Facts About Turtle in Hindi: धरती पर विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु मौजूद हैं। उन्ही में से एक कछुआ भी है। कछुए सरीसृपों (Reptiles) का एक समूह है जिसकी उत्पत्ति लगभग 200 मिलियन वर्ष पहले हुई है। यह अद्भुत जीव पृथ्वी पर सबसे अधिक दिन तक जीवित रह सकते हैं। बता दें कि इनकी उम्र 150-200 साल के करीब हो सकती है। आपको बता दें कि पूरी दुनिया में कछुओं की कुल 300 प्रजातियां (species) हैं। जिनमें से कुछ धरती पर तो कुछ पानी में पाए जाते हैं। कछुओं को लेकर इसी तरह के फैक्ट्स जानने के लिए यह लेख अंत तक पढ़े। इस आर्टिकल में आपके लिए 20+ Facts About Turtle in Hindi से अवगत कराएंगे। यहाँ दिए गए फैक्ट्स आपको कछुओं के बारे में और अधिक जानने में मदद करेंगे।
Facts About Turtle in Hindi
रिसर्च, स्टडी और रिपोर्ट्स के अनुसार स्टूडेंट्स के लिए Facts About Turtle in Hindi यहाँ दिए गए है :
- कछुए दुनिया के सबसे पुराने सरीसृप समूहों (Reptiles) में से एक हैं।
- कछुए आकार में काफी भिन्न होते हैं। इनकी लम्बाई 2 से 7 फीट तक और वजन 70 से लेकर 1,500 पाउंड तक हो सकता है।
- कछुए का वैज्ञानिक नाम टेस्टुडीनिडे (Testudinidae) है।
- कछुओं को विश्व की प्राचीनतम जीवित प्रजातियों में से एक मानी जाती है।
- कछुओं के बारे में जागरूकता फैलाने और इनके संरक्षण के उद्देश्य से हर साल 23 मई को दुनियाभर में वर्ल्ड टर्टल डे (World Turtle Day) मनाया जाता है।
- अंटार्कटिका एकमात्र ऐसा महाद्वीप है जहाँ कछुए नहीं रहते।
- धरती पर सबसे अधिक समय तक जीवित रहने वाले कछुए की उम्र 187 वर्ष से अधिक थी। इस कछुए का नाम जोनाथन था।
- कछुओं के दांत नही होते है। वह भोजन को चबाने के लिए प्लेट जैसे हड्डी के पट्ट का इस्तेमाल करते हैं।
- अन्य कछुओं की तुलना में समुद्री कछुए अपने खोल (Shell) में पूरी तरह से छिपने में कम सक्षम होते हैं।
- मादा कछुए एक बार में 1 से 30 अंडे देते हैं। अंडे से बच्चे निकलने में 90 से 150 दिन लगता है।
- कछुआ अपना घोंसला रेत में गड्ढा कर बनाता है।
- कछुओं का कवच इतना मजबूत होता है कि वे कार या ट्रक के वजन का भी सामना कर सकते हैं।
- कछुए शाकाहारी, मांसाहारी और सर्वाहारी हो सकते हैं और समुद्री कछुए सिर्फ शाकाहारी और मांसाहारी हो सकते हैं।
- गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के मुताबिक, अब तक किसी कछुए की अधिकतम रफ़्तार 1 किमी प्रति घंटा दर्ज की गयी है।
- हर साल 16 जून को दुनियाभर में विश्व समुद्री कछुआ दिवस मनाया जाता है।
- कछुआ अंतरिक्ष में जाने वाले पहले जीवों में से एक है। 14 सितंबर 1968 को, सोवियत संघ ने ज़ोंड 5 नामक अंतरिक्ष यान में दो कछुओं सहित कई जानवरों को अंतरिक्ष में भेजा था।
- अगर कछुए के दिमाग को उसके शरीर से अलग कर दिया जाए तो भी यह 6 महीने तक जीवित रह सकते हैं।
- कछुए लंबे समय तक अपनी सांस रोक सकते हैं।
- कछुए की दौड़ने की अधिकतम रफ़्तार 1.6 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है।
- कछुओं की देखने और सुनने की क्षमता बहुत अधिक होती है।
- मादा कछुओं का शरीर आमतौर पर नर की तुलना में बड़ा होता है।
- सर्दियों में, कछुए शीतनिद्रा में चले जाते हैं। इस दौरान, वह कई महीनों तक बिना कुछ खाए रह सकते हैं।
- प्राचीन काल में युद्ध के दौरान रोमन सैनिक कछुओं के कवच का उपयोग करते थे।
- कछुए आसपास के गंध सूंघने के लिए अपने गले का उपयोग करते हैं।
- कछुए के कवच का रंग, उनके रहने के स्थान के तापमान बता सकता है। गर्म इलाकों में रहने वाले कछुए का कवच हल्के रंग का, जबकि ठंडी जगह पर रहने वाले कछुए के कवच गहरे रंग का होता है।
FAQs
कछुआ एक सरीसृप (Reptile) प्रजाति का प्राणी होता है, जो जल और थल दोनों जगहों पर रह सकता है। इसका शरीर कठोर खोल से ढका होता है, जो इसे सुरक्षा प्रदान करता है।
कछुओं की आयु प्रजाति पर निर्भर करती है, लेकिन कुछ कछुए 100 से 150 वर्ष तक भी जीवित रह सकते हैं। गैलेपागोस कछुआ इसकी लंबी उम्र के लिए प्रसिद्ध है।
हाँ, अधिकांश कछुए उभयचर होते हैं। वे ज़मीन पर अंडे देते हैं लेकिन भोजन के लिए पानी में रहते हैं। जलकछुए और स्थलकछुए में यह अंतर होता है।
कछुए का खोल उसकी रीढ़ और पसलियों से जुड़ा होता है और यह उसे शिकारी से बचाने का मुख्य साधन है। यह खोल बहुत मजबूत होता है और इसे बिना चोट पहुंचाए हटाया नहीं जा सकता।
कछुए फेफड़ों से साँस लेते हैं। पानी में रहने के दौरान वे अपनी साँस को लंबे समय तक रोक सकते हैं, जिससे उन्हें डुबकी लगाने में मदद मिलती है।
भारत में इंडियन स्टार टॉर्टॉयस, फ्लैपशेल टर्टल, रेड इयर्ड स्लाइडर और सॉफ्टशेल टर्टल प्रमुख रूप से पाए जाते हैं।
कछुए शाकाहारी, मांसाहारी या सर्वाहारी हो सकते हैं। कुछ फल, पत्तियाँ और जल पौधों को खाते हैं, जबकि अन्य कीड़े, मछली और झींगा आदि खाते हैं।
कछुआ अपने खोल के बाहर इसलिए नहीं आ सकते क्योंकि उसका खोल शरीर का अभिन्न अंग होता है, जैसे हमारी हड्डियाँ। वह खोल से बाहर नहीं आ सकता क्योंकि उसकी हड्डियाँ और खोल आपस में जुड़े होते हैं।
भारत में वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कई प्रजातियों के कछुओं को पालना अवैध है। किसी भी कछुए को पालने से पहले कानूनी जानकारी अवश्य लेनी चाहिए।
हर साल 23 मई को विश्व कछुआ दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य कछुओं के संरक्षण, जागरूकता और उनके प्राकृतिक आवास की रक्षा के लिए लोगों को प्रेरित करना है।
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