UPSC के द्वारा सीएसई, सीएपीएफ, सीडीएस और एनडीए जैसी कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। UPSC की परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए रीजनिंग के प्रश्न बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। ये प्रश्न न केवल आपकी तार्किक सोच और समस्या-समाधान क्षमता को परखते हैं, बल्कि परीक्षा के पैटर्न और सवालों के प्रकार को समझने में भी मदद करते हैं। यूपीएससी के लिए महत्वपूर्ण रीज़निंग प्रश्न (UPSC Reasoning Questions in Hindi) का अभ्यास करने से आप अपनी तैयारी को बेहतर बना सकते हैं और यह जान सकते हैं कि किन प्रकार के सवालों पर ज्यादा ध्यान देना है। इसके अलावा, रीजनिंग के प्रश्नों का अभ्यास आपके आत्मविश्वास को बढ़ाता है और परीक्षा के लिए मानसिक रूप से तैयार करता है। इस ब्लॉग में, UPSC Reasoning Questions in Hindi के बारे में जानकारी दी गई है, जो आपकी तैयारी को और भी प्रभावी बना सकते हैं।
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UPSC प्रीलिम्स के लिए रीजनिंग प्रश्न 2024
यूपीएससी के लिए महत्वपूर्ण रीज़निंग प्रश्न (UPSC Reasoning Questions in Hindi) 2024 इस प्रकार हैं:
नीचे दिए गए दो परिच्छेदों को पढ़िए और परिच्छेदों के नीचे आने वाले प्रश्नांशों के उत्तर दीजिए। इन प्रश्नांशों के लिए आपके उत्तर केवल इन परिच्छेदों पर आधारित होने चाहिए।
परिच्छेद-1
खाद्य और कृषि संगठन के अनुसार, मानव उपभोग के लिए उत्पादित खाद्यान्न के एक-तिहाई की विश्वव्यापी हानि या बर्बादी होती है। आरंभिक कृषि उत्पादन से लेकर अंतिम घरेलू उपभोग तक की संपूर्ण आपूर्ति शृंखला के दौरान खाद्यान्न की हानि या बर्बादी होती है। इस बढ़ती बर्बादी के परिणामस्वरूप लगभग 45% तक भूमि-निम्नीकरण (लैंड डिग्रेडेशन) भी हुआ है, जिसके मुख्य कारण निर्वनीकरण, असंधारणीय कृषि पद्धतियाँ और अत्यधिक भूजल निष्कर्षण हैं। बरबाद हुए खाद्यान्न पर व्यय की गई ऊर्जा के परिणामस्वरूप प्रतिवर्ष लगभग 3.5 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्पादन होता है। क्षय के परिणामस्वरूप वायुमंडल में अन्य गैसों का हानिकारक उत्सर्जन भी होता है। खाद्यान्न पर्याप्तता और खाद्यान्न संधारणीयता के चक्र को पूरा करने के लिए खाद्यान्न की सभी रूपों में हानि या बर्बादी का समाधान करना महत्त्वपूर्ण है।
1. निम्नलिखित में से कौन-से कथन, सर्वाधिक तर्कसंगत और विवेकपूर्ण निष्कर्षों को सर्वोत्तम रूप से दर्शाते हैं, जिन्हें इस परिच्छेद से प्रतिपादित किया जा सकता है?
- खाद्यान्न की हानि और बर्बादी के लिए खाद्यान्न वितरण की चालू पद्धतियाँ पूर्ण रूप से उत्तरदायी हैं।
- खाद्यान्न की हानि और बर्बादी की प्रचलित प्रवृत्ति से भूमि की उत्पादकता प्रतिकूल रूप से प्रभावित होती है।
- खाद्यान्न की हानि और बर्बादी में कमी के परिणामस्वरूप कार्बन फुटप्रिंट में कमी आती है।
- खाद्यान्न की हानि और बर्बादी को रोकने या कम करने के लिए कटाई-उपरांत (पोस्ट-हार्वेस्ट) प्रौद्योगिकियाँ उपलब्ध नहीं हैं।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(अ) 1, 2 और 3
(ब) केवल 2 और 3
(स) 1, 3 और 4
(द) 1, 2 और 4
2. उपर्युक्त परिच्छेद के आधार पर, निम्नलिखित पूर्वधारणाएँ बनाई गई हैं :
- खाद्यान्न की हानि और बर्बादी को कम करने के लिए खाद्यान्न वितरण तंत्र की पुनः परिकल्पना करने और इसे प्रभावी बनाए जाने की आवश्यकता है।
- खाद्यान्न की बर्बादी और हानि में कमी लाने को सुनिश्चित करना सभी नागरिकों का एक सामाजिक और नैतिक उत्तरदायित्व है।
उपर्युक्त पूर्वधारणाओं में से कौन-सी मान्य है/हैं?
(अ) केवल 1
(ब) केवल 2
(स) 1 और 2 दोनों
(द) न तो 1 और न ही 2
परिच्छेद-2
जैसे-जैसे मुद्रास्फीति बढ़ती है, वे सरकारें भी जो पहले बजट अनुशासन के प्रति प्रतिबद्ध थीं, परिवारों की सहायता के लिए मुक्त रूप से व्यय करती हैं। केन्द्रीय बैंकों द्वारा घोषित उच्चतर ब्याज दरों से संतुलित राजकोषीय मितव्ययिता बरतने की अपेक्षा की जाती है, क्योंकि उधार लेने के लिए अधिक भुगतान करते समय स्थिर ऋणों को बनाए रखने के लिए, सरकारों को व्यय में कटौती करनी होगी या करों में वृद्धि करनी होगी। राजकोषीय समर्थन (बैकअप) के बिना, मौद्रिक नीति अंततः अपना प्रभाव खो देती है। उच्चतर ब्याज दरें मुद्रास्फीतिकारक हो जाती हैं, न कि मुद्राअवस्फीतिकारक, क्योंकि वे केवल सरकारों को बढ़ती ऋण-चुकौती लागतों का भुगतान करने हेतु अधिक उधार लेने के लिए प्रेरित करती हैं। मौद्रिक अनियंत्रण (मॉनिटरि अनमुरिंग) का जोखिम तब और अधिक होता है, जब सार्वजनिक ऋणों में वृद्धि होती है, क्योंकि ब्याज दरें बजट घाटे के लिए और अधिक महत्त्वपूर्ण बन जाती हैं।
3. निम्नलिखित में से कौन-सा/कौन-से कथन, सर्वाधिक तर्कसंगत और विवेकपूर्ण निष्कर्ष/निष्कर्षों को सर्वोत्तम रूप से दर्शाता है/दर्शाते हैं, जिसे/जिन्हें इस परिच्छेद से प्रतिपादित किया जा सकता है?
- केन्द्रीय बैंक, बजट समर्थन के बिना मुद्रास्फीति को कम नहीं कर सकते हैं।
- मौद्रिक नीति के प्रभाव सरकार द्वारा अनुसरण की जाने वाली राजकोषीय नीतियों पर निर्भर हैं।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(अ) केवल 1
(ब) केवल 2
(स) 1 और 2 दोनों
(द) न तो 1 और न ही 2
4. उपर्युक्त परिच्छेद के आधार पर, निम्नलिखित पूर्वधारणाएँ बनाई गई हैं :
- उच्चतर कीमतों के लिए सरकारों की राजकोषीय नीतियाँ पूर्ण रूप से उत्तरदायी हैं।
- उच्चतर कीमर्तें दीर्घावधि सरकारी बंधपत्रों को प्रभावित नहीं करती हैं।
उपर्युक्त पूर्वधारणाओं में से कौन-सी मान्य है/हैं?
