जीव विज्ञान की कई शाखाएँ हैं लेकिन क्या आप हमारी उत्पत्ति से सम्बन्धित सबसे महत्त्वपूर्ण शाखा के बारे में जानते हैं? हम बात कर रहे हैं, आण्विक जीवविज्ञान यानी कि मॉलिक्युलर बायोलॉजी की। यह जीव विज्ञान की एक ऐसी शाखा है, जो आणविक स्तर पर कोशिका के भीतर और बाहर होने वाली अंतःक्रियाओं के अध्ययन से संबंधित है। कोशिकाओं, आणविक संश्लेषण के साथ-साथ इसके संशोधन, तंत्र और अंतःक्रियाओं के बेहतरीन विवरणों का अध्ययन करना एक सूक्ष्म और कठिन कार्य है इसलिए इसकी एक स्पष्ट अध्य्यन के लिए विभिन्न कोर्सेज विश्वविद्यालयों द्वारा उपलब्ध कराए जाते हैं। आइए इस ब्लॉग में हम molecular biology in Hindi क्या है और इसके प्रमुख कोर्सेज और करियर स्कोप के बारे में विस्तार से जानते हैं।
This Blog Includes:
- मॉलिक्युलर बायोलॉजी क्या है?
- आणविक जीव विज्ञान का इतिहास
- मॉलिक्युलर बायोलॉजी के टॉप कोर्सेज
- मॉलिक्युलर बायोलॉजी सिलेबस
- मॉलिक्युलर बायोलॉजी के लिए विश्व के टॉप विश्वविद्यालय
- मॉलिक्युलर बायोलॉजी के लिए भारत के टॉप विश्वविद्यालय
- योग्यता मानदंड
- आवेदन प्रक्रिया
- आवश्यक दस्तावेज़
- प्रवेश परीक्षाएं
- मॉलिक्युलर बायोलॉजी करियर
- मॉलिक्यूलर बायलॉजी से सम्बन्धित जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- FAQs
मॉलिक्युलर बायोलॉजी क्या है?
आणविक जीव विज्ञान में रासायनिक संरचनाओं और जैविक घटनाओं की प्रक्रियाओं और जीवन की मूल इकाई, अणु का अध्ययन शामिल हैं। यह मुख्य रूप से डीएनए, आरएनए और प्रोटीन संश्लेषण के अंतर्संबंध सहित कोशिका की विभिन्न प्रणालियों के बीच अंतःक्रियाओं को समझने से संबंधित है। साथ ही इन अंतःक्रियाओं को विनियमित करने के तरीके को जानना व समझना भी मॉलिक्यूलर बायोलॉजी का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। यह कोशिकाओं के विभिन्न भागों की संरचनाओं, क्रियाओं और नियमों को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जिनका उपयोग नई दवाओं को कुशलतापूर्वक बनाने के साथ-साथ कोशिका के शरीर विज्ञान को समझने के लिए किया जाता है।
मूल रूप से, जीव विज्ञान का यह क्षेत्र एक्स-रे विवर्तन और इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी जैसी तकनीकों के माध्यम से जैविक मैक्रोमोलेक्यूल्स की त्रि-आयामी संरचना को समझाने पर केन्द्रित है। ऐसे जीवविज्ञानी विशिष्ट गुणसूत्रों पर जीन के स्थान को मैप करने का प्रयास करते हैं, इन जीनों को किसी जीव के विशेष लक्षणों के साथ जोड़ते हैं और विशिष्ट जीन को अलग करने, अनुक्रमित करने और संशोधित करने के लिए मॉलिक्युलर बायोलॉजी का उपयोग करते हैं।
आणविक जीव विज्ञान का इतिहास
इस विषय के ऊपर वर्ष 1930 से रिसर्च होनी शुरू हुई। जब वैज्ञानिक उन मैक्रोमोलेक्यूल का अध्ययन कर रहे थे जिनके कारण हमारा जीवन संभव है। फिर 1940 के दशक में दो वैज्ञानिक जॉर्ज बिडल और एडवर्ड टाटॉम ने हमें जीण और प्रोटीन के बीच के सम्बन्ध से हमें अवगत कराया जोकि मोलेक्यूलर बायोलॉजी विषय सम्बन्धित एक महत्वपूर्ण खोज थी।
साल 1953 में फ्रांसिस क्रीक एवं जेम्स वाटसन नामक शोधकर्ताओं ने DNA अणुओं के दोहरे पेचीदार संरचना की खोज की थी, जिसके लिए उन्हें 1962 में जीव-विज्ञान विषय में नोबेल पुरस्कार भी मिला। तीस साल बाद कैरी मुलिस ने जेनेटिक इंजीनियरिंग में शोध की शुरुआत की और उन्होंने पोलीमरेज़ चेन प्रतिक्रिया की खोज की जिसे जीव-विज्ञान में प्रतियां बनाने वाला मशीन माना गया।
