न्यूरोसर्जन कैसे बने: जानिए इसके पीछे का पूरा प्रोसेस

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न्यूरोसर्जन कैसे बने

कहते हैं कि डॉक्टर एक भगवान का रूप होता है। न्यूरोसर्जन भी एक डॉक्टर होता है जो दिमाग और रीढ़ से जुड़ी सारी परेशानियों का इलाज़ करता हैं ऑपरेशन करने के लिए न्यूरोसर्जन अत्यधिक जानकारी और आधुनिक ऑपरेटिंग उपकरणों पर विश्वास करते हैं। इन्हें मानव शरीर और जीव विज्ञान की पूरी जानकारी होती है। इन्हें आम तौर पर ब्रेन सर्जन भी कहते हैं। सर्जरी करने के साथ-साथ एक न्यूरोसर्जन यह भी बताता है कि आपकी दिनचर्या क्या हो और मेडिसिन का सही सेवन कैसे करें। न्यूरोसर्जन कैसे बने के बारे में विस्तार से जानने के लिए यह ब्लॉग पूरा पढ़ें।

न्यूरोसर्जन कौन होते हैं?

एक न्यूरोसर्जन का कार्य होता है शरीर के केंद्रीय और तंत्रिका तंत्रों की स्थिति पर ध्यान देना और उन्हें सही करना। न्यूरोसर्जन रीढ़ और मष्तिष्क को प्रभावित करने वाली बीमारियों का स्पेशलिस्ट होता है। अधिकत्तर यह पीड़ितों के स्ट्रोक और अन्य संक्रमणों के रोग का इलाज़ करते हैं। 

न्यूरोसर्जन के कार्य और जिम्मेदारियां

एक न्यूरोसर्जन कि जिम्मेदारियां निम्न हैं – 

  • न्यूरोसर्जन कई प्रकार के थेरेपी, ओपन सर्जरी आदि का उपचार करते हैं। 
  • न्यूरोसर्जन मस्तिष्क के ट्रोमा, स्पाइन, ट्यूमर, स्ट्रोक्स, एन्यूरिज्म और कई प्रकार की स्पाइन, मस्तिष्क और स्कल बेस एरिया का इलाज़ करते हैं। 
  • इन्हे नर्वस सिस्टम कि पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। 
  • न्यूरोसर्जन क्रोनिक कंडीशन का कभी कभी उपचार करते हैं। 
  • न्यूरोसर्जन शरीर के सबसे नाजुक हिस्सा यानि कि मष्तिष्क का इलाज़ करते हैं। 
  • एक न्यूरोसर्जन अपनी इच्छा से किसी कि वर्ग के इलाज़ का चयन कर सकते हैं जैसे बाल रोग विशेषज्ञ।  

न्यूरोसर्जन बनने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड

एक न्यूरोसर्जन डॉक्टर बनना आसान नहीं। इस क्षेत्र को चुनने के बारे में सोचने से ही आपकी गंभीरता और फैसले लेने की प्रक्रिया में बदलाव आ जाता है। अगर आप न्यूरोसर्जन डॉक्टर बनने की ख्वाहिश को सच्चाई में बदलना चाहते है तो दिए गए स्टेप्स आपको आपके लक्ष्य की और तेज़ी से ले जाएंगे।