(अ) केवल 1
(ब) केवल 2
(स) 1 और 2 दोनों
(द) न तो 1 और न ही 2
निम्नलिखित 4 (चार) प्रश्नांशों के लिए निर्देश :
नीचे दिए गए दो परिच्छेदों को पढ़िए और परिच्छेदों के नीचे आने वाले प्रश्नांशों के उत्तर दीजिए। इन प्रश्नांशों के लिए आपके उत्तर केवल इन परिच्छेदों पर आधारित होने चाहिए।
परिच्छेद-1
आज, यदि हम न्यूयॉर्क, लंदन और पेरिस जैसे शहरों को विश्व के सर्वाधिक प्रतिष्ठित शहर मानते हैं, तो ऐसा इसलिए कि उनकी प्रसीमाओं में एक विशाल तंत्र उपागम (हेवी सिस्टम्स अप्रोच) वाली योजनाएँ लागू की गई थीं। इस तंत्र (सिस्टम्स) सिद्धांत का आधार सामाजिक, स्थानिक और सांस्कृतिक आकांक्षाओं को संगणन, सांख्यिकी, इष्टतमीकरण का उपयोग करके गणितीय मॉडलों में रूपांतरित करने की प्रक्रिया है तथा समस्याओं के निरूपण और समाधान करने का एक कलन-विधिक (ऐल्गोरिथ्मिक) तरीका है। पश्चिम के आरंभिक विश्वविद्यालयों ने व्यावसायिकों को आयोजना में प्रशिक्षित करना आरंभ किया था, और कुछ ऐसे अत्यंत प्रतिभावान आयोजनाकारों को जन्म दिया, जो इन क्षेत्रों में विशेषज्ञ थे। ऐसा इसलिए था, क्योंकि इन्हीं विषयों को उस आयोजना पाठ्यक्रम में समाहित कर लिया गया था, जिसकी जड़ें सामाजिक विज्ञान, भूगोल और वास्तुकला में थीं। भारत में आयोजना और इसकी शिक्षा, पश्चिम से भिन्न हैं।
5. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन, सर्वाधिक तर्कसंगत और विवेकपूर्ण निष्कर्ष को सर्वोत्तम रूप से दर्शाता है, जिसे उपर्युक्त परिच्छेद से प्रतिपादित किया जा सकता है?
(अ) नगर आयोजना पाठ्यक्रमों की पाठ्यचर्या में विविध और अंतर-विषयक उपागम (अप्रोच) शामिल होना चाहिए।
(ब) भारत में, नगर के प्रशासकों में नगर आयोजना और प्रबंधन में औपचारिक प्रशिक्षण का अभाव है।
(स) भारत में, नगरीय क्षेत्रों का प्रबंधन एक स्थानीय मामला है जहाँ अपर्याप्त निधियों की चिरकालिक समस्या बनी रहती है।
(द) हमारे नगरीय क्षेत्रों में जनसंख्या का उच्च घनत्व और व्यापक गरीबी के कारण, उनमें योजनाबद्ध विकास कर पाना अत्यंत कठिन है।
6. उपर्युक्त परिच्छेद के आधार पर, निम्नलिखित पूर्वधारणाएँ बनाई गई हैं :
- भारत को नगर व्यावसायिकों की एक नई पीढ़ी की आवश्यकता है जिनके पास आधुनिक नगर पद्धति का संगत ज्ञान हो।
- वर्तमान में, भारतीय विश्वविद्यालयों में तंत्र उपागम (सिस्टम्स अप्रोच) में प्रशिक्षण देने की क्षमता या सामर्थ्य नहीं है।
उपर्युक्त पूर्वधारणाओं में से कौन-सी सही है/हैं?
(अ) केवल 1
(ब) केवल 2
(स) 1 और 2 दोनों
(द) न तो 1 और न ही 2
परिच्छेद-2
इंटरनेट पर प्रत्येक आवाज एक ही प्रकार के श्रोताओं को नियंत्रित नहीं करती है। जब उच्च पूँजी वाले अनाम निजी संगठन अपने विचारों हेतु अधिक स्थान के लिए भुगतान करते हैं, तो वे प्रभावी रूप से अपेक्षाकृत ऊँची आवाज खरीद रहे होते हैं। यदि डिजिटल क्षेत्र में राजनैतिक संवाद (डिस्कोर्स) निर्वाचन जीतने तक अपने प्रतिद्वंद्वी को मात देने का मामला है, तो राजनीति की गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित होती है। सोशल मीडिया के ध्यान का केन्द्र (फोकस) ऐसी विषय-वस्तु को बढ़ावा देने तक सीमित है जो अधिकांश प्रयोक्ता संलिप्तता (एन्गेजमेंट) सृजित करे, भले ही विषय-वस्तु कितनी ही भड़काने वाली क्यों न हो।
7. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन, उपर्युक्त परिच्छेद के केन्द्रीय विचार को सर्वोत्तम रूप से दर्शाता है?
(अ) विचारों के एक बाजार के रूप में निर्मित सोशल मीडिया, सूचना तक त्वरित पहुँच को सुनिश्चित करता है।
(ब) सोशल मीडिया आदर्श या नैतिक संस्थाएँ नहीं हैं, बल्कि कंपनियों द्वारा लाभ कमाने के लिए निर्मित उत्पाद हैं।
(स) सोशल मीडिया का सृजन लोकतंत्रों को सशक्त बनाने के लिए किया गया है।
(द) आज के विश्व में, सोशल मीडिया सुशिक्षित सामाजिक जीवन के लिए अपरिहार्य हैं।
8. उपर्युक्त परिच्छेद के आधार पर, निम्नलिखित पूर्वधारणाएँ बनाई गई हैं :
- इंटरनेट पर्याप्त रूप से समावेशी नहीं है।
- इंटरनेट किसी देश में राजनीति की गुणवत्ता को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है।
उपर्युक्त पूर्वधारणाओं में से कौन-सी मान्य है/हैं?
(अ) केवल 1
(ब) केवल 2
(स) 1 और 2 दोनों
(द) न तो 1 और न ही 2
9. शहद में कितने प्रतिशत जल मिलाया जाए ताकि इस मिश्रण को शहद के लागत मूल्य पर बिक्री करने पर 20% का लाभ हो?
(अ) 20%
(ब) 10%
(स) 5%
(द) 4%
निम्नलिखित 3 (तीन) प्रश्नांशों के लिए निर्देश :
नीचे दिए गए दो परिच्छेदों को पढ़िए और परिच्छेदों के नीचे आने वाले प्रश्नांशों के उत्तर दीजिए। इन प्रश्नांशों के लिए आपके उत्तर केवल इन परिच्छेदों पर आधारित होने चाहिए।
परिच्छेद-1
जब तक बच्चे 8वीं कक्षा में पहुँचते हैं, उनमें से अधिकांश 13 वर्ष से 15 वर्ष की आयु-सीमा में होते हैं। किन्तु हमारे देश में, 8वीं कक्षा के सभी बच्चों के लगभग एक-चौथाई को सरल पाठ पढ़ने में कठिनाई होती है और आधे से अधिक बच्चे भाग (विभाजन) जैसी मूलभूत अंकगणितीय संक्रियाएँ (ऐरिथूमेटिक ऑपरेशन) तथापि नहीं कर पाते हैं। प्रारंभिक स्कूल से प्रत्येक वर्ष लगभग 25 मिलियन युवा लड़के और लड़कियाँ उस जीवन में प्रवेश करते हैं जो अनिवार्य स्कूली शिक्षा के बाद उनके लिए है। वे कम-से-कम संगठित क्षेत्र के कार्यबल में तो प्रवेश नहीं कर सकते हैं, जब तक कि वे 18 वर्ष के नहीं हो जाते। अनेक परिवारों के लिए, ये बच्चे स्कूल में इस स्तर तक पहुँचने वाले उनके परिवारों के पहले बच्चे होते हैं। माता-पिता और बच्चे अपेक्षा करते हैं कि स्कूल से निकले ऐसे ‘स्नातक (ग्रेजुएट)’ हाई स्कूल और कॉलेज तक जाएँगे। शायद ही कोई वापस कृषि में जाना चाहेगा। दूसरी ओर, शैक्षिक (अकादमिक) सामर्थ्य के संदर्भ में उनकी योग्यताएँ, कक्षा 8 की पाठ्यक्रम अपेक्षाओं के आधार पर भी जितनी होनी चाहिए, उससे बहुत निम्न होती हैं।
10. उपर्युक्त परिच्छेद के आधार पर, निम्नलिखित पूर्वधारणाएँ बनाई गई हैं :
- प्रभावी स्कूली शिक्षा के लिए, सरकारों की तुलना में माता-पिताओं की भूमिका अधिक है।
- ऐसा स्कूली पाठ्यक्रम, जो आज की अपेक्षाओं के अनुरूप हो और पूरे देश के लिए एकसमान हो, प्रकट की गई समस्याओं का समाधान कर सकता है। उपर्युक्त पूर्वधारणाओं में से कौन-सी मान्य है/हैं?