जब से जीव विज्ञान के अंतर्गत अनुवांशिकता की खोज हुई है, यह कई शोध प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ है। इससे यह पता चला कि शरीर में पाए जाने वाले अणु किस प्रकार से मेटाबॉयलिज़्म को सुचारु रूप से चलते हैं और ऊर्जा के निर्माण में किस प्रकार से प्रगति करते हैं।
मॉलिक्युलर बायोलॉजी के टॉप कोर्सेज
Molecular biology in Hindi आमतौर पर जेनेटिक्स, माइक्रो बायोलॉजी, बायो केमिस्ट्री आदि स्पेशलाइजेशन का ही एक हिस्सा है और अक्सर मॉलिक्युलर बायोलॉजी को इन विशेषज्ञताओं के साथ संयोजन में पेश किया जाता है। यहाँ कुछ सबसे लोकप्रिय मॉलेक्यूलर बायोलॉजी संबंधित कोर्सेज दिए गए हैं-
- BSc in Genetics
- BSc in Molecular Biology, Genetics and Bioengineering
- BSc in Microbiology
- BSc Biology
- Bachelor in Biochemistry and Molecular Biology
- MSc in Molecular Biology
- MSc in Biomolecular Sciences
- Master in Cellular and Molecular Biology
- Doctor of Philosophy in Molecular and Cellular Biology
आप AI Course Finder की मदद से अपने पसंद के मॉलिक्युलर बायोलॉजी कोर्स और यूनिवर्सिटी का चयन कर सकते हैं।
मॉलिक्युलर बायोलॉजी सिलेबस
आपको इस क्षेत्र से संबंधित एक स्पष्ट समझ प्रदान करने के लिए हमने बीएससी molecular biology in Hindi का सिलेबस यहां दिया है-
सेमेस्टर I | सेमेस्टर II |
केमिस्ट्री | केमिस्ट्री |
सेल स्ट्रक्चर एंड डायनामिक्स | जीन एक्सप्रेशन और जीन रेगुलेशन |
बायोमैथेमेटिक | सी-प्रोग्रामिंग एंड इंट्रोडक्शन ऑफ डिजिटल लॉजिक |
बायोफिज़िक्स और इंस्ट्रुमेंटेशन | बायलॉजिकल सिस्टम |
इंट्रोडक्शन टू कम्प्यूटर | प्रिंसिपल ऑफ माइक्रोबायोलॉजी |
मैक्रोमोलेक्यूलर स्ट्रक्चर और एनालिसिस | प्रिंसिपल ऑफ ट्रांसमिशन जेनेटिक्स |
प्रैक्टिकल | प्रैक्टिकल |
सेमेस्टर III | सेमेस्टर IV |
केमिस्ट्री | केमिस्ट्री |
जीनोम आर्गेनाइजेशन | बायोडायवर्सिटी एंड क्लासिफिकेशन |
माइक्रोबियल जेनेटिक्स | कम्प्यूटेशनल बायलॉजी एंड बायोइनफॉर्मेटिक |
प्रिंसिपल ऑफ इम्यूनोलॉजी | डीबीएमएस, कंप्यूटर नेटवर्क और संख्यात्मक विश्लेषण का परिचय |
इंट्रोडक्शन ऑफ डेटा स्ट्रक्चर और कंप्यूटर आर्गेनाइजेशन | आणविक आनुवंशिकी |
प्लांट एंड एनिमल टिशू कल्चर टेक्निक एंड एप्लिकेशन | जीन अभिव्यक्ति का विश्लेषण करने के लिए उपकरण |
प्रैक्टिकल | प्रैक्टिकल |
सेमेस्टर IV | सेमेस्टर V |
डीएनए टाइपिंग, प्रोटिओमिक्स | मेडिकल मॉलिक्युलर बायोलॉजी |
एनवायरनमेंटल बायोटेक्नोलॉजी | मॉलिक्युलर ह्यूमन जेनेटिक |
जेनेटिक मोडिफिकेशन इन एग्रीकल्चर फूड एंड इंडस्ट्री | मॉलिक्युलर टेक्नोलोजी: सोशल, लीगल एंड एथिकल इश्यू |
रिकॉम्बिनेंट डीएनए टेक्नोलोजी | मॉडल ऑर्गेनिज्म इन ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट |
प्रैक्टिकल | प्रैक्टिकल |
मॉलिक्युलर बायोलॉजी के लिए विश्व के टॉप विश्वविद्यालय
मॉलिक्यूलर बायोलॉजी कोर्सेस का अध्ययन करने के लिए यहां टॉप विश्वविद्यालय की लिस्ट दी गई है-
- हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
- मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
- स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय
- कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय-सैन फ्रांसिस्को
- कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
- यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्केले
- कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन डिएगो
- ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय
- जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय
- टोरंटो विश्वविद्यालय
- कर्नेल विश्वविद्यालय
भारत का सबसे बड़ा यूनिवर्सिटी फेयर UniConnect, जहां आपको घर बैठे ही मिलेगा टॉप विश्वविद्यालयों के रिप्रेजेंटेटिव्स से मिलने का मौका, तो अभी रजिस्टर करें और अपनी जगह सुनिश्चित करें।
मॉलिक्युलर बायोलॉजी के लिए भारत के टॉप विश्वविद्यालय
नीचे मॉलिक्युलर बायोलॉजी के लिए भारत के टॉप विश्वविद्यालयों की लिस्ट दी गई है –
- जामिया मिलिया इस्लामिया
- जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय
- दिल्ली विश्वविद्यालय
- हैदराबाद विश्वविद्यालय
- अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
- भारतीय विज्ञान संस्थान
- टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च
- आईआईटी खड़गपुर
- बिट्स पिलानी
- बैंगलोर विश्वविद्यालय
- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान
- कन्नूर विश्वविद्यालय
योग्यता मानदंड
यदि आप इस क्षेत्र में डिग्री प्राप्त करने के इच्छुक हैं, तो आपको अपने चुने हुए विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा। ये आवश्यकताएं कोर्सेज के स्तर के अनुसार भिन्न होती हैं, जैसे बैचलर, मास्टर या डिप्लोमा। Molecular biology in Hindi कोर्सेज के लिए कुछ सामान्य पात्रता इस प्रकार हैं–
- मॉलिक्युलर बायोलॉजी में बैचलर्स डिग्री प्रोग्राम के लिए ज़रुरी है कि उम्मीदवारों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से PCB (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) से 10+2 प्रथम श्रेणी से पास किया हो।
- क्षेत्र में शोध कार्य करने के लिए पात्र होने के लिए, CSIR-UGC-NET परीक्षा या ICMR JRF परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
- आवश्यक न्यूनतम प्रतिशत के साथ GATE परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले भी लिखित परीक्षा और / या इंटरव्यू उत्तीर्ण करके रिसर्च फेलोशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- विदेश में इन कोर्सेज के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित आवश्यक ग्रेड आवश्यकताओं को पूरा करना जरुरी है, जो हर यूनिवर्सिटी और कोर्स के अनुसार अलग–अलग हो सकती है।
- मॉलिक्युलर बायोलॉजी में PG प्रोग्राम के लिए संबंधित क्षेत्र में प्रथम श्रेणी के साथ बैचलर्स डिग्री होना आवाश्यक है। साथ ही कुछ यूनिवर्सिटीज प्रवेश परीक्षा के आधार पर भी एडमिशन स्वीकार करतीं हैं।
- विदेश की अधिकतर यूनिवर्सिटीज बैचलर्स के लिए SAT और मास्टर्स कोर्सेज के लिए GRE स्कोर की मांग करते हैं।
- विदेश की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए IELTS या TOEFL टेस्ट स्कोर, अंग्रेजी प्रोफिशिएंसी के प्रमाण के रूप में ज़रूरी होते हैं। जिसमे IELTS स्कोर 7 या उससे अधिक और TOEFL स्कोर 100 या उससे अधिक होना चाहिए।
- विदेश यूनिवर्सिटीज में पढ़ने के लिए SOP, LOR, सीवी/रिज्यूमे और पोर्टफोलियो भी जमा करने की जरूरत होती है।।
