संस्कृत भाषा को विश्व की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक माना जाता है। ज्यादातर हिंदू ग्रंथ संस्कृत भाषा में ही लिखे गए हैं। संस्कृत भाषा से ही कई भाषाओं का निर्माण हुआ हैं जैसे- हिंदी, बांग्ला, मराठी, पंजाबी आदि। संस्कृत भाषा को देव भाषा माना जाता है। देश में कई विश्वविद्यालय हैं जो MA Sanskrit कोर्स उपलब्ध करते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि MA Sanskrit कैसे करें।
कोर्स | MA Sanskrit |
फुल फॉर्म | मास्टर्स ऑफ़ आर्ट्स इन संस्कृत |
ड्यूरेशन | 2 वर्ष |
योग्यता | किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बैचलर डिग्री या उसके समान आर्ट्स में डिग्री |
एडमिशन प्रोसेस | मेरिट / प्रवेश-आधारित |
एवरेज सालाना फीस | INR 10,000-1 लाख |
एवरेज सालाना सैलरी | 3-9 लाख |
जॉब प्रोफाइल्स | -संस्कृत टीचर -ऑनलाइन ट्रांस्क्रिप्टर -लेक्चरर -राजभाषा अधिकारी |
टॉप कॉलेज | -मिरांडा हाउज़ -हिंदू कॉलेज -लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वीमेन -ABVHV |
कोर्सेज | -B.Ed. -M.Phil. (संस्कृत) -Ph.D. (संस्कृत) |
This Blog Includes:
- MA संस्कृत क्या है?
- MA संस्कृत क्यों करें?
- MA संस्कृत के लिए अनिवार्य स्किल्स
- संस्कृत में MA करने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड
- MA संस्कृत सिलेबस
- संस्कृत में कोर्सेज
- MA संस्कृत के फायदे
- MA संस्कृत के टॉप कॉलेज
- MA संस्कृत के लिए आवश्यक योग्यता
- आवेदन प्रक्रिया
- महत्वपूर्ण दस्तावेज़
- प्रवेश परीक्षाएं
- MA संस्कृत के लिए किताबें
- पिछले वर्षो में आने वाले एग्ज़ामस के प्रश्न की PDF डाउनलोड
- जॉब रोल्स और सैलरी
- FAQs
MA संस्कृत क्या है?
MA यानी मास्टर ऑफ़ आर्ट्स एक ऐसी डिग्री जिसके अंदर कई स्पेशलाइज़ेशन्स आती हैं। इन्ही विशेषताओं में से एक है MA इन संस्कृत। संस्कृत काफी पुरानी और कह लीजिए पूर्वजों के ज़माने से चली आ रही भाषा होने के कारण भारत वासियों के दिल में एक अलग स्थान रखती है। इस कोर्स में विद्यार्थी जिन्हे इस भाषा में महारथ हासिल कर इसी में करियर डेवेलप करना है वे अपनी पढ़ाई पूरी करने का निर्णय ले सकते हैं।
MA संस्कृत क्यों करें?
