UPSC History Questions in Hindi: UPSC परीक्षा में इतिहास का महत्वपूर्ण स्थान है, जो कई कारणों से अनिवार्य है। UPSC प्रीलिम्स और मेंस में भारतीय इतिहास के विभिन्न चरणों – प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारतीय इतिहास – के साथ-साथ स्वतंत्रता के बाद की घटनाओं को भी शामिल किया जाता है, जो परीक्षा का एक बड़ा हिस्सा बनाते हैं। इतिहास की अच्छी समझ भूगोल, राजनीति, और अर्थव्यवस्था जैसे अन्य विषयों की समझ को भी बढ़ाती है। इतिहास उम्मीदवारों को न केवल परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने में मदद करता है, बल्कि भारत के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य की एक गहन समझ भी प्रदान करता है, जो प्रारंभिक और मुख्य दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।
यूपीएससी परीक्षा में इतिहास एक लोकप्रिय वैकल्पिक विषय भी है, इसलिए UPSC History Questions in Hindi का यह ब्लॉग आपके लिए मददगार साबित होगा। इसमें पिछले वर्षों के महत्वपूर्ण प्रश्नों का संग्रह दिया गए है।
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UPSC प्रीलिम्स के लिए इतिहास प्रश्न
UPSC प्रीलिम्स के लिए इतिहास प्रश्न (UPSC History Questions in Hindi) निम्न प्रकार से है:
1. भारत सरकार अधिनियम, 1935 के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- इसमें ब्रिटिश भारतीय प्रांतों और देशी रियासतों को मिलाकर एक अखिल भारतीय परिसंघ (फेडरेशन) की स्थापना का प्रावधान किया गया।
- रक्षा और विदेश संबंधी मामलों को परिसंघीय विधानमंडल के नियंत्रण के अधीन रखा गया। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?
(अ) केवल 1
(ब) केवल 2
(स) 1 और 2 दोनों
(द) न तो 1, न ही 2
2. संघभूति, एक भारतीय बौद्ध भिक्षु, जिन्होंने चौथी शताब्दी ईसवी के अंत में चीन की यात्रा की, निम्नलिखित में से किस पर भाष्य के लेखक थे?
(अ) प्रज्ञापारामिता सूत्र
(ब) विसुद्धिमग्गो
(स) सर्वास्तिवाद विनय
(द) ललितविस्तर
3. कौटिल्य के अर्थशास्त्र के अनुसार निम्न में से कौन से कथन सही माने जा सकते हैं?
- न्यायिक दंड के कारण किसी व्यक्ति को गुलाम बनाया जा सकता था।
- यदि किसी दासी ने अपने स्वामी से संतान को जन्म दिया, तो वह कानूनी रूप से स्वतंत्र हो जाती थी।
- दासी से जन्मा पुत्र, यदि उसके पिता स्वयं स्वामी हों, तो उसे स्वामी के पुत्र का कानूनी अधिकार प्राप्त होता था।
नीचे दिए गए विकल्पों में से कौन सही है?
(अ) केवल 1 और 2
(ब) केवल 2 और 3
(स) केवल 1 और 3
(द) 1, 2 और 3
4. भारतीय इतिहास के संबंधित इन युग्मों पर विचार करें:
व्यक्ति और उनकी मान्यता
1. आर्यदेव – जैन विद्वान
2. दिग्नाग – बौद्ध विद्वान
3. नाथमुनि – वैष्णव विद्वान
इनमें से कितने युग्म सही सुमेलित हैं?
(अ) कोई भी युग्म सही नहीं है
(ब) केवल एक युग्म सही है
(स) केवल दो युग्म सही हैं
(द) सभी तीन युग्म सही हैं
5. प्राचीन भारत के विद्वानों और साहित्यकारों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- पाणिनि का संबंध पुष्यमित्र शुंग से था।
- अमरसिंह का संबंध हर्षवर्धन से था।
- कालिदास का संबंध चंद्रगुप्त द्वितीय से था।
सही विकल्प चुनें?
