UPSC Agriculture Syllabus : यूपीएससी के लिए कृषि का संपूर्ण सिलेबस, एग्जाम पैटर्न और जरूरी बुक्स की जानकारी

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UPSC Agriculture Syllabus in Hindi

भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है और देश के सबसे कठिन एग्जाम में से एक यूपीएससी में कृषि यानी एग्रीकल्चर सब्जेक्ट को पढ़ना है, क्योंकि यह यूपीएससी मेंस में ऑप्शनल सब्जेक्ट होता है। अगर कैंडिडेट ऑप्शनल में कृषि सब्जेक्ट लेता है तो उसे इसकी तैयारी अच्छे से करनी होगी। इसलिए इस ब्लाॅग में UPSC Agriculture Syllabus in Hindi विस्तार से बताया गया है और इसकी तैयारी के लिए बुक्स, परीक्षा पैटर्न आदि की जानकारी दी गई है।

IAS एग्जाम कंडक्टिंग बॉडीयूपीएससी
एग्जाम मोडऑफलाइन
IAS एग्जाम के लिए आयुसीमा21 से 32 साल (वर्ग के अनुसार अलग-अलग निर्धारित है।)
IAS एग्जाम के लिए योग्यताकिसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन पास।
यूपीएससी मेंस में कृषि ऑप्शनल सब्जेक्टकृषि ऑप्शनल (पेपर 1 और 2)
मार्क्सप्रत्येक पेपर के लिए 250 अंक
टाइम3 घंटा
IAS एग्जाम पैटर्नप्रीलिम्स (MCQs), मेन्स (डिस्क्रिप्टिव पेपर), इंटरव्यू
IAS एग्जाम- प्रीलिम्स 202416 जून, 2024
IAS एग्जाम- मेन्स 202420 सितंबर 2024 से
ऑफिशियल वेबसाइटupsc.gov.in

UPSC क्या है?

UPSC भारत की सेंट्रल एजेंसी है जो सरकारी सेवाओं में भर्ती करने के लिए सिविल सेवा परीक्षा (CSE) जैसी परीक्षा आयोजित करती है। यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा प्रत्येक वर्ष भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी के पद पर भर्ती परीक्षा आयोजित की जाती है। UPSC उम्मीदवारों को सिविल सेवाओं के साथ-साथ रक्षा सेवाओं दोनों में भर्ती करती है।

UPSC में कृषि का सिलेबस क्या है?

यूपीएससी की तैयारी करने वाले कैंडिडेट्स को कृषि विषय के बारे में जरूर जानना चाहिए। किसी भी सब्जेक्ट की तैयारी करने से पहले उसका पूरा सिलेबस जानना जरूरी है। कृषि सब्जेक्ट में भारत में होने वाले अनाज, कृषि के तरीके और उत्पादन आदि को सही से समझना आवश्यक है। कृषि में खेती-किसानी से जुड़े कई विषय शामिल किए गए हैं, जिन्हें कंप्लीट करने के बाद कैंडिडेट्स अपने ऑप्शनल में अच्छा स्कोर कर सकते हैं।

UPSC Agriculture Optional Syllabus in Hindi

UPSC एग्जाम क्लियर करने के लिए प्री और मेंस एग्जाम देने होते हैं। मेंस में ऑप्शनल सब्जेक्ट होता है जोकि कैंडिडेट्स खुद सेलेक्ट करता है। अगर कैंडिडेट ने यूपीएससी मेंस में कृषि ऑप्शनल के रूप में लिया है तो उसके एग्जाम में कृषि के क्वैश्चन आते हैं। अब अपनी सफलता की राह आसान करने के लिए कृषि का सिलेबस सही से समझना जरूरी है, यहां UPSC Agriculture Syllabus in Hindi विस्तार से बताया गया है।

