प्रतियोगी परीक्षाओं में करंट अफेयर्स से जुड़े क्वेश्चन पूछे जाते हैं, क्योंकि करंट अफेयर्स का उद्देश्य मनुष्य की समझ को विस्तार करना है। UPSC में प्री और मेंस एग्जाम के अलावा इंटरव्यू का भी महत्वपूर्ण रोल है, इसलिए कैंडिडेट्स को देश-दुनिया के बारे में जानना होगा और बड़ी घटनाओं को समझना होगा। इस ब्लाॅग में हम बिहार की जनजाति जानेंगे, जिसे आप अपनी तैयारी में जोड़ सकते हैं।
जनजाति के बारे में
जनजातियों में लोगों का एक समूह एक निश्चित और भौगोलिक क्षेत्र (shared geographical area) में एक साथ रहता है और काम करता है। एक जनजाति की एक समान संस्कृति, बोली और धर्म होता है। किसी भी जनजाति का नेतृत्व एक मुखिया करता है।
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बिहार की जनजाति क्या है?
बिहार में 25 से अधिक जनजाति हैं। बिहार की जनजातियां राज्य की जनसंख्या का लगभग 1.3 प्रतिशत हैं। बिहार में बहुत सी जनजातियां निवास करती हैं जो बिहार के सामाजिक और सांस्कृतिक मानचित्र का बड़ा हिस्सा हैं। सबसे अधिक अनुसूचित जनजातियां संथाल, ओरांव, मुंडा, हो, खरवार, खरिया और भूमिज हैं जो राज्य की कुल आदिवासी आबादी का लगभग 86 प्रतिशत हैं। संथाल राज्य की सबसे अधिक आबादी वाली जनजाति है।
ओरांव
ओरांव को कुरुख भी कहा जाता है, भारत के बिहार राज्य के छोटा नागपुर क्षेत्र के आदिवासी लोग हैं। वे खुद को कुरुख कहते हैं और गोंडी और मध्य भारत की अन्य आदिवासी भाषाओं के समान द्रविड़ भाषा बोलते हैं। ओरांव अपने अनुष्ठान और आर्थिक आजीविका के लिए जंगल और खेतों पर निर्भर थे, लेकिन हाल के दिनों में उनमें से कुछ मुख्य रूप से कृषक बन गए हैं।
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संथाल
संथाल झारखंड के अलावा बिहार की भी प्रमुख जनजातियों में से एक है। आज, संथाल समुदाय बड़े पैमाने पर ओडिशा, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में है। अकेले भारत में इनकी आबादी 60 लाख से अधिक है।
मुंडा
मुंडा जनजाति बिहार के अलावा अन्य कई भारतीय राज्यों में पाई जाती हैं। मुंडा जनजाति बिहार के बक्सर और रोहतास जिले में निवास करते हैं। इनकी भाषा मुंडारी है और इस नजाति के लोग एग्रीकल्चर पर निर्भर हैं।
गोंड
गोंड जनजाति बिहार के चंपारण, छपरा और रोहतास जिलों में पाई जाती है। इस जनजाति के लोग गैर-आदिवासियों के साथ रहते हैं और इनकी भाषा मुंडारी है।
बिहार की अन्य प्रमुख जनजातियां
बिहार की अन्य प्रमुख जनजातियां इस प्रकार हैंः
- खैरवार
- गोराइत
- गोंड
- खोंड
- बेड़िया
- उराँव
- चेरो
- कोरा
- कोरवा
- मुंडा।
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बिहार की जनजातीय आबादी क्या है?
बिहार राज्य की अनुसूचित जनजाति (एसटी) जनसंख्या 13,36,573 है। बिहार के कई बड़े जिलों में जनजातियां निवास करती हैं। बिहार में अनुसूचित जनजाति (ST) की साक्षरता दर 51.1 प्रतिशत है।
FAQs
बिहार में संथाल, गोंड और मुंडा आदि जनजाति पाई जाती हैं।
बिहार में 15 से अधिक जनजातियां हैं।
बिहार में 25 से अधिक कई जनजातियां हैं।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको बिहार की जनजाति पता चल गई होगी। एग्जाम की तैयारी और बेहतर करने व UPSC में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।