क्या आपने कभी NCC का नाम सुना हैं? जाहिर सी बात है सुना होगा! चाहे स्कूल में या फिर किसी को बात करते हुए या फिर अपने क्लास के बच्चों को NCC के बारे में बोलते हुए सुना हो या आपके स्कूल या कॉलेज के टीचर्स इस बारे में बात करते हो। NCC क्या है? क्यों विद्यार्थी इसमें जाना चाहते हैं? इसमें जाने के फायदे कौन कौन से हैं? इसमें आपको क्या करना होता है। किस प्रकार की गतिविधियां इसमें कराई जाती हैं। एनसीसी का उद्देश्य क्या होता है इसकी विशेषताएं क्या होती है? आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से ये सब बताने वाले हैं कि आप कैसे NCC में जा सकते हैं।
NCC क्या है?
NCC भारतीय सशस्त्र बल की युवा शाखा है जिसका मुख्यालय नई दिल्ली, भारत में है। यह एक त्रि-सेवा संगठन के रूप में कार्य करता है जो स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए खुला है, जिसमें सेना, नौसेना और वायु विंग शामिल हैं। भारत में सैनिक युवा फाउंडेशन एक स्वैच्छिक संगठन है जो पूरे भारत में उच्च विद्यालयों, उच्च माध्यमिक, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से कैडेटों की भर्ती करता है। कैडेटों को छोटे हथियारों और ड्रिल में बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है। NCC के प्रतीक में 3 रंग होते हैं; लाल, गहरा नीला और हल्का नीला। ये रंग क्रमशः भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना का प्रतिनिधित्व करते हैं।
NCC का इतिहास
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना ने सैनिकों की बहुत कमी महसूस करी। ब्रिटिश शासक भारतीय छात्रों को सैन्य ज्ञान देना चाहते थे, जिससे कि उनकी फौज में अच्छे ऑफिसर व सैनिक शामिल हो सके और उनकी सेना मजबूत हो सके। इसी को ध्यान में रखते हुए सन् 1917 में यूनिवर्सिटी कोर (U.C.) की स्थापना की गई जिसका पहला बैच (3 नवंबर 1917) कलकत्ता विश्वविद्यालय ने अपने यहां स्थापित किया। 1920 में भारतीय प्रादेशिक अधिनियम पारित हो जाने से U.C. की जगह यूनिवर्सिटी ट्रेनिंग कोर (U.T.C.) ने ली। 1942 में पुनः इसका नाम बदलकर यूनिवर्सिटी ऑफिसर ट्रेनिंग कोर (U.O.T.C.) रखा गया। जिसमे बहुत कम छात्रों ने भाग लिया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यूटीसी अपने उद्देश्य में असफल रही और इसी असफलता को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार में सन 1946 में पंडित हृदयनाथ कुजरू की अध्यक्षता में “राष्ट्रीय कैडेट कोर समिति” की स्थापना की।इस समिति ने संसार के विकसित देशों द्वारा युवाओं के सैन्य प्रशिक्षण का गंभीरता से अध्ययन किया और मार्च 1947 में संपूर्ण रिपोर्ट सरकार को दी।सरकार ने समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए 16 जुलाई 1948 में रक्षा मंत्रालय के अधीन “NCC” की स्थापना की गई।
एनसीसी में क्या होता है?
भारत में NCC की तैयारी स्कूल और कॉलेज के छात्रों को करायी जाती है। NCC में सिखाये जाने वाले कार्यों की सूची नीचे दी गई है:
- NCC में छात्रों को मिलिट्री से सम्बंधित सभी तरह की ट्रेनिंग दी जाती हैं।
- NCC ट्रेनिंग में ये बताया जाता है अगर आप सेना में भर्ती होना चाहते है, तो वहां पर आपको कैसे रहना है और दुश्मन का सामना कैसे करना है।
- NCC में छात्रों को बुनियादी स्तर की ट्रेनिंग दी जाती है।
- इसमें सेना, वायु सेना और नौसेना तीनों सेनाएं शामिल है।
- NCC में छात्रों को ट्रेनिंग देते समय छोटे हथियारों, चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है।
- NCC अपने अनुशासन और देशभक्ति के लिए पुरे भारत में जाना जाता है, NCC में आपको देश के प्रति प्रेम करना और अनुशासन में कैसे रहे ये सब बातें सिखाई जाती है।
NCC का लक्ष्य
NCC के काम करने का लक्ष्य है: एकता और अनुशासन। अभी वर्तमान में लगभग 3 लाख स्कूल और कॉलेज के युवा इस अद्भुत संगठन के माध्यम से राष्ट्र की सेवा में शामिल हैं, जो एकता और अनुशासन के आदर्श पर आधारित है।
NCC के नियम
एनसीसी के उम्मीदवार को प्रशिक्षण के आधार पर 2 भाग में बाटा गया है। NCC के कुछ नियम है, जो इस प्रकार है:
- हमेशा मुस्कान के साथ आज्ञा का पालन करना चाहिए।
- समय बहुत कीमती है, समय का ख्याल रखें और पाबंध रहें ।
- गड़बड़ किए बगैर कठिन परिश्रम करो।
- किसी भी परिस्थिति में बहाने नहीं बनाना चाहिए और झूठ बिलकुल नहीं बोलना चाहिए।
कौन ज्वाइन कर सकते हैं NCC?