MA संस्कृत क्यों करना चाहिए, इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स दिए गए हैं-
- इस कोर्स में, छात्र देवनागरी लिपि में पढ़ना और लिखना सीखते हैं, इस प्रकार डिजिटल पोस्टर बनाने, कविताओं की रचना करने और संस्कृत में थिएटर स्क्रिप्ट लिखने के अपने कौशल को बढ़ाते हैं।
- छात्र केवल साहित्य का अनुवाद करने तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि संगीत, जनसंचार माध्यम, पर्यटन और शिक्षण के क्षेत्र में व्यापक योगदान दे सकते हैं।
- MA Sanskrit कोर्स मूल रूप से दैनिक उपयोग, बातचीत और भूमिका निभाने के माध्यम से भाषा के मूल तत्वों को पढ़ाने पर केंद्रित है।
- इस कोर्स को संस्कृत में करने के दौरान, आपको संस्कृत में वाक्य बनाने की व्यावहारिक व्याख्या और निर्देश सीखने को मिलेगा। छात्रों को पढ़ने और लिखने के कौशल में सहायता मिलेगी।
- इस प्रोग्राम में, रूपों, मामलों और काल के व्यावहारिक ज्ञान को क्रमिक तरीके से पढ़ाया जाता है।
MA संस्कृत के लिए अनिवार्य स्किल्स
संस्कृत भाषा में मास्टर्स के लिए जो अति आवश्यक स्किल है वो है आपका संस्कृत भाषा को लेकर गंभीरता रखना साथ ही साथ इस भाषा में आने वाले सभी विषयों की गहराई को समझना। एक ज़मीन से जुड़ी भाषा की गहराई को जानना और उसी गंभीरता से समझने की स्किल यहाँ अनिवार्य है।
संस्कृत में MA करने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड
संस्कृत में मास्टर्स करने के लिए दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें-
- किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वी उत्तीर्ण करें।
- एक मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त करें। आपकी ग्रेजुएशन संस्कृत की ही फील्ड में होना आवशयक हैं। BA संस्कृत इसका एक अच्छा उदाहरण है।
- मास्टर्स की डिग्री के लिए अप्लाई करें।
MA संस्कृत सिलेबस
Ma Sanskrit का पूरा सिलेबस नीचे दिया गया है-
सेमेस्टर | MA संस्कृत सब्जेक्ट्स |
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सेमेस्टर 1 | -वैदिक भजन (ऋगवेद-संहिता के निम्नलिखित भजन सयाना की टिप्पणी के साथ): आरके संहिता: 1.1, 1.35, 1.154, II। 33, X.90 -आचार्य शंकरन का आत्मबोध प्रवचनम -संस्कृत दर्शनशास्त्र -शास्त्रीय संस्कृत साहित्य का इतिहास -मेघदूतम -अशोकन एडिट्स: रॉक एडिट्स -III, IV, V, VI, XII, XIII निरुक्त (1.1-1.14) -संस्कृत व्याकरण का इतिहास -कौटिल्य का अर्थशास्त्र अधिरचना II – अध्याय 1, 2, 5, 6, 7, 8, 35,36 |
सेमेस्टर 2 | -आरके संहिता (स्याना टिप्पणी के साथ आरजी वेद संहिता के निम्नलिखित भजन): आरके संहिता – 1.2, 1.3,1.4,6.64,7.86,10.129 -सांख्य अरिका -वैदिक साहित्य का इतिहास -व्याकरण सिद्धान्तकौमुदी (पूर्ववर्धा) समाज, परिभासा, एसी सांधी [प्राकृतभावा तक] -मृच्छकटिकम (I-IV) -साहित्यपद (अध्याय -1, 2) साहित्यदर्पण (अध्याय -3 से रसानुपरुपन तक) -भासप्रिकेडा (केवल खंडा खंडा) -सयाना की ऋग्वेदश्याभोपरामनिका अशोकन की शिक्षाएँ: स्तंभ शिक्षा – IV, VII |
