अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर के बाद करियर विकल्प

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अर्थशास्त्र का मतलब आप सामान्य शब्दों में समझ सकते हैं कि यह संसाधनों के उपयोग के लिए कमी और इसके प्रभावों का अध्ययन है। अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान है जो वस्तुओं और सेवाओं के प्रोडक्शन, डिस्ट्रीब्यूशन और कनसंप्शन का अध्ययन करता है। अर्थशास्त्र आर्थिक एजेंटों के बिहेवियर और बातचीत पर फोकस करता है और इसके साथ-साथ की अर्थव्यवस्था कैसे काम करती है आदि। इस ब्लॉग में हम आपको अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर के बाद करियर विकल्प के बारे में बताया गया है। 

डिग्री पोस्ट ग्रेजुएट
संबंधित कोर्सइकोनॉमिक्स (अर्थशास्त्र) में एमए, एमएस तथा एमकॉम
अवधि 2 वर्ष
योग्यताकिसी मान्यता प्राप्त संस्थान से आर्ट्स इकोनॉमिक्स के स्ट्रीम से बैचलर डिग्री
एडमिशन कि प्रक्रिया एंट्रेंस एग्जाम, इकोनॉमिक्स में बैचलर डिग्री तथा किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से इस क्षेत्र में कोई कोर्स
This Blog Includes:
  1. अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर क्या होता है?
  2. अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर को क्यों चुने?
    1. स्पेशलाइजेशन
    2. बड़े पैमाने की अर्थव्यस्थाएं 
    3. इकोनॉमिक्स का हमारे दैनिक जीवन से संबंध 
    4. अर्थशास्त्र द्वारा प्रस्तुत दृष्टिकोण
    5. सामाजिक विज्ञान और गणित का मिश्रण
    6. अच्छे करियर विकल्प
    7. इंडस्ट्री में प्रभाव तथा बिजनेस सफलता को प्रेरित करना 
  3. अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर में आवश्यक स्किल्स
  4. टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज़ तथा अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर के बाद कोर्सेज
  5. टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज़
  6. योग्यता
  7. आवेदन प्रक्रिया
  8. आवश्यक दस्तावेज़ 
  9. अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर के बाद करियर के विकल्प
  10. FAQs

अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर क्या होता है?

अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर या ये कहें कि मास्टर ऑफ इकोनॉमिक्स एक 2 वर्ष का पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम है। यह डिग्री इकोनॉमिक्स (अर्थशास्त्र में) में एमए, एमएस तथा एमकॉम के नाम से भी उपलब्ध करवाई जाती है। इकोनॉमिक थिअरी, इकोनोमेट्रिक्स और अप्लाइड इकोनॉमिक्स की ट्रेनिंग इस कोर्स में शामिल है। सेवाओं और वस्तुओं का उत्पादन, समय के साथ में होने वाले उत्पादन, वृद्धि तथा समाज में महत्वपूर्ण चिंता के कई अन्य जटिल मुद्दे हैं जिनकी एक बड़ी विविधता है। इन सभी से अर्थशास्त्र किस प्रकार जुड़ा हुआ है ये भी इस कोर्स में सिखाया जाता है। 

अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर को क्यों चुने?

आपके द्वारा अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर को करियर विकल्प के लिए क्यों चुना जाए इसके निम्न कारण नीचे दिए गए हैं:

स्पेशलाइजेशन

स्पेशलाइजेशन की योजना वह है जिसमें एक संगठन या कंपनी के द्वारा उसकी एफिशिएंसी को बढ़ाने के लिए सीमित मात्रा में माल का उत्पादन किया जाता है। इसमें एक समूह के द्वारा सबसे उपयुक्त एक विशिष्ट कार्य को करने की जिम्मेदारी लेता है। उदाहरण के तौर पर कई देश ऐसे हैं जो अपने प्रोडक्ट्स तथा सर्विसेज के उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ हैं तथा वे इनका व्यापार अपने यहां तथा अन्य जगहों पर भी करते हैं। बिजनेस में स्पेशलाइजेशन का यह मतलब है कि बिना किसी अन्य वस्तु पर फोकस किए सिर्फ एक हि प्रोडक्ट कि एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए उसका एक निर्धारित संख्या में उत्पादन करना। 

बड़े पैमाने की अर्थव्यस्थाएं 

इसमें पैमाने वाली अर्थव्यवस्थाओं के बारे में पढ़ने का मौका आपको मिलता है। दक्षता और पैमाने के अर्थशास्त्र के बारे में ज्ञान प्राप्त करके आप अपनी उत्पादकता में आसानी से सुधार करने में सक्षम होंगे। जैसे कि आप लागत को कम करके रिटर्न में अधिकतम प्राप्ति कर सकते हैं और इस कोर्स में आप इकोनॉमिक थियोरिज और उससे जुड़ी हुई बिजनेस और एप्लीकेशंस साथ में एनवायरमेंट पॉलिसियों के इकोनॉमी प्रभाव और लार्ज स्केल इकोनॉमी फैक्टर आदि भी पढ़ेंगे। 

इकोनॉमिक्स का हमारे दैनिक जीवन से संबंध 

अर्थशास्त्र हमारे जीवन के लगभग हर पहलू का एक अभिन्न अंग है यदि आप इसे अपने करियर विकल्प के तौर पर चुनते हैं तो आप इसके बारे में और अधिक जान पाएंगे। यह आपको फाइनेंशियल ट्रेंड्स को समझने में मदद कर सकता है और उन ट्रेंड्स की सहायता से आप अच्छी जॉब पा सकते हैं। 

अर्थशास्त्र द्वारा प्रस्तुत दृष्टिकोण

अर्थशास्त्र के द्वारा प्रस्तुत जो दृष्टिकोण हैं वे बहुत यूनिक है। उपलब्ध एनालाइजड डाटा की सहायता से समाज में बहुत ही कारगर तरीके से नए तथा दुर्लभ संसाधनों का बेहतर तरीके से उपयोग किया जा सकता है। अतः अर्थशास्त्र के अध्ययन की सहायता से लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है। 

सामाजिक विज्ञान और गणित का मिश्रण

अर्थशास्त्र का अध्ययन उन लोगों के लिए भी कारगर हो सकता है जिनको गणित की समस्याओं को हल करना तथा उसके साथ-साथ लोगों की सामाजिक समस्याओं का भी निवारण करने में रुचि हो। एक मास्टर्स डिग्री का अध्ययन करके आप इस काम में महारथ हासिल कर सकते हैं, बड़ी समस्याओं को हल कर सकते हैं तथा डाटा को अच्छे से इखट्टा तथा एनालाइज कर सकते हैं।  

अच्छे करियर विकल्प

इकोनॉमिक्स के क्षेत्र से डिग्री प्राप्त करने से कई सारे बिजनेस में आपको नौकरी मिलने की संभावना बढ़ेंगी। 

बहुत से क्षेत्रों में अर्थशास्त्र से संबंधित अवधारणाओं और मॉडलों की मांग है। आप अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए तथा अपने उद्योग को सक्रिय करने के लिए अर्थशास्त्र के बारे में सीखकर अपनी वर्तमान भूमिका में और अधिक प्रभाव ला सकते हैं। 

इंडस्ट्री में प्रभाव तथा बिजनेस सफलता को प्रेरित करना 

जैसा कि आप जानते ही हैं व्यापार और उद्योग का क्षेत्र अर्थशास्त्र से बहुत अधिक प्रभावित है, इसलिए गतिशील अर्थशास्त्र के बारे में समझना आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। लाभ पर ध्यान केंद्रित रखना और नए अवसरों के बारे में जागरूक होने से बिजनेस लीडर्स को लाभ बढ़ाने में सहायता मिलेगी। 

अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर में आवश्यक स्किल्स

एमए अर्थशास्त्र के छात्र को एनालिटिकल और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स हीं नही बल्कि उन्हें इस क्षेत्र में सफलता कैसे प्राप्त करनी है इसकी स्किल्स भी ज़रूरत होती है, उन्हें कॉम्प्लेक्स बाजारों को समझने और वर्क प्लेस में सफल होने के लिए कुछ कारण भी आवश्यक है जो इस प्रकार हैं:

  • इकोनामिक प्रैक्टिस की ठोस समझ होनी चाहिए
  • कम्युनिकेशन स्किल्स
  • रिसर्च से संबंधित उन्नत स्किल्स
  • इकोनॉमी को प्रभावित करने वाले वैश्विक मुद्दों का ज्ञान 
  • इकोनामिक मॉडल पर मजबूत पकड़ होनी चाहिए
  • इकोनॉमी के अलग अलग क्षेत्रों का व्यापक ज्ञान होना चाहिए

टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज़ तथा अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर के बाद कोर्सेज

कई सारी ऐसी विदेशी यूनिवर्सिटीज़ हैं जहां से आप अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर के बाद PhD डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। इन कोर्सेज में 3-4 वर्षों का समय लगता है तथा इकोनॉमी में PhD करने के बाद आप अर्थशास्त्र में विशेषज्ञ माने जायेंगे। नीचे कुछ ऐसी विदेशी यूनिवर्सिटीज़ के नाम दिए गए हैं जो अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर के बाद में PhD कोर्स ऑफर करती हैं :

यूनिवर्सिटी का नामकोर्स का नामलोकेशनअवधि
पीटर द ग्रेट सेंट पीटर्सबर्ग पॉलीटेक्निक यूनिवर्सिटीPhD In Economics and Managementरूस3 से 4 वर्ष
मॉड्यूल यूनिवर्सिटीPhD in Business and Socioeconomic Sciencesऑस्ट्रिया4 वर्ष
टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ लाइब्रेकPhD in Economics and Managementचेक रिपब्लिक4 वर्ष
यूनिसेफ यूनिवर्सिटीPhD in Accounting and Financeअमेरिकापार्ट टाइम तथा फुल टाइम
यूएससी संतीएगोPhD in Statistics and Operations Researchस्पेन3 वर्ष
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटीPhD in Statisticsअमेरिका5 वर्ष
सेलिनिस यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड लिटरेचरDoctor of Philosophy (PhD) in Accountingयूकेपार्ट टाइम तथा फुल टाइम
फ्री यूनिवर्सिटी ऑफ बोजेन बोंजलोPhD in Economics and Financeइटली4 वर्ष
विएना ग्रेजुएट स्कूल ऑफ फाइनेंसPhD in Financeऑस्ट्रिया5 वर्ष
विएना यूनिवर्सिटी ऑफ इकोनॉमिक्स एंड बिजनेसDoctoral Program in International Business Taxationऑस्ट्रिया6 सेमेस्टर प्रणाली
यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बा लूलियाPhD in Accountingरोमानिया3 वर्ष
टूलआउज स्कूल ऑफ मैनेजमेंटDoctoral Program in Managementफ्रांस5 वर्ष
एशिया पेसिफिक यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशनPhD in Financeमलेशिया3 से 4 वर्ष

टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज़

भारत में अर्थशास्त्र में PhD डिग्री देने वाले 10 सर्वश्रेष्ठ संस्थानों के नाम नीचे दिए गए हैं-

  • जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली
  • क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बैंगलोर
  • जादवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता
  • सावित्री बाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी, पुणे
  • जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
  • यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद, हैदराबाद
  • अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़
  • मणिपाल यूनिवर्सिटी, जयपुर
  • बिट्स पिलानी, झुंझुनू
  • सीएमआर यूनिवर्सिटी, बैंगलोर

योग्यता

विदेश के शीर्ष विश्वविद्यालयों से बीए इंग्लिश के बाद उपरोक्त कोर्स करने के लिए, आपको कुछ पात्रता शर्तों को पूरा करना होगा। हालांकि योग्यता मानदंड एक विश्वविद्यालय से दूसरे विश्वविद्यालय में भिन्न हो सकते हैं, यहां कुछ सामान्य शर्तें दी हैं-

  • आवेदक का इंटरमीडिट में परिणाम कम से कम 50% से अधिक होना अनिवार्य हैं।
  • मास्टर्स डिग्री कोर्स के लिए ज़रूरी है कि उम्मीदवार ने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज से बीए इंग्लिश बैचलर्स डिग्री प्राप्त की हो।
  • PhD कोर्स में एडमिशन के लिए कुछ विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं इसके बाद ही आप इन कोर्सेज के लिए पात्र हो सकते हैं। विदेश की कुछ यूनिवर्सिटीज़ में PhD के लिए प्रवेश परीक्षा स्कोर की अवश्यकता होती है।
  • साथ ही विदेश के लिए आपको ऊपर दी गई आवश्यकताओं के साथ IELTS या TOEFL स्कोर की भी आवश्यकता होती है।
  • विदेश के विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए SOP, LOR, CV/रिज्यूमे  और पोर्टफोलियो  भी जमा करने होंगे।

क्या आप IELTS/TOEFL/SAT/GRE में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते हैं? आज ही इन टेस्ट की बेहतरीन तैयारी के लिए Leverage Live पर रजिस्टर करें और अच्छे अंक प्राप्त करें।

आवेदन प्रक्रिया

कैंडिडेट को आवदेन करने के लिए नीचे दी गई प्रक्रिया को पूरा करना होगा-

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप हमारे AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध (essay), सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप हमारी Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है:

  • सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  • यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

आवदेन प्रक्रिया से सम्बन्धित जानकारी और मदद के लिए Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से 1800 572 000 पर संपर्क करें।

आवश्यक दस्तावेज़ 

विदेशी विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने के लिए नीचे दिए गए दस्तावेज होने आवश्यक हैं-

  • सभी आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्ट और ग्रेड कार्ड
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • पासपोर्ट फोटोकॉपी
  • वीज़ा 
  • अपडेट किया गया प्रोफेशनल रिज्यूमे  
  • इंग्लिश प्रोफिशिएंसी टेस्ट स्कोर 
  • सिफारिश पत्र या LOR
  • स्टेटमेंट ऑफ़ पर्पस SOP 

छात्र वीजा पाने के लिए भी हमारे Leverage Edu विशेषज्ञ आपकी हर सम्भव मदद करेंगे।

अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर के बाद करियर के विकल्प

अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर के बाद करियर के विकल्प के रूप में आपको इकोनॉमिस्ट, मार्केट रिसर्च एनालिस्ट, क्रेडिट एनालिस्ट, स्टेसिस्टीशियन, फाइनेंशियल एनालिस्ट के रूप में करियर विकल्प उपलब्ध होते हैं। कुछ वर्षों के अनुभव से आप अच्छे पदों पर कार्य कर सकते हैं। इन जॉब प्रोफाइल के लिए एवरेज सैलरी पैकेज इस प्रकार हो सकता है:

जॉब प्रोफाइलअनुमानित सालाना सैलरी (INR)
इकोनॉमिस्ट9-10 लाख
मार्केट रिसर्च एनालिस्ट4-5 लाख
क्रेडिट एनालिस्ट7-8 लाख
स्टेसिस्टीशियन4-5 लाख
फाइनेंशियल एनालिस्ट3-5 लाख

FAQs

इकोनॉमिक्स में PhD करने के लिए कितने वर्षों का अनुभव प्राप्त करना होता है?

इकोनॉमिक्स में PhD करने के लिए आपको लगभग 5 से 6 वर्षों का कार्य अनुभव प्राप्त करना जरूरी होता है। 

अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर के बाद आप किन प्रतिष्ठित संस्थानों में काम कर सकते हैं?

अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर के बाद आप कई सारी यूनिवर्सिटीज में पढ़ने, किसी मार्केटिंग फर्म तथा अन्य बिजनेस में काम कर सकते हैं। 

इकोनॉमिक्स में स्नातकोत्तर कितने वर्षों का होता है?

इकोनॉमिक्स में स्नातकोत्तर सामान्यतः 2 वर्षों का होता है। 

उम्मीद है आपको अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर के बाद करियर विकल्प से संबंधित हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा, यदि आप भी किसी विदेशी यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं तो आज ही 1800 572 000 पर कॉल करके हमारे Leverage Edu  के एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें। वे एक उचित मार्गदर्शन के साथ आवेदन प्रक्रिया में भी आपकी मदद करेंगे।

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