(अ) केवल 1
(ब) केवल 2
(स) 1 और 2 दोनों
(द) न तो 1 और न ही 2
11. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन, इस परिच्छेद द्वारा संप्रेषित केन्द्रीय विचार को सर्वोत्तम रूप से दर्शाता है?
(अ) देश में गरीबी के संपूर्ण उन्मूलन से हमारे स्कूली बच्चों के न्यून-प्रदर्शन की समस्या का समाधान होगा।
(ब) माता-पिता और शिक्षकों को मौद्रिक प्रोत्साहन देना, बच्चों के शैक्षिक (अकादमिक) प्रदर्शन में सुधार लाने की एक रणनीति है।
(स) सार्वजनिक नीति से यह सुनिश्चित होना चाहिए कि युवाजनों के सामर्थ्य और उपलब्धियाँ उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप हों।
(द) जब तक कुछ स्कूल-उत्तीर्ण बच्चे (स्कूल पास-आउट) कृषि में वापस नहीं जाएँगे, भारत जनसांख्यिकीय लाभांश (डेमोग्राफिक डिविडेंड) का लाभ नहीं उठा सकता।
परिच्छेद-2
अब हम यह मान लेते हैं कि विज्ञान का एक सामाजिक उत्तरदायित्व है। यह विचार न्यूटन या गैलिलियो के मन में नहीं आया होगा। उन्होंने विज्ञान को जगत् के एक विवरण के रूप में माना जैसा कि यह है, और उन्होंने जिस एकमात्र उत्तरदायित्व को स्वीकार किया, वह था सत्य को प्रकट करना। यह विचार आधुनिक है कि विज्ञान एक सामाजिक उद्यम है, और यह औद्योगिक क्रांति से प्रारंभ होता है। हम आश्चर्यचकित हैं कि हम सामाजिक बोध को और अधिक अतीत में नहीं खोज सकते, क्योंकि हम यह भ्रम पालते हैं कि औद्योगिक क्रांति ने एक स्वर्ण युग का अंत कर दिया।
12. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन, विज्ञान के विषय में लेखक की सोच को सर्वोत्तम रूप से दर्शाता है?
(अ) विज्ञान को वैज्ञानिकों की प्रतिबद्धता को अवश्य महत्त्व देना चाहिए।
(ब) विज्ञान सभ्य समाज का एक उत्पाद है और लोगों में वैज्ञानिक ज्ञान के संवर्धन के लिए इसका अवश्य उपयोग किया जाना चाहिए।
(स) विज्ञान में हुई प्रगतियों के द्वारा ही औद्योगिक क्रांति संभव हो पाई।
(द) विज्ञान को सत्य का अनुसरण अवश्य करना चाहिए किन्तु सामाजिक कल्याण के लिए उत्तरदायी भी होना चाहिए।
13. अनुक्रम A_BCD_BBCDABC_DABC_D पर विचार कीजिए जो एक निश्चित पैटर्न का अनुसरण करता है। निम्नलिखित में से कौन-सा, इस अनुक्रम को पूरा करता है?
(अ) B, A, D, C
(ब) B, A, C, D
(स) A, A, C, D
(द) A, A, D, C
14. दो व्यक्ति P और Q एक व्यवसाय प्रारंभ करते हैं। P, Q की तुलना में ₹ 14,000 अधिक लगाता है, किन्तु P ने 8 महीने के लिए निवेश किया है और Q ने 10 महीने के लिए निवेश किया है। यदि ₹ 2,000 के कुल लाभ में P का हिस्सा, Q के हिस्से से ₹ 400 अधिक है, तो P द्वारा लगाई गई पूँजी कितनी है?
(अ) ₹ 30,000
(ब) ₹ 26,000
(स) ₹ 24,000
(द) ₹ 20,000
15. P का वेतन Q के वेतन से 20% कम है जो R के वेतन से 20% कम है। R का वेतन, P के वेतन से कितने प्रतिशत अधिक है?
(अ) 48-75%
(ब) 56-25%
(स) 60-50%
(द) 62-25%
16. एक परीक्षा में 80% छात्र अंग्रेजी में उत्तीर्ण हुए, 70% छात्र हिन्दी में उत्तीर्ण हुए और 15% छात्र दोनों विषयों में अनुत्तीर्ण हुए। ऐसे छात्रों की प्रतिशतता कितनी है, जो केवल एक विषय में अनुत्तीर्ण हुए?
(अ) 15%
(ब) 20%
(स) 25%
(द) 35%
UPSC प्रीलिम्स के लिए रीजनिंग प्रश्न 2023
UPSC Reasoning Questions in Hindi प्रश्न 2023 नीचे दिए गए हैं:
निम्नलिखित 3 (तीन) प्रश्नांशों के लिए निर्देश :
निम्नलिखित तीन परिच्छेदों को पढ़िए और परिच्छेदों के नीचे आने वाले प्रश्नांशों के उत्तर दीजिए । इन प्रश्नांशों के लिए आपके उत्तर केवल इन परिच्छेदों पर ही आधारित होने चाहिए।
परिच्छेद – 1
हम अकसर भारत में विभिन्न राज्यों के बीच नदी जल को ले कर विवाद होने के बारे में सुनते रहते हैं। 20 प्रमुख नदी तंत्रों में से, 14 में पहले से ही जल की तंगी है; 75% जनसंख्या जल की तंगी वाले क्षेत्रों में रहती है, जिनमें से एक-तिहाई लोग उन क्षेत्रों में रहते हैं जहाँ जल का अभाव है। जलवायु परिवर्तन, बढ़ती जनसंख्या की माँगें और कृषि द्वारा इनको पूरा करने की आवश्यकता, तथा तेज़ी से बढ़ रहे शहरीकरण एवं औद्योगीकरण जल की तंगी को और बढ़ाएँगे। भारत के संविधान के अनुसार, राज्यों के बीच नदियों के विनियमन को छोड़ कर, जल राज्य का विषय है, केंद्र का नहीं। इसके विभिन्न हितधारियों की आपस में होड़ लेती माँगों के बीच संतुलन सुनिश्चित करने की कुंजी इस बात में है, कि द्रोणी (बेसिन) पर आधारित रीति से संघटक क्षेत्रों के और राज्यों के बीच जल का बँटवारा किया जाए। उन्हें जल का उचित भाग देने के लिए इन सब वस्तुनिष्ठ मापदंडों के आधार पर आकलन किया जाना आवश्यक है, कि नदी द्रोणी की क्या विशिष्टताएँ हैं, उस पर कितनी बड़ी जनसंख्या निर्भर है, जल का वर्तमान उपयोग क्या है और माँग कितनी है, कितना दक्षतापूर्ण उपयोग किया जा रहा है, भविष्य में कितने उपयोग की आवश्यकता होगी, आदि, और साथ-साथ नदी और जलभर की पर्यावरणीय ज़रूरतों को भी सुनिश्चित करना आवश्यक है।
1. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक, विभिन्न हितधारियों को जल का उचित और साम्यिक बँटवारा सुनिश्चित करने के लिए सर्वाधिक युक्तियुक्त, व्यावहारिक और तात्कालिक कार्रवाई को सर्वोत्तम रूप से प्रतिबिंबित करता है?