स्कूलों और कॉलेजों के सभी नियमित छात्र स्वैच्छिक आधार पर NCC में शामिल हो सकते हैं। एक्टिव मिलिट्री सर्विस के लिए छात्रों का कोई दायित्व नहीं है। NCC में शामिल होने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 13 वर्ष और अधिकत्तम आयु सीमा 26 वर्ष है।
एनसीसी ज्वाइन करने के लिए आपका एक छोट्टा सा फिजिकल टेस्ट होता है और इसके लिए आपको एक फॉर्म भी भरना होता है। उसके बाद आपकी NCC ट्रेनिंग शुरू हो जायेगी, यदि आपके स्कूल या कॉलेज में NCC कोर्स नहीं है, तो आप अपने आसपास के किसी भी स्कूल या कॉलेज में एनसीसी ज्वाइन कर सकते हो। NCC में 2 डिवीज़न होती है पहला जूनियर डिवीज़न और दूसरा सीनियर डिवीज़न। इनमें से किसी एक डिवीज़न को आपको आपकी उम्र और क्लास के अनुसार ज्वाइन करना होता है।
NCC के झंडे में कितने रंग होते हैं?
NCC के झंडे में 3 रंग होते हैं। हर रंग के पीछे अपना एक अलग उद्देश्य रहता है। NCC Kya Hai में जानते हैं पूरी बात विस्तार से।
- पहली पट्टी लाल रंग की है।
- बीच वाली पट्टी नीले रंग की है।
- तीसरी पट्टी आसमानी नीले रंग की है जो सेना, वायु सेना और नौसेना को दर्शाती है।
झंडे के बीच में देखेंगे तो दो गेहूं की रिंग बनी हुई हैं। झंडे के बीच में NCC शब्द गोल्डन रंग से NCC के लक्ष्य ‘एकता और अनुशासन’ के साथ लिखा हुआ है।
NCC सर्टिफिकेट के फायदे
अगर आपको तीनों सेनाओं में से किसी में भी अफसर या सिपाही बनना है तो NCC का सर्टिफिकेट आपके बहुत काम आने वाला है। क्योंकि आप बिना किसी परीक्षा या एंट्रेंस एग्जाम को दिए बिना भी भारत की तीनों सेनाओं में शामिल हो सकते हैं। जो कि एक काफी कठिन पड़ाव होता है किसी भी छात्र के लिए।
- NCC कैडर के लिए सशस्त्र बल में अलग से सीट रिज़र्व होती है। आपको डायरेक्ट एंट्री मिल जाती है। आपको सिर्फ इंटरव्यू और मेडिकल निकालना होता है।
- आपको आगे की पढाई करने के लिए बहुत सी स्कॉलरशिप भी मिलती हैं।
- बहुत से कॉलेज और यूनिवर्सिटी में एडमिशन के समय NCC सर्टिफिकेट कैंडिडेट को वरियत्ता और छूट मिलती है।
- भारत व राज्य सरकार में सरकारी नौकरी खासकर के पुलिस की नौकरी पाने में आपको बहुत सहायता मिलती है।
- अन्य अभ्यर्थियों के मुकाबले NCC कैडेट्स को ज्यादा महत्ता दी जाती है।
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NCC के उद्देश्य
- एनसीसी का उद्देश्य देश के युवाओं में चरित्र, साहचर्य, अनुशासन, नेतृत्व,धर्मनिरपेक्षता, निस्वार्थ सेवा भाव आदि गुणों का संचार करना है।
- एनसीसी का उद्देश्य संगठित प्रशिक्षित गणित युवाओं का एक मानव संसाधन तैयार करना है जो विकट परिस्थितियों में प्रत्येक क्षेत्र में नेतृत्व प्रदान कर देश की सेवा के लिए तत्पर रहें।
- इसका उद्देश्य ससस्त्र सेना में जीविका बनाने के लिए युवाओं को प्रेरित कर उचित वातावरण प्रदान करना है।
अनुशासन की विशेषताएं
- मुस्कुराते हुए आज्ञा का पालन करना।