(अ) केवल 1 और 2
(ब) केवल 2 और 3
(स) केवल 3
(द) 1, 2 और 3
6. संघभूति, एक भारतीय बौद्ध भिक्षु, जिन्होंने चौथी शताब्दी ईस्वी के अंत में चीन की यात्रा की थी, निम्नलिखित में से किस पर टिप्पणी लिखने के लिए प्रसिद्ध हैं?
(अ) प्रज्ञापारमिता सूत्र
(ब) विशुद्धिमग्ग
(स) सर्वास्तिवाद विनय
(द) ललिताविस्तार
7. प्राचीन भारत में गौतम बुद्ध को आमतौर पर निम्नलिखित में से किन विशेषणों से संबोधित किया जाता था?
- नयापुट्टा
- शाक्यमुनि
- तथागत
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनें:
(अ) केवल 1
(ब) केवल 2 और 3
(स) 1, 2 और 3
(द) इनमें से कोई भी गौतम बुद्ध का विशेषण नहीं है
8. निम्नलिखित पर विचार करें:
- उपनिषदों में कोई दृष्टान्त नहीं हैं।
- उपनिषदों की रचना पुराणों से पहले हुई थी।
सही विकल्प चुनें?
(अ) केवल 1
(ब) केवल 2
(स) 1 और 2 दोनों
(द) न तो 1 और न ही 2
9. प्राचीन भारत के इतिहास के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- मिताक्षरा प्रणाली उच्च जातियों के लिए नागरिक कानून थी, जबकि दायभाग प्रणाली निम्न जातियों के लिए नागरिक कानून थी।
- मिताक्षरा प्रणाली में, पुत्र अपने पिता के जीवनकाल में संपत्ति पर अधिकार का दावा कर सकते थे, जबकि दायभाग प्रणाली में, पिता की मृत्यु के बाद ही पुत्र संपत्ति पर अधिकार का दावा कर सकते थे।
- मिताक्षरा प्रणाली केवल परिवार के पुरुष सदस्यों द्वारा रखी गई संपत्ति से संबंधित मामलों से संबंधित थी, जबकि दायभाग प्रणाली परिवार के पुरुष और महिला दोनों सदस्यों द्वारा रखी गई संपत्ति से संबंधित मामलों से संबंधित थी।
सही विकल्प चुनें:
(अ) 1 और 2
(ब) केवल 2
(स) 1 और 3
(द) केवल 3
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10. प्राचीन भारत के इतिहास के संदर्भ में भवभूति, हस्तिमल्ल और क्षेमेश्वर निम्नलिखित में से किसके लिए प्रसिद्ध थे?
(अ) जैन साधु
(ब) नाटककार
(स) मंदिर वास्तुकार
(द) दार्शनिक
11. निम्न विकल्पों में से किस क्षेत्र में धान्यकटक स्थित था और वह महासंघिकों के अधीन एक प्रमुख बौद्ध केंद्र के रूप में विकसित हुआ?
(अ) आंध्र
(ब) गांधार
(स) कलिंग
(द) मगध
12. प्राचीन दक्षिण भारत के संदर्भ में, कोरकाई, पूम्पुहार और मुचिरी निम्नलिखित में से किसके लिए प्रसिद्ध थे?
(अ) राजधानी शहर
(ब) बंदरगाह
(स) लोहा-इस्पात निर्माण के केंद्र
(द) जैन तीर्थंकरों के तीर्थस्थान
13. प्राचीन भारत के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- स्तूप की अवधारणा मूलतः बौद्ध परंपरा से संबंधित है।
- स्तूप सामान्यतः अवशेषों का भंडार होता था।
- बौद्ध परंपरा में स्तूप एक मन्नत और स्मारक संरचना थी।
उपरोक्त कथनों में से कितने कथन सत्य हैं?
(अ) केवल एक
(ब) केवल दो
(स) तीनों
(द) कोई नहीं
14. निम्नलिखित राजवंशों में से कितने ने आठवीं शताब्दी के प्रारंभ में अपने साम्राज्य की स्थापना की?
