कविताएं समाज का आईना होती हैं, कविताओं को ही समाज की प्रेरणा माना जाता है। जब-जब मातृभूमि, संस्कृति और माटी पर संकट का समय आता है, या जब-जब सभ्य समाज कहीं नींद गहरी सो जाता है। तब-तब कविताएं समाज की सोई चेतना को जगाती हैं, तब-तब कविताएं मानव को साहस से लड़ना सिखाती हैं। हर दौर में-हर देश में अनेकों महान कवि हुए हैं, जिन्होंने मानव को सदैव सद्मार्ग दिखाया है। उन्हीं में से एक भारत के लोकप्रिय कवि हरिवंश राय बच्चन भी हैं, जिनकी लिखी कविता आज तक भारत के युवाओं को प्रेरित कर रहीं हैं। Harivansh Rai Bachchan Ki Kavita के माध्यम से आप हरिवंश राय बच्चन की कविताएं पढ़ पाएंगे, जिसके लिए आपको ब्लॉग को अंत तक पढ़ना पड़ेगा।
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जो बीत गई
हरिवंश राय बच्चन की कविताएं उनके महान चरित्र को दर्शाती हैं। Harivansh Rai Bachchan Ki Kavita “जो बीत गई” एक ऐसी कविता है, जो आपको निराशा से आशा की और ले जाती है।
जो बीत गई सो बात गई है
जीवन में एक सितारा था
माना वह बेहद प्यारा था
वह डूब गया तो डूब गया
अम्बर के आनन को देखो
कितने इसके तारे टूटे
कितने इसके प्यारे छूटे
जो छूट गए फिर कहाँ मिले
पर बोलो टूटे तारों पर
कब अम्बर शोक मनाता है
जो बीत गई सो बात गई
जीवन में वह था एक कुसुम
थे उस पर नित्य निछावर तुम
वह सूख गया तो सूख गया
मधुवन की छाती को देखो
सूखी कितनी इसकी कलियाँ
मुरझाई कितनी वल्लरियाँ
जो मुरझाई फिर कहाँ खिलीं
पर बोलो सूखे फूलों पर
कब मधुवन शोर मचाता है
जो बीत गई सो बात गई
जीवन में मधु का प्याला था
तुमने तन मन दे डाला था
वह टूट गया तो टूट गया
मदिरालय का आँगन देखो
कितने प्याले हिल जाते हैं
गिर मिट्टी में मिल जाते हैं
जो गिरते हैं कब उठते हैं
पर बोलो टूटे प्यालों पर
कब मदिरालय पछताता है
जो बीत गई सो बात गई
मृदु मिटटी के हैं बने हुए
मधु घट फूटा ही करते हैं
लघु जीवन लेकर आए हैं
प्याले टूटा ही करते हैं
फिर भी मदिरालय के अंदर
मधु के घट हैं मधु प्याले हैं
जो मादकता के मारे हैं
वे मधु लूटा ही करते हैं
वह कच्चा पीने वाला है
जिसकी ममता घट प्यालों पर
जो सच्चे मधु से जला हुआ
कब रोता है चिल्लाता है
जो बीत गई सो बात गई
-हरिवंश राय बच्चन
अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!
हरिवंश राय बच्चन की कविताएं उनके महान चरित्र को दर्शाती हैं। Harivansh Rai Bachchan Ki Kavita “अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!” एक ऐसी कविता है, जो आप में सकारात्मकता का संचार करती है।
वृक्ष हों भलें खड़े,
हों घने, हों बड़ें,
एक पत्र-छाँह भी माँग मत, माँग मत, माँग मत!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!
तू न थकेगा कभी!
तू न थमेगा कभी!
तू न मुड़ेगा कभी!—कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!
यह महान दृश्य है—
चल रहा मनुष्य है
अश्रु-स्वेद-रक्त से लथपथ, लथपथ, लथपथ!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!
–हरिवंश राय बच्चन
आज मुझसे दूर दुनिया
हरिवंश राय बच्चन की कविताएं उनके महान चरित्र को दर्शाती हैं। Harivansh Rai Bachchan Ki Kavita “आज मुझसे दूर दुनिया” एक ऐसी कविता है, जो एक कवि की उस भावना को दर्शाती है, जहाँ एक कवि भीड़भाड़ भरी इस दुनिया में खुद को अकेला पाता है।
आज मुझसे दूर दुनिया!
भावनाओं से विनिर्मित,
कल्पनाओं से सुसज्जित,
कर चुकी मेरे हृदय का स्वप्न चकना चूर दुनिया!
आज मुझसे दूर दुनिया!
‘बात पिछली भूल जाओ,
दूसरी नगरी बसाओ’—
प्रेमियों के प्रति रही है, हाय, कितनी क्रूर दुनिया!
आज मुझसे दूर दुनिया!
वह समझ मुझको न पाती,
और मेरा दिल जलाती,
है चिता की राख कर मैं माँगती सिंदूर दुनिया!
आज मुझसे दूर दुनिया!
–हरिवंश राय बच्चन
मुझे पुकार लो
हरिवंश राय बच्चन की कविताएं उनके महान चरित्र को दर्शाती हैं। Harivansh Rai Bachchan Ki Kavita “मुझे पुकार लो” एक ऐसी कविता है, जो प्रेम को उचित सम्मान देती है और प्रेम में प्रतीक्षा की भावना को भी दर्शाती है।
इसीलिए खड़ा रहा
कि तुम मुझे पुकार लो!
