भवानी प्रसाद मिश्र हिंदी के प्रसिद्ध कवि तथा गांधीवादी विचारक थे। आम लोगों से उनके अधिक जुड़ाव होने के कारण लोग प्यार से उन्हें भवानी भाई कहकर बुलाते थे। भवानी प्रसाद मिश्र उन गिने चुने कवियों में थे जो कविता को ही अपना धर्म मानते थे। उन्होंने कवियों को नसीहत भी दी, जिस तरह हम बोलते हैं उस तरह तू लिख, और इसके बाद भी हम से बड़ा तू दिख। भवानी प्रसाद के बारे में या उनकी रचनाओं से जुड़े प्रश्न हिंदी की परीक्षाओं में पूछे जाते हैं, इसलिए इस ब्लाॅग में भवानी प्रसाद मिश्र की रचनाएँ कौन सी हैं? के बारे में बताया जा रहा है जो आपकी परीक्षाओं की तैयारी को मजबूत करेंगी।
भवानी प्रसाद मिश्र के बारे में
29 मार्च 1913 को भवानी प्रसाद मिश्र का जन्म मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के टिगरिया गाँव में हुआ था। जिनका पूरा नाम सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन भवानी प्रसाद मिश्र था। भवानी प्रसाद मिश्र जी ने शासकीय विज्ञान महाविद्यालय, जबलपुर और रॉबर्टसन कॉलेज, जबलपुर से शिक्षा प्राप्त की। सीताराम मिश्र और गोमती देवी की विलक्षण बुद्धि की संतान भवानीप्रसाद मिश्र जी ने कविता, गद्य, नाटक और निबंध आदि सभी विधाओं में लेखन किया। उनकी कविताओ में प्रेम, प्रकृति, सामाजिक समस्याएँ और गांधीवादी विचारों का समावेश देखने को मिल जाता है। उनकी कविताओ की भाषा सरल, सहज और प्रवाहपूर्ण है, जिससे समाज का मार्गदर्शन मिल जाता हैं।
भवानी प्रसाद मिश्र की प्रमुख रचनाओं में गीत-फ़रोश, चकित है दुख, गाँधी पंचशती, बुनी हुई रस्सी, खुशबू के शिलालेख, त्रिकाल संध्या, व्यक्तिगत, इदम् न मम इत्यादि हैं। भवानी प्रसाद मिश्र की महान रचनाओं के कारण उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्मभूषण और पद्मविभूषण इत्यादि पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सदी के महान क्रांतिकारी कवि भवानी प्रसाद मिश्र ने 20 फरवरी 1985 को मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में अपनी अंतिम साँस ली।
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भवानी प्रसाद मिश्र की रचनाएँ कौन सी हैं?
भवानी प्रसाद मिश्र द्वारा लिखी गईं रचनाएँ यहाँ दी गई है :
- A Woven Rope (english)
- ये कोहरे मेरे है – Ye Kohre Mere Hain
- प्रतिनिधि कविताएं – Pratinidhi Kavitayen : Bhawani Prasad Mishra
- मेरे साक्षात्कार – Mere Saakshatkaar : Bhawani Prasad Mishra
- बुनी हुई रस्सी – Buni Hui Rassi
- त्रिकाल संध्या – Trikal sandhya
- परिवर्तन जिए – Parivartan jiye
- मन एक मैली चीज है – Man Ek Maili Kameez Hai
- एण्टीगोनी (ANTIGONI)
- कुछ निति कुछ राजनीती – KUCH NITI KUCH RAJNITI
संख्या | बुक्स | लिंक |
1 | A Woven Rope (english | यहाँ से खरीदें |
2 | ये कोहरे मेरे है – Ye Kohre Mere Hain | यहाँ से खरीदें |
3 | प्रतिनिधि कविताएं – Pratinidhi Kavitayen : Bhawani Prasad Mishra | यहाँ से खरीदें |
4 | मेरे साक्षात्कार – Mere Saakshatkaar : Bhawani Prasad Mishra | यहाँ से खरीदें |
5 | बुनी हुई रस्सी – Buni Hui Rassi | यहाँ से खरीदें |
6 | त्रिकाल संध्या – Trikal sandhya | यहाँ से खरीदें |
7 | परिवर्तन जिए – Parivartan jiye | यहाँ से खरीदें |
8 | मन एक मैली चीज है – Man Ek Maili Kameez Hai | यहाँ से खरीदें |
9 | एण्टीगोनी (ANTIGONI) | यहाँ से खरीदें |
10 | कुछ निति कुछ राजनीती – KUCH NITI KUCH RAJNITI | यहाँ से खरीदें |
भवानी प्रसाद मिश्र द्वारा लिखी गईं कविताएं
भवानी प्रसाद मिश्र द्वारा लिखी गईं प्रमुख कविताएं यहाँ दी गई है :
- घर की याद
- सतपुड़ा के जंगल
- सन्नाटा
- पानी को क्या सूझी
- मित्र मंडल।
FAQs
29 मार्च 1913
20 फरवरी 1985
भवानी प्रसाद मिश्र हिन्दी कवि और लेखक थे।
गीतफरोश, अंधेरी कविताएं, गांधी पंचशती, बुनी हुई रस्सी, इदं न मम्, शरीर कविता, फसलें व फूल, मानसरोवर दिल तथा तूस की आग।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको भवानी प्रसाद मिश्र की रचनाएँ कौन सी है के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।