(अ) जल के बँटवारे का एक राष्ट्रीय, व्यावहारिक, विधिक और नीतिपरक ढाँचा बनाया जाना चाहिए।
(ब) देश के सभी नदी तंत्र जोड़े जाने चाहिए और विशाल जलभरों का निर्माण किया जाना चाहिए।
(स) जल के आधिक्य वाले क्षेत्रों और जल की कमी वाले क्षेत्रों के बीच नहरें बनाई जानी चाहिए।
(द) जल संकट को दूर करने के लिए, कृषि और उद्योग जैसे क्षेत्रकों की जल की माँग कम की जानी चाहिए।
परिच्छेद – 2
श्रमयोग्य आयु की लगभग आधी से अधिक भारतीय महिलाएँ और लगभग एक-चौथाई भारतीय पुरुष अनीमिया से ग्रस्त हैं। अध्ययनों के अनुसार, इसके परिणामस्वरूप वे जितना उत्पादनशील हो सकते थे, उससे कहीं 5% से 15% तक कम उत्पादनशील हैं। भारत में दुनिया के सबसे अधिक यक्ष्मा (ट्यूबरकुलोसिस) से ग्रस्त लोगों का बोझ भी है, जिससे देश में वार्षिक रूप से 17 करोड़ श्रम-दिवसों की हानि होती है। किन्तु, आज जितनी महत्त्वपूर्ण उत्पादकता की हानि है, भविष्य में होने वाली क्षमता की हानि उतनी ही महत्त्वपूर्ण है। यह दिनोंदिन अधिक स्पष्ट होता जा रहा है कि कुपोषित भारतीय बच्चे संज्ञानात्मक योग्यता के अनेक मापनों पर, अपने साथ के भली-भाँति सुपोषित बच्चों की तुलना में, दो या तीन गुना कम निष्पादन करते हैं । एक ऐसी अर्थव्यवस्था के लिए, जो अत्यधिक कुशल कामगारों पर अपेक्षाकृत अधिक निर्भर होगी, इससे एक महत्त्वपूर्ण चुनौती सामने आती है। और भारत के जनांकिकीय दृष्टिकोण से, यह एक ऐसी चुनौती है जिससे वास्तव में निपटना चाहिए।
2. इस परिच्छेद के निहितार्थ को निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक सर्वोत्तम रूप से प्रतिबिंबित करता है?
(अ) शिक्षा प्रणाली को ग्रामीण क्षेत्रों में अवश्य सुदृढ़ किया जाना चाहिए।
(ब) कौशल विकास कार्यक्रम का बड़े पैमाने पर और प्रभावी कार्यान्वयन आज के वक्त की ज़रूरत है।
(स) आर्थिक विकास के लिए, केवल कौशल-युक्त कामगारों के स्वास्थ्य और सुपोषण पर विशेष ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है।
(द) जिस तीव्र आर्थिक संवृद्धि की हमें अपेक्षा है, उसके लिए लोगों के स्वास्थ्य और सुपोषण पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
परिच्छेद -3
भारत में, अधिकांश किसान सीमांत और छोटे कृषक हैं, कम शिक्षित हैं और संभवतः ऋण और दूसरी बाध्यताओं के कारण उनमें जलवायु परिवर्तन के अनुरूप अनुकूलन करने की कम क्षमताएँ हैं। इसलिए, यह अपेक्षा नहीं की जा सकती कि जलवायु परिवर्तन के प्रति स्वतः अनुकूलन होगा । यदि यह संभव भी होता, तो भी यह जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसानों की भरपाई करने के लिए पर्याप्त नहीं होता। इससे निपटने हेतु, दुष्प्रभावों को कम करने की तीव्र प्रतिक्रिया करने के साथ-साथ, जलवायु परिवर्तन के अनुरूप अनुकूलन करते जाना सबसे महत्त्वपूर्ण है। दूसरा समाधान यह है, कि एक सुनियोजित या नीति-निर्देशित अनुकूलन किया जाए, जिसके लिए ज़रूरी होगा कि सरकार की तरफ से नीतिपरक अनुशंसाएँ लाई जाएँ । अनुकूलन के लिए प्रत्यक्षण (परसेप्शन) एक पूर्व-शर्त है। किसान जलवायु परिवर्तन के अनुरूप कृषि प्रथाओं को अपना रहे हैं या नहीं, यह इस बात पर निर्भर है कि उन्हें इसका प्रत्यक्षण हो रहा है या नहीं। तथापि, यह हमेशा अनुकूलन के लिए पर्याप्त नहीं होता। महत्त्वपूर्ण यह है, कि कोई किसान जलवायु परिवर्तन के साथ जुड़े जोखिमों को किस तरह देखता है।
3. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक, इस परिच्छेद के लेखक द्वारा व्यक्त सर्वाधिक युक्तियुक्त और तर्कसंगत सन्देश को सर्वोत्तम रूप से प्रतिबिंबित करता है?
(अ) जलवायु परिवर्तन के अनुरूप अनुकूलन और दुष्प्रभावों को कम करने की कार्रवाई आधारभूत रूप से सरकार के दायित्व हैं।
(ब) जलवायु परिवर्तन के कारण देश में भू-उपयोग प्रतिरूपों के संबंध में सरकारी नीतियों में परिवर्तन होता है।
(स) किसानों के जोखिम प्रत्यक्षण उन्हें अनुकूलन के निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु महत्त्वपूर्ण हैं।
(द) चूँकि, दुष्प्रभावों को कम करना संभव नहीं है, सरकारों को चाहिए कि जलवायु परिवर्तन के प्रति त्वरित प्रतिक्रिया हेतु नीतियाँ सामने लाएँ।
4. चार पत्र और चार लिफ़ाफ़े हैं और ठीक-ठीक एक पत्र को सही पते वाले ठीक-ठीक एक लिफ़ाफ़े में डालना है। यदि पत्रों को लिफ़ाफ़ों में यादृच्छिक रूप से डाला जाता है, तो निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- यह संभव है कि ठीक-ठीक एक पत्र ग़लत लिफ़ाफ़े में जाए।
- ऐसे केवल छह तरीके हैं जिनमें केवल दो पत्र ही सही लिफ़ाफ़ों में जा सकते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(अ) केवल 1
(ब) केवल 2
(स) 1 और 2 दोनों
(द) न तो 1, न ही 2
5. यदि ABC और DEF दोनों ही 3-अंकों की संख्याएँ हैं, इस प्रकार कि A, B, C, D, E और F भिन्न शून्येतर अंक हैं, इस प्रकार कि ABC + DEF= 1111, तो A+ B + C + D + E + F का मान क्या है?
(अ) 28
(ब) 29
(स) 30
(द) 31
6. D कोई 3-अंकों की संख्या इस प्रकार है, कि इस संख्या का इसके अंकों के योगफल से अनुपात लघुतम है। D के सैकड़े के अंक और इकाई के अंक के बीच अंतर क्या है?