ज़मीन है न बोलती
न आसमान बोलता,
जहान देखकर मुझे
नहीं ज़बान खोलता,
नहीं जगह कहीं जहाँ
न अजनबी गिना गया,
कहाँ-कहाँ न फिर चुका
दिमाग़-दिल टटोलता,
कहाँ मनुष्य है कि जो
उमीद छोड़कर जिया,
इसीलिए अड़ा रहा
कि तुम मुझे पुकार लो!
इसीलिए खड़ा रहा
कि तुम मुझे पुकार लो!
तिमिर-समुद्र कर सकी
न पार नेत्र की तरी,
विनष्ट स्वप्न से लदी,
विषाद याद से भरी,
न कूल भूमि का मिला,
न कोर भोर की मिली,
न कट सकी, न घट सकी
विरह-घिरी विभावरी,
कहाँ मनुष्य है जिसे
कमी ख़ली न प्यार की,
इसीलिए खड़ा रहा
कि तुम मुझे दुलार लो!
इसीलिए खड़ा रहा
कि तुम मुझे पुकार लो!
उजाड़ से लगा चुका
उमीद मैं बहार की,
निदाघ से उमीद की,
बसंत के बयार की,
मरुस्थली मरीचिका
सुधामयी मुझे लगी,
अंगार से लगा चुका
उमीद मैं तुषार की,
कहाँ मनुष्य है जिसे
न भूल शूल-सी गड़ी,
इसीलिए खड़ा रहा
कि भूल तुम सुधार लो!
इसीलिए खड़ा रहा कि तुम मुझे पुकार लो!
पुकार कर दुलार लो, दुलार कर सुधार लो!
–हरिवंश राय बच्चन
इसकी मुझको लाज नहीं है
हरिवंश राय बच्चन की कविताएं उनके महान चरित्र को दर्शाती हैं। Harivansh Rai Bachchan Ki Kavita “इसकी मुझको लाज नहीं है” एक ऐसी कविता है, जो कवि की समाज से अलग पहचान को दर्शाती है।
मैं सुख पर सुखमा पर रीझा, इसकी मुझको लाज नहीं है।
जिसने कलियों के अधरों में
रस रक्खा पहले शरमाए,
जिसने अलियों के पंखों में
प्यास भरी वह सिर लटकाए,
आँख करे वह नीची जिसने
यौवन का उन्माद उभारा,
मैं सुख पर, सुखमा पर रीझा, इसकी मुझको लाज नहीं है।
मन में सावन-भादों बरसे,
जीभ करे, पर, पानी-पानी!
चलती-फलती है दुनिया में
बहुधा ऐसी बेईमानी,
पूर्वज मेरे, किंतु, हृदय की
सच्चाई पर मिटते आए,
मधुवन भोगे, मरु उपदेशे मेरे वंश रिवाज़ नहीं है।
मैं सुख पर, सुखमा पर रीझा, इसकी मुझको लाज नहीं है।
चला सफ़र पर जब तक मैंने
पथ पूछा अपने अनुभव से,
अपनी एक भूल से सीखा
ज़्यादा, औरों के सच सौ से,
मैं बोला जो मेरी नाड़ी
में डोला, जो रग में घूमा,
मेरी नाड़ी आज किताबी नक़्शों की मोहताज नहीं है।
मैं सुख पर, सुखमा पर रीझा, इसकी मुझको लाज नहीं है।
अधरामृत की उस तह तक मैं
पहुँचा विष को भी चख आया,
और गया सुख को पिछुआता
पीर जहाँ वह बनकर छाया,
मृत्यु गोद में जीवन अपनी
अंतिम सीमा पर लेटा था,
राग जहाँ पर, तीव्र अधिकतम है, उसमें आवाज़ नहीं है।
मैं सुख पर, सुखमा पर रीझा, इसकी मुझको लाज नहीं है।
–हरिवंश राय बच्चन
आओ हम पथ से हट जाएँ
हरिवंश राय बच्चन की कविताएं उनके महान चरित्र को दर्शाती हैं। Harivansh Rai Bachchan Ki Kavita “आओ हम पथ से हट जाएँ” एक ऐसी कविता है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने, युवाओं को जोश और उमंग से भरने तथा साथ ही उन्हें मार्गदर्शित करने का प्रण लेती है।
आओ हम पथ से हट जाएँ!
युवती और युवक मदमाते
उत्सव आज मानने आते,
लिए नयन में स्वप्न, वचन में हर्ष, हृदय में अभिलाषाएँ!
आओ, हम पथ से हट जाएँ!
इनकी इन मधुमय घड़ियों में,
हास-लास की फुलझड़ियों में,
हम न अमंगल शब्द निकालें, हम न अमंगल अश्रु बहाएँ!
आओ, हम पथ से हट जाएँ!
यदि इनका सुख सपना टूटे,
काल इन्हें भी हम-सा लूटे,
धैर्य बँधाएँ इनके उर को हम पथिकों की किरण कथाएँ!
आओ, हम पथ से हट जाएँ!
–हरिवंश राय बच्चन
आशा है कि Harivansh Rai Bachchan Ki Kavita के माध्यम से आप हरिवंश राय बच्चन की कविताएं पढ़ पाएं होंगे, जो कि आपको सदा प्रेरित करती रहेंगी। साथ ही यह ब्लॉग आपको इंट्रस्टिंग और इंफॉर्मेटिव भी लगा होगा, इसी प्रकार के कोट्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।