आयल और गैस एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन दुनिया की सबसे बड़ी इंडस्ट्रीज में से एक है। पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की बढ़ती कमी और नए पेट्रोलियम रिसोर्सेज की खोज में बढ़ोतरी के साथ, कुशल पेट्रोलियम इंजीनियर की मांग में वृद्धि हुई है। एक ताज़ा इंडस्ट्री रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में 2026 तक रोजगार के अवसर 15% बढ़ेंगे। वर्तमान में अधिकतर युवाओं का इंटरेस्ट इस क्षेत्र में बढ़ता ही जा रहा है। अगर आप भी इस क्षेत्र में आना चाहते हैं तो ज़रूर आपका सबसे पहला सवाल यह है कि आखिर petroleum engineer kaise bane। इस ब्लॉग में विस्तार से जानिए कि petroleum engineer kaise bane।
This Blog Includes:
- पेट्रोलियम इंजीनियर किन्हें कहते हैं?
- पेट्रोलियम इंजीनियर के काम
- पेट्रोलियम इंजीनियर बनने के लिए ज़रूरी स्किल्स
- पेट्रोलियम इंजीनियर बनने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड
- पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के लिए कोर्सेज
- पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के लिए टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज
- पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज
- योग्यता
- आवेदन प्रक्रिया
- आवश्यक दस्तावेज़
- जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी
- FAQs
पेट्रोलियम इंजीनियर किन्हें कहते हैं?
पृथ्वी की सतह से तेल, प्राकृतिक गैस निकालने के लिए विभिन्न तकनीकों और मेथड को डिज़ाइन और डेवलप करने वाले एक्सपर्ट्स को पेट्रोलियम इंजीनियर कहते हैं। वे आमतौर पर जियोलॉजिस्ट्स के साथ काम करते हैं। पेट्रोलियम इंजीनियर, आयल और गैस कंपनियों की साइट्स पर पेट्रोलियम और नेचुरल फ्लो की भविष्यवाणी करने के लिए कंप्यूटर सिमुलेशन भी डिज़ाइन करते हैं। साथ ही वे एक्सट्रैक्शन में मदद करते हैं और इसे मानव उपयोग के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
पेट्रोलियम इंजीनियर के काम
Petroleum engineer kaise bane जानने के साथ-साथ ही उनके कार्यों के बारे में जानना भी बेहद ज़रूरी है। जैसा कि हम जान चुके हैं कि पेट्रोलियम इंजीनियर पृथ्वी के भीतर से प्राकृतिक गैसें, तेल और अन्य संबंधित सामग्री निकालने के तरीके तैयार करते हैं। साथ ही वे इन प्राकृतिक संसाधन को निकालने, स्टोरेज सुविधाएं और रिफाइनरियां तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए नए उपकरणों और रणनीतियां विकसित करते हैं। पेट्रोलियम इंजीनियर की कुछ ज़िम्मेदारियां नीचे दी गई हैं-
- ऑनशोर और ऑफशोर दोनों साइटों से गैस और तेल प्राप्त करने के लिए उपकरण डिज़ाइन करना।
- फार्म्स में ड्रिल करने के तरीके विकसित करना।
- आयल और गैस को रिफाइन करने की योजना बनाना।
- पुराने, कम प्रोडक्शन कुओं से अधिक आयल और गैस प्राप्त करने के तरीके विकसित करना।
- ऑयलफील्ड उपकरण बनाया गया है, सही ढंग से स्थापित किया गया है और उचित रूप से उपयोग किया गया है आदि बातें सुनिश्चित करना।
- जियोलाजिकल साइट के करैक्टर और क्वालिटीज़ को समझने के लिए टीमों के साथ काम करना।
- विभिन्न स्थलों पर ऑनगोइंग आधार पर मॉनिटरिंग ऑपरेशन्स करना।
- मौजूदा कुओं से रिसोर्सेज प्राप्त करने के नए तरीकों पर रिसर्च करना।
- प्रोडक्शन लागत को कम करने के लिए उपाय प्रदान करना।
पेट्रोलियम इंजीनियर बनने के लिए ज़रूरी स्किल्स
Petroleum engineer kaise bane जानने के साथ-साथ ही उनकी स्किल्स के बारे में जानना भी ज़रूरी है जो कि नीचे दी गई हैं-
- कंप्यूटर एडेड डिजाइन सॉफ्टवेयर का ज्ञान: इस प्रोफेशन में विभिन्न कंप्यूटर एडेड डिजाइन (CAD) software की अच्छी समझ होना बहुत जरूरी है। पेट्रोलियम इंजीनियर अपने काम में डिज़ाइन और ब्लूप्रिंट तैयार करने के लिए विभिन्न प्रकार के CAD सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हैं। वे न केवल डेटा एनालिसिस बल्कि सिमुलेशन, प्रोडक्शन और ड्रिलिंग प्रोसेसेस को स्व चालित करने के लिए एडवांस्ड टेक्नोलॉजीज का उपयोग करते हैं।
- टीम वर्क: पेट्रोलियम इंजीनियर अक्सर अन्य इंजीनियर, कंस्ट्रक्शन वर्करों और प्रोजेक्ट मैनेजर्स के साथ काम करते हैं। अतः टीम के साथ मिल जुल कर काम करने की स्किल्स होना बेहद ज़रूरी है।
- कम्युनिकेशन स्किल्स: प्रेजेंटेशन देना, मीटिंग में भाग लेना और इनोवेटिव सुझाव देना आदि पेट्रोलियम इंजीनियर के काम के अंतर्गत आते हैं। इसके लिए प्रभावी कम्युनिकेशन स्किल्स का होना बहुत ही ज़रूरी है।
- एनालिटिकल स्किल्स: पेट्रोलियम इंजीनियर के लिए एक सामान्य कर्तव्य यह निर्धारित करना है कि किसी ऑपरेशन को लाभदायक बनाने के लिए कैसे और कहां ड्रिल करना है। इसमें सही निर्णय लेने के लिए अलग हालातों की विस्तृत एनालिसिस करना जरूरी है। वे जमीन में बचे तेल को निकालने के बेस्ट तकनीकों के साथ मौजूद डाटा की एनालिसिस करने का गुण उनमें होना चाहिए।
पेट्रोलियम इंजीनियर बनने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड
Petroleum engineer kaise bane जानने के साथ-साथ नीचे जानिए इसके लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड-
- स्टेप 1: PCM से 12वीं उत्तीर्ण करें: पेट्रोलियम इंजीनियर बनने के लिए आपको अच्छे अंकों से 10+2 PCM विषय (फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स) के साथ पूरा करना होगा। बैचलर डिग्री प्रोग्राम्स में एडमिशन के लिए हाई अंक वाले छात्रों को अधिक मान्यता दी जाती है।
- स्टेप 2: बैचलर डिग्री पूरी करें: हायर सेकेंडरी स्कूल उत्तीर्ण करने के बाद आप पेट्रोलियम इंजीनियर या इससे सम्बन्धित क्षेत्र में बैचलर डिग्री हासिल करें। फील्डवर्क औरपेड इंटर्नशिप को अक्सर इन प्रोग्राम में शामिल किया जाता है, जो आपको इस फील्ड में काम करने के लिए क्वालिफिकेशन प्राप्त कर करने में मदद करते हैं।
- स्टेप 3: इंटर्नशिप के लिए अप्लाई करें: इंटर्नशिप, पेट्रोलियम इंजीनियरिंग की फील्ड में अपनी क्षमता बढ़ाने का एक शानदार अवसर है। ये प्रोग्राम्स आपको आवश्यक स्किल्स सीखने और इस फील्ड में प्रैक्टिकल अनुभव प्राप्त करने में मदद करते हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि ऐसे अवसर आपको इंडस्ट्री की बेस्ट प्रैक्टिसेज और वर्क कल्चर से जल्दी ही परिचित कराते हैं।
- स्टेप 4: मास्टर्स डिग्री के लिए ऑप्ट करें: एक अच्छे सैलरी पैकेज वाली नौकरी के लिए आप पेट्रोलियम रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन या पेट्रोलियम रिफाइनरी इंजीनियरिंग में मास्टर्स डिग्री हासिल कर सकते हैं। इन कोर्सेज में जनरल विषय जैसे फ्लूइड मैकेनिक्स, एप्लाइड जियोलॉजी, सर्वेइंग और एप्लाइड न्यूमेरिकल मेथड्स आदि शामिल हैं। पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में मास्टर्स डिग्री एम्प्लॉयर्स द्वारा अत्यधिक पसंद की जाती है।
- स्टेप 5: कार्य अनुभव प्राप्त करें: शिक्षा के बाद सबसे ज़रूरी फैक्टर, रेलेवेंट कार्य अनुभव प्राप्त करना है। प्रैक्टिकल ट्रेनिंग प्राप्त करना यह सुनिश्चित करता है कि आप अपने जॉब रोल के लिए अधिक योग्य हैं। अतः प्रैक्टिकल और थ्योरेटिकल नॉलेज प्राप्त करने के लिए एक इंटर्नशिप ज़रूर करें।
- स्टेप 6: CV/रिज्यूमे बनाएं और जॉब्स के लिए अप्लाई करें: पेट्रोलियम इंजीनियर कैंडिडेट्स की तलाश करने वाले एम्प्लॉयर्स के साथ आपके कॉलेज की एफिलिएशन होने की संभावना होती है। अपने कॉलेज के करियर सेवा विभाग या किसी भी टेक्निकल जॉब फेयर का लाभ उठाएं और एक अच्छी पेट्रोलियम इंजीनियर की पोस्ट की तलाश करें। साथ ही आपके रेलेवेंट एजुकेशन, स्किल्स और एक्सपीरियंस को प्रदर्शित करने वाला एक एक CV पोटेंशियल एम्प्लॉयर्स को प्रभावित कर सकता है। अतः अट्रैक्टिव CV का निर्माण करें और जॉब के लिए अप्लाई करें।
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के लिए कोर्सेज
पेट्रोलियम इंजीनियर बनने के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करना ज़रूरी है। पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के फील्ड में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों के लिए विभिन्न कोर्सेज मौजूद हैं। नीचे कोर्सेज की लिस्ट दी गई है:
कोर्स लेवल | कोर्स का नाम |
डिप्लोमा | – Diploma in Heavy Oil Power Engineering |
बैचलर्स | – B.E./B.Tech in Petroleum Engineering – B.Tech in Petrochemical Engineering – B.Tech in Applied Petroleum Engineering – B.Tech in Petroleum Refinery Engineering – B.Tech in Petroleum Reservoir and Production Engineering |
मास्टर्स | – M.E./M.Tech in Petroleum Exploration – M.Tech Petroleum Refinery Engineering –M.Tech in Petroleum Refining and Petrochemical Engineering |
PhD | – Doctor of Philosophy in Engineering Petroleum (By Research) – Doctor of Philosophy in Petroleum Engineering |
आप AI Course Finder की मदद से भी अपने इंटरेस्ट के अनुसार अपनी पसंद के कोर्सेज का चयन कर सकते हैं।
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के लिए टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज
पेट्रोलियम इंजीनियर की बढ़ती मांग के कारण वर्तमान में ऐसी कई यूनिवर्सिटीज हैं जो इस क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक लोगो के लिए कई प्रकार के पेट्रोलियम इंजीनियरिंग कोर्सेज ऑफर करती हैं। बेहतर शिक्षा ही, बेहतर कल के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अतः पेट्रोलियम इंजीनियरिंग कोर्सेज की बेहतरीन पढ़ाई के लिए टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज की लिस्ट नीचे दी गई है:
- नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर (एनयूएस)
- टेक्सास विश्वविद्यालय, ऑस्टिन
- स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय
- टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ऑफ डेनमार्क
- टेक्सास ए एंड एम विश्वविद्यालय
- इंपीरियल कॉलेज लंदन
- एडिलेड विश्वविद्यालय
- अल्बर्टा विश्वविद्यालय
- हेरियट-वाट विश्वविद्यालय
- किंग फहद यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड मिनरल्स
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज
Petroleum engineering के लिए India की कुछ best universities की list नीचे दी गई हैं–
- IIT, मुंबई
- IIT, मद्रास
- इंजीनियरिंग स्कूल, पेट्रोलियम और ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय
- प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय, बैंगलोर
- ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी, देहरादून
- IIT, गुवाहाटी
- IIT धनबाद
- NMIMS यूनिवर्सिटी, जयपुर
- ITM यूनिवर्सिटी
- एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, नोएडा
योग्यता
Petroleum engineer kaise bane जानने के साथ-साथ इस कोर्स की योग्यता जाननी भी आवश्यक है, जो इस प्रकार है:
- पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में बैचलर्स डिग्री प्रोग्राम्स के लिए ज़रूरी है कि कैंडिडेट्स ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से PCM (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स) से 10+2 पहली डिवीज़न से उत्तीर्ण की हो।
- भारत में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में बैचलर्स के लिए कुछ यूनिवर्सिटीज में JEE mains, JEE Advanced जैसी प्रवेश परीक्षाओं के अंक अनिवार्य हैं। साथ ही कुछ टॉप यूनिवर्सिटीज अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करतीं हैं। वहीं विदेश में इस कोर्स के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित आवश्यक ग्रेड आवश्यकताओं को पूरा करना ज़रूरी है, जो हर अलग–अलग हो सकती है।
- पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में PG प्रोग्राम्स के लिए संबंधित क्षेत्र में पहली डिवीज़न के साथ बैचलर्स डिग्री होना आवाश्यक है। साथ ही कुछ यूनिवर्सिटीज प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर भी एडमिशन स्वीकार करतीं हैं।
- विदेश की अधिकतर यूनिवर्सिटीज SAT या GRE अंक की मांग करते हैं।
- विदेश की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए IELTS या TOEFL टेस्ट अंक ज़रूरी होते हैं। जिसमे IELTS अंक 7 या उससे अधिक और TOEFL अंक 100 या उससे अधिक होना चाहिए।
- विदेश की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए SOP, LOR, CV/Resume और पोर्टफोलियो भी जमा करने होंगे।
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आवेदन प्रक्रिया
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के लिए भारत और विदेशी विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया के बारे में नीचे बताया गया है–
भारतीय विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया
भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
विदेश में आवेदन प्रक्रिया
विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–
यदि आप विदेश में पढ़ना चाहते हैं, तो एप्लीकेशन प्रोसेस की जानकारी के लिए आप Leverage Edu एक्सपर्ट्स को 1800 572 000 पर कॉल कर सकते है।
- आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं।
- एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे।
- अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध (essay), सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है।
- यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
- आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे।
- अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है।
एक आकर्षक SOP लिखने से लेकर कंप्लीट एप्लीकेशन प्रोसेस में मदद के लिए आप Leverage Edu के एक्सपर्ट्स की सहायता ले सकते हैं। एक्सपर्ट्स के साथ फ्री सेशन बुक करने के लिए 1800 572 000 पर कॉल करें।
आवश्यक दस्तावेज़
कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–
- आधिकारिक शैक्षणिक टेप
- स्कैन किए हुए पासपोर्ट की कॉपी
- IELTS या TOEFL, आवश्यक टेस्ट स्कोर
- प्रोफेशनल/एकेडमिक LORs
- SOP
- निबंध (यदि आवश्यक हो)
- पोर्टफोलियो (यदि आवश्यक हो)
- अपडेट किया गया सीवी / रिज्यूमे
- एक पासपोर्ट और छात्र वीजा
- बैंक विवरण
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जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी
एक पेट्रोलियम इंजीनियर की सैलरी उसके अनुभव, नॉलेज, कंपनी आदि के आधार पर ज्यादा या कम हो सकती है। भारत में वह प्रवेश लेवल पर कम से कम INR 8-10 लाख प्रति वर्ष कमाता है। नीचे दिए गए टेबल में कुछ प्रमुख जॉब प्रोफाइल्स PayScale के अनुसार ग्लोबल लेवल पर उनकी औसत सालाना सैलरी दी गई है-
जॉब प्रोफाइल्स | औसत सालाना सैलरी (INR) |
ड्रिलिंग इंजीनियर | 14-16 लाख |
प्रोडक्शन इंजीनियर | 3-5 लाख |
ऑफशोर ड्रिलिंग इंजीनियर | 7-9 लाख |
चीफ पेट्रोलियम इंजीनियर | 19-21 लाख |
कम्प्लीशंस इंजीनियर | 3-5 लाख |
माइनिंग और जियोलाजिकल इंजीनियर | 4-5 लाख |
पेट्रोलियम जियोलॉजिस्ट | 8-10 लाख |
FAQs
पृथ्वी की सतह से तेल, प्राकृतिक गैस निकालने के लिए विभिन्न टेक्निक्स और मेथड्स को डिज़ाइन और डेवलप करने के एक्सपर्ट्स को पेट्रोलियम इंजीनियर कहते हैं।
पेट्रोलियम इंजीनियर बनने के लिए इस क्षेत्र में बैचलर्स की डिग्री होना बेहद जरूरी है। इसके बाद आप आसानी से एंट्री लेवल जॉब्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
टॉप पेट्रोलियम इंजीनियरिंग बैचलर्स कोर्सेज–
1. B.E./B.Tech in Petroleum Engineering
2. B.Tech in Petrochemical Engineering
3. B.Tech in Applied Petroleum Engineering
4. B.Tech in Petroleum Refinery Engineering
5. B.Tech in Petroleum Reservoir and Production Engineering
पेट्रोलियम इंजीनियर बनने के लिए CAD टेक्नोलॉजी की नॉलेज, कम्युनिकेशन स्किल्स, एनालिटिकल स्किल्स आदि स्किल्स बेहद ज़रूरी होती हैं।
हम आशा करते हैं कि इस ब्लॉग ने आपको Petroleum Engineer kaise bane से जुड़ी सारी जानकारी दी होगी। यदि आप पेट्रोलियम इंजीनियरिंग की पढ़ाई विदेश से करने की इच्छा रखते हैं, तो बेहतरीन मार्गदर्शन के लिए आज ही 1800 572 000 पर कॉल करें और Leverage Edu एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक कीजिए।