क्या आप IELTS/TOEFL/SAT/GRE में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते हैं? आज ही इन परीक्षाओं की बेहतरीन तैयारी के लिए Leverage Live पर रजिस्टर करें और अच्छे स्कोर प्राप्त करें।
आवेदन प्रक्रिया
विभिन्न molecular biology in Hindi कोर्सेज के लिए भारत और विदेशी विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया के बारे में नीचे बताया गया है–
भारतीय विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया
भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
विदेश में आवेदन प्रक्रिया
विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–
- आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स और यूनिवर्सिटी का चुनाव है।
- कोर्स और यूनिवर्सिटी के चुनाव के बाद उस कोर्स के लिए उस यूनिवर्सिटी की पात्रता मानदंड के बारे में रिसर्च करें।
- आवश्यक टेस्ट स्कोर और दस्तावेज एकत्र करें।
- यूनिवर्सिटी की साइट पर जाकर एप्लीकेशन फॉर्म भरें या फिर आप Leverage Edu एक्सपर्ट्स की भी सहायता ले सकते हैं।
- ऑफर की प्रतीक्षा करें और सिलेक्ट होने पर इंटरव्यू की तैयारी करें।
- इंटरव्यू राउंड क्लियर होने के बाद आवश्यक ट्यूशन शुल्क का भुगतान करें और स्कॉलरशिप, छत्रवीजा , एजुकेशन लोन और छात्रावास के लिए आवेदन करें।
एक आकर्षक SOP लिखने से लेकर वीजा एप्लिकेशन तक, कंप्लीट एप्लिकेशन प्रॉसेस में मदद के लिए आप Leverage Edu एक्सपर्ट्स की सहायता ले सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज़
कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–
- आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्ट
- स्कैन किए हुए पासपोर्ट की कॉपी
- IELTS या TOEFL, आवश्यक टेस्ट स्कोर
- प्रोफेशनल/एकेडमिक LORs
- SOP
- निबंध (यदि आवश्यक हो)
- पोर्टफोलियो (यदि आवश्यक हो)
- अपडेट किया गया सीवी / रिज्यूमे
- एक पासपोर्ट और छात्र वीजा
- बैंक विवरण
क्या आप विदेश में पढ़ने के लिए एजुकेशन लोन की तलाश में हैं, तो आज ही Leverage Finance का लाभ उठाएं और अपने कोर्स और विश्वविद्यालय के आधार पर एजुकेशन लोन पाएं।
प्रवेश परीक्षाएं
यहां उन सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रवेश परीक्षाओं की सूची दी गई है जिनका उपयोग भारत और विदेशों के विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग डिग्री के लिए छात्रों को प्रवेश देने के लिए करते हैं–
मॉलिक्युलर बायोलॉजी करियर
आणविक जीव विज्ञान एक दुर्लभ क्षेत्र है जिसमें बहुत अधिक संभावनाएं हैं और इस प्रकार बुनियादी और अनुप्रयुक्त विज्ञान के अन्य क्षेत्रों की तुलना में प्रतिस्पर्धा बहुत कम है। इस क्षेत्र में नौकरियों के लिए आपको उन्नत लैब उपकरण, जैसे क्लोनिंग किट, डीएनए सिंथेसाइज़र, इलेक्ट्रॉनिक गन के साथ काम करने की आवश्यकता होती है। मॉलिक्यूलर बायलॉजिस्ट के पास निजी उद्योगों, विश्वविद्यालयों में शोध कार्य या सरकारी एजेंसियों के लिए नौकरी पाने का अवसर है।
ऐसे जीवविज्ञानी विशिष्ट वैज्ञानिक समस्याओं के सलाहकार के रूप में भी कार्य कर सकते हैं। सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ विश्वविद्यालयों में भी अनुसंधान के बहुत सारे अवसर उपलब्ध हैं। यूएस ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स ने अगले दस वर्षों में इस क्षेत्र में लगभग 6% की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जिसका अर्थ है कि एक बेहतरीन करियर बनाने का यह सुनहरा अवसर है। आणविक जीव विज्ञान की डिग्री वाला एक फ्रेशर भारत में INR 6,00,000- INR 8,00,000 के बीच कमा सकता है और यह केवल शुरुआत के लिए है जो निश्चित रूप से अनुभव के साथ बढ़ता है।
