ब्लाॅग में प्रोफेसर कैसे बनें (Professor Kaise Bane) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। अन्य हिंदी के ब्लॉग्स पढ़ने के लिए बने रहिए Leverage Edu के साथ।
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Thank you sir
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It’s good individual knowledge for my best future. ..
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आपका शुक्रिया, ऐसे ही हमारी वेबसाइट पर बने रहिए।
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3 comments
Thank you sir
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आपका शुक्रिया, ऐसे ही हमारी वेबसाइट पर बने रहिए।