  • दसवीं के बाद साइंस चुनें : न्यूरोसर्जन डॉक्टर बनने की शुरुआत के लिए आपको अपनी दसवीं पार करने के बाद साइंस स्ट्रीम को चुनना आवश्यक है जिससे आपको साइंस के बेसिक विषयों की जानकारी प्राप्त होती है। इसके अलावा आपके दसवीं के मार्क्स भी ज़रूरी है जिसके आधार पर ही स्कूल आपको साइंस स्ट्रीम देने योग्य समझता है।
  • सही डिग्री चुनें : न्यूरोसर्जन डॉक्टर बनने के लिए मुख्य तौर पर बैचलर ऑफ़ मेडिसिन और बैचलर ऑफ़ सर्जरी (MBBS) की डिग्री को बेसिक कोर्स माना गया है। अपनी बारहवीं के बाद आपको MBBS डिग्री का चुनाव करना होगा जोकि एक पांच साल की अवधि वाली अंडरग्रेजुएट डिग्री है। भारत में डिग्री चुनने के निर्णय के बाद आपको एक एंट्रेंस एग्जाम भी देना अनिवार्य होता है जिनमे से कुछ के नाम इस प्रकार हैं :- NEET, AIIMS और JIPMER MBBS एग्ज़ाम आदि। यह प्रोग्राम एक मेंडेटरी इंटर्नशिप और 12 महीने के ट्रेनिंग पीरियड के साथ पूरा किया जाता है।
  • ख़ुदको रजिस्टर करें : एक न्यूरोसर्जन डॉक्टर बनने का सफर सिर्फ डिग्री पाकर और ट्रेनिंग लेकर पूरा नहीं होता। समाज में अपनी ऑथेंटिकेशन दिखानें के लिए आपको रजिस्टर होना और किसी विशेष डिपार्टमेंट से सर्टिफाइड होना आवश्यक है। जो यह प्रमाण देता है कि आप अपनी सर्विस समाज में देने योग्य हैं और आप पर भरोसा किया जा सकता है।
  • उच्च डिग्री चुनें : MBBS पूरी करने के बाद भी आपको न्यूरोसाइंस में डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन या MD डिग्री के लिए अप्लाई करना होगा। आप तौर पर पोस्टग्रैजुएशन डिग्री की अवधि तीन साल मानी गयी है जिसमें सिलेबस में थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों का समावेश शामिल होता है। एक उच्च डिग्री आपको भविष्य में बेहतर ऑप्शंस की तरफ लेकर जाती है।
  • किसी हस्पताल से जुड़ें या स्वतंत्र रूप से अभ्यास करें : न्यूरोसाइंस में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद या उच्च डिग्री हासिल करने के बाद आपने ख़ुदको रजिस्टर कराया। इसके बाद आप चाहें तो कोई हस्पताल चुन सकतें या स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस कर सकतें हैं। पढ़ाई और ट्रेनिंग के बाद आपकी प्रैक्टिस आपको बेहतर डॉक्टर बनाने में मदद करती है। आप चाहें तो अपना क्लिनिक भी खोल सकते है जिसमें आप मरीज़ो की समस्याओं को करीब से जान पाएंगे और निर्णय ले पाएंगे।

न्यूरोसर्जन बनने के लिए शिक्षा कौनसी लेते हैं?

न्यूरोसर्जन बनने के लिए आपकी शिक्षा प्रणाली निम्न रूप से पूरी होनी चाहिए –

  • MBBS का प्रवेश परीक्षा दें और किसी अच्छे संस्थान से इसकी डिग्री लें। 
  • MBBS पूरा होने के बाद एक साल का इंटर्नशिप ट्रेनिंग भी प्राप्त करें । 
  • इसके बाद तीन साल का MD/MS का कोर्स कर लें। 
  • MD/MS का कोर्स करने के बाद तीन साल का DM Neurology का कोर्स करें।  
  • न्यूरोसर्जन बनने के लिए इसके बाद आपको एक सरकारी लाइसेंस दे दी जाती है जो आपकी मान्यता होती है।

न्यूरोसर्जन के लिए विदेश की टॉप यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट

न्यूरोसर्जन के लिए विदेश केटॉप विश्वविद्यालय कुछ इस प्रकार हैं –

  1. मेलबर्न विश्वविद्यालय
  2. मोनाश विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया
  3. न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया
  4. एज हिल यूनिवर्सिटी, यूके
  5. कैंटरबरी क्राइस्ट चर्च यूनिवर्सिटी, यूके
  6. ज्यूरिख विश्वविद्यालय, स्विट्ज़रलैंड
  7. लुडविग मैक्सिमिलियन यूनिवर्सिटी ऑफ़ म्यूनिख, जर्मनी
  8. अलबामा विश्वविद्यालय, यूएसए
  9. इलिनोइस विश्वविद्यालय, यूएसए
  10. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन, यूके
  11. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, यूके
  12. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, यूके

न्यूरोसर्जन बनने के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज की लिस्ट

न्यूरोसर्जन के लिए देश के टॉप विश्वविद्यालय कुछ इस प्रकार हैं –

  • चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी
  • क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर
  • अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली
  • कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मणिपाली
  • सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज, पुणे
  • सेंट जॉन्स मेडिकल कॉलेज, बैंगलोर
  • एमएस रमैया मेडिकल कॉलेज, बैंगलोर