- होयसला
- गहड़वाला
- काकतीय
- यादव
सही विकल्प चुनें?
(अ) केवल एक
(ब) केवल दो
(स) केवल तीन
(द) कोई नहीं
15. संगम कविताओं में उल्लिखित ‘वट्टकिरुताल’ प्रथा की व्याख्या निम्नलिखित में से किस विकल्प द्वारा की जाती है?
(अ) राजा द्वारा महिला अंगरक्षकों की नियुक्ति।
(ब) धार्मिक और दार्शनिक विषयों पर चर्चा करने के लिए विद्वानों का राज दरबारों में एकत्र होना।
(स) युवा लड़कियाँ खेतों में काम करती हैं और पक्षियों और जानवरों को भगाती हैं।
(द) एक राजा ने युद्ध में हारने के बाद आत्महत्या करने के लिए खुद को भूखा रखा।
16. हर्षोत्तर काल के स्रोतों में सामान्यतः उल्लिखित ‘हुंडी’ की प्रकृति को निम्नलिखित में से कौन सा वाक्यांश परिभाषित करता है?
(अ) राजा द्वारा अपने अधीनस्थों को जारी किया गया आदेश
(ब) दैनिक खातों के लिए एक डायरी का रख-रखाव किया जाना
(स) विनिमय पत्र
(द) सामंती प्रभु का अपने अधीनस्थों को आदेश
17. प्राचीन भारत में गुप्त वंश की अवधि के संदर्भ में, घंटाशाला, कडूरा और चौल शहर निम्नलिखित में से किसके लिए प्रसिद्ध थे?
(अ) विदेशी व्यापार को संभालने वाले बंदरगाह
(ब) शक्तिशाली राज्यों की राजधानियाँ
(स) उत्कृष्ट पत्थर कला और वास्तुकला के स्थान
(द) महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थस्थल
18. गुप्त काल के दौरान भारत में जबरन श्रम (विष्टि) के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
(अ) इसे राज्य के लिए एक आय स्रोत माना जाता था, और यह लोगों द्वारा दिए जाने वाले एक प्रकार के कर के रूप में था।
(ब) गुप्त साम्राज्य के मध्य प्रदेश और काठियावाड़ क्षेत्रों में यह पूरी तरह से मौजूद नहीं था।
(स) बलात् श्रमिक को साप्ताहिक वेतन का अधिकार होता था।
(द) श्रमिक के सबसे बड़े बेटे को जबरन श्रम के लिए भेजा जाता था।
19. सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों की विशेषता निम्नलिखित में से कौन-सी थी?
- उनके पास बड़े महल और मंदिर थे।
- उनके द्वारा पुरुष और महिला दोनों देवताओं की पूजा की जाती थी।
- उन लोगों के द्वारा घोड़े से खींचे जाने वाले रथों का उपयोग किया जाता था।
सही विकल्प चुनें:
(अ) केवल 1 और 2
(ब) केवल 2
(स) 1, 2 और 3
(द) उपरोक्त में से कोई कथन सही नही है
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20. प्राचीन दक्षिण भारत के संगम साहित्य के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
(अ) संगम कविताओं में भौतिक संस्कृति का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
(ब) संगम कवियों को वर्ण व्यवस्था और सामाजिक वर्गीकरण का ज्ञान था।
(स) संगम कविताओं में योद्धा नैतिकता का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
(द) संगम साहित्य में जादुई शक्तियों को अवैज्ञानिक बताया गया है।
UPSC मेंस के लिए इतिहास प्रश्न
UPSC मेंस के लिए इतिहास प्रश्न निम्न प्रकार हैं :
1. प्लासी के युद्ध के बाद भाड़े के सैनिक राजा निर्माता बन गए।
2. उपयोगितावाद के मूल्यों ने कम्पनी प्रशासन को भारतीय समाज में सुधार के प्रयास के लिए प्रेरित किया।