टॉप भर्तीकर्ता
मॉलिक्युलर बायोलॉजी के क्षेत्र में भर्ती की पेशकश करने वाले कुछ प्रमुख उद्योग हैं-
- Thermo Fisher Scientific
- Editas Medicine
- Benchling
- Aarhus University
- Promab Biotechnologies
- Elitech
- T2 Biosystems
- Freenome
- Genewiz
- Promega
मॉलिक्यूलर बायलॉजी से सम्बन्धित जॉब प्रोफाइल और सैलरी
मॉलिक्यूलर बायलॉजी से सम्बन्धित कुछ प्रमुख जॉब प्रोफाइल और PayScale के अनुसार वेतन नीचे दिया गया है –
जॉब प्रोफाइल | भारत में वेतन (INR में) | यूके में वेतन (INR में) | यूएसए में वेतन (INR में) | कनाडा में वेतन (INR में) |
प्रोफेसर | 3-5 लाख | 36-42 लाख | 44-53 लाख | 40-52.49 लाख |
मॉलिक्यूलर बायलॉजिस्ट | 4-5.7 लाख | 20-35 लाख | 55-64.18 लाख | 40-50 लाख |
जेनेटिसिस्ट | 5-8.5 लाख | 20-30 लाख | 45-60 लाख | 40-47 लाख |
मेडिकल कोडर | 2.5-6 लाख | 25-32 लाख | 45-57 लाख | 23-35 लाख |
FAQs
यह जीव विज्ञान की एक ऐसी शाखा है, जो आणविक स्तर पर कोशिका के भीतर और बाहर होने वाली अंतःक्रियाओं के अध्ययन से संबंधित है। यह कोशिकाओं, आणविक संश्लेषण के साथ-साथ इसके संशोधन, तंत्र और अंतःक्रियाओं के बेहतरीन विवरणों का अध्ययन पर केन्द्रित है।
रिसर्च विषय के रूप में मॉलेक्यूलर बायोलॉजी की दुर्लभता के कारण मॉलिक्यूल बायोलॉजी लोकप्रियता में कम है, परंतु करियर के दृष्टिकोण से अच्छे वेतन पैकेज के लिए एक उमदा कोर्स है।
मॉलिक्यूलर बायोलॉजी में पौधों, जानवरों और मानव आनुवंशिकी के साथ-साथ उनकी विविधता और संबंधों का अध्ययन करते हैं। मॉलिक्यूलर बायोलॉजी में मनुष्यों, पौधों, जानवरों और अन्य प्राणियों के डीएनए और आरएनए को समझने के लिए रसायन विज्ञान, शरीर विज्ञान, आनुवंशिकी, भौतिकी और जीव विज्ञान के अपने ज्ञान का उपयोग किया जाता है।
मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट बनने के लिए एक पीएच.डी. की आवश्यकता होती है। मॉलिक्यूलर बायोलॉजी की नौकरी देने वाली कम्पनी या फर्म, ऐसे उम्मीदवारों को स्वीकार करते हैं जिन्होंने बैचलर डिग्री के साथ मास्टर्स की डिग्री पूरी की है। अतः इस प्रकार एक अच्छा मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट बनने की प्रक्रिया को पूरा करने में छह साल तक का समय लग सकता है।
यूएस ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स ने अगले दस वर्षों में इस क्षेत्र में लगभग 6% की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जिसका अर्थ है कि एक बेहतरीन करियर बनाने का यह सुनहरा अवसर है। आणविक जीव विज्ञान की डिग्री वाला एक फ्रेशर भारत में INR 6,00,000- INR 8,00,000 के बीच कमा सकता है।
हम आशा करते हैं कि इस ब्लॉग ने आपको मॉलिक्युलर बायोलॉजी (molecular biology in Hindi ) की सारी जानकारी मिल गई होगी। यदि आप मॉलिक्युलर बायोलॉजी से संबंधित कोर्स विदेश से करना चाहते हैं तो आप आज ही हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से सलाह ले सकते हैं, वे आपको एक उचित मार्गदर्शन के साथ एप्लीकेशन प्रोसेस और वीजा प्राप्त करने तक में आपकी मदद करेंगे। एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करने के लिए हमें 1800 572 000 पर कॉल करें।