सेमेस्टर 3 | -व्याकरण सिद्धान्तकुमारी (उत्तरार्ध) भिवाड़ी -पतंजलि की महाभाष्य (केवल पपसा) -केनोपनिषद -याज्ञवल्क्य – स्मृति (व्यवाहरध्याय) -अनुसंधान पद्धति और पांडुलिपि -भासापरिचेडा (अनूमन, उपमन और सबदा-खंडा विद मुक्तावली और मननरूप) -मृच्छकटिका (V – X), प्राकृतप्रकाश (I, II) शिलालेख (केवल चयनित शिलालेख): 1. रुद्रमा का जुनागढ़ शिलालेख (एपिग्राफिया इंडिका, खंड। V, P.42) 2. चंद्रा का महरौली लौह स्तंभ शिलालेख (JF बेड़े, Corp.Ins.Ind।, Vol.III, नंबर 32 Cal।, 1888) 3. दामोदरपुर कॉपर प्लेट गुप्त के समय का शिलालेख (543 ईस्वी) (एपिग्राफिया इंडिका, XV। P.142)। 4. मिहिरकुला के समय का ग्वालियर शिलालेख, प्रति वर्ष 15 (फ्लीट, सी 11, III नंबर 37) शिलालेख (केवल चयनित शिलालेख) 1. फरीदपुर कॉपर प्लेट का शिलालेख धर्मादित्य, प्रति वर्ष 3 (भारतीय पुरातन, XXXIX) 2. सासांका के क्षेत्र मिदनापुर प्लेट्स (JRASB, पृष्ठ 19,1945) 3. धर्मपाल की खालिमपुर ताम्रपत्र शिलालेख, वर्ष 32 (एके मैत्रेयन, गौड़ाखमाला, राज शाही, 1919 बीएस) |
सेमेस्टर 4 | -धवनालोक (केवल उद्योग) -नैसधकारितम (केवल नौवां कैंटो) -मुदरकस (संपूर्ण) -दशरूपक (I से III) -काव्यप्रकाश (I -V अध्याय) -रस गंगाधारा- (मैं अमन, कविता के वर्गीकरण तक) -परियोजना |
सेमेस्टर 5 | -गौतम सूत्र नयभास्यम 1.1 के साथ। 1-6, 1.1.7-22 (केवल सूत्र) -व्यास संयोग (समाधि पद) के साथ योग सूत्र, सूत्र संख्या 39 तक -वेदांतदर्शन, शारिकभास्य (अध्यासभास्य और अध्याय 1.1.1 –6, 12-19) के साथ -बौधदर्शन (सर्वदर्शनसंग्रह से) -वेराडदर्शन, शारिकभास्य के साथ (अध्याय- II.I.1-17, II.II.1-3, 11-16) -वेदांतपरिभासा (केवल प्रतीकात्मक) प्रत्यभिज्ञहनम् (सूत्र – 1-10) |
सेमेस्टर 6 | -वैदिक भजन: – वाजसनेयी संहिता – XVI। (1-16), 34 (1-6)। अथर्ववेद संहिता – बारहवीं। 1-12, XIX.53 (17)। -ब्राहादेवता (अध्याय- I) -शतपथ ब्राह्मण (कांडा –I, प्रपत्का -1, ब्राह्मण -1, अधयन -1-2), निरुक्त – II (1-4), VII (1-13) -आरके- प्रितिसख्या (I-III) -अथरे ब्राह्मण (पंचिका -I अध्याय I -II, पंचिका- VI अध्याय XXXIII सुनहसपा कथा) -वैदिक व्याख्याओं (पारंपरिक और आधुनिक) का असवालयण श्रौतसूत्र (अध्याय – I): वेंकट माधव, स्कंदवास्विन, सयाना, अरबिंदो, दयानंद, मैक्स मुल्ला रोथ। |
सेमेस्टर 7 | 1.बेसनगर गरुड़ -पिलार शिलालेख (जेबीआरएएस खंड। XXIII) 2.सारनाथ बौद्ध चित्र कनिष्क का शिलालेख I वर्ष 3 (EI। Vol VII) 3.मथुरा स्टोन हुविस्का का शिलालेख, वर्ष 28, (ईआई-एक्सएक्सआई) 4.हाथीगुम्फा शिलालेख खारवेल (BMBarua, उदयगिरि और खंडगिरी गुफाओं में पुराने ब्राह्मी शिलालेख, काल 1929) 5.नासिक गुफा शिलालेख वासिष्ठिपुत्र पुलामायि, वर्ष 19 (ईआई- VII)। 6.आदित्यसेना का पत्थर का शिलालेख। (फ्लीट, कॉर्प इंस। Ind। III। कल 1888)। 