प्रतियोगी परीक्षाओं में करंट अफेयर्स से जुड़े क्वेश्चन पूछे जाते हैं, क्योंकि करंट अफेयर्स का उद्देश्य मनुष्य की समझ को विस्तार करना है। UPSC में प्री और मेंस एग्जाम के अलावा इंटरव्यू का भी महत्वपूर्ण रोल है, इसलिए कैंडिडेट्स को देश-दुनिया के बारे में जानना होगा और बड़ी घटनाओं को समझना होगा। इस ब्लाॅग में हम मानवाधिकार आयोग (Human Rights Commission in Hindi) क्या है और इसका उद्देश्य जानेंगे, जिसे आप अपनी तैयारी में जोड़ सकते हैं।
मानवाधिकार आयोग क्या है? (Human Rights Commission in Hindi)
भारत का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) 12 अक्टूबर, 1993 को स्थापित किया गया था। यह संविधान द्वारा दिये गए मानवाधिकारों जैसे – जीवन का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार और समानता का अधिकार आदि की रक्षा करता है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन और राज्य मानवाधिकार आयोगों के गठन की व्यवस्था करके मानवाधिकारों के उल्लंघनों से निपटने के लिए एक मंच है। जिस क़ानून के तहत इसकी स्थापना की गई है वह मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम (PHRA), 1993 है, जिसे मानव अधिकार संरक्षण (संशोधन) अधिनियम द्वारा संशोधित किया गया है।
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मानवाधिकार आयोग का इतिहास क्या है?
Human Rights Commission in Hindi का इतिहास इस प्रकार हैः
- 1948 में संयुक्त राष्ट्र ने मानव अधिकारों की घोषणा को अपनाया था।
- 1991 में पेरिस सिद्धांत राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों (NHRI) द्वारा स्थापित किए गए थे।
- 1993 में संयुक्त राष्ट्र ने अपनी महासभा में इन पेरिस सिद्धांतों को अपनाया।
- 1993 में भारत ने मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम लागू किया।
- इसके फलस्वरूप राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का गठन हुआ।
- मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम ने राज्य सरकारों को राज्य मानवाधिकार आयोग स्थापित करने की भी अनुमति दी।
NHRC संरचना – NHRC के सदस्य
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक अध्यक्ष और आठ अन्य सदस्यों से बना है और वे आठ सदस्य हैं। इसमें चार पूर्णकालिक (full-time) सदस्य और चार मानित (deemed) सदस्य हैं।
मावधिकार आयोग के कार्य और शक्तियां
मावधिकार आयोग के कार्य और शक्तियां इस प्रकार हैंः
- मानवाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित कोई मामला यदि NHRC के संज्ञान में आता है, तो NHRC को उसकी जाँच करने का अधिकार है।
- इसके पास मानवाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित सभी न्यायिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार है।
- मानवाधिकार आयोग के पास दीवानी अदालत के समान सभी शक्तियां होती हैं और वह इसके अनुरूप मामलों पर कार्यवाही भी कर सकता है।
- यह शिकायत किए जाने पर किसी भी केंद्रीय या राज्य स्तरीय अधिकारी की जांच करने के लिए अधिकृत है।
- यह किसी मामले के घटित होने के केवल एक वर्ष के भीतर ही उसे देख सकता है। एक वर्ष से अधिक समय हो जाने के बाद उस पर कार्यवाही करना इसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
- इसके कार्य मुख्य रूप से सिफारशी प्रकार के होते हैं।
- सेना के सम्बन्ध में इसके अधिकार सीमित हैं।
- किसी प्राइवेट बॉडी द्वारा मानवाधिकार का उल्लंघन किए जाने के सम्बन्ध में इसके पास एक्शन लेने का कोई अधिकार नहीं है।
NHRC की सीमाएं क्या हैं?
NHRC की सीमाएं इस प्रकार बताई जा रही हैंः
- NHRC द्वारा की गई सिफारिशें बाध्यकारी नहीं हैं।
- निजी पक्षों द्वारा मानवाधिकारों का उल्लंघन एनएचआरसी क्षेत्राधिकार के तहत नहीं माना जा सकता है।
- NHRC के पास उन अधिकारियों को दंडित करने की शक्ति नहीं है जो उसके अनुशंसित आदेशों को लागू नहीं करते हैं।
- NHRC के पास जांच करने के लिए कोई भी विशेष तंत्र नहीं है। अधिकतर मामलों में यह संबंधित सरकार को मामले की जांच करने का आदेश देता है।
NHRC से संबंधित प्रमुख मुद्दे क्या हैं?
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) देश भर के कई मुद्दों को उठाता है जिनमें से कुछ इस प्रकार हैंः
- बाल श्रम
- महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव
- मनमाने ढंग से गिरफ्तारी और हिरासत
- हिरासत में यातना
- एलजीबीटीक्यू समुदाय अधिकार
- एससी/एसटी, विकलांग लोग और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक मुद्दे
- श्रम अधिकार और काम करने का अधिकार
- हाथ से मैला ढोना आदि।
FAQs
NHRC का मुख्यालय नई दिल्ली में है।
न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के वर्तमान अध्यक्ष हैं और उन्होंने 2 जून, 2021 को पदभार ग्रहण किया था।
मानवाधिकार आय़ोग का मुख्य उद्देश्य शांति और सुरक्षा स्थापित करना है।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको मानवाधिकार आयोग (Human Rights Commission in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। एग्जाम की तैयारी और बेहतर करने व UPSC में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।