प्रतियोगी परीक्षाओं में करंट अफेयर्स से जुड़े क्वेश्चन पूछे जाते हैं, क्योंकि करंट अफेयर्स का उद्देश्य मनुष्य की समझ को विस्तार करना है। UPSC में प्री और मेंस एग्जाम के अलावा इंटरव्यू का भी महत्वपूर्ण रोल है, इसलिए कैंडिडेट्स को देश-दुनिया के बारे में जानना होगा और बड़ी घटनाओं को समझना होगा। आज के इस ब्लाॅग में हम गोंड जनजाति के बारे में जानेंगे, जिसे आप अपनी तैयारी में जोड़ सकते हैं।
जनजाति के बारे में
जनजातियों में लोगों का एक समूह एक निश्चित और भौगोलिक क्षेत्र (shared geographical area) में एक साथ रहता है और काम करता है। एक जनजाति की एक समान संस्कृति, बोली और धर्म होता है। किसी भी जनजाति का नेतृत्व एक मुखिया करता है।
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गोंड जनजाति क्या है?
भारत की गोंड जनजाति भारत के सबसे बड़े जनजातीय समूहों में से एक है और यह भारत के मध्य और पूर्वी राज्यों में पाई जा सकती है। जिन राज्यों में उनकी उपस्थिति है वे हैं मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश। 2011 की जनगणना के अनुसार, गोंड जनजाति की कुल जनसंख्या 11.3 मिलियन से अधिक है।
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गोंड शब्द कोंड से आया है, जिसका द्रविड़ मुहावरे में अर्थ है हरे पहाड़। गोंड स्वयं को कोई या कोइतूरे कहते थे, लेकिन अन्य लोग उन्हें गोंड कहते थे क्योंकि वे हरे पहाड़ों में रहते थे। गोंड भारत के मध्य प्रदेश में सबस अधिक औऱ अन्य राज्यों में भी पाए जाते हैं।
मध्य प्रदेश में वे सदियों से अमरकंटक पर्वतमाला के नर्मदा क्षेत्र में विंध्य, सतपुड़ा और मंडला के घने जंगलों में बसे हुए थे। मध्य प्रांत को गोंडवाना कहा जाता था क्योंकि यहां गोंडों का शासन था।
गोंड जनजाति का इतिहास क्या है?
गोंडवाना में रहने वाले लोगों को गोंडी लोग कहा जाता था। गोंडों के शासक वर्ग को राजगोंड कहा जाता था। 807 ई. में स्थापित चंदा साम्राज्य सबसे महत्वपूर्ण गोंड साम्राज्य था। उन्होंने राजस्व प्रशासन की शुरुआत की और सिंचाई पर ध्यान केंद्रित किया।
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गोंड शासकों ने रक्षा के लिए किलों का निर्माण शुरू किया, बाद में किले और अधिक भव्य हो गए। मुगलों ने कुछ समय के लिए गोंड राज्यों पर कब्ज़ा कर लिया। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने क्षेत्र दोबारा हासिल कर लिए। 1910 में गोंड जनजाति ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विद्रोह कर दिया। इसे बस्तर विद्रोह के नाम से जाना गया।
गोंड जनजाति की संस्कृति और जीवन शैली क्या है?
भारत में हर जनजाति की अपनी संस्कृति और जीवन शैली है, यहां हम गोंड जनजाति की जीवन शैली और संस्कृति जानेंगेः
- गोंड जनजाति के लोग गोंडी भाषा बोलते हैं, जो द्रविड़ परिवार की एक अलिखित भाषा है।
- वे चावल भी खाते हैं, लेकिन ऐसा केवल त्योहारों या समारोहों के दौरान ही होता है।
- इस जनजाति में कार्य-जीवन पुरुषों का विशेषाधिकार था, महिलाएं घरेलू काम करती थीं। गोंड जनजाति की संस्कृति फर्श पेंटिंग, मिट्टी के बर्तन और टोकरी बुनाई जैसी पारंपरिक कुटीर उद्योग प्रथाओं के आसपास घूमती है।
- गोंड जनजाति के पुरुष पत्थर और लकड़ी का काम भी करते हैं।
- गोंड जनजाति के लोग अपने शरीर पर टैटू के लिए जाने जाते हैं।
गोंड जनजाति का धर्म क्या है?
रिपोर्ट्स और इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार कहा जाता है कि गोंडी लोग बहुत धार्मिक हैं और वे मानते हैं कि भगवान हवा, पानी और जमीन को नियंत्रित करते हैं। अधिकांश गोंड हिंदू धर्म को मानते हैं और इनका पूर्वजों की पूजा और में दृढ़ विश्वास था।
FAQs
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में गोंड जनजाति पाई जाती है।
2011 की जनगणना के अनुसार गोंड जनजाति की जनसंख्या 11.3 मिलियन से अधिक है।
गोंड समुदाय द्रविढ़वर्ग के माने जाते हैं।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको गोंड जनजाति पता चल गई होगी। एग्जाम की तैयारी और बेहतर करने व UPSC में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।