7.हर्षवर्धन (ईआई- IV) के जी बांसखेड़ा कॉपर प्लेट शिलालेख 8.ग्वालियर स्टोन मिहिर भोज का शिलालेख (ईआई-XVIII) 9.ईश्वरवर्मन का ईशान शिलालेख (EI – XIV)। प्राचीन शिलालेखों का अध्ययन (लिखित -45 अंक + विवा- Voce- 05 अंक) 1.इलाहाबाद स्टोन स्तंभ समुद्रगुप्त (जेएफ फ्लीट, कॉर्पोरेशन इं। Ind। खंड III III 1888) का शिलालेख। 2.दामोदरपुर कॉपर प्लेट शिलालेख, वर्ष 124 (ईआई XV)। 3.कुमारसुप्ता और बंध वर्मन का मंडसोर स्टोन शिलालेख (फ्लीट, CII; वॉल्यूम III)। 4.जूनागढ़ रॉक स्कैंडगुट (इबिड) का शिलालेख। 5.भितरे स्तंभ स्कंदगुप्त (इबिड) का शिलालेख। 6.मंडसोर स्टोन शिलालेख यसोधरमैन, अनडेटेड (इबिड)। 7.मल्लासारुल कॉपर प्लेट शिलालेख गोपाकंद्रा, वर्ष 3 (ईआईएक्सएक्सवी)। पालियोग्राफी (गुप्त लिपियों) (लिखित -45 अंक + विवा- Voce- 05 अंक) चयनित शिलालेख: 1. महास्थान सुगंधित पाषाण पट्टिका शिलालेख (Ep- Ind। Vol। XXI) 2. भास्कर वर्मन का निधनपुर कॉपरप्लेट शिलालेख। (ईआई। XII, XIX) 3. देवा पाला (EI-XVII) का नालंदा कॉपरप्लेट शिलालेख 4. नारायण अपाला (एके मैत्रेयन, गौड़ा-लेखमाला) का बादलालुगुड़ा स्तंभ शिलालेख। 5. भजवर्मन का बेलवा कॉपरप्लेट शिलालेख (एनजी मजुमदार, बंगाल वॉल्यूम का शिलालेख। III, राज शाला 1929) 6. विजयसेन (इबिद) के दियोपारा प्रसस्ती 7. भट्टबाहवदेव (इबिड) का भुवनेश्वरप्रस्ति। 8. पुलकेशिन II का आयोल शिलालेख। कागज़ परियोजना |
संस्कृत में कोर्सेज
यूनिवर्सिटीज के द्वारा ऑफर किए जाने वाले कोर्सिज़ इस प्रकार हैं:
- BA (Hons.) Sanskrit
- BA (Sanskrit Literature)
- BA (Sanskrit)
- BA (Vedanta)
- MA (Hons.) (Sanskrit)
- MA (Sanskrit and Lexicography)
- MA (Sanskrit Literature)
- M.Phil. (Sanskrit)
- PHD. (Sanskrit)
- Diploma in Sanskrit
- Post Graduate Diploma in Sanskrit (Junior)
- Post Graduate Diploma in Sanskrit (Senior)
- BEd
- Junior Research Fellowship
MA संस्कृत के फायदे
यहाँ संस्कृत से MA करने के फायदे बताए जा रहे हैं :
- बुद्धि तेज होती है: संस्कृत का व्याकरण जटिल और संरचित है, जिसे सीखने से तार्किक क्षमता, स्मृति और विश्लेषक योग्यता बढ़ती है।
- सूक्ष्म भावनाओं का ज्ञान: संस्कृत साहित्य में गहन दर्शन और भावनात्मक अभिव्यक्ति पाई जाती है, जिसे समझने से आत्म-जागरूकता और भावनात्मक बुद्धि बढ़ती है।
- संस्कृति से जुड़ाव: संस्कृत सीखने से भारत की प्राचीन संस्कृति और परंपराओं को समझने का अवसर मिलता है, जो आपके सांस्कृतिक ज्ञान और गौरव को बढ़ाता है।
- कम्पटीशन कम है : आजकल कम लोग संस्कृत से MA करने का साहस दिखा पाते हैं। इस क्षेत्र में प्रतियोगी कम हैं इसलिए करियर के अवसरों की संभावनाएं भी अधिक हैं।
- अन्य भारतीय भाषाओं का सरल अध्ययन: संस्कृत कई भारतीय भाषाओं की माता है, इसलिए इसे सीखने से अन्य भारतीय भाषाओं को सीखना आसान हो जाता है।