3. 19वीं सदी के दौरान, सामाजिक सुधार की कार्यसूची (एजेंडे) को धीरे-धीरे पुनरुत्थानवाद द्वारा प्रतिस्थापित किया गया।
4. भारत सरकार अधिनियम 1935 के संघीय प्रावधान राजाओं के कठोर रूख से असफल हो गए।
5. पाकिस्तान योजना की ताकत उसका अस्पष्ट होना था। यह सब लोगों के लिए सब कुछ था।
6. भारत में ब्रिटिश राजस्व नीतियों के फलस्वरूप कृषि वाणिज्यीकरण की गति में वृद्धि हुई। आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।
7. 1857 का महान् विद्रोह क्यों उत्तर भारत में ही सीमित रहा ? उपमहाद्वीप में ब्रिटिश शासन की प्रकृति में यह कैसे परिवर्तन लाया ? व्याख्या कीजिए।
8. प्रबोधन विचारकों द्वारा उठाये गये विचार पुरातन राज के समाज तथा राजनीतिक व्यवस्था के लिए बेहद अस्थिर करने वाले और चुनौतीपूर्ण थे।
9. अमरीकी गृह युद्ध औद्योगिक उत्तर तथा कृषीय दक्षिण की आवश्यकताओं की असमानता का परिणाम था।
10. जर्मनी का एकीकरण जितना कोयले और लोहे का उत्पाद था उतना ही रक्त और लौह का भी।
11. चीन के नये प्रशासन ने बड़े स्तर पर भूमि पुनर्वितरण की व्यवस्था करके कृषकों के प्रश्नों को संबोधित किया, जिसको तेजी से तथा बेरहमी से किया गया था।
12. 1989 की क्रान्तियों ने केवल सरकारों को ही नष्ट नहीं किया; उन्होंने एक विचारधारा का भी अन्त किया।
13. हड़प्पा कला आध्यात्मिक और आनुष्ठानिक जीवन के साथ-साथ उनकी सौंदर्य-सम्बन्धी संवेदनाओं को भी समझने में योगदान करती है। टिप्पणी कीजिए।
14. भारत में विभिन्न प्रकार की महापाषाणिक शवाधान प्रथाओं पर चर्चा कीजिए। इससे प्राप्त पुरातात्त्विक साक्ष्य हमें धार्मिक मान्यताओं और सांस्कृतिक प्रथाओं को जानने में कितनी मदद करते हैं?
15. पश्चिमी क्षत्रप अपने सामाजिक-आर्थिक योगदान के लिए जाने जाते हैं, विशेषकर व्यापार, कृषि एवं नगरीकरण में। कथन का परीक्षण कीजिए।
16. बौद्ध प्रतिष्ठानों, व्यापारियों व शिल्पकार श्रेणी के बीच सहजीवी सम्बन्धों व राजाश्रय के कारण मौर्य एवं उत्तर-मौर्य काल में धर्म, अर्थव्यवस्था एवं राजनीति में निकटता पैदा हुई। कथन का परीक्षण कीजिए।
17. मौर्य साम्राज्य के सामाजिक-धार्मिक परिदृश्य को आकार देने में बौद्ध धर्म की भूमिका पर चर्चा कीजिए।
18. ऋग्वैदिक काल से उत्तरवैदिक काल के बीच राज्य संस्था और करप्रणाली के उद्विकासक्रम की चर्चा कीजिए।
19. खगोल विज्ञान और गणित के क्षेत्र में आर्यभट्ट, वराहमिहिर और ब्रह्मगुप्त के योगदानों पर प्रकाश डालिए।
20. छठी और आठवीं शताब्दी ई० सं० के बीच पल्लव-चालुक्य संघर्ष-क्रम का परीक्षण कीजिए।
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UPSC इतिहास प्रश्नों की संख्या
UPSC इतिहास प्रश्नों की संख्या इस प्रकार है –
यूपीएससी प्रीलिम्स में इतिहास के प्रश्न
यूपीएससी प्रीलिम्स में इतिहास के प्रश्न निम्न प्रकार से है:
यूपीएससी प्रीलिम्स में इतिहास के प्रश्न | |
साल | प्रश्नों की संख्या |
2024 | 14 |
2023 | 14 |
2022 | 14 |
2021 | 10 |
2020 | 20 |
2019 | 17 |
2018 | 22 |
2017 | 14 |