(अ) 0
(ब) 7
(स) 8
(द) 9
निम्नलिखित 3 (तीन) प्रश्नांशों के लिए निर्देश : निम्नलिखित तीन परिच्छेदों को पढ़िए और परिच्छेदों के नीचे आने वाले प्रश्नांशों के उत्तर दीजिए । इन प्रश्नांशों के लिए आपके उत्तर केवल इन परिच्छेदों पर ही आधारित होने चाहिए।
परिच्छेद -1
जो उत्सर्जन मनुष्य वर्तमान समय में वायुमंडल में डालते हैं, वे जलवायु को इस सदी के मध्य में और उसके आगे प्रभावित करेंगे । इसी बीच, प्रौद्योगिकीय परिवर्तन के द्वारा भविष्य में जीवाश्म ईंधन से अलग विकल्प सस्ता हो सकता है या शायद न हो, जिससे दुनिया के पास यही भयावह विकल्प रह जाएगा कि या तो भारी लागत पर तेज़ी से उत्सर्जन को कम किया जाए या ज्यों के त्यों तापन के दुष्प्रभाव से पीड़ित होते रहें। जो व्यवसाय अनिश्चित परिणामों के खतरों से बचाव नहीं करते, वे विफल हो जाते हैं। विश्व जलवायु परिवर्तन के बारे में ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं कर सकती।
7. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक, इस परिच्छेद के लेखक द्वारा व्यक्त निर्णायक सन्देश को सर्वोत्तम रूप से प्रतिबिंबित करता है?
(अ) जो व्यवसाय उत्सर्जन करते हैं, ज़रूरत है कि या तो वे बंद हो जाएँ या भविष्य में प्रदूषण की कीमत चुकाएँ।
(ब) एकमात्र हल यही है कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दों से संबंधित प्रौद्योगिकीय विकास हो।
(स) जब तक प्रौद्योगिकी में सुधार न आए, तब तक कार्बन उत्सर्जन से निपटने की प्रतीक्षा करते रहना बुद्धिमत्तापूर्ण रणनीति नहीं है।
(द) चूँकि भविष्य का प्रौद्योगिकीय परिवर्तन अनिश्चित है, नए उद्योगों को नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर आधारित किया जाना चाहिए।
परिच्छेद – 2
पर्यावरणीय समस्याओं से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ जन्म लेती हैं। जीवन-शैली में सारगर्भित बदलावों से पर्यावरणीय या स्वास्थ्य की समस्याएँ कम हो सकती हैं, किन्तु इस विचार को अपनाना लगभग असंभव लगता है। पर्यावरणीय समस्याओं के सन्दर्भ में, व्यक्तिगत प्रयास नगण्य प्रभाव वाले प्रतीत होते हैं और इसलिए जड़ता की ओर ले जाते हैं। दूसरी ओर स्वास्थ्य के विषय में, व्यक्तिगत विकल्प-चयन वस्तुतः जीवन और मृत्यु के बीच का फर्क ला सकते हैं। तथापि, कुछ एक को छोड़कर, अपने विकल्पों को चुनने में वही सामूहिक अकर्मण्यता ही दिखाई देती है।
8. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक, इस परिच्छेद से निकाली जा सकने वाली सर्वाधिक तार्किक पूर्वधारणा को सर्वोत्तम रूप से उपलक्षित करता है ?
(अ) हमें संभवतः रोकथाम की अपेक्षा उपचार पर अधिक धन खर्च करना पड़ सकता है।
(ब) हमारी पर्यावरणीय और लोक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को हल करना सरकार का काम है।
(स) स्वास्थ्य की रक्षा की जा सकती है, भले ही पर्यावरणीय समस्याओं पर ध्यान न दिया जाए।
(द) पारंपरिक जीवन-शैली के लोप और पाश्चात्य मूल्यों के प्रभाव से जीवन जीने के कतिपय अस्वास्थ्यकर तौर-तरीके विकसित हो गए हैं।
परिच्छेद -3
बहुत से लोग सही आहार नहीं ले रहे हैं। कुछ का तो बस यही निर्णय है कि वही भोजन लेंगे जो उन्हें अच्छा लगता है, लेकिन जो बहुत स्वास्थ्यप्रद नहीं है। इससे असंक्रामक रोगों में बढ़ोतरी हो रही है। इसके फलस्वरूप हमारी स्वास्थ्य-देखभाल व्यवस्थाओं पर बहुत बड़ा बोझ आ जाता है, जिसमें उस आर्थिक प्रगति को, जो ग़रीबों के लिए उनके जीवन-स्तर को उन्नत करने हेतु आवश्यक है, अस्त-व्यस्त कर देने की संभावना है। अन्य लोगों के लिए, समस्या पौष्टिक भोजन तक सीमित पहुँच अथवा पहुँच की गुंजाइश न होने की है, जिससे एकरस खानपान बन जाता है जो उनके पूर्ण विकास के लिए आवश्यक दैनिक पोषक तत्त्व प्रदान नहीं करता। पूरी दुनिया में पोषण पर खतरा होने का कारण आंशिक रूप से यह है कि हमारी खाद्य पद्धतियाँ समुचित रूप से हमारी पोषण ज़रूरतों के अनुरूप नहीं हैं। खेत से थाली तक के लंबे सफ़र में चिंताजनक विचलन हो रहे हैं।
9. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक, इस परिच्छेद के मर्म को सर्वोत्तम रूप से प्रतिबिंबित करता है ?
(अ) सार्वभौम बुनियादी आय योजना को ग़रीबी उन्मूलन के एक तरीके के रूप में दुनिया भर में कार्यान्वित किया जाना चाहिए।
(ब) हमें खाद्य-आधारित पोषण को अपने नीति विषयक विचार-विमर्श के केंद्र में रखना चाहिए।
(स) उपयुक्त आनुवंशिकत: रूपांतरित फ़सलों के जनन द्वारा खाद्यपदार्थ का पोषण स्तर समुन्नत किया जाना चाहिए।
(द) आधुनिक खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों का प्रयोग कर हमें खाद्य वस्तुओं में अपेक्षित पोषक तत्त्वों को शामिल कर उन्हें पुष्ट करना चाहिए।
10. पाँच धन पूर्णांकों p, q, r, s, t में से (आवश्यक नहीं कि ये एक क्रम में हों) तीन सम हैं और उनमें से दो विषम हैं। निम्नलिखित पर विचार कीजिए :
- p+q+ r-s-t निश्चित रूप से सम है।
- 2p +q +2r-2s+t निश्चित रूप से विषम है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(अ) केवल 1
(ब) केवल 2
(स) 1 और 2 दोनों
(द) न तो 1, न ही 2
11. किसी 3-अंकों की संख्या ABC को D से गुणा करने पर गुणनफल 37DD प्राप्त होता है, जहाँ A, B, C और D भिन्न शून्येतर अंक हैं। A+B+C का मान क्या है?