- विज्ञान और गणित का बेहतर ज्ञान: संस्कृत ग्रंथों में वैज्ञानिक और गणितीय अवधारणाओं का वर्णन है, जिसे समझने से विज्ञान और गणित के अध्ययन में सहायता मिलती है।
- पौराणिक ग्रंथों का सीधा अध्ययन: संस्कृत में रामायण, महाभारत और गीता जैसे ग्रंथ रचे गए हैं, जिन्हें सीधे संस्कृत में पढ़ने से उनका सार और गहरा अर्थ समझने में आसानी होती है।
MA संस्कृत के टॉप कॉलेज
MA संस्कृत के लिए देश के टॉप कॉलेज के नाम इस प्रकार हैं:
कॉलेज /यूनिवर्सिटी का नाम | औसत सालाना सैलरी (INR) |
मिरांडा हॉऊज़ | 14,530 |
लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वीमेन | 17,976 |
हिन्दू कॉलेज | 18,010 |
हंसराज कॉलेज | 13,309 |
बनस्थली विद्यापीठ | 74,500 |
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी | 50,000 |
इंद्रप्रस्थ कॉलेज फॉर वीमेन | 13,000 |
रामजस कॉलेज | 14,284 |
ABVHV | 10,250 |
रांची यूनिवर्सिटी | 2,850 |
MA संस्कृत के लिए आवश्यक योग्यता
MA संस्कृत के लिए आवश्यक योग्यताएं निम्नलिखित हैं :-
- किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से आर्ट्स में ग्रेजुएशन 50% मार्क्स के साथ पास की होनी जरूरी है।
- बैचलर्स में संस्कृत भाषा का अच्छा ज्ञान होना चाहिए तथा स्नातक में संस्कृत विषय होना चाहिए ताकि पोस्ट ग्रेजुएशन संस्कृत सब्जेक्ट में करने पर आप अच्छा स्कोर कर सकें ।
- MA Sanskrit के लिए छात्रों के पास अच्छा बोलने, पढ़ने और लिखने की स्किल्स होनी चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया
MA Sanskrit में एडमिशन के लिए निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करना आवश्यक है। यह एप्लीकेशन प्रोसेस आपको आपके मन चाहे कॉलेज में एडमिशन दिलाने के लिए महत्वपूर्ण है-
- कौनसे कॉलेजेस आपका चुना कोर्स उपलब्ध करातें है पता लगाएं।
- ध्यान से कोर्स और कॉलेज के लिए दी गई योग्यता को पढ़ें।
- MA Sanskrit में देने वाले एंट्रेंस एग्ज़ाम्स का पता लगाएं और आपके कॉलेज द्वारा स्वीकार किया जाने योग्य एग्ज़ाम चुनें।
- MA Sanskrit के लिए एनरोल कर रहे कैंडिडेट का एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करना आवश्यक है क्योंकि मास्टर डिग्री देने वाली ज़्यादातर यूनिवर्सिटीज और इंस्टिट्यूट्स एंट्रेंस टेस्ट के स्कोर के हिसाब से ही एडमिशन लेते है।
- कई यूनिवर्सिटीस आपके एंट्रेंस एग्ज़ाम रिज़ल्ट अनुसार डायरेक्ट एडमिशन भी देतीं हैं जबकि कुछ उसके बाद भी एडिशनल चीज़ों के मुताबिक़ सेलेक्शन करतीं हैं जिसमें ज़्यादातर ग्रुप डिस्कशन और पर्सनल इंटरव्यू शामिल होतें हैं।
- रिजल्ट आने के बाद,काउंसिलिंग के लिए रजिस्टर करें और प्रोसेस फॉलो करें।
- अपने चुनें गए कॉलेज और कोर्स को काउंसिलिंग में सेलेक्ट करें।
- रजिस्टर करें और दस्तावेज़ जमा कराएं।
विदेश में आवेदन प्रक्रिया
