UPSC Question : मुंडा जनजाति क्या है और कहां पाई जाती है?

1 minute read
मुंडा जनजाति

प्रतियोगी परीक्षाओं में करंट अफेयर्स से जुड़े क्वेश्चन पूछे जाते हैं, क्योंकि करंट अफेयर्स का उद्देश्य मनुष्य की समझ को विस्तार करना है। UPSC में प्री और मेंस एग्जाम के अलावा इंटरव्यू का भी महत्वपूर्ण रोल है, इसलिए कैंडिडेट्स को देश-दुनिया के बारे में जानना होगा और बड़ी घटनाओं को समझना होगा। इस ब्लाॅग में हम मुंडा जनजाति जानेंगे, जिसे आप अपनी तैयारी में जोड़ सकते हैं।

जनजाति के बारे में

भारत के विभिन्न राज्यों में जनजातियां पाई जाती हैं। जनजातियों में लोगों का एक समूह एक निश्चित और भौगोलिक क्षेत्र (shared geographical area) में एक साथ रहता है और काम करता है। एक जनजाति की एक समान संस्कृति, बोली और धर्म होता है। किसी भी जनजाति का नेतृत्व एक मुखिया करता है। 

यह भी पढ़ें- भारत के किन राज्यों में अधिक जनजातियां हैं? जानें यहां

मुंडा जनजाति क्या है?

मुंडा मध्य प्रदेश के क्षेत्रों के साथ-साथ बांग्लादेश, नेपाल और त्रिपुरा राज्य के कुछ हिस्सों में भी रहते हैं। वे भारत की सबसे बड़ी अनुसूचित जनजातियों में से एक हैं। त्रिपुरा में मुंडा लोगों को मुरा के नाम से भी जाना जाता है। 

मुंडा मध्य भारतीय जनजाति हैं और त्रिपुरा में एक अप्रवासी जनजाति के रूप में मान्यता प्राप्त हैं। मुंडाओं की मूल मातृभूमि छोटा नागपुर में थी। मुंडा प्रोटो-आस्ट्रेलॉइड जनजाति हैं। मुंडारी उनकी भाषा है और यह ऑस्ट्रो-एशियाई परिवार से संबंधित है।

त्रिपुरा में मुंडाओं को 19वीं सदी के पहले भाग में त्रिपुरा के तत्कालीन राजा द्वारा चाय बागान और ब्रिकफील्ड में काम करने के लिए लाया गया था। मुंडा अन्य जनजातियों के साथ मिश्रित गांवों में रहते हैं। वे सामुदायिक भागीदारी के साथ चाय बागानों में काम करने, जंगली जानवरों और पक्षियों का धनुष और तीर के साथ समूह शिकार करते हैं।

यह भी पढ़ें- Bharat ki Pramukh Janjatiyan : भारत की प्रमुख जनजातियां कौन सी हैं?

मुंडा जनजाति का इतिहास क्या है?

इस जनजाति का इतिहास महाभारत काल से पहले का है। कई धर्मग्रंथ में इस जनजाति का इतिहास मिलता है। इतिहासकारों का मानना है कि मुंडा जनजाति की उत्पत्ति बिंध्य पर्वत पर रहने वाले कोल से हुई है। अधिकांश मुंडा अब बिहार में पाए जाते हैं। मुंडा जनजाति के लोग जिस क्षेत्र में रहे हैं, वह भारतीय सभ्यता के महान केंद्रों से दूर था। अधिकांश मुंडा लोग किसान हैं। 

अपनी भाषाओं के साथ-साथ, मुंडा अपनी संस्कृति को संरक्षित करने में लगे हैं, हालांकि भारत सरकार उन्हें बड़े भारतीय समाज में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करती है। वे खेतिहर मजदूर और अकुशल मजदूर के रूप में भी काम करते हैं।

मुंडा जनजाति

यह भी पढ़ें- UPSC Question : गोंड जनजाति क्या है और कहां पाई जाती है?

मुंडा जनजाति की संस्कृति और जीवन शैली क्या है?

भारत में हर जनजाति की अपनी संस्कृति और जीवन शैली है, यहां हम मुंडा की जीवन शैली और संस्कृति जानेंगेः

  • यह जनजाति कई त्योहार मनाती है जैसे मागे, फागु, करम, सरहुल और सोहराई आदि। 
  • सरहुल मुंडाओं का महत्वपूर्ण त्योहार है, जो मार्च-अप्रैल के महीने में मनाया जाता है। 
  • फागु उत्सव फरवरी-मार्च माह में मनाया जाता है। 
  • कृषक होने के बावजूद शिकार करने में ये माहिर होते हैं। 
  • मुंडाओं का सांस्कृतिक जीवन संथालों से मिलता जुलता है। 
  • मुंडा लड़के और लड़कियां गांवों में गीत गाते हैं और नृत्य करते हैं। 
  • इस जनजाति के लोग हर साल तीन त्योहार मनाते हैं, जदुर, लासूर और गेना। 
  • जब मुंडा लड़के रात में शिकार के लिए बाहर जाते हैं तो वे डोलपूर्णिमा को बहुत धूमधाम से मनाते हैं।

FAQs

मुंडा जनजाति कहां पाई जाती है?

मुंडा जनजाति झारखंड के छोटा नागपुर क्षेत्र में निवास करती है।

मुंडा की भाषा क्या है?

मुंडा जनजाति की भाषा मुंडारी है।

मुंडा किस लिए प्रसिद्ध है?

मुंडा जनजाति के लोग खेती करते हैं और वह अपनी संस्कृति को संरक्षित करने के लिए जाने जाते हैं।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको मुंडा जनजाति पता चल गई होगी। एग्जाम की तैयारी और बेहतर करने व UPSC में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*