- समय का पाबंद रहना।
- निसंकोच कठोर परिश्रम करना।
- बहाने नहीं बनाना और झूठ नहीं बोलना।
सम्मान तथा पुरस्कार
एनसीसी में सम्मान तथा पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 1984 में की गई थी यह पुरस्कार निम्न है-
- रक्षा मंत्री पदक
- रक्षा मंत्री प्रशंसा पत्र
- रक्षा सचिव प्रशंसा पत्र
- महानिदेशक प्रशंसा पत्र
ट्रेनिंग ऑफ एनसीसी
एनसीसी क्रेडिट स्कोर प्रशिक्षण हेतु तीन डिवीजन में बांटा गया है-
- सीनियर डिवीज़न -इसमें कॉलेज विश्वविद्यालय के15 से 26 वर्ष की आयु वाले छात्र प्रशिक्षण लेते हैं। यह प्रशिक्षण 3 साल का होता है। इस डिवीजन को तीन खंडों में बांटा गया है- सेना स्कंध, नौसेना स्कंध,वायु सेना स्कंध एनसीसी
- जूनियर डिवीज़न- इसमें 13-17 वर्ष के माध्यमिक स्कूल के छात्रों को भर्ती किया जाता है। इसका प्रशिक्षण भी 2 वर्ष का होता है इस डिवीजन में भी थल सेना स्कंध, नौसेना और वायुसेना स्कंध होते हैं।
- गर्ल्स डिवीज़न- इसमें सीनियर व जूनियर स्कंध होते हैं इसमें कॉलेजों व स्कूलों की 15 से 26 वर्ष की छात्राएं प्रशिक्षण प्राप्त करती है। सीनियर डिवीजन में सिग्नल कंपनी,मेडिकल कंपनी सम्मिलित होती है। इसका प्रशिक्षण भी 3 वर्ष का होता है।
एनसीसी शिविर
एनसीसी कैडेट्स के लिए प्रतिवर्ष निम्न शिविर आयोजित किए जाते हैं-
- वार्षिक प्रशिक्षण शिविर
- सोशल सर्विस शिविर
- आल इंडिया समर ट्रेनिंग कैंप
- एडवांस लीडरशिप कोर्स
- कोर्स एट हिमालय माउंटेनीरिंग इंस्टिटूट दर्जीलिंग और मनाली
- पैरा ट्रूपर्स शिविर
- अटचमेंट् टू रेगुलर आर्मी
- नेशनल इंटीग्रेशन शिविर
- रिपब्लिक डे शिविर
- थल सेना कैंप
- इंडिपेंडेंस डे कैंप
एनसीसी परीक्षाएं
एनसीसी की ‘ए’,’बी’,’सी’ प्रमाण पत्र की परीक्षाएं फरवरी/मार्च में प्रतिवर्ष आयोजित की जाती हैं जिसमे पात्रता शर्ते निम्न है-
- ‘ए’ प्रमाण पत्र की परीक्षा- इस परीक्षा में वह कैडिट्स बैठेंगे जिन्होंने जूनियर डिवीजन NCC में 2 वर्ष का प्रशिक्षण प्राप्त करने के साथ साथ 75℅ उपस्थिति और एक वार्षिक शिविर में भाग लिया है।
- ‘बी’ प्रमाण पत्र की परीक्षा-इस परीक्षा में वह कैडिट्स बैठने के अधिकारी हैं जिन्होंने NCC में 2 वर्ष का प्रशिक्षण प्राप्त करने के साथ साथ 75℅ उपस्थिति और एक वार्षिक शिविर में भाग लिया है।
- ‘सी’ प्रमाण पत्र की परीक्षा- इस परीक्षा के लिए कैडेट ने ‘b’ सर्टिफिकेट की परीक्षा पास की हो, सीनियर डिवीजन मे 3 साल की ट्रेनिंग पूरी की हो, कम से कम 75℅ उपस्थिति और 2 वार्षिक या समकक्ष कैंपो में भाग लिया हो।
A,B,C परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए कैडेट्स को प्रति विषय 45% अंक और कुल 50% अंक लाना अनिवार्य है।एनसीसी परीक्षा में कैडेट्स को डिवीजन न देकर ग्रेडिंग दी जाती है जो कि निम्न प्रकार है-
‘A’ ग्रेडिंग- 80% या अधिक अंक प्राप्त करने पर
‘B’ ग्रेडिंग- 65% से 79% तक अंक प्राप्त करने पर
