आसियान का पूरा नाम ‘दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन’ है। यह एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 8 अगस्त, 1967 को की गई थी। आसियान का उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों के बीच आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देना है। प्रत्येक वर्ष 8 अगस्त को ‘आसियान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। UPSC परीक्षा सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में आसियान से संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं। इस ब्लॉग में आसियान और उसके उद्देश्यों से संबंधित पूरी जानकारी दी गई है।
| आसियान का पूरा नाम | दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन |
| आसियान की स्थापना | 8 अगस्त, 1967 |
| संस्थापक राष्ट्र | इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड |
| आसियान का मुख्यालय | जकार्ता, इंडोनेशिया |
| आसियान का आदर्श वाक्य | ‘वन विजन, वन आइडेंटिटी, वन कम्युनिटी’ |
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आसियान क्या है?
आसियान एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसका पूरा नाम ‘दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन’ (Association of Southeast Asian Nations) है। यह संगठन दक्षिण-पूर्वी एशिया के देशों के एक समूह के रूप में कार्य करता है, जिसे राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों के बीच शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देना है। बताना चाहेंगे ‘आसियान घोषणापत्र’ (ASEAN Declaration) पर संस्थापक राष्ट्रों द्वारा हस्ताक्षर करने के साथ आसियान की स्थापना 8 अगस्त, 1967 को की गई थी।
आसियान के संस्थापक राष्ट्र इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड हैं। इसके बाद इस संगठन में 7 जनवरी, 1984 को ब्रुनेई दारुस्सलाम, 28 जुलाई, 1995 को वियतनाम, 23 जुलाई, 1997 को लाओस व म्यांमार और 30 अप्रैल, 1999 को कंबोडिया शामिल हुआ।
आसियान का मुख्यालय कहां है?
आसियान का मुख्यालय इंडोनेशिया के राजधानी ‘जकार्ता’ में स्थित है। वहीं आसियान का आदर्श वाक्य ‘वन विजन, वन आइडेंटिटी, वन कम्युनिटी’ है।
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आसियान में कितने देश हैं?
आसियान के सदस्य देशों के नाम निम्नलिखित हैं:-
- इंडोनेशिया
- मलेशिया
- फिलीपींस
- सिंगापुर
- थाईलैंड
- ब्रुनेई
- वियतनाम
- लाओस
- म्यांमार
- कंबोडिया
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आसियान का उद्देश्य क्या है?
आसियान के उद्देश्य निम्नलिखित हैं;-
- आसियान का मुख्य लक्ष्य सांस्कृतिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और प्रशासनिक मुद्दों के आधार पर राष्ट्रों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।
- अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के साथ घनिष्ठ और लाभप्रद सहयोग बनाए रखना।
- शिक्षा, टेक्नोलाॅजी और विज्ञान की फील्ड में सहयोग को बढ़ावा देना।
- रिसर्च, ट्रेनिंग और अध्ययन को प्रोत्साहित करना।
- कृषि, व्यापार तथा उद्योग के विकास में सहयोग करना।
- क्षेत्रीय सद्भाव और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए उचित मानदंडों को बनाए रखने में सहायता करना।
- न्याय और कानून के शासन के लिए सम्मान तथा संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के पालन के माध्यम से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना।
FAQs
‘आसियान घोषणापत्र’ पर संस्थापक राष्ट्रों द्वारा हस्ताक्षर करने के साथ आसियान की स्थापना 8 अगस्त, 1967 को की गई थी।
25वां आसियान सम्मेलन वर्ष 2014 में हुआ था।
वर्ष 1992 में भारत को आसियान का एक क्षेत्रीय भागीदार बनने के लिए आमंत्रित किया गया था।
आसियान का मुख्यालय जकार्ता, इंडोनेशिया में स्थित है।
आसियान में 10 देश शामिल हैं।
आसियान के संस्थापक राष्ट्र इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड हैं।
क्षेत्र में आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति और सांस्कृतिक विकास में तेजी लाना तथा देशों के बीच संबंधों में न्याय और कानून के शासन के प्रति सम्मान बनाए रखते हुए क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना।
आशा है कि इस लेख से आपको आसियान के उद्देश्य, सदस्य देशों और उसके महत्व की पूरी जानकारी प्राप्त हुई होगी। ऐसे ही UPSC आर्टिकल्स से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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