मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में करियर जानिए कैसे बनायें

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मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में करियर

इंजीनियरिंग असीम संभावनाओं से भरी हुई है। यह केवल सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग आदि के लोकप्रिय करियर स्ट्रीम तक ही सीमित नहीं है , बल्कि आप रोबोटिक इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और जियोटेक इंजीनियरिंग आदि की खोज भी कर सकते हैं। ऐसा ही एक कम ज्ञात क्षेत्र है मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग। धातु और खनन के अध्ययन के रूप में संदर्भित, मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग धीरे-धीरे एक पूर्ण करियर में आगे बढ़ रहा है। इस ब्लॉग में बताया गया है कि मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में करियर क्यों बनाएं, संभावनाएं क्या है और भी बहुत कुछ। 

मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग क्या है? 

मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग का एक उप-क्षेत्र है जो धातु और धातु निष्कर्षण से संबंधित विभिन्न गुणों और प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है। यह क्षेत्र धातु उद्योग की प्रमुख प्रक्रियाओं के एनालिसिस के साथ-साथ धातुओं के प्रोसेसिंग, डिजाइन और निष्कर्षण के लिए इंजीनियरिंग के फंडामेंटल्स को भी लागू करता है। यदि आप धातुओं और अयस्कों के इर्द-गिर्द घूमने वाले विभिन्न प्रैक्टिकल और थ्योरेटिकल पहलुओं का एसेसमेंट करने में रुचि रखते हैं, तो यह तलाशने के लिए एक आदर्श क्षेत्र है। मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग विविध क्षेत्रों जैसे खनन, मिश्र धातुओं की संरचना, खनिजों को अलग करने आदि से भी जुड़ा हुआ है। 

मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में करियर क्यों बनाएं? 

मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में करियर बनाना आपके लिए क्यों सही है नीचे दिए पॉइंट्स के द्वारा जानिये:

  • मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में करियर बनाने से अयस्कों से विभिन्न धातुओं के निष्कर्षण, प्रोसेसिंग और कास्टिंग में आप विशेषज्ञ होते हैं और विभिन्न एप्लिकेशन्स के लिए मिश्र धातुओं का उपयोग करते हैं।
  • जिन लोगों को धातुओं और उससे जुड़ी चीजों के बारे में रिसर्च करने व खोज करने में रुचि होती है उसके लिए यह बेस्ट है। 
  • मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में करियर बनाने से ग्रेजुएट्स धातुओं की एक श्रृंखला के साथ काम करते हैं और आम तौर पर उन उद्योगों द्वारा नियोजित होते हैं जो धातु और मिश्र धातुओं से निपटते हैं। कुछ मेटालर्जिस्ट्स डेवलपमेंट और रिसर्च में काम करते हैं जबकि अन्य डिजाइन और निर्माण करते हैं।
  • मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग करने के बाद ग्रेजुएट्स सिविल सर्विसेज, डिफेंस फोर्सेस, मेटल एंड मेटल – रिलेटेड मटेरियल मैन्युफैक्चर, फाउंड्रीज, रोड डेवलपमेंट एंड रिसर्च ऑर्गेनाइजेशंस, मेटल स्पेशलिस्ट एंड यूटिलिटीज कंसल्टेंट्स आदि क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। 

स्किल्स

मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में करियर बनाने के लिए आपके पास निम्नलिखित स्किल्स होनी जरूरी हैं:

  • प्रॉब्लम सॉल्विंग
  • कम्युनिकेशन स्किल्स
  • टीमवर्क स्किल्स 
  • लीडरशिप स्किल्स
  • एनालिटिकल स्किल्स
  • क्रिएटिव थिंकिंग स्किल्स
  • बेसिक कंप्यूटर एंड बिजनेस स्किल्स

मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग कोर्सेज

मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग के लिए टॉप कोर्सेज कुछ इस प्रकार हैं:

  • Diploma in Metallurgical and Materials Engineering
  • B.Tech in Metallurgical and Materials Engineering
  • B.E. in Metallurgical and Materials Engineering
  • M.Tech in Metallurgical and Materials Engineering
  • M.E. in Metallurgical and Materials Engineering

