केरल में मिली ट्राइबल स्टूडेंट्स को विदेशी शिक्षा हासिल करने के लिए मदद

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SC/ST विकास विभाग द्वारा विदेशी शिक्षा हासिल करने के लिए उपलब्ध करवाई जाने वाली स्कॉलरशिप योजना में केरल के केपी प्रशांत और नीतू उन 250 छात्रों में शामिल हैं, जिन्होंने पिछले 18 महीनों में विदेशी शिक्षा हासिल करने के लिए SC/ST विकास विभाग की छात्रवृत्ति हासिल की है।

राधाकृष्णन ने The New Indian Express (TNIE) से बातचीत कहा कि 2021 तक केवल 62 छात्रों ने विदेशी शिक्षा योजना का लाभ उठाया था। हालांकि, पिछले 18 महीनों में, हमने 250 छात्रों को INR 25 लाख प्रदान किए, जिनमें से 15 ST कम्युनिटी से आते हैं।

SC/ST कल्याण मंत्री के. राधाकृष्णन के मुताबिक हमने SC/ST छात्रों के विकास के लिए पिछले 50 वर्षों में कई योजनाएं लागू की हैं। छात्र केवल अच्छी शिक्षा और नौकरियों के माध्यम से अन्य कम्युनिटीज के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।

सेंट जोसेफ कॉलेज देवगिरी, कोझीकोड से बीकॉम ग्रेजुएट, प्रशांत ने इंग्लैंड में एंग्लिया रस्किन विश्वविद्यालय में एमबीए के लिए आवेदन किया था और वे इस यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए एजुकेशन लोन के लिए आवेदन करने की योजना बना रहे थे, तब उन्हें छात्रवृत्ति के बारे में पता चला। प्रशांत ने TNIE से बातचीत में कहा कि इस सब सहायता के लिए विभाग बहुत सहायक था और 10 दिनों में मेरे आवेदन पर त्वरित कार्रवाई की गई।

प्रशांत के पिता वायनाड के मुत्तिल विवेकानंद अस्पताल में एंबुलेंस ड्राइवर हैं और मां नर्स हैं। परिवार कनियामबट्टा बस्ती के कोलीपट्टा कॉलोनी में रहता है। प्रशांत ने TNIE से बातचीत में आगे कहा कि मैं दूसरे सेमेस्टर में हूं और मेरा कोर्स इस वर्ष के दिसंबर तक खत्म हो जाएगा। INR 28 लाख की कोर्स फीस में से संबंधित विभाग ने INR 25 लाख दिए और बाकी की व्यवस्था मेरे परिवार ने की। यह एक इनोवेटिव कोर्स है और इसके बाद मुझे नौकरी मिलने का पूरा भरोसा है।

अंबालावायल की नीतू प्रभाकरन ने 2017 में मार अथानासियस कॉलेज, कोठामंगलम से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन्स में इंजीनियरिंग पूरी की थी और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही थी। इसके बाद, उन्होंने ब्रिटेन के एस्टन विश्वविद्यालय में डेटा एनालिटिक्स में एमएससी करने का फैसला किया। नीतू प्रभाकरन ने TNIE से बातचीत में कहा कि संबंधित विभाग ने एक महीने में मेरे आवेदन पर कार्रवाई की।

नीतू ने TNIE से बातचीत में आगे कहा कि कोर्स की फीस INR 23.5 लाख है और रहने की लागत INR 8 लाख होगी जिसके लिए मैंने लोन लिया है। मैंने सितंबर 2021 में ज्वाइन किया था। नीतू के पिता पीसी प्रभाकरन, CISF के एक ASI, कोच्चि हवाई अड्डे पर सेवा करते हैं, जबकि उनकी मां सुधा एक गृहिणी हैं।

नीतू ने TNIE से बातचीत में आगे कहा कि मुझे यहां पढ़ाई और पर्यावरण का बेहतर माहौल मिला है। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री राधाकृष्णन ने कहा कि विदेशी शिक्षा छात्रों के लिए नए रास्ते खोलेगी और उन्हें विदेशों में अच्छी नौकरी मिलेगी।

आदिवासी विकास सहायक निदेशक वाई बिपिनदास ने TNIE से बातचीत में कहा कि छात्रवृत्ति ने छात्रों में बहुत उत्साह पैदा किया है और हमें उनसे बहुत सारी क्वेरीज़ मिल रही है।

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