(अ) 18
(ब) 16
(स) 15
(द) अपर्याप्त आँकड़ों के कारण निर्धारित नहीं किया जा सकता
12. X, Y और Z के मानों के किसी भी चयन के लिए, XYZXYZ के रूप की 6-अंकों की संख्या किससे भाज्य है?
(अ) केवल 7 और 11 से
(ब) केवल 11 और 13 से
(स) केवल 7 और 13 से
(द) 7,11 और 13 से
UPSC प्रीलिम्स के लिए रीजनिंग प्रश्न 2022
UPSC Reasoning Questions in Hindi प्रश्न 2022 नीचे दिए गए हैं:
निम्नलिखित 3 (तीन) प्रश्नांशों के लिए निर्देश: निम्नलिखित दो परिच्छेदों को पढ़िए और उनके नीचे आने वाले प्रश्नांशों के उत्तर दीजिए। इन प्रश्नांशों के लिए आपके उत्तर केवल इन परिच्छेदों पर ही आधारित होने चाहिए।
परिच्छेद-1
मानव विकास की प्रगति बनाए रखने के सामने सबसे बड़ा खतरा इस रूप में दिखाई देता है कि उत्पादन और उपभोग के स्वरूप में दिनोदिन अधारणीयता बढ़ती जा रही है। वर्तमान उत्पादन मॉडल जीवाश्म ईंधनों पर बहुत अधिक निर्भर हैं। अब हम जानते हैं कि यह स्वरूप अधारणीय है, क्योंकि ये संसाधन सीमित हैं। मानव विकास को सही अर्थों में धारणीय बनाने के लिए आर्थिक संवृद्धि और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के बीच की घनिष्ठ संबद्धता को पृथक् करने की जरूरत है। कुछ विकसित देशों ने पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) का प्रसार कर और सार्वजनिक परिवहन तथा आधारिक संरचना में निवेश कर इनके अति दुष्प्रभावों को कम करना आरंभ कर दिया है। किन्तु अधिकांश विकासशील देशों को परिष्कृत ऊर्जा स्रोत की ऊँची कीमतों और अल्प उपलब्धता के कारण बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। विकसित देशों को चाहिए कि वे विकासशील देशों के धारणीय मानव विकास की ओर जाने में सहायक बनें।
1. निम्नलिखित में से किसके/किनके कारण उत्पादन के स्वरूप में अधारणीयता है?
- जीवाश्म ईंधनों पर भारी निर्भरता
- संसाधनों की सीमित उपलब्धता
- पुनर्चक्रण का प्रसार नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(अ) केवल 1 और 2
(ब) केवल 2
(स) केवल 1 और 3
(द) 1,2 और 3
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
विकसित देश, विकासशील देशों के धारणीय मानव विकास की ओर जाने में सहायक हो सकते हैं
- कम लागत पर परिष्कृत ऊर्जा स्रोत उपलब्ध करा कर
- उनके सार्वजनिक परिवहन के सुधार के लिए नाममात्र ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध करा कर
- उन्हें अपने उत्पादन और उपभोग के स्वरूपों को बदलने के लिए प्रोत्साहित कर
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(अ) केवल 1
(ब) केवल 1 और 2
(स) केवल 2 और 3
(द) 1, 2 और 3
परिच्छेद-2
जब तक उन शक्तियों और प्रवृत्तियों को, जो देश के पर्यावरण को नष्ट करने के लिए उत्तरदायी हैं, निकट भविष्य में नियंत्रित नहीं किया जाता, और अनाच्छादित क्षेत्रों में वृहद् पैमाने पर वनरोपण आरंभ नहीं किया जाता, विषम जलवायु दशाएँ और पवन तथा जल के द्वारा होने वाला भू-क्षरण इस सीमा तक बढ़ जाएगा कि धीरे-धीरे कृषि, जो हमारे लोगों का मुख्य आधार है, असंभव हो जाएगी। विश्व के मरुस्थलीय देश और राजस्थान के हमारे अपने मरु प्रदेश, वृहद् पैमाने पर हुए वनोन्मूलन के दुष्परिणामों की भयावह याद दिलाते हैं। मरु सदृश भू-दृश्य अब गंगा-सतलुज के मैदानों और दक्कन पठार समेत देश के अन्य भागों में अनेक स्थानों पर दिखाई देने लगे हैं। जहाँ कुछ ही दशक पूर्व बारहमासी सरिताओं और सोतों के साथ हरे-भरे वन हुआ करते थे, वहाँ अब, सिर्फ वर्षा ऋतु को छोड़कर, सूखी सरिताएँ और सूखे सोते, और हरियाली से रिक्त भूरे मैदान दिखाई देते हैं।
3. उपर्युक्त परिच्छेद के अनुसार, वनोन्मूलन और अनाच्छादन के अंततोगत्वा निम्नलिखित में से क्या परिणाम होंगे?
- मृदा संसाधन का क्षरण
- आम आदमी के लिए जमीन की कमी
- कृषि के लिए जल की कमी
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(अ) केवल 1 और 2
(ब) केवल 2 और 3
(स) केवल 1 और 3
(द) 1, 2 और 3
4. किसी पहचान-पत्र की संख्या ABCDEFG है, किन्तु आवश्यक नहीं कि इसी क्रम में हो, जहाँ हर वर्ण किसी भिन्न अंक (केवल 1, 2, 4, 5, 7, 8, 9) को निरूपित करता है। यह संख्या अंक 9 से विभाज्य है। दाहिने से पहला एक अंक मिटाने पर, परिणामी संख्या अंक 6 से विभाज्य है। मूल संख्या के दाहिने से दो अंकों को मिटाने पर परिणामी संख्या अंक 5 से विभाज्य है। मूल संख्या के दाहिने से तीन अंकों को मिटाने पर परिणामी संख्या अंक 4 से विभाज्य है। मूल संख्या के दाहिने से चार अंकों को मिटाने पर परिणामी संख्या अंक 3 से विभाज्य है। मूल संख्या के दाहिने से पाँच अंकों को मिटाने पर परिणामी संख्या अंक 2 से विभाज्य है। निम्नलिखित में से कौन-सा, इस संख्या के बीचोबीच तीन अंकों के योग का संभव मान है?
(अ) 8
(ब) 9
(स) 11
(द) 12
5. दो मित्र X और Y दौड़ना शुरू करते हैं और वे एक साथ 50 m तक एक ही दिशा में दौड़कर एक बिन्दु पर पहुँचते हैं। X दाहिने मुड़कर 60 m दौड़ता है, जबकि Y बाएँ मुड़कर 40 m दौड़ता है। इसके बाद X बाएँ मुड़कर 50 m दौड़कर रुक जाता है, जबकि Y दाहिने मुड़कर 50 m दौड़कर रुक जाता है। अब दोनों मित्र एक-दूसरे से कितनी दूर हैं?
(अ) 100 m
(ब) 90 m
(स) 60 m
(द) 50 m
6. निम्नलिखित में से जून 2099 के किस दिनांक को रविवार होगा?
(अ) 4
(ब) 5
(स) 6
(द) 7
7. ₹ 1,840 के एक बिल का ₹ 50, ₹ 20 और ₹ 10 मूल्यवर्ग के नोटों में भुगतान किया जाता है। कुल मिलाकर 50 नोट काम में आए। निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- ₹ 50 वाले 25 नोट काम में आए और शेष भुगतान ₹ 20 वाले और ₹ 10 वाले नोटों में किया गया।
- ₹20 वाले 35 नोट काम में आए और शेष भुगतान ₹ 50 वाले और ₹ 10 वाले नोटों में किया गया।
- ₹10 वाले 20 नोट काम में आए और शेष भुगतान ₹ 50 वाले और ₹ 20 वाले नोटों में किया गया।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही नहीं हैं?
(अ) केवल 1 और 2
(ब) केवल 2 और 3
(स) केवल 1 और 3
(द) 1, 2 और 3
8. अंक 1 से 9, तीन पंक्तियों में इस प्रकार व्यवस्थित किए गए हैं कि प्रत्येक पंक्ति में तीन अंक हैं, और दूसरी पंक्ति में बनी संख्या पहली पंक्ति में बनी संख्या की दोगुनी है; और तीसरी पंक्ति में बनी संख्या पहली पंक्ति में बनी संख्या की तीन गुनी है। किसी अंक को दो बार रखने की अनुमति नहीं है। यदि चार अंकों 2, 3, 7 और 9 में से केवल तीन अंकों को पहली पंक्ति में व्यवस्थित करने की अनुमति हो, तो इन तीन पंक्तियों में व्यवस्थित करने के लिए ऐसे कितने संयोजन संभव हैं?