यूपीएससी मेंस में सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास के प्रश्न
यूपीएससी मेंस में सामान्य अध्ययन पेपर 1 में इतिहास के प्रश्न निम्न प्रकार से है:
यूपीएससी प्रीलिम्स में इतिहास के प्रश्न | |
साल | प्रश्नों की संख्या |
2024 | 8-10 |
2023 | 7-9 |
2022 | 7-10 |
2021 | 7-9 |
2020 | 8-10 |
2019 | 8-10 |
2018 | 7- 9 |
2017 | 6-8 |
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UPSC प्रीलिम्स में इतिहास का वेटेज
UPSC प्रीलिम्स में इतिहास का वेटेज निम्न प्रकार से है:
UPSC मेंस में इतिहास का वेटेज
UPSC मेंस में इतिहास का वेटेज निम्न प्रकार से है:
विषय | 2017 | 2018 | 2019 | 2020 | 2021 | 2022 | 2023 | 2024 | 2025 (अपेक्षित) |
भूगोल | 14% | 22% | 17% | 20% | 20% | 20% | 20% | 21% | 18-20% |
UPSC प्रीलिम्स में इतिहास का वेटेज
UPSC प्रीलिम्स में इतिहास का वेटेज निम्न प्रकार से है:
विषय | 2017 | 2018 | 2019 | 2020 | 2021 | 2022 | 2023 | 2024 | 2025 (अपेक्षित) |
भूगोल | 15-18% | 16-18% | 18-20% | 16-18% | 15-18% | 17-20% | 16-17% | 17-20% | 16-20% |
UPSC इतिहास की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण टॉपिक्स
UPSC इतिहास की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण टॉपिक्स निम्न प्रकार हैं –
प्राचीन भारत
- सिंधु घाटी सभ्यता (शहरी नियोजन, सामाजिक संरचना, पतन)
- वैदिक काल (ऋग्वेद, आरंभिक और उत्तर वैदिक काल, समाज, अर्थव्यवस्था)
- मौर्य साम्राज्य (चंद्रगुप्त मौर्य, अशोक, धम्म)
- मौर्योत्तर काल (शुंग, कण्व, इंडो-यूनानी, कुषाण)
- गुप्त साम्राज्य (स्वर्ण युग, प्रशासन, कला और संस्कृति, पतन)
- अन्य महत्वपूर्ण साम्राज्य (सातवाहन, चोल, पल्लव, पांड्य)
- धार्मिक आंदोलन (बौद्ध धर्म, जैन धर्म, हिंदू धर्म का उदय)
- कला और वास्तुकला (बौद्ध, जैन और हिंदू वास्तुकला, मंदिर, मूर्तियां)
- प्राचीन भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी (गणित, खगोल विज्ञान, चिकित्सा)
मध्यकालीन भारत
- दिल्ली सल्तनत (स्थापना, प्रशासन, प्रमुख सुल्तान, सांस्कृतिक विकास)
- मुगल साम्राज्य (बाबर से औरंगजेब तक, प्रशासन, संस्कृति और पतन)
- विजयनगर साम्राज्य (स्थापना, प्रशासन, कला और वास्तुकला)
- मराठा (शिवाजी, पेशवा, मराठा साम्राज्य का उत्थान और पतन)
- क्षेत्रीय राज्य (राजपूत, बंगाल, कश्मीर और अन्य छोटे राज्य)
- सूफीवाद और भक्ति आंदोलन (प्रमुख संत और भारतीय समाज पर उनका प्रभाव)
- व्यापार और अर्थव्यवस्था (कृषि, उद्योग, वाणिज्य और विदेशी व्यापार)
- समाज और संस्कृति (जाति व्यवस्था, शिक्षा, साहित्य, कला रूप)
आधुनिक भारत
- भारत में ब्रिटिश विस्तार (प्लासी, बक्सर की लड़ाई, एंग्लो-मराठा युद्ध, सिख युद्ध)
- औपनिवेशिक नीतियाँ (आर्थिक शोषण, भूमि राजस्व प्रणाली, सामाजिक नीतियाँ)
- भारतीय विद्रोह (1857 का विद्रोह, क्षेत्रीय विद्रोह)
- भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन (सुधार, सामाजिक आंदोलन और प्रमुख राजनीतिक संगठन)