UPSC मेंस में पेपर-1 के लिए कृषि का सिलेबस

पेपर-1 के लिए UPSC Agriculture Syllabus in Hindi इस प्रकार हैः

पारिस्थितिकी (Ecology) पारिस्थितिकी (Ecology) और मनुष्य के लिए इसकी प्रासंगिकता, प्राकृतिक संसाधन, उनका टिकाऊ प्रबंधन और संरक्षण। फसल वितरण और उत्पादन के कारकों के रूप में भौतिक और सामाजिक वातावरण। एग्रो इकोलाॅजी; पर्यावरण के संकेतक के रूप में फसल पैटर्न। पर्यावरण प्रदूषण और उससे जुड़े खतरे- फसलों, जानवरों और मनुष्यों के लिए। जलवायु परिवर्तन- अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और वैश्विक पहल। ग्रीन हाउस प्रभाव और ग्लोबल वार्मिंग। पारिस्थितिकी तंत्र विश्लेषण के लिए उन्नत उपकरण-रिमोट सेंसिंग (RS) और भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS)।
फसलों और खेती के काॅंसेप्टदेश के विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों में फसल पैटर्न। उच्च उपज का प्रभाव औरफसल पैटर्न में बदलाव पर कम अवधि की किस्में। विभिन्न फसलों और खेती के काॅंसेप्ट सिस्टम, जैविक और परिशुद्ध खेती (Organic and Precision farming)। महत्वपूर्ण अनाज, दालों के उत्पादन के लिए पैकेज-तिलहन, रेशे, चीनी, वाणिज्यिक और चारा फसलें।
फीचर्ससामाजिक वानिकी, कृषि वानिकी और प्राकृतिक वन जैसे विभिन्न प्रकार के वानिकी वृक्षारोपण की महत्वपूर्ण विशेषताएं और दायरा: वन पौधों का प्रसार। कृषि वानिकी और मूल्य जोड़ना। वन वनस्पतियों और जीवों का संरक्षण। खरपतवार, उनकी विशेषताएँ, प्रसार और विभिन्न फसलों के साथ जुड़ाव; उनका गुणा; खरपतवारों का सांस्कृतिक, जैविक और रासायनिक नियंत्रण।
मिट्टीभौतिक, रासायनिक और जैविक गुण। मृदा निर्माण की प्रक्रियाएं और कारक। मिट्टी के खनिज और जैविक घटक और मिट्टी की उत्पादकता बनाए रखने में उनकी भूमिका। आवश्यक मिट्टी और पौधों में पोषक तत्व और अन्य लाभकारी तत्व। मृदा उर्वरता के सिद्धांत, मृदा परीक्षण और उर्वरक सिफारिशें, एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन जैव उर्वरक। मिट्टी में नाइट्रोजन की हानि, मिट्टी में नाइट्रोजन स्थिरीकरण। कुशल फास्फोरस और पोटेशियम का उपयोग। समस्याग्रस्त मिट्टी और उनका सुधार। ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को प्रभावित करने वाले मृदा कारक। मृदा संरक्षण, एकीकृत जलसंभर प्रबंधन। मृदा अपरदन एवं उसका प्रबंधन। शुष्क भूमिकृषि और उसकी समस्याएं। वर्षा आधारित क्षेत्रों में कृषि उत्पादन को स्थिर करने के लिए टेक्नोलाॅजी।
पानीफसल उत्पादन के संबंध में जल-उपयोग दक्षता, सिंचाई समय-निर्धारण के मानदंड, सिंचाई जल के बहाव के नुकसान को कम करने के तरीके और साधन। जल छाजन (Rainwater harvesting)। ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई। जल-जमाव वाली मिट्टी की जल निकासी, सिंचाई जल की गुणवत्ता, मिट्टी और पानी पर औद्योगिक अपशिष्टों का प्रभाव प्रदूषण। भारत में सिंचाई परियोजनाएं।
फार्म मैनेजमेंटकार्यक्षेत्र, महत्व और विशेषताएं, फार्म योजना। इष्टतम संसाधन (Optimum resource) उपयोग और बजट बनाना। विभिन्न प्रकार की कृषि प्रणालियों का अर्थशास्त्र। मार्केटिंग मैनेजमेंट स्ट्रैटेजीस के लिए डेवलपमेंट, मार्केट इंटेलिजेंस। कीमतों में उतार-चढ़ाव और उनकी लागत; कृषि में सहकारी समितियों की भूमिका अर्थव्यवस्था; खेती के प्रकार एवं प्रणालियाँ तथा उन्हें प्रभावित करने वाले कारक। कृषि मूल्य नीति, काटना, बीमा।
कृषि विस्तारकृषि विस्तार का महत्व एवं भूमिका, विस्तार कार्यक्रमों के मूल्यांकन की विधियां, बड़े, छोटे और सीमांत किसानों और भूमिहीन कृषि मजदूरों का सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण और स्थिति; विस्तार कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रसार में कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) की भूमिका। एग्रीकल्चर टेक्नोलाॅजी। ग्रामीण के लिए गैर-सरकारी संगठन (NGO) और रूरल डेवलपमेंट के लिए सेल्फ हेल्प ग्रुप।