(अ) 4
(ब) 3
(स) 2
(द) 1
निम्नलिखित 4 (चार) प्रश्नांशों के लिए निर्देश: निम्नलिखित दो परिच्छेदों को पढ़िए और उनके नीचे आने वाले प्रश्नांशों के उत्तर दीजिए। इन प्रश्नांशों के लिए आपके उत्तर केवल इन परिच्छेदों पर ही आधारित होने चाहिए।
परिच्छेद-1
“जूते गाँठने जैसे साधारण से काम के लिए हम सोचते हैं कि कोई विशेष प्रशिक्षण-प्राप्त व्यक्ति ही हमारे इस काम को कर सकेगा, लेकिन राजनीति में हम मान लेते हैं कि हर कोई जो मत (वोट) प्राप्त करना जानता है, वह राज्य का शासन करना जानता है। बीमार पड़ने पर हमें एक प्रशिक्षित चिकित्सक की आवश्यकता होती है, जिसकी डिग्री उसकी खास तैयारी और तकनीकी क्षमता की गारंटी होती है-हमारी तलाश यह नहीं होती कि चिकित्सक सबसे सुंदर हो, या सबसे अच्छा वक्ता हो: तो फिर, जब पूरा राज्य ही बीमार है, तो क्या हमें इसकी तलाश नहीं होनी चाहिए कि हमें सबसे बुद्धिमान और सबसे उत्तम व्यक्ति की सेवा और मार्गदर्शन मिले?”
9. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक इस परिच्छेद के लेखक के संदेश को सर्वोत्तम रूप में प्रतिबिम्बित करता है?
(अ) हम मान लेते हैं कि गणतंत्र में कोई भी राजनीतिज्ञ देश का शासन चलाने के योग्य है।
(ब) राजनीतिज्ञों को प्रशासन में प्रशिक्षित लोगों में से चुना जाना चाहिए।
(स) हमें कोई ऐसी पद्धति सोच निकालने की जरूरत है, जिससे सार्वजनिक पद से अयोग्यता को दूर रखा जा सके।
(द) चूँकि मतदाता अपने प्रशासकों को चुनते हैं, राज्य का प्रशासन करने की राजनीतिज्ञों की योग्यता पर प्रश्न नहीं उठाया जा सकता।
परिच्छेद-2
गरीबी रेखा नितांत असंतोषजनक हो जाती है, जब यह समझने की बात आती है कि भारत में गरीबी का प्रसार कहाँ तक है। यह केवल इसलिए नहीं है कि इसकी परिभाषा बहुत ही संकीर्ण है कि ‘गरीब कौन है’ और गरीब की गणना करने की क्रिया-पद्धति विवादास्पद है, बल्कि यह इसके अंदर निहित अपेक्षाकृत अधिक मूलभूत धारणा के कारण है। यह गरीबी को अपर्याप्त आय या अपर्याप्त क्रयशक्ति के रूप में समझने पर अनन्य रूप से निर्भर है। इसे बेहतर रूप में आय-निर्धनता कहकर वर्गीकृत किया जा सकता है। यदि गरीबी अंततोगत्वा उन चीजों से वंचित होना है, जो मनुष्य के सुख-स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं, तो आय-निर्धनता इसका केवल एक पहलू है। जीवन-निर्धनता, हमारे विचार में, सिर्फ वह कंगाली की दशा में नहीं है, जिसमें व्यक्ति वास्तव में रहता है, किन्तु दूसरी तरह के जीवन के विकल्प चुनने के लिए वास्तविक अवसर के अभाव में भी है जो सामाजिक बाधाओं और साथ ही साथ वैयक्तिक परिस्थितियों द्वारा प्रदत्त है। निम्न आय की प्रासंगिकता, अपने पास कम चीजों का होना, और वे अन्य पहलू भी जिन्हें मानक रूप से आर्थिक निर्धनता के रूप में देखा जाता है, अंततोगत्वा सामर्थ्य को कम करने की, अर्थात् जिन चीजों के विकल्प चुनने से लोग विविधतापूर्ण और मूल्यवान जीवन जीते हैं, उन्हें अत्यधिक सीमित कर देने की उनकी भूमिका से संबंधित होते हैं।
10. भारत में अपनाई गई ‘गरीब’ की गणना की क्रिया-पद्धति विवादास्पद क्यों है?
(अ) इसके बारे में थोड़ी उलझन है कि कौन-सी चीजें ‘गरीबी रेखा’ को बनाती हैं।
(ब) ग्रामीण और शहरी गरीब की दशा के बीच बहुत अधिक असमानताएँ हैं।
(स) आय-निर्धनता मापने का कोई एकसमान विश्वव्यापी मानक नहीं है।
(द) यह गरीबी को अपर्याप्त आय या अपर्याप्त क्रयशक्ति के रूप में प्रस्तुत करने पर आधारित है।
11. आय-निर्धनता ‘गरीब’ की गणना की एकमात्र माप क्यों है?
(अ) यह अन्य सभी की उपेक्षा कर केवल एक प्रकार के वंचन की बात करती है।
(ब) मानव जीवन में अन्य वंचनाओं का क्रयशक्ति की कमी से कुछ भी लेना-देना नहीं है।
(स) आय-निर्धनता कोई स्थायी दशा नहीं है, यह समय-समय पर बदलती रहती है।
(द) आय-निर्धनता मानवीय विकल्प-चयन को किसी खास समय पर आकर ही सीमित करती है।
12. ‘जीवन-निर्धनता’ से लेखक का क्या तात्पर्य है?
(अ) मानव-जीवन में वे सभी वंचनाएँ जो केवल आय की कमी से ही नहीं, बल्कि वास्तविक अवसरों की कमी से उत्पन्न होती हैं
(ब) ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में गरीब लोगों की कंगाली की दशा
(स) विविध व्यक्तिगत परिस्थितियों में छूटे हुए अवसर
(द) मानव जीवन में वस्तुपरक, साथ ही साथ अवस्तुपरक वंचनाएँ, जो मनुष्य के विकल्प-चयन को स्थायी रूप से सीमित कर देती हैं
13. यदि अंग्रेजी वर्णमाला के क्रम को उल्टा कर दिया जाए और नए क्रम में आया हर वर्ण उस वर्ण को निरूपित करे जिसका मूल स्थान उसने लिया है, तो निम्नलिखित में से कौन-सा एक ‘LUCKNOW’ को निरूपित करता है?
(अ) OGXPMLD
(ब) OGXQMLE
(स) OFXPMLE
(द) OFXPMLD
14. 150 प्रतियोगियों वाली किसी शतरंज टूर्नामेंट में जब-जब कोई खिलाड़ी बाजी हारता है, उसे बाहर कर दिया जाता है। यह निश्चित किया गया है कि कोई भी बाजी बराबरी (टाई/ड्रॉ) पर निर्णीत नहीं होगी। इस पूरे टूर्नामेंट में कितनी बाजियाँ खेली गईं?
(अ) 151
(ब) 150
(स) 149
(द) 148
15. 3-अंक की कितनी धनपूर्ण संख्याएँ (अंकों का प्रयोग दुबारा किए बिना) इस प्रकार होंगी कि संख्या का प्रत्येक अंक विषम हो और संख्या 5 से विभाज्य हो?
(अ) 8
(ब) 12
(स) 16
(द) 24
16. एक वस्तु की कीमत में 25% वृद्धि की गई। तत्पश्चात् कीमत को 20% घटा दिया गया और फिर 10% बढ़ा दिया गया। कीमत में परिणामी वृद्धि क्या है?
