एमएससी सॉइल साइंस कैसे करें?

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एमएससी सॉइल साइंस दो साल का पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है। इस कोर्स में छात्र सॉइल के फिजिकल एट्रिब्यूट और बायोलॉजिकल कंपोजिशन आदि के बारे में सीखते हैं। इस कोर्स में पृथ्वी के बाहरी आवरण का अध्ययन करने को भी मिलता है। एमएससी सॉइल साइंस को पूरा करने के बाद, छात्र भूमि उत्पादकता में सुधार, वेस्ट मैनेजमेंट, मिट्टी के रिहैबिलिटेशन और संरक्षण, वॉटर मैनेजमेंट आदि में एक्सपर्ट बन सकते हैं। एमएससी सॉइल साइंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

कोर्समास्टर ऑफ़ साइंस इन सॉइल साइंस
लेवलपोस्टग्रेजुएशन
अवधि2 साल
परीक्षा का प्रकारसेमेस्टर सिस्टम
कोर्स फ़ीसINR 15 हजार से 4 लाख (2 साल के लिए) 
टॉप रिक्रूटिंग कंपनीजएग्रीकल्चर, फॉरेस्ट्री, एनवायरमेंटल एसेसमेंट, लैंड यूज़ माइनिंग, ऑयल & गैस इंडस्ट्रीज, रिसर्च फॉर गवर्नमेंट और एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस आदि। 

एमएससी सॉइल साइंस क्यों करें? 

एमएससी सॉइल साइंस को आपको कोर्स के रूप में क्यों चुनना चाहिए, इसके लिए कुछ पॉइंट्स नीचे दिए गए हैं:

  • इस कोर्स में फील्ड सर्वे और लैब वर्क के साथ सॉइल इन्वायरमेंट के प्रोसेस और प्रॉपर्टी की अच्छी थियोरेटिकल नॉलेज प्रदान की जाती है। 
  • यह बायोकेमिस्ट्री, नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट, सस्टेनेबल डेवलपमेंट की समझ देता है। 
  • इस कोर्स को करने के बाद क्रॉप कंसलटेंट, वेटलैंड स्पेशलिस्ट, क्रॉप प्रोडक्शन स्पेशलिस्ट, वाटर से टेक्नीशियन, एनवायरमेंटल टेक्नीशियन, स्टेट सॉइल एंड वॉटर क्वालिटी स्पेशलिस्ट, सॉइल कंजर्वेशनिस्ट, कंट्री एग्रीकल्चरल सॉइल साइंटिस्ट, रिसर्च टेक्नीशियन, कंजर्वेशन प्लानर, डिस्ट्रिक्ट मार्केटिंग मैनेजर, रिसर्च साइंटिस्ट आदि के तौर पर आप काम कर सकते हैं। 
  • एमएससी सॉइल साइंस ग्रेजुएट्स के लिए औसत पैकेज निजी और सार्वजनिक दोनों ऑर्गेनाइजेशंस के लिए उच्च स्तर पर हैं।

एमएससी सॉइल साइंस के लिए स्किल्स

एमएससी सॉइल साइंस के लिए डिग्री के साथ-साथ कुछ स्किल्स का होना भी जरूरी है, उनमें से कुछ नीचे दी गई हैं:

  • ऑब्जर्वेशनल और एनालिटिकल स्किल 
  • क्रिटिकल थिंकिंग
  • कम्युनिकेशन स्किल
  • डाटा कलेक्शन और एनालिसिस 
  • मानचित्र निर्माण और मृदा अपरदन मॉडलिंग जैसे कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से परिचित होना।
  • मिट्टी के एनालिसिस के लिए इंडस्ट्री स्पेसिफिक उपकरणों जैसे पीएच मीटर, फोटोमीटर आदि का ज्ञान।

एमएससी सॉइल साइंस सिलेबस

एमएससी सॉइल साइंस का सेमेस्टर वाइज सामान्य सिलेबस यहाँ दिया गया है:

सेमेस्टर Iसेमेस्टर II
क्लासिफिकेशन एंड इम्पोर्टेंस ऑफ़ आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र सॉइल फ़र्टिलिटी एंड सॉइल प्रोडक्टिविटी
ग्रीन/लीफ कम्पोस्ट सॉइल फिजिक्स
सॉइल मिनरलॉजी, ओरिजिन, क्लासिफिकेशन एंड सर्वेसॉइल स्ट्रक्चर
सॉइल कंज़र्वेशन सॉइल बायोलॉजी एंड बायोकेमिस्ट्री
सेमेस्टर IIIसेमेस्टर IV
जिओमोर्फोलॉजी एंड जिओकेमिस्ट्री रेडियोआइसोटोप्स इन सॉइल एंड प्लांट स्टडीज़
रिमोट सेंसिंग फॉर सॉइल एंड क्रॉप स्टडीज़ एंड जीआई टेक्निक्स सिस्टम्स अप्रोच इन सॉइल एंड क्रॉप स्टडीज़
फर्टिलाइजर टेक्नोलॉजीलैंड डिग्रेडेशन एंड रीस्टोरेशन 

एमएससी सॉइल साइंस के लिए टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज़

एमएससी सॉइल साइंस के लिए विदेश की टॉप यूनिवर्सिटीज़ इस प्रकार हैं:

एमएससी सॉइल साइंस टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज़

एमएससी सॉइल साइंस के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज़ इस प्रकार हैं:

  • यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंस 
  • यूनिवर्सिटी ऑफ कोलकाता
  • कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर, वेल्लयानी
  • कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर
  • आचार्य NG रंगा एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी – [ANGRAU], गुंटूर
  • पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी 
  • डिजिटल यूनिवर्सिटी केरला – [DUK], तिरुअनंतपुरम
  • द LNM इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी – [LNMIIT], जयपुर