विदेश के विश्वविद्यालयों में आवेदन करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अपनी आवेदन प्रक्रिया का ख़ास ध्यान रखना होगा, नीचे दिए गए स्टेप्स को ध्यान से पढ़ें-
- कोर्सेज़ और यूनिवर्सिटीज को शॉर्टलिस्ट करें: आवेदन प्रक्रिया में पहला स्टेप आपके शैक्षणिक प्रोफ़ाइल के अनुसार कोर्सेज़ और यूनिवर्सिटीज को शॉर्टलिस्ट करना है। छात्र AI Course Finder के माध्यम से कोर्स और यूनिवर्सिटी को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं और उन यूनिवर्सिटीज की एक लिस्ट तैयार कर सकते हैं, जहां उन्हें अप्लाई करना सही लगता है। यह प्रक्रिया थोड़ी लम्बी और मुश्किल हो सकती है इसलिए आप Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से 1800572000 पर सम्पर्क कर सकते हैं वे आपकी एडमिशन प्रोसेस में हैल्प करेंगे।
- अपनी समय सीमा जानें: अगला कदम विदेश में उन यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों की समय सीमा जानना है, जिनमें आप आवेदन करने का सोच रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आवेदन प्रक्रिया के लिए काफी पहले (वास्तविक समय सीमा से एक वर्ष से 6 महीने पहले) ध्यान देना होता है। यह सुनिश्चित करता है कि छात्र कॉलेज की सभी आवश्यकताओं जैसे SOP, सिफारिश के पत्र, फंडिंग / स्कॉलरशिप का विकल्प और आवास को पूरा कर सकते हैं।
- प्रवेश परीक्षा लें: विदेशी यूनिवर्सिटीज़ के लिए आवेदन प्रक्रिया के तीसरे स्टेप मे छात्रों को IELTS, TOEFL, PTE और यूनिवर्सिटी क्लिनिकल एप्टीट्यूड टेस्ट (यूसीएटी) जैसे टेस्ट देने होते हैं। इंग्लिश प्रोफिशिएंसी टेस्ट में एक नया Duolingo टेस्ट है जो छात्रों को अपने घरों से परीक्षा में बैठने की अनुमति देता है और दुनिया भर में स्वीकार किया जाता है।
- अपने दस्तावेज़ कंप्लीट करें: अगला कदम आवेदन प्रक्रिया के लिए सभी आवश्यक दस्तावेजों और स्कोर को पूरा करके एक जगह पर संभल लें। इसका मतलब है कि छात्रों को अपना SOP लिखना शुरू कर देना चाहिए, शिक्षकों और सुपरवाइज़र्स से सिफारिश के पत्र प्राप्त करना चाहिए और अपने फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स को अन्य दस्तावेज़ों जैसे टेस्ट स्कोरकार्ड के साथ सिस्टेमैटिक तरह से रखलें। COVID-19 महामारी के साथ, छात्रों को अपना वैक्सीन प्रमाणपत्र डाउनलोड करना होगा।
- अपने आवेदन करने की प्रक्रिया प्रारंभ करें: एक बार जब आपके पास सभी दस्तावेज़ मौजूद हों, तो छात्र सीधे या UCAS के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। विदेश की यूनिवर्सिटीज में आवेदन करने वाले छात्र जो सीधे आवेदन स्वीकार करते हैं, वे यूनिवर्सिटी वेबसाइट के माध्यम से आवेदन करके शुरू कर सकते हैं। उन्हें कोर्सेज़ का चयन करना होगा, आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू करनी होगी।
यह भी पढ़ें : मास्टर्स इन मार्केटिंग
महत्वपूर्ण दस्तावेज़
MA Sanskrit के बारे में जानने के साथ साथ उससे जुड़े कोर्स में अप्लाई करने के लिए छात्र को नीचे दिए गए दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी-