(अ) 5%
(ब) 10%
(स) 12.5%
(द) 15%
17. नीचे दिए गए प्रश्न और दो कथनों पर विचार कीजिए:
प्रश्न : क्या Z, X का भाई है?
कथन-1 : Y का भाई X है और Z का भाई Y है।
कथन-2 : X, Y और 2 सहोदर भाई/बहन हैं।
उपर्युक्त प्रश्न और कथनों के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
(अ) अकेला कथन-1 ही प्रश्न का उत्तर देने के लिए पर्याप्त है
(ब) अकेला कथन-2 ही प्रश्न का उत्तर देने के लिए पर्याप्त है
(स) कथन-1 और कथन-2, दोनों, प्रश्न का उत्तर देने के लिए पर्याप्त हैं
(द) कथन-1 और कथन-2, दोनों, प्रश्न का उत्तर देने के लिए पर्याप्त नहीं हैं
18. A के पास कुछ सिक्के हैं। वह उनमें से आधे सिक्कों में 2 और सिक्के मिलाकर B को देता है। B उनमें से आधे सिक्कों में 2 और सिक्के मिलाकर C को देता है। C उनमें से आधे सिक्कों में 2 और सिक्के मिलाकर D को देता है। D के पास अब जितने सिक्के हैं, वह दो अंकों की लघुतम संख्या है। शुरू में A के पास कितने सिक्के हैं?
(अ) 76
(ब) 60
(स) 68
(द) 52
19. श्रेणी AABABCABCDABCDE … में 100वें स्थान पर कौन-सा वर्ण आएगा?
(अ) G
(ब) H
(स) I
(द) J
20. तीन व्यक्ति A, B और C किसी पंक्ति (क्यू) में खड़े हैं किन्तु आवश्यक नहीं कि इसी क्रम में हों। A और B के बीच 4 व्यक्ति हैं और B तथा C के बीच 7 व्यक्ति हैं। यदि C के आगे 11 व्यक्ति हैं और A के पीछे 13 व्यक्ति हैं, तो पंक्ति में खड़े व्यक्तियों की न्यूनतम संख्या क्या है?
(अ) 22
(ब) 28
(स) 32
(द) 38
UPSC रीजनिंग क्वेश्चन वेटेज
यूपीएससी प्रीलिम्स में रीजनिंग CSAT पेपर का हिस्सा हैं। जिसे आधिकारिक तौर पर पेपर II कहा जाता है। CSAT पेपर कुल 200 अंक का होता है जिसमें 80 प्रश्न होते हैं। रीजनिंग के प्रश्न आमतौर पर CSAT पेपर में कुल प्रश्नों का 25-30% होता है। इसका मतलब है कि कुल 80 प्रश्नों में से लगभग 20-25 प्रश्न तर्क पर केंद्रित होते हैं।
UPSC रीजनिंग की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण टॉपिक्स
UPSC रीजनिंग की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण टॉपिक्स इस प्रकार हैं:
लॉजिकल रीजनिंग और एनालिटिकल एबिलिटी
- लॉजिकल रीजनिंग
- एनालिटिकल रीजनिंग
- एनालॉजी
- क्लासिफिकेशन
- मिक्सड सीरीज
- नंबर सीरीज
- कोडिंग डिकोडिंग
- ब्लड रिलेशन
- डिसीजन मेकिंग
- प्रॉब्लम सॉल्विंग
- इनपुट आउटपुट
- वैन डायग्राम
- कोडेड इनक्यूएलिटीज
- डिस्टेंस एंड डायरेक्शन
- अल्फाबेट टेस्ट
- पज़्जल
- सीटिंग अरेंजमेंट
डेटा इंटरप्रिटेशन एंड डेटा सफिशियंसी
- डेटा इंटरप्रिटेशन
- टुडी एंड थ्रीडी पाई चार्ट
- बार ग्राफ
- वर्टिकल बार चार्ट
- बार ग्राफ vs हिस्टोग्राम
- अर्थमेटिक रीजनिंग
- मिसिंग नंबर
- कॉज एंड इफेक्ट
- ऑर्डर एंड रैंकिंग
- सीक्वेंस एंड सीरीज
- डेटा सफिशियंसी
- केलैंडर्स
- क्लॉक रीजनिंग
- प्रॉब्लम्स ऑन एजेस
- क्यूब एंड डाइस
- मिरर इमेज एंड वॉटर इमेज
- सिलेजिस्म
- स्टेटमेंट एंड असम्पशन
- स्टेटमेंट एंड आर्ग्युमेंट
- स्टेटमेंट एंड कंक्लुजन
- स्टेटमेंट एंड कोर्स ऑफ एक्शन
- स्टेटमेंट्स इन मैथेमेटिकल रीजनिंग
- क्रिटिकल रीजनिंग
- सिचुएशन रिएक्शन टैस्ट
यूपीएससी प्रीलिम्स रीज़निंग के पिछले साल के पेपर PDF
यूपीएससी प्रीलिम्स में रीज़निंग सीसेट (जनरल स्ट्डीज पेपर 2) पेपर का एक प्रमुख हिस्सा हैं। सीसेट में बड़ी संख्या में इन प्रश्नों को पूछा जाता है। यूपीएससी रीज़निंग के पिछले साल के पेपर PDF इस प्रकार से है:
यूपीएससी सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स 2024
यूपीएससी सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स 2023
यूपीएससी सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स 2022
FAQs
रीजनिंग सेक्शन में ज्यादातर वर्बल, नॉन वर्बल और लॉजिकल से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं। ये प्रश्न अकसर परीक्षाओं में घुमा फिरा कर पूछे जाते हैं। अगर आप भी सरकारी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो यह बात आप भली-भांति जानते होगें की इस तरह के प्रश्न कितने महत्वपूर्ण होते हैं।
यूपीएससी सीसैट रीजनिंग सिलेबस उम्मीदवारों के विश्लेषणात्मक सोच, तार्किक तर्क और समस्या-समाधान के लिए आवश्यक कौशल की जांच करता है।
सीसैट में 80 ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे जाते हैं। जिसमें 1/3 की निगेटिव मार्किंग होती है। 200 मार्क्स का यह पेपर 2 घंटे का होता है, जिसमें 66 मार्क्स क्लिफाइंग हैं। CSAT में रीजनिंग, मैथ्स, डिसीजन मेकिंग, कॉम्प्रिहेंशन पैसेज जैसे विषयों से सवाल पूछे जाते हैं।
रीजनिंग का मतलब है किसी विषय या समस्या के बारे में तार्किक रूप से सोचने की प्रक्रिया। इसमें तथ्यों, प्रमाणों, और तर्कों का उपयोग करके किसी निष्कर्ष तक पहुँचना शामिल होता है। रीजनिंग का उपयोग कई क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे गणित, विज्ञान, भाषा, और सामान्य जीवन की समस्याओं को हल करने के लिए।
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अपने तर्क कौशल को बेहतर बनाने के लिए, इन चरणों का पालन करें: विभिन्न प्रकार के तर्क प्रश्नों और नमूना परीक्षणों के साथ नियमित रूप से अभ्यास करें । प्रत्येक अभ्यास सत्र के लिए समय सीमा निर्धारित करके अपनी मानसिक गति और सटीकता को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करें। जटिल समस्याओं को छोटे, प्रबंधनीय चरणों में तोड़ें।
सरल शब्दों में कहें तो गणित परिमाणीकरण करता है जबकि तर्क स्पष्टीकरण करता है। गणित सटीक संख्यात्मक परिणाम तो प्रदान करता है, लेकिन कारण और प्रभाव की सहज समझ बहुत कम देता है।
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