- गांधीवादी काल से पहले का चरण (क्रांतिकारी गतिविधियाँ, प्रारंभिक राष्ट्रीय कांग्रेस)
- गांधीवादी युग (असहयोग, सविनय अवज्ञा, भारत छोड़ो, सुभाष चंद्र बोस)
- स्वतंत्रता के बाद के घटनाक्रम (संविधान, रियासतों का एकीकरण)
- स्वतंत्रता संग्राम और प्रमुख व्यक्तित्व (गांधी, नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, लाला लाजपत राय, सरदार पटेल)
- ब्रिटिश शासन का आर्थिक प्रभाव (धन की निकासी, औद्योगीकरण, कृषि)
- सामाजिक और धार्मिक सुधार आंदोलन (राजा राम मोहन राय, स्वामी विवेकानंद विवेकानंद और अन्य)
विश्व इतिहास
- औद्योगिक क्रांति (उत्पत्ति, समाज पर प्रभाव, अर्थव्यवस्था)
- विश्व युद्ध (कारण, प्रमुख घटनाएँ, प्रभाव, वर्साय की संधि और उसके बाद)
- रूसी क्रांति (कारण, घटनाएँ, प्रभाव, लेनिन, स्टालिन)
- शीत युद्ध काल (कारण, महत्वपूर्ण घटनाएँ, सोवियत संघ का उत्थान और पतन, नाटो)
- उपनिवेशवाद और राष्ट्रवाद (अफ्रीकी, एशियाई क्रांतियाँ, उपनिवेशवाद का उन्मूलन)
- फासीवाद और नाजीवाद (हिटलर, मुसोलिनी, द्वितीय विश्व युद्ध, यूरोप और दुनिया पर प्रभाव)
- संयुक्त राष्ट्र और इसकी भूमिका (गठन, प्रमुख निकाय, उपलब्धियाँ)
कला, संस्कृति और वास्तुकला
- भारतीय कला और वास्तुकला (प्रागैतिहासिक, बौद्ध, गुप्त काल, मंदिर, मुगल, औपनिवेशिक)
- सांस्कृतिक विरासत (भाषा, साहित्य, नृत्य, संगीत, नाटक और रंगमंच)
- भारत में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल
- मेले और त्यौहार (सांस्कृतिक महत्व और क्षेत्रीय महत्व)
महत्वपूर्ण अवधारणाएँ और मुख्य घटनाएँ
- भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन और उसके चरण
- औपनिवेशिक शोषण और आर्थिक नीतियाँ
- प्रमुख ऐतिहासिक दस्तावेज़ (संविधान, संवैधानिक बहसें, ऐतिहासिक भाषण)
- इतिहासलेखन (प्रमुख इतिहासकार और भारतीय इतिहास में उनका योगदान)
यूपीएससी के पिछले साल के पेपर PDF
यूपीएससी के पिछले साल के पेपर PDF निम्न प्रकार से हैं:
यूपीएससी प्रीलिम्स इतिहास पेपर
यूपीएससी प्रीलिम्स में इतिहास के पेपर निम्न प्रकार से है:
यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा 2024 | General Studies Paper – I |
यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा 2023 | General Studies Paper I |
यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा 2022 | General Studies Paper I |
यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा 2021 | General Studies Paper – I |
यूपीएससी मेंस इतिहास पेपर
यूपीएससी मेंस के सामान्य अध्ययन और इतिहास के वैकल्पिक पेपर निम्न प्रकार से है:
यूपीएससी मेंस परीक्षा 2024 |
General Studies Paper – I |
History Paper – I |
History Paper – II |
यूपीएससी मेंस परीक्षा 2023 |
General Studies Paper – I |
History Paper – I |
History Paper – II |
यूपीएससी मेंस परीक्षा 2022 |
General Studies – I |
History Paper – I |
History Paper – II |
यूपीएससी मेंस परीक्षा 2021 |
General Studies Paper – I |
History Paper-I |
History Paper-II |
FAQs