सब्जेक्ट्स

मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग कोर्सेज में पढ़ाए जाने वाले सब्जेक्ट्स की लिस्ट नीचे दी गई है:

  • मटेरियल्स साइंस
  • फ़िज़िकल मेटालर्जी 
  • एप्लाइड मैकेनिक्स 
  • इंजीनियरिंग ड्राइंग 
  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग
  • पाउडर मेटालर्जी 
  • फेरस 
  • कंपोजिट मैटेरियल 
  • करोशन 
  • मेटालर्जिकल थर्मोडायनेमिक्स
  • स्ट्रेंथ ऑफ़ मटेरियल 
  • कोरोशन एंड सर्फेस इंजीनियरिंग
  • मशीनिंग 
  • थर्मल इंजीनियरिंग 
  • न्यूमेरिकल एनालिसिस 
  • थर्मोडायनेमिक्स ऑफ़ मटेरियल्स 
  • एक्सट्रैक्टिव मेटालर्जी 
  • इंजीनियरिंग मैथमेटिक्स 
  • इंजीनियरिंग फिजिक्स 
  • माइनिंग इंजीनियरिंग
  • फ्लूड डायनेमिक्स
  • मैकेनिकल वर्किंग ऑफ़ मेटल्स
  • मास ट्रांसफर

विदेश की टॉप यूनिवर्सिटीज़

मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में करियर बनाने के लिए सही यूनिवर्सिटी का चयन आवश्यक है, इसलिए यहाँ टॉप यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट दी गई है:

भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज़

मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने के लिए भारत के कुछ शीर्ष कॉलेज यहां दिए गए हैं –

  • आईआईटी मद्रास
  • आईआईटी बॉम्बे
  • आईआईटी खड़गपुर
  • आईआईटी रुड़की
  • आईआईटी हैदराबाद
  • एनआईटी त्रिची
  • आईआईटी इंदौर

योग्यता 

मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग के लिए सामान्य योग्यता मानदंड नीचे दिया गया है:

बी.टेक के लिए

  • अनिवार्य विज्ञान विषयों (पीसीबी/पीसीएम) के साथ 10+2 उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
  • न्यूनतम कुल 55% होना आवश्यक है।
  • मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा रखने वाले भी लेटरल एंट्री के माध्यम से बी.टेक के लिए क्वालिफिकेशन प्राप्त कर सकते हैं।

एम.टेक/एमएस के लिए

  • बीई या बीटेक डिग्री होनी चाहिए ।
  • न्यूनतम प्रतिशत 50% या इसके समकक्ष सीजीपीए होना चाहिए। 

उपर्युक्त मानदंडों के अलावा, आपको राष्ट्रीय या राज्य स्तर की प्रवेश परीक्षाओं जैसे गेट, जेईई मेन, एमएच सीईटी , और डब्ल्यूबीजेईई या संस्थान निकायों द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षाओं के लिए भी क्वालिफिकेशन प्राप्त करने की आवश्यकता है, जिसमें आप खुद को एनरोल्ड करना चाहते हैं।

संयुक्त राज्य अमेरिका या कनाडा के विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने के लिए, आपको GRE देना होगा । साथ ही, IELTS और TOEFL परीक्षा के परिणाम अनिवार्य हैं।

आवेदन प्रक्रिया 

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध (essay), सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीज़ा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–

  • सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  • यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

आवश्यक दस्तावेज़

कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–

प्रवेश परीक्षाएं 

मेटलर्जिस्ट इंजीनियरिंग के लिए कुछ प्रवेश परीक्षाएं हैं:

  • JEE Main
  • JEE Advanced
  • GATE
  • CG PPT
  • MHT CET
  • AP EAMCET
  • GUJCET
  • SAT/ACT (विदेश के लिए) 
  • GMAT (विदेश के लिए)
  • GRE (विदेश के लिए)

बुक्स

मेटलर्जिस्ट इंजीनियरिंग के लिए कुछ बुक्स नीचे दी गई है:

मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में करियर स्कोप

धातुएँ हमारे दैनिक जीवन में एक मौलिक भूमिका निभाती हैं। इसलिए, भारत और विदेशों दोनों में मेटलर्जिस्ट का दायरा काफी व्यापक है। मेटलर्जिस्ट इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद उम्मीदवार विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम कर सकते हैं। मेटलर्जी का क्षेत्र बेहद विविध है और मेटलर्जिस्ट के लिए रोजगार के कई अवसर उपलब्ध हैं।

टॉप रिक्रूटर

  • Larson’s Group
  • ISRO
  • DRDO
  • The Metal Powder Company Ltd
  • Hindustan Aeronautics Ltd
  • NALCO
  • Cable Corporation of India Ltd.
  • Utkal Mineral
  • Hindustan Copper Limited
  • Tata Steel
  • HCL
  • Jindal Steel
  • Steel Authority of India (SAIL)

शीर्ष रोजगार क्षेत्र

एक मेटलर्जिस्ट के लिए, शीर्ष रोजगार क्षेत्र हैं:

  • सिविल सर्विसेज
  • डिफेंस फोर्सेज़
  • मेटल एंड मेटल-रिलेटेड मटेरियल मैन्युफैक्चर
  • फाउंड्रीज
  • रोड डेवलपमेंट एंड रिसर्च ऑर्गेनाइजेशंस
  • मेटल स्पेशलिस्ट एंड यूटिलिटीज कंसल्टेंट्स

जॉब प्रोफ़ाइल और सैलरी

एक मेटलर्जिस्ट का वेतन उसकी नौकरी प्रोफ़ाइल, उद्योग में काम करने वाले और उसके द्वारा एकत्र किए गए अनुभव पर निर्भर करता है। एक एंट्री-लेवल मेटलर्जिस्ट INR 4-7 LPA के बीच कमा सकता है जबकि एक अनुभवी मेटलर्जिस्ट INR 15 LPA से भी अधिक कमा सकता है। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, जॉब प्रोफाइल के आधार पर, वेतन भी भिन्न हो सकता है, इसलिए मेटलर्जिस्ट (एंट्री-लेवल) की विशेषज्ञता के अनुसार, यहां कुछ वेतन श्रेणियां हैं –

जॉब प्रोफ़ाइलअनुमानित औसत वार्षिक वेतन
मेटलर्जिस्टINR 4-7 लाख
क्वालिटी अशोरेंस मैनेजरINR 6-8 लाख
मेटालर्जिकल लेबोरेटरी टेक्नीशियनINR 4-6 लाख
रिसर्चरINR 3.5-5 लाख
वेल्डिंग इंजीनियरINR 3-5 लाख

FAQs

मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में करियर क्यों बनाना चाहिए?

मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग के सबसे विविध क्षेत्रों में से एक है और मेटलर्जिस्ट इसमें काम कर सकते हैं। विभिन्न सार्वजनिक उपक्रम और बहुराष्ट्रीय कंपनियां मेटलर्जिस्ट को अप्वॉइंट करती हैं और एडिशनल अलाउंस और लाभों के साथ शानदार वेतन पैकेज प्रदान करती हैं।

मेटलर्जिकल कोर्सेज के लिए औसत शुल्क क्या हैं?

मेटलर्जिकल कोर्स की औसत फीस संस्थान पर निर्भर करती है। हालाँकि, औसत शुल्क INR 1.5 से 2 LPA तक होता है। साथ ही, यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि अधिकांश शैक्षणिक संस्थान योग्य उम्मीदवारों के लिए भी पूर्ण छात्रवृत्ति कार्यक्रम प्रदान करते हैं।

मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग कोर्स में कौन से सब्जेक्ट होते हैं?

एक उम्मीदवार को जिन विषयों का अध्ययन करना होता है, वे हैं इंजीनियरिंग मैथमेटिक्स, थर्मोडायनेमिक्स एंड रेर प्रोसेसेस, मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेसेस, फ़िज़िकल मेटालर्जी, एक्सट्रैक्टिव मेटालर्जी आदि।

उम्मीद है, मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में करियर क्यों बनाना चाहिए आपको पता चल गया होगा। यदि आप विदेश में मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग कोर्स करना चाहते हैं तो 1800572000 पर कॉल करके Leverage Edu एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें और बेहतर गाइडेंस पाएं। 

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