- 10वीं और 12वीं उत्तीर्ण की मार्कशीट।
- ग्रेजुएशन उत्तीर्ण की मार्कशीट।
- कॉलेज छोड़ने का सर्टिफिकेट।
- भारतीय नागरिकता का प्रमाण जिसमें जन्म पत्री या पासपोर्ट हो सकता है।
- किसी मान्यता प्राप्त डॉक्टर द्वारा दिया गया ‘फिज़िकल फिटनेस सर्टिफिकेट’
- कैंडिडेट की 5 पासपोर्ट साइज़ फोटो।
- लैंग्वेज टेस्ट स्कोर शीट IELTS, TOEFL आदि।
- SOP जमा कराएं।
- LORs जमा कराएं।
प्रवेश परीक्षाएं
MA Sanskrit के लिए होने वाले एंट्रेंस एग्ज़ाम के नाम इस प्रकार हैं:
MA संस्कृत के लिए किताबें
MA Sanskrit के लिए किताबें इस प्रकार हैं:
किताबों का नाम | खरीदने के लिए लिंक्स |
हिस्ट्री ऑफ़ संस्कृत पोएटिक्स | यहाँ से खरीदें |
कादम्बरी | यहाँ से खरीदें |
हिस्ट्री ऑफ़ इंडियन लिटरेचर | यहाँ से खरीदें |
डिक्शनरी ऑफ़ संस्कृत ग्रामर | यहाँ से खरीदें |
मृच्छकटिकम् (नाटक) | यहाँ से खरीदें |
मेघदूतम् | यहाँ से खरीदें |
पिछले वर्षो में आने वाले एग्ज़ामस के प्रश्न की PDF डाउनलोड
- M.A – I SANSKRIT – COURSE 1 VAIDIKA VANMAYA – SAMHITAS .pdf
- M.A – I SANSKRIT – COURSE 2 (POETICS) .pdf
- M.A – I SANSKRIT – COURSE 3 SAHITYA – POETRY .pdf
- M.A – I SANSKRIT – COURSE 4 QUTLINE OF SANSKRIT CULTURE AND CIVILIZATION .pdf
- M.A – I SANSKRIT – COURSE 5 DARSANA.pdf
- M.A – I SANSKRIT – COURSE 6 VAIDIKA VANMAYA UPANISADS AND NIRUKTA.pdf
- M.A – I SANSKRIT – COURSE 7 GRAMMAR .pdf
- M.A – I SANSKRIT – COURSE 8 SAHITYA – DRAMA .pdf
जॉब रोल्स और सैलरी
जॉब रोल्स | औसत सालाना सैलरी (INR) |
संस्कृत टाइपिस्ट | INR 2.20-3 लाख |
ऑनलाइन ट्रांसक्रिप्ट्स | INR 4.16-5 लाख |
ट्रेनिंग अफसर हिंदी | INR 4.28 लाख |
कंटेंट डेवलपर | INR 3-4 लाख |
लेक्चरर | INR 7-8 लाख |
संस्कृत टीचर | INR 4-5 लाख |
FAQs
जी हां, आप किसी भी विषय में बैचलर्स कर के MA Sanskrit कोर्स को चुन सकते हैं।
जी, आप IGNOU से MA Sanskrit कर सकते हैं। यहां अभी डिस्टेंस मोड से MA Sanskrit करने की भी सुविधा दी गई है।
MA Sanskrit के लिए देश की टॉप यूनिवर्सिटीज़ के नाम इस प्रकार हैं:
1. दिल्ली यूनिवर्सिटी
2. बनस्थली विद्यापीठ
3. रांची यूनिवर्सिटी
4. IGNOU
5. चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी
आशा है, इस ब्लॉग से आपको MA Sanskrit की जानकारी मिल गई होगी । यदि आप विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं तो हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से 1800 572 000 पर कॉल करके आज ही 30 मिनट का फ्री सेशन बुक कीजिए।
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क्या B. A में संस्कृत ना होने पर में M A में संस्कृत ले सकता हूँ ,और अगर ले सकता हूँ तो क्या आगे मुझे किसी दिक्कत का सामना तो नही करना पड़ेगा.? Please tell me.