यूपीएससी मेंस परीक्षा के लिए प्राचीन इतिहास के पाठ्यक्रम में प्रागैतिहासिक काल से लेकर सिंधु घाटी सभ्यता और फिर मौर्य और गुप्त के शक्तिशाली साम्राज्यों के उदय तक के कई कालखंडों का व्यापक अध्ययन शामिल है, इसके बाद विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक परिवर्तनों का विस्तृत विश्लेषण किया गया है।
UPSC प्रीलिम्स का आयोजन ऑफलाइन मोड में करवाया जाता है, जिसमें उम्मीदवारों को पेपर और पेन का उपयोग करना होता है। बता दें, इन पेपर में इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, राजनीति, पर्यावरण, विज्ञान और समसामयिक मामलों सहित अन्य विषयों से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं।
इसमें आठ प्रश्न हैं जो दो खंडों में विभाजित हैं तथा हिंदी और अंग्रेजी दोनों में छपे हैं। अभ्यर्थी को कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर देने हैं। प्रश्न संख्या 1 और 5 अनिवार्य हैं तथा शेष में से प्रत्येक खंड से कम से कम एक प्रश्न चुनकर तीन प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
प्रश्न शैक्षिक पृष्ठभूमि, कार्य अनुभव, सिविल सेवा को चुनने का कारण, सेवाओं की वैकल्पिक विषय वरीयता, जिला और राज्य से संबंधित हो सकते हैं । इसलिए, उम्मीदवार को अपने स्वयं के प्रोफ़ाइल से संबंधित सभी प्रश्नों का उत्तर देने के लिए अच्छी तरह से तैयार होना चाहिए।
IAS प्रीलिम्स परीक्षा सामान्य अध्ययन पेपर पाठ्यक्रम के इतिहास खंड में भारतीय कला, संस्कृति, प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारतीय इतिहास से प्रश्न शामिल हैं। इसके अलावा, अधिक जानकारी के लिए IAS प्रारंभिक परीक्षा के लिए इतिहास पाठ्यक्रम पृष्ठ पर जाएँ।
यूपीएससी के लिए प्राचीन इतिहास में कितने प्रश्न हैं? यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में प्राचीन इतिहास अनुभाग से हर साल कम से कम 5-6 प्रश्न पूछे जाते हैं और यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए हर साल कम से कम 2-3 प्रश्न पूछे जाते हैं।
यूपीएससी आईएएस प्रीलिम्स परीक्षा सामान्य अध्ययन पेपर I पाठ्यक्रम के इतिहास भाग में प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारतीय इतिहास और भारतीय कला और संस्कृति से प्रश्न शामिल हैं। आईएएस अधिसूचना 2023 में प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए प्रत्येक विषय के लिए पाठ्यक्रम शामिल है।
यूपीएससी के लिए 5 अनिवार्य विषय हैं भारतीय राजनीति, भारतीय और विश्व भूगोल, भारतीय इतिहास- प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक, पर्यावरण और पारिस्थितिकी तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी।
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आशा करते हैं कि इस ब्लॉग में आपको यूपीएससी के लिए इतिहास के प्रश्न (UPSC History Questions in Hindi) की पूरी जानकारी मिल गई होगी, जिससे आपको UPSC परीक्षा क्लियर करने में मदद मिलेगी। ऐसे ही UPSC से जुड़े ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।