Poems on Children’s Day in Hindi: पढ़िए बाल दिवस पर लिखी कविताएं, जो बचपन की सुनहरी यादों को सजोए रखने का काम करती हैं

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Poems on Children's Day in Hindi

कवि और उनके द्वारा लिखी गई कविताएं समाज का आईना होती हैं, जीवन के हर लम्हें को कविताएं खुद में सजोए रखने का काम करती हैं। कविताओं को जीवन के हर लम्हें-हर यादों पर समर्पित किया जा सकता है। इसी क्रम में आपको इस पोस्ट के माध्यम से Poems on Children’s Day in Hindi पढ़ने को मिलेंगी। जीवन की सुखद अवस्था “बचपन” पर आधारित कविताएं आपको एक बार फिर से अपना बचपन जीने के लिए मजबूर कर देंगी, जिसके लिए आपको इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ना पड़ेगा।

कब है बाल दिवस?

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से अत्यंत स्नेह होने के कारण, हर वर्ष 14 नवंबर को उनके जन्मदिन की तिथि पर बाल दिवस मनाया जाता है। बाल दिवस के रूप में पंडित नेहरू के जन्मदिन को चुनने का विचार, वर्ष 1950 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा दिया गया था। यह विचार इतना लोकप्रिय हुआ कि वर्ष 1954 को पहली बार “बाल दिवस” बनाया गया और तभी से हर वर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भी पूरे देश में 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाएगा, जिसका उद्देश्य बच्चों की अच्छी देखरेख और शिक्षा हेतु समाज को प्रेरित करना होता है।

Poems on Children’s Day in Hindi

Poems on Children’s Day in Hindi के माध्यम से आप बाल दिवस पर आधारित कविताएँ पढ़ पाएंगे, इन कविताओं में बचपन को महत्वता दी गई है। बाल दिवस पर लिखित कविताएं सदियों तक बच्चों के बेहतर स्वास्थ और अधिकारों की बात कहती रहेंगी, ऐसी कुछ कविताएं निम्नलिखित हैं;

बचपन

Poems on Children’s Day in Hindi के माध्यम से आप बचपन के यादगार लम्हों को फिर से जी पाएंगे, यह कविता बचपन के शानदार लम्हों की यादों को फिर से ताजा कर देगी।

“ज़िंदगी का हर लम्हा बड़ा शानदार रहा
बचपन की छाया में जीवन बड़ा खुशहाल रहा
गिरते-गिरते जिसने उठना सिखाया
खुल कर रोना और खुलकर हसना सिखाया
वो बचपन एक ऐसा सफर था
जिस सफर ने खुश खुश रहना सिखाया
तुतलाहट बोली ने बोलना सिखाया
लड़खड़ाते कदमों ने चलना सिखाया
वो बचपन शरारतों का पिटारा है
जिसने नदियों सा अविरल बहना सिखाया
जहाँ माँ की ममता का आँगन मिला
जहाँ साफ-सुथरा मन का दामन मिला
ये बचपन वो बचपन है,
जिसमें झूमता शहर और गांव मिला…”

मयंक विश्नोई

चांद का कुर्ता

Poems on Children’s Day in Hindi के माध्यम से आप बाल दिवस पर आधारित कविताओं को पढ़ सकते हैं, जिसमें से “चांद का कुर्ता” भी एक प्रसिद्ध कविता है।

हठ कर बैठा चांद एक दिन, माता से यह बोला,
सिलवा दो मां मुझे ऊन का मोटा एक झिंगोला।
सनसन चलती हवा रात भर, जाड़े से मरता हूं,
ठिठुर-ठिठुरकर किसी तरह यात्रा पूरी करता हूं।
आसमान का सफ़र और यह मौसम है जाड़े का,
न हो अगर तो ला दो कुर्ता ही कोई भाड़े का।
बच्चे की सुन बात कहा माता ने, ‘‘अरे सलोने!
कुशल करें भगवान, लगें मत तुझको जादू-टोने।
जाड़े की तो बात ठीक है, पर मैं तो डरती हूँ,
एक नाप में कभी नहीं तुझको देखा करती हूँ।
कभी एक अंगुल भर चौड़ा, कभी एक फुट मोटा,
बड़ा किसी दिन हो जाता है, और किसी दिन छोटा।
घटता-बढ़ता रोज़ किसी दिन ऐसा भी करता है,
नहीं किसी की भी आंखों को दिखलाई पड़ता है।
अब तू ही ये बता, नाप तेरा किस रोज़ लिवाएं,
सी दें एक झिंगोला जो हर रोज बदन में आए।

–रामधारी सिंह ‘दिनकर’

सबसे पहले

Poems on Children’s Day in Hindi के माध्यम से आप बाल दिवस पर रचित कविता “सबसे पहले” को पढ़ सकते हैं, यह भी एक सुप्रसिद्ध कविता है।

आज उठा मैं सबसे पहले!
सबसे पहले आज सुनूँगा,
हवा सवेरे की चलने पर,
हिल, पत्तों का करना ‘हर-हर’
देखूँगा, पूरब में फैले बादल पीले,
लाल, सुनहले!
आज उठा मैं सबसे पहले!
सबसे पहले आज सुनूँगा,
चिड़िया का डैने फड़का कर
चहक-चहककर उड़ना ‘फर-फर’
देखूँगा, पूरब में फैले बादल पीले,
लाल सुनहले!
आज उठा मैं सबसे पहले!
सबसे पहले आज चुनूँगा,
पौधे-पौधे की डाली पर,
फूल खिले जो सुंदर-सुंदर
देखूँगा, पूरब में फैले बादल पीले
लाल, सुनहले
आज उठा मैं सबसे पहले!
सबसे कहता आज फिरूँगा,
कैसे पहला पत्ता डोला,
कैसे पहला पंछी बोला,
कैसे कलियों ने मुँह खोला
कैसे पूरब ने फैलाए बादल पीले,
लाल, सुनहले!
आज उठा मैं सबसे पहले!

–हरिवंशराय बच्चन

चंदा मामा

Poems on Children’s Day in Hindi के माध्यम से आप बाल दिवस पर रचित कविता “चंदा मामा” को पढ़ सकते हैं, जो आपके सामने बचपन की छवि को खूबसूरती से प्रस्तुत करेगी।

चंदा मामा दौड़े आओ,
दूध कटोरा भर कर लाओ।
उसे प्यार से मुझे पिलाओ,
मुझ पर छिड़क चाँदनी जाओ।
मैं तैरा मृग-छौना लूँगा,
उसके साथ हँसूँ खेलूँगा।
उसकी उछल-कूद देखूँगा,
उसको चाटूँगा-चूमूँगा।

–अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’

ऐरोप्लेन कहाँ पर उड़ते?

Poems on Children’s Day in Hindi के माध्यम से आप बाल दिवस पर रचित कविता “ऐरोप्लेन कहाँ पर उड़ते?” को पढ़ सकते हैं, जो आपके सामने बचपन के किस्सों को प्रस्तुत करेगी।

ईश्वर ने आकाश बनाया
उसमें सूरज को बैठाया
अगर नहीं आकाश बनाता
चाँद-सितारे कहाँ सजाता?
कैसे हम किरणों से जुड़ते?
ऐरोप्लेन कहाँ पर उड़ते?

–बालकवि बैरागी

हम उपवन के फूल मनोहर

Poems on Children’s Day in Hindi के माध्यम से आप बाल दिवस पर रचित कविता “हम उपवन के फूल मनोहर” को पढ़ सकते हैं, यह कविता बचपन को सही शब्दों से परिभाषित करती है।

हम उपवन के फूल मनोहर
सब के मन को भाते।
सब के जीवन में आशा की
किरणें नई जगाते

–त्रिलोक सिंह ठकुरेला

किससे दुख की बात कहेगी

Poems on Children’s Day in Hindi के माध्यम से आप बाल दिवस पर रचित कविता “किससे दुख की बात कहेगी” को पढ़ सकते हैं, यह कविता बच्चों को साहित्य से परिचित करवाने के लिए एक अच्छा विकल्प है।

आँधी आई जोर शोर से,
डालें टूटी हैं झकोर से।
उड़ा घोंसला अंडे फूटे,
किससे दुख की बात कहेगी!
अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी

–महादेवी वर्मा

आशा है कि Poems on Children’s Day in Hindi के माध्यम से आप बाल दिवस पर आधारित कविताओं को पढ़ पाएं होंगे, जिसमें लिखी कविता आपका परिचय बचपन के खूबसूरत लम्हों से करवाएंगी। साथ ही यह ब्लॉग आपको इंट्रस्टिंग और इंफॉर्मेटिव भी लगा होगा, इसी प्रकार की अन्य कविताएं पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

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