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सत्यम जी , BA में संस्कृत न होने पर भी MA में संस्कृत लिया जा सकता है। इसके लिए आपको कॉलेज- यूनिवर्सिटी की मास्टर्स प्रवेश परीक्षाओं में उत्तीर्ण होना होगा।
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I done my degree in bachelor in business administration. Can i do m.a. in sanskrit?
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सुजाता जी, आप BBA के बाद MA संस्कृत कर सकते हैं।
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Can I do MA in sanskrit after BCOM
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करिश्मा जी, आप बिलकुल बीकॉम के बाद संस्कृत में एमए कर सकती हैं।
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12 comments
Plz is univarsity ka book ya Ajay mala kahi nahi mil rha hai plz Sanskrit ma previous, private ka all subject ke lesson answer sahit pdf….Dene ya note Dene ki kripya kare
हैलो सूर्यकांत, हिस्ट्री ऑफ़ संस्कृत पोएटिक्स, कादम्बरी, हिस्ट्री ऑफ़ इंडियन लिटरेचर,डिक्शनरी ऑफ़ संस्कृत ग्रामर, मेघदूतम् आदि बुक्स की मदद से आप नोट्स तैयार कर सकते हैंं।
संस्कृत m.a. के लिए प्रवेश परीक्षा कब कब होती है कृपया बताइए
और किस-किस यूनिवर्सिटी में संस्कृत में m.a. होती है
सुनील जी, अलग-अलग यूनिवर्सिटी/कॉलेज के लिए प्रवेश परीक्षाएं उसी हिसाब से होती हैं। भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज जो एमए ऑफर करती हैं, उनमे जामिया मिलिया इस्लामिया, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय आदि शामिल हैं।
मैं संस्कृत बस्तर यूनिवर्सिटी से कर रही हूं इस साल मेरा फाइनल ईयर है, पर जो हमारे पास फाइनल ईयर की अजय माला है वह फाइनल ईयर के प्रश्नपत्र से नहीं मिल रही है दुकान में बोलते हैं यही बुक है तो मैं कहां से पढ़ हूं जिससे मेरा इस साल फाइनल ईयर पूरा हो जाए।
कोई सुझाव देने का कष्ट करें।
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
हैलो सुनीता, आप अजय माला ऑनलाइन चेक कर सकती हैं या अपने किसी फ्रेंड की हेल्प ले सकती हैं।
क्या B. A में संस्कृत ना होने पर में M A में संस्कृत ले सकता हूँ ,और अगर ले सकता हूँ तो क्या आगे मुझे किसी दिक्कत का सामना तो नही करना पड़ेगा.? Please tell me.
सत्यम जी , BA में संस्कृत न होने पर भी MA में संस्कृत लिया जा सकता है। इसके लिए आपको कॉलेज- यूनिवर्सिटी की मास्टर्स प्रवेश परीक्षाओं में उत्तीर्ण होना होगा।
I done my degree in bachelor in business administration. Can i do m.a. in sanskrit?
सुजाता जी, आप BBA के बाद MA संस्कृत कर सकते हैं।
Can I do MA in sanskrit after BCOM
करिश्मा जी, आप बिलकुल बीकॉम के बाद संस्कृत में एमए कर सकती हैं।