UPSC मेंस में पेपर-2 के लिए कृषि का सिलेबस

पेपर-2 के लिए UPSC Agriculture Syllabus in Hindi इस प्रकार हैः

कोशिका संरचना (Cell structure)कोशिका संरचना का कार्य और कोशिका चक्र। आनुवंशिक सामग्री का संश्लेषण, संरचना और कार्य। कानून आनुवंशिकता का गुणसूत्र संरचना, गुणसूत्र विपथन, लिंकेज और क्रॉस-ओवर, और उनके पुनर्संयोजन प्रजनन में महत्व. पॉलीप्लोइडी, यूप्लोइड्स और एन्यूप्लोइड्स। उत्परिवर्तन-और इसमें उनकी भूमिका फसल सुधार। आनुवंशिकता, बांझपन और असंगति, वर्गीकरण और फसल में उनका अनुप्रयोग सुधार। साइटोप्लाज्मिक वंशानुक्रम।
पादप प्रजनन (plant breeding)पादप प्रजनन का इतिहास, प्रजनन के तरीके, सेल्फिंग और क्रॉसिंग तकनीक। उत्पत्ति, विकास और फसल पौधों का पालतू बनाना, उत्पत्ति का केंद्र, सजातीय श्रृंखला का कानून, फसल आनुवंशिक संसाधन-संरक्षण एवं उपयोग। पौध प्रजनन के सिद्धांतों का अनुप्रयोग, फसल पौधों का सुधार। आणविक मार्कर और पौधों के सुधार में उनका अनुप्रयोग। शुद्ध-रेखा चयन, वंशावली, द्रव्यमान और आवर्ती चयन, संयोजन क्षमता, पौधों के प्रजनन में इसका महत्व। हेटेरोसिस और इसका शोषण। दैहिक संकरण, रोग और कीट प्रतिरोध के लिए प्रजनन। इंटरस्पेसिफिक और इंटरजेनेरिक की भूमिका, संकरण। फसल सुधार में आनुवंशिक इंजीनियरिंग और बायो टेक्नोलाॅजी की भूमिका।
बीज उत्पादन (Seed production)बीज उत्पादन और प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियां। बीज प्रमाणीकरण, बीज परीक्षण एवं भंडारण। डीएनए-फिंगर प्रिंटिंग और बीज पंजीकरण। बीज उत्पादन में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों की भूमिका, और मार्केट। बौद्धिक संपदा अधिकार ( Intellectual Property Rights (IPR) मुद्दे, डब्ल्यूटीओ मुद्दे और कृषि पर इसका प्रभाव। पौधों के पोषण, अवशोषण, स्थानांतरण और के संदर्भ में पादप शरीर क्रिया विज्ञान के सिद्धांत। पोषक तत्वों का चयापचय, मिट्टी-पानी-पौधे का रिश्ता।
पेड़-पौधेएंजाइम और पौधे रंगद्रव्य (Enzymes and plant pigments); प्रकाश संश्लेषण-इस प्रक्रिया को प्रभावित करने वाली आधुनिक अवधारणाएँ और कारक, एरोबिक और अवायवीय श्वसन; C3, C4 और CAM तंत्र। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा उपापचय। ग्रोथ और डेवलपमेंट; फोटोपेरियोडिज्म और ग्लोबलाइजेशन। पौधों की वृद्धि करने वाले पदार्थ और फसल उत्पादन में उनकी भूमिका। बीज विकास और अंकुरण की फिजियोलॉजी; स्ट्रेश साइकोलाॅजी। शरीर विज्ञान – सूखा, नमक और वाॅटर स्ट्रेश।
फल और सब्जियांप्रमुख फल, वृक्षारोपण फसलें, सब्जियां, मसाले और फूलों की फसलें। बागवानी फसलें, संरक्षित खेती और हायर टेक्नोलाॅजी प्लांटेशन। कटाई के बाद की तकनीक और मूल्य, फलों और सब्जियों का समावेश। भूनिर्माण और वाणिज्यिक फूलों की खेती (Landscaping and commercial floriculture), औषधीय एवं सुगंधित पौधे। मानव पोषण में फलों और सब्जियों की भूमिका।
फसलों के कीटों और रोगों का निदानखेत की फसलों, सब्जियों, बगीचे और रोपण फसलों के कीटों और रोगों का निदान और उनका आर्थिक महत्व। कीटों एवं रोगों का वर्गीकरण एवं उनका प्रबंधन। अंतर्गृहीत कीट और रोग प्रबंधन (Integrated pest anddiseases management), भंडारण कीट एवं उनका प्रबंधन। कीटों एवं रोगों का जैविक नियंत्रण। महामारी विज्ञान और प्रमुख फसल कीटों और बीमारियों का पूर्वानुमान। पौध संगरोध उपाय,  कीटनाशक, उनके सूत्रीकरण और कार्रवाई के तरीके।
खाद्य उत्पादन (Food production)भारत में खाद्य उत्पादन और उपभोग के रुझान (Food production and consumption trends in India)। खाद्य सुरक्षा एवं बढ़ती जनसंख्या-दृष्टिकोण-2020, अनाज अधिशेष के कारण। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीतियां। उत्पादन, खरीद, वितरण बाधाएं. खाद्य ट्रेनों की उपलब्धता, भोजन पर प्रति व्यक्ति व्यय। गरीबी में रुझान (Trends in poverty), सार्वजनिक वितरण प्रणाली और गरीबी रेखा से नीचे की आबादी, लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Targeted Public Distribution System), वैश्वीकरण के संदर्भ में नीति कार्यान्वयन। प्रसंस्करण बाधाएं, खाद्य उत्पादन का संबंध। राष्ट्रीय आहार दिशानिर्देश और भोजन उपभोग पैटर्न (Relation of food production to National Dietary Guidelines and food consumption pattern)। खाद्य आधारित आहार दृष्टिकोण को खत्म करने के लिए भूख (Food based dietary approaches to eliminatehunger)। पोषक तत्वों की कमी-सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी: प्रोटीन ऊर्जा कुपोषण या प्रोटीन कैलोरी, कुपोषण (PEM or PCM), खाद्यान्न उत्पादकता एवं खाद्य सुरक्षा।