न्यूरोसर्जन बनने के लिए योग्यता की आवश्यकता

न्यूरोसर्जन कैसे बनें जानने के लिए आपको निम्न तरीके से अपनी शिक्षा प्रणाली पूरी करनी होगी – 

  • न्यूरोसर्जन बनने के लिए ज़रुरी है कि छात्र ने अपनी 12th की पढ़ाई PCB (भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान) से पूरी की हो।
  • छात्र ने 12वीं कक्षा अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी या कॉलेज द्वारा प्रवेश के लिए निर्धारित न्यूनतम 50% अंक के साथ उत्तीर्ण की हो।
  • भारत में न्यूरोसर्जन कोर्स करने के इच्छुक छात्रों को NEET UG की परीक्षा क्लियर करने की ज़रूरत होती है। कई विश्वविद्यालय या कॉलेज अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं, जिनमें आवश्यक अंकों को प्राप्त करके ही छात्रों उस कॉलेज या यूनिवर्सिटी में MBBS कोर्स करने के लिए सक्षम होंगे।
  • विदेश में एमबीबीएस के लिए प्रवेश परीक्षा जैसे NEETMCAT (ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, कनाडा के लिए), UKCATBMATGAMSAT (UK के लिए) आदि के स्कोर जरूरी होते हैं।
  • न्यूरोसर्जन बनने के लिए आपको MBBS के बाद न्यूरोसाइंस में MD/MS की पढ़ाई करनी होगी।
  • विदेश के विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए भाषा प्रवीणता के रूप में IELTSTOEFLPTE टेस्ट अंक ज़रूरी होते हैं। 
  • विदेश विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए SOPLOR और CV/Resume जैसे दस्तावेजों की भी आवश्यकता होती है।
  • उम्मीदवारों की एमबीबीएस में एडमिशन पाने के लिए न्यूनतम आयु 17 वर्ष होनी चाहिए। एमबीबीएस प्रवेश के लिए ऊपरी आयु सीमा 25 वर्ष है।

न्यूरोसर्जन बनने के लिए क्या होती है आवेदन प्रक्रिया? 

मेडिकल युनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करना आवश्यक है। यह आवेदन प्रक्रिया आपको आपके मन चाहे कॉलेज में एडमिशन दिलाने के लिए महत्वपूर्ण है-

  • पहले मेडिकल फीलड में डॉक्टर बनने से जुड़े सभी कोर्सेज को जानें और अपने लिए एक बेहतर विकल्प चुनें। 
  • उसके बाद कौन से कॉलेजेस आपका चुना कोर्स उपलब्ध करातें है पता लगाएं। 
  • ध्यान से कोर्स और कॉलेज के लिए दी गई योग्यता को पढ़ें। 
  • मेडिकल फील्ड में आपके चुनें विकल्प के लिए देने वाले एंट्रेंस एग्ज़ाम्स का पता लगाएं और आपके कॉलेज द्वारा स्वीकार किया जाने योग्य एग्ज़ाम चुनें। 
  • मेडिकल के क्षेत्र में प्रोग्राम के लिए एनरोल कर रहे कैंडिडेट का एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करना आवश्यक है। कुछ युनिवर्सिटीज़ मेरिट बेस यानी आपकी बारहवीं के एग्ज़ाम में आये मार्क्स को ध्यान में रखकर भी एडमिशन स्वीकार करते हैं जिसे कट ऑफ के अनुसार एडमिशन कहा जाता है।
  • कई युनिवर्सिटीस आपके एंट्रेंस एग्ज़ाम रिज़ल्ट अनुसार डायरेक्ट एडमिशन भी देतीं हैं जबकि कुछ उसके बाद भी एडिशनल चीज़ों के मुताबिक़ सेलेक्शन किया करतीं हैं जिसमें ज़्यादातर ग्रुप डिस्कशन और पर्सनल इंटरव्यू शामिल होतें हैं। 
  • रिजल्ट आने के बाद,काउंसिलिंग के लिए रजिस्टर करें और प्रोसेस फॉलो करें। 
  • अपने चुनें गए कॉलेज और कोर्स को काउंसिलिंग में सेलेक्ट करें। 
  • रजिस्टर करें और दस्तावेज़ जमा कराएं।

विदेश में आवेदन प्रक्रिया 

विदेश के विश्वविद्यालयों में आवेदन करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अपनी आवेदन प्रक्रिया का ख़ास ध्यान रखना होगा, नीचे दिए गए स्टेप्स को ध्यान से पढ़ें:-

  • कोर्सेज़ और युनिवर्सिटीज़ को शॉर्टलिस्ट करें: आवेदन प्रक्रिया में पहला स्टेप आपके शैक्षणिक प्रोफ़ाइल के अनुसार कोर्सेज़ और युनिवर्सिटीज़ को शॉर्टलिस्ट करना है। छात्र AI Course Finder के माध्यम से कोर्स और युनिवर्सिटी को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं और उन युनिवर्सिटीज़ की एक लिस्ट तैयार कर सकते हैं, जहां उन्हें अप्लाई करना सही लगता है।
  • अपनी समय सीमा जानें: अगला कदम विदेश में उन युनिवर्सिटीज़ और कॉलेजों की समय सीमा जानना है, जिनमें आप आवेदन करने का सोच रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को आवेदन प्रक्रिया के लिए काफी पहले (वास्तविक समय सीमा से एक वर्ष से 6 महीने पहले) ध्यान देना होता है। यह सुनिश्चित करता है कि छात्र कॉलेज की सभी आवश्यकताओं जैसे SOP, सिफारिश के पत्र, फंडिंग / स्कालरशिप का विकल्प और आवास को पूरा कर सकते हैं।
  • प्रवेश परीक्षा लें: विदेशी यूनिवर्सिटीज़ के लिए आवेदन प्रक्रिया के तीसरे स्टेप मे छात्रों को IELTSTOEFLPTE और यूनिवर्सिटी क्लिनिकल एप्टीट्यूड टेस्ट (UCAT) जैसे टेस्ट देने होते हैं। इंग्लिश प्रोफिशिएंसी टेस्ट में एक नया Duolingoटेस्ट है जो छात्रों को अपने घरों से परीक्षा में बैठने की अनुमति देता है और दुनिया भर में स्वीकार किया जाता है।
  • अपने दस्तावेज़ कंप्लीट करें: अगला कदम आवेदन प्रक्रिया के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज़ो और स्कोर को पूरा करके एक जगह पर संभल लें। इसका मतलब है कि छात्रों को अपना SOP लिखना शुरू कर देना चाहिए, शिक्षकों और सुपरवाइज़र्स से सिफारिश के पत्र प्राप्त करना चाहिए और अपने फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स को अन्य दस्तावेज़ों जैसे टेस्ट स्कोरकार्ड के साथ सिस्टेमैटिक तरह से रखलें। COVID-19 महामारी के साथ, छात्रों को अपना वैक्सीन प्रमाणपत्र डाउनलोड करना होगा। 
  • अपने आवेदन करने की प्रक्रिया प्रारंभ करें: एक बार जब आपके पास सभी दस्तावेज़ मौजूद हों, तो छात्र सीधे या UCAS के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। विदेश की युनिवर्सिटीज़ में आवेदन करने वाले छात्र जो सीधे आवेदन स्वीकार करते हैं, वे युनिवर्सिटी वेबसाइट के माध्यम से आवेदन करके शुरू कर सकते हैं। उन्हें कोर्सेज़ का चयन करना होगा, आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू करनी होगी।

न्यूरोसर्जन बनने के लिए किन-किन आवश्यक दस्तावेजों की पड़ती है ज़रूरत? 

डॉक्टर कैसे बनें ? जानने के साथ साथ उससे जुड़े कोर्स में अप्लाई करने के लिए छात्र को नीचे दिए गए दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी-

  • 10वीं और 12वीं उत्तीर्ण की मार्कशीट। 
  • ग्रेजुएशन उत्तीर्ण की मार्कशीट। 
  • भरा गया ऍप्लिकेशन फॉर्म।
  • कॉलेज छोड़ने का सर्टिफिकेट। 
  • हेल्थ सेक्टर में डिप्लोमा या वर्क एक्सपीरियंस की कॉपी।
  • भारतीय नागरिकता का प्रमाण जिसमें जन्म पत्री या पासपोर्ट हो सकता है। 
  • किसी मान्यता प्राप्त डॉक्टर द्वारा दिया गया ‘फिज़िकल फिटनेस सर्टिफिकेट’
  • विदेश में पड़ने के लिए जाने वाले छात्र का पासपोर्ट और वीज़ा
  • कैंडिडेट की 5 पासपोर्ट साइज़ फोटो। 
  • लैंग्वेज टेस्ट स्कोर शीट IELTSTOEFL आदि। 
  • SOP जमा कराएं। 
  • LORs जमा कराएं। 

टॉप एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा

यहां उन सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रवेश परीक्षाओं की सूची दी गई है जिनका उपयोग भारत और विदेशों में विश्वविद्यालय एमबीबीएस डिग्री के लिए छात्रों को प्रवेश देने के लिए करते हैं:

NEETBMATAIIMS-MBBS
UCAT MCAT JIPMER
CMC Vellore EAMCET BHU PMT
USMLEFPMTOG
CMSEFMGEOMET

करियर

न्यूरोसर्जन कैसे बने के लिए धैर्य, शारीरिक सहनशक्ति और समस्याओं को सुलझाने का कौशल आपको जीवन में बेहतर न्यूरोसर्जन के साथ-साथ एक वरिष्ठ डॉक्टर भी बनाने की क्षमता रखता है। न्यूरोसर्जरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद आपके के लिए सबसे उच्च जॉब प्रोफाइल निम्न हैं –

  • न्यूरोलॉजिस्ट
  • न्यूरोसर्जन
  • न्यूरो-फिजिशियन

टॉप रिक्रूटर्स

न्यूरोसर्जनकप भर्ती करने वाले टॉप रिक्रूटर्स निम्न हैं –

  • Indian Armed Forces Medical Services
  • MAX
  • Fortis
  • AIIMS
  • Artemis
  • Apollo Hospitals

सैलरी

न्यूरोसर्जन बनने के बाद आपकी सैलरी कुछ इस प्रकार रहेगी –

  • यदि हम अपने देश की बात करें तो भारत में एक न्यूरोसर्जन की औसतन सैलरी 9-10 लाख रूपये तक हो सकती है।
  • किसी जिले के उच्च अनुभवी न्यूरोसर्जन की सैलरी 1 लाख रूपये प्रति माह हो सकती है। 
  • AIIMS जैसे अस्पतालों की बात करें तो एक अनुभवी न्यूरोसर्जन की सैलरी लगभग 30 लाख रूपये हो सकती है।     

FAQs

न्यूरोसर्जन का काम क्या होता है?

जब मष्तिष्क और रीढ़ में रोग प्रभावित हो जाता है तो उनका इलाज़ सर्जरी से करते हैं जो कार्य न्यूरोसर्जन का है। न्यूरोसर्जन लोगों की सेवा और सुरक्षा के लिए 24X7 तत्पर है।

न्यूरोलॉजी किसका अध्ययन है?

न्यूरोलॉजी तंत्रिका विज्ञान (Neuroscience) तन्त्रिका तन्त्र के वैज्ञानिक अध्ययन को कहते हैं।

न्यूरोलॉजिस्ट क्या है?

दिमाग और रीढ़ की हड्डी के बीमारी के सन्दर्भ में इसके अध्ययन को न्यूरोलॉजी कहते हैं और इसके शल्य-प्रक्रिया को पूरा करने वाले को न्यूरोसर्जन। न्यूरोलॉजिस्ट इस क्षेत्र के विशेषज्ञ को कहते हैं।

न्यूरोसर्जरी कैसे किया जाता है?

न्यूरोलॉजिस्ट सर्जरी यानि शल्य-क्रिया के लिए अत्यधिक जानकारी और आधुनिक ऑपरेटिंग उपकरणों   पर सम्पूर्ण विश्वास करते हैं।

मस्तिष्क के डॉक्टर को क्या कहते हैं?

मष्तिष्क के डॉक्टर को न्यूरोलॉजिस्ट कहते हैं। दिमाग के डॉक्टर मनोरोग विशेषज्ञ भी होते हैं पर उनका काम न्यूरोलॉजिस्ट और न्यूरोसर्जन से अलग होता है।

उम्मीद है, कि इस ब्लॉग में आपको न्यूरोसर्जन कैसे बने के बारे में सभी जानकारी मिल गई होगी। यदि आप विदेश में न्यूरोसर्जन बनने की पढ़ाई करना चाहते हैं, तो हमारे Leverage Edu एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन 1800 572 000 पर कॉल कर बुक करें।

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