महात्मा गांधी, जिन्हें ‘राष्ट्रपिता’ के नाम से जाना जाता है, ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपने अद्वितीय दृष्टिकोण और नेतृत्व से एक नई दिशा दी। उनके जीवन के कई पहलुओं में से एक महत्वपूर्ण पहलू उनका परिवार और प्रारंभिक जीवन है। महात्मा गांधी के पिता ने न केवल उनके व्यक्तित्व को आकार दिया बल्कि उनके विचारों और आदर्शों पर भी गहरा प्रभाव डाला। इस ब्लॉग में, आप महात्मा गांधी के पिता का नाम, उनकी भूमिका और उनके व्यावहारिक ज्ञान के बारे में जानेगें, जिससे हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि कैसे पारिवारिक मूल्य और संस्कार महात्मा गांधी के जीवन में महत्वपूर्ण रहे।
महात्मा गांधी के पिता का नाम
महात्मा गांधी के पिता का नाम करमचंद गांधी था। वे पोरबंदर रियासत में प्रधानमंत्री, राजस्थानिक कोर्ट के सभासद, राजकोट में दीवान और कुछ समय तक वांकानेर के दीवान के उच्च पद पर प्रतिष्ठित थे। इन्हें कबा गांधी के नाम से भी जाना जाता था।
करमचंद गांधी का जीवन परिचय
महात्मा गांधी के पिता का नाम करमचंद उत्तमचंद गांधी था। उनका जन्म वर्ष 1822 में पोरबंदर में हुआ था। वे गांधी परिवार के पाँचवें पुत्र थे और दीवान के पद पर कार्यरत थे। करमचंद गांधी, जिन्हें कबा गांधी के नाम से भी जाना जाता था, सत्यप्रिय और कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति थे। उन्होंने पोरबंदर, राजकोट, और वांकानेर में दीवान के रूप में सेवा की।
वे एक उदार और दृढ़ व्यक्ति थे, जो रिश्वत से दूर रहते थे। अपनी ईमानदारी और न्यायप्रियता के कारण, उन्हें एक बार राजकोट के ठाकुरसाहब के अपमान के विरोध में जेल भी जाना पड़ा था। करमचंद गांधी ने चार विवाह किए थे और मोहनदास करमचंद गांधी उनके अंतिम पुत्र थे।
करमचंद गांधी की शिक्षा सीमित थी, लेकिन उनका व्यावहारिक ज्ञान बहुत उच्च कोटि का था। उन्हें धर्म का बुनियादी ज्ञान था और वे नियमित रूप से गीता का पाठ करते थे। उनके जीवन का अधिकांश समय अपने परिवार की देखभाल और अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए बीता।
उनकी पत्नी पुतलीबाई एक धार्मिक और व्रतधारी महिला थीं, जिन्होंने अपने कर्तव्यों को निभाने में कभी भी कोई कमी नहीं छोड़ी। करमचंद गांधी के जीवन और उनके आदर्शों ने मोहनदास करमचंद गांधी पर गहरा प्रभाव डाला, जिसने उनके सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों को मजबूत किया। करमचंद जी ने 16 नवंबर 1885 राजकोट में संसार से विदा ली।
FAQs
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात, भारत में हुआ था।
महात्मा गांधी की बेटी नहीं थी, उनके चार बेटे थे।
गांधी जी के पहले पुत्र हीरालाल थे।
महात्मा गांधी का विवाह कस्तूरबा से हुआ था।
महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है।
सत्याग्रह, जिसे “सत्य की पथ” या “अहिंसात्मक सत्याग्रह” भी कहा जाता है, महात्मा गांधी द्वारा विकसित किया गया एक अद्वितीय प्रकार का आंदोलन था। इसमें लोग अपने मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अहिंसा, सत्य, और आपसी समझ के साथ सड़क पर उतरते थे।
महात्मा गांधी के जीवन में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं, जैसे कि दांडी मार्च, सोल्ट सत्याग्रह, खिलाफत आंदोलन, चंपारण आंदोलन, और बरादोली सत्याग्रह। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के लिए अपने जीवन की कई बड़ी प्रक्रियाएँ आयोजित की।
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आशा है कि आपको महात्मा गांधी के पिता का नाम और उनके बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी यहां मिल गई होगी। ऐसे ही गाँधी जी और उनके परिवार से जुड़ी जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।