UPSC Agriculture Syllabus PDF in Hindi

UPSC Agriculture Syllabus PDF in Hindi आप इस लिंक के द्वारा डायरेक्ट देख सकते हैं। यदि आप ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर पीडीएफ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप निम्न स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं: 

  • कैंडिडेट्स को सबसे पहले यूपीएससी की ऑफिशियल वेबसाइट www.upsc.gov.in पर जाना होगा।
  • अब “UPSC Syllabus PDF” पर क्लिक करना होगा।
  • विंडो ओपन होते ही यूपीएससी में कृषि का सिलेबस आपके सामने आएगा।
  • अब आप सिलेबस डाउनलोड कर सकते हैं।

UPSC में कृषि का एग्जाम पैटर्न क्या है?

UPSC Agriculture Syllabus in Hindi के लिए एग्जाम पैटर्न यूपीएससी मेंस में ऑप्शनल का होगा। यहां तालिका में कृषि का एग्जाम पैटर्न इस प्रकार हैः

मेंस एग्जामपेपर (कृषि)मार्क्स
पेपर 6यूपीएससी ऑप्शनल पेपर 1250
पेपर 7यूपीएससी ऑप्शनल पेपर 2250
टाइम3 घंटा

UPSC में कृषि की तैयारी के लिए बेस्ट बुक्स

किसी भी विषय की तैयारी के लिए किताबों की अहम भूमिका है। यूपीएससी में कृषि की तैयारी के लिए यहां तालिका में कुछ बेस्ट बुक्स दी गई हैंः

बुक्सराइटर-पब्लिशरलिंक
A Textbook Of Agricultural StatisticsR. Rangaswamyयहां से खरीदें
Elements of Economic EntomologyDAVID B. VASANTHARAJ ET.ALयहां से खरीदें
Handbook of Agriculture in
India
Shovan Rayयहां से खरीदें
Introduction to HorticultureN. Kumarयहां से खरीदें
Organic Horticulture: Principles, Practices and TechnologiesH.P. Singh यहां से खरीदें
Holy Herbs: Modern
Connections to Ancient Plants
Sudhir Ahluwalia यहां से खरीदें

UPSC के लिए योग्यता क्या है?

यूपीएससी के लिए योग्यता इस प्रकार हैः

  • कैंडिडेट्स के पास किसी भी मान्यता प्राप्त काॅलेज या यूनिवर्सिटी से किसी भी स्ट्रीम में बैचलर डिग्री होनी चाहिए।
  • कैंडिडेट्स जो लास्ट एटेम्पट दे रहे हैं और परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं, वे प्रीलिम्स एग्ज़ाम के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
  • सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के लिए उपस्थित होने के लिए बैचलर डिग्री पास करने का प्रूफ देना चाहिए।
  • मेंस एग्ज़ाम के लिए आवेदन के साथ डिग्री अटैच करनी होगी।
  • जनरल और EWS के पास 6 अटेम्प्ट्स होते हैं, OBC के पास 9, SC/ST के पास (आयु सीमा तक)
  • IAS परीक्षा में बैठने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष है, वहीं अधिकतम आयु सीमा 32 वर्ष है।

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FAQs

यूपीएससी के लिए सबसे आसान वैकल्पