पीएचडी करने के बारे में सोच रहे कैंडिडेट्स के लिए एक अच्छी खबर है। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने पीएचडी में प्रवेश के लिए अनिवार्य योग्यता में बड़ा बदलाव करते हुए ग्रेजुएशन के बाद भी पीएचडी में प्रवेश पाना संभव कर दिया है। वे छात्र जिन्होंने 4 का साल का कोई भी ग्रेजुएशन कोर्स किया है वे पीएचडी में ग्रेजुएशन के बाद ही प्रवेश ले सकेंगे। बात दें कि अब तक पीएचडी में एडमिशन लेने के लिए किसी भी विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया होना अनिवार्य था।
ग्रेजुएशन में न्यूनतम मार्क्स की रखी गई योग्यता
यूजीसी द्वारा लागू किए गए नए नियमों में मुताबिक अब जूनियर रिसर्च फेलोशिप के साथ अथवा उसके बिना पीएचडी में प्रवेश प्राप्त करने के लिए छात्रों को चार साल के ग्रेजुएशन प्रोग्राम को कम से कम 75% अंकों के साथ पास करना अनिवार्य होगा। पहले यह योग्यता पोस्ट ग्रेजुएशन में 55% अंक थी। जिन कैंडिडेट्स के पास 3 साल की ग्रेजुएशन डिग्री है उनके लिए अब भी पीएचडी करने के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन में 55% मार्क्स लाना अनिवार्य होगा। उन्हें ग्रेजुएशन के बाद पीएचडी में एडमिशन नहीं मिल सकेगा
यह भी पढ़ें : स्कूल असेंबली के लिए 22 अप्रैल की मुख्य समाचार सुर्खियां
किसी भी विषय में दे सकेंगे NET परीक्षा
एक अन्य अपडेट के तहत अब स्टूडेंट्स किसी भी विषय में NET का एग्जाम दे सकेंगे चाहे उन्होंने किसी दूसरे विषय से अपना ग्रेजुएशन किया हो। इसका अर्थ है कि ग्रेजुएशन में पढ़े विषय में ही NET का एग्जाम देने की बाध्यता नहीं होगी।
यह भी पढ़ें : Today’s Current Affairs in Hindi | 22 अप्रैल 2024 (हिंदी करंट अफेयर्स)
आरक्षित वर्गों को मिलेगी न्यूनतम अंकों में छूट
यूजीसी के नए अपडेट के तहत SC,ST,OBC (नॉन-क्रीमी लेयर), दिव्यांग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और अन्य श्रेणियों के उम्मीदवारों के लिए पीएचडी करने के लिए निर्धारित अंकों में 5% की छूट दी जाएगी। हालांकि इस बारे में यूजीसी ने अभी तक कोई आधिकारिक नोटिस जारी नहीं किया है लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यूजीसी की ओर से आरक्षित वर्गों को न्यूनतम अंकों में छूट दिए जाने की बात कही जा रही है।
यह भी पढ़ें : इस डेट को जारी हो सकता है हरियाणा बोर्ड का रिजल्ट
इसी और अन्य प्रकार के Leverage Edu न्यूज़ अपडेट्स के साथ बने रहिए।