C’ ग्रेडिंग- 50 या 50 से अधिक तथा 64% अंक प्राप्त करने पर।
इस ब्लॉग में हमने आपको एनसीसी से जुड़ी संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई है उम्मीद है कि अब आपको पता चल गया होगा की एनसीसी क्या होती है। इसके फायदे क्या होते हैं। इसके अंतर्गत कौन-कौन सी ट्रेनिंग कराई जाती है। एनसीसी के उद्देश्य क्या है।एनसीसी का इतिहास आदि जानकारियां आपको इस ब्लॉग में उपलब्ध कराई गई है।
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NCC से जुड़े रोचक तथ्य
- NCC का ध्वज तीन रंगो के समान होता है अर्थात इसमें तीन रंग की खडी पट्टी होती है जो तीनो सेनाओं का प्रतीक है |
- तीनो पट्टिया NCC के झंडे के मध्य सोलह पंखुडियो से बना हुआ वृताकार घेरा है जो हमारे देश को 16 निदेशालय की सुचना प्रदान कर रहा है | इसी घेराकृति में NCC सुंदर आकृति में लिखा हुआ है जो दूर से सभी का मन आकर्षित कर लेता है
- NCC के तीन स्तर है सीनियर , जूनियर एवं गर्ल्स | सीनियर स्तर में महाविद्यालयी छात्र भाग लेते है | इसमें इन्हें बंदूक चलाना ,पहाड़ चढना आदि अभ्यास सिखाये जाते है | तीन वर्ष बाद प्रमाण पत्र दिया जाता है |
- जूनियर स्तर में कक्षा 8 से सीनियर कक्षा के छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण हेतु चयनित किया जाता है |
- गर्ल्स में छात्राओं के लिए व्यवस्था होती है | इसमें भी सीनियर एवं जूनियर दो भाग होते है |
- NCC का सर्वप्रथम उद्देश्य सामाजिक कार्यो में रूचि लेना है जैसे चुनाव में , पोलियो में , वृक्षारोपण में , बाढ़-भूकम्प में या अन्य हादसे और सामाजिक सेवा में | विद्यालयों , महाविद्यालयो में राष्ट्रीय पर्व के समय इनको परेड में शामिल किया जाता है |
FAQ
एनसीसी की जूनियर डिवीजन/विंग में दो साल और सीनियर डिवीजन/विंग में तीन साल की ट्रेनिंग होती है। इसमें एक साल का एक्सटेंशन भी हो सकता है।
एनसीसी का पूरा नाम नेशनल कैडेट कोर है, भारत में राष्ट्रीय कैडेट कोर उच्च विद्यालयों, महाविद्यालयों और सम्पूर्ण भारत में विश्वविद्यालयों से कैडेटों का एक स्वैच्छिक संगठन है, जो कॉलेज के अनुशासित और देशभक्त युवाओं को भविष्य के लिए नेतृत्व प्रदान करता है, यह सेना के तीनों अंगों को अपने कुशल प्रशिक्षण से मजबूती प्रदान करते हैं।
एनसीसी में छात्रों की इंट्री दो लेवल से होती है, पहला स्कूल लेवल पर, 11वीं और 12वीं में रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है, दूसरा कालेज स्तर पर, इसमें स्नातक पार्ट-1 में एनसीसी ज्वॉइन करना होता है, स्कूल स्तर पर ए सर्टिफिकेट, जबकि कॉलेज लेवल पर बी और सी सर्टिफिकेट प्राप्त होता है।
स्कूल स्तर पर जूनियर डिवीजन और विंग में गर्ल्स और ब्वॉयज की उम्र 13 से साढ़े 18 साल होना जरूरी है।
एनसीसी को ज्वाइन करना चाहते है तो आपकी हाइट न्यूनतम 157.5 सेमी होनी चाहिए।
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