योग्यता

एमएससी सॉइल साइंस के लिए सामान्य एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया इस प्रकार है:

  • किसी मान्यता प्राप्त इंस्टीट्यूट से ग्रेजुएशन की डिग्री होनी जरूरी है। 
  • ग्रेजुएशन में उनके मुख्य विषय के रूप में अंग्रेजी और गणित भी होना चाहिए।
  • एमएससी सॉइल साइंस कोर्स के लिए न्यूनतम आयु सीमा की आवश्यकता नहीं है।
  • कभी-कभी छात्रों को प्रवेश परीक्षा भी पास करनी पड़ सकती है जिसका आयोजन कुछ यूनिवर्सिटीज़ द्वारा किया जाता है। उन्हें पर्सनल इंटरव्यू (पीआई) राउंड के लिए भी बुलाया जा सकता है।
  • विदेश में इस कोर्स को करने के लिए इंग्लिश प्रोफिशिएंसी टेस्ट जैसे-IELTS, TOEFL, PTE स्कोर
  • SAT या ACT स्कोर

आवेदन प्रकिया

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध, सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजा और छात्रवृत्ति/छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है

  • सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  • यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

आवश्यक दस्तावेज़

कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–

प्रवेश परीक्षाएं

कुछ यूनिवर्सिटीज़ प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन लेती हैं। उनमें से कुछ यहाँ हैं:

  • DUET
  • JNUEE
  • IPU CET
  • OUCET
  • BITSAT
  • BHU PET
  • IELTS, TOEFL (विदेश के लिए) 
  • SAT या ACT (विदेश के लिए) 

करियर स्कोप

एमएससी सॉइल साइंस के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं या टॉप रिक्रूटिंग कंपनियों में काम कर सकते हैं। आप निम्न क्षेत्रों में काम कर सकते हैं:

  • एनवायरमेंटल या रिसोर्स मैनेजमेंट
  • एग्रीकल्चर इंडस्ट्री
  • सॉइल कंजर्वेशन
  • क्रॉप कंसलटेंसी
  • रिसर्च फील्ड
  • मार्केटिंग मैनेजमेंट
  • एग्रीकल्चरल फर्म
  • एनवायरमेंटल कंसल्टेंसी 
  • रिसर्च इस्टैब्लिशमेंट
  • कमर्शियल एंड इंडस्ट्रियल इंटरप्राइजेज
  • एकेडमिक इंस्टिट्यूट
  • सॉइल कंजर्वेशन डिपार्टमेंट
  • एनवायरमेंट प्रोटक्शन कंपनी
  • जियोलॉजिकल डिपार्टमेंट

जॉब प्रोफ़ाइल और सैलरी

एमएससी सॉइल साइंस ग्रेजुएट्स के लिए टॉप जॉब प्रोफ़ाइल और Payscale के अनुसार सैलरी नीचे दी गई है:

जॉब प्रोफ़ाइलसालाना सैलरी
रिसर्च साइंटिस्टINR 44.64 लाख-90.88 लाख
एग्रोनॉमिस्टINR 31.09 लाख-62.97 लाख
एनवायरमेंटल साइंटिस्टINR 28.69 लाख-51.02 लाख
सॉइल साइंटिस्टINR 23.11 लाख-78.92 लाख
सिविल इंजीनियरINR 39.86 लाख-60.58 लाख
एनवायरमेंटल हेल्थ एंड सेफ्टी (EHS) मैनेजरINR 43.04 लाख-75.73 लाख
एनवायरमेंटल हेल्थ एंड सेफ्टी (EHS) ऑफिसरINR 36.67 लाख-73.34 लाख

FAQs

एमएससी सॉइल साइंस कोर्स क्या है? 

एमएससी सॉइल साइंस दो साल का पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है। इस कोर्स में छात्र सॉइल के फिजिकल एट्रिब्यूट और बायोलॉजिकल कंपोजीशन आदि के बारे में सीखते हैं।

एमएससी सॉइल साइंस के बाद क्या कर सकते हैं? 

इस कोर्स को करने के बाद क्रॉप कंसलटेंट, वेटलैंड स्पेशलिस्ट, क्रॉप प्रोडक्शन स्पेशलिस्ट, एनवायरमेंटल टेक्नीशियन, स्टेट सॉइल एंड वॉटर क्वालिटी स्पेशलिस्ट, सॉइल कंजर्वेशनिस्ट, कंट्री एग्रीकल्चरल सॉइल साइंटिस्ट, रिसर्च टेक्नीशियन, कंजर्वेशन प्लानर, डिस्ट्रिक्ट मार्केटिंग मैनेजर, रिसर्च साइंटिस्ट आदि के तौर पर आप काम कर सकते हैं।

एमएससी सॉइल साइंस के लिए टॉप रिक्रूटिंग कंपनीज कौनसी हैं? 

इस कोर्स के लिए एग्रीकल्चर, फॉरेस्ट्री, एनवायरमेंटल एसेसमेंट, लैंड यूज़ माइनिंग, ऑयल & गैस इंडस्ट्रीज, रिसर्च फॉर गवर्नमेंट और एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस आदि टॉप रिक्रूटिंग कंपनीज हैं। 

एमएससी सॉइल साइंस कोर्स की फ़ीस कितनी है? 

इसकी फ़ीस INR 15 हजार से 4 लाख (2 साल के लिए) तक हो सकती है। 

उम्मीद है, एमएससी सॉइल साइंस के बारे में सभी जानकारियां मिल गई होंगी। यदि आप एमएससी सॉइल साइंस कोर्स विदेश में करना चाहते हैं तो 1800572000 पर कॉल करके Leverage Edu एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करेंकरें और बेहतर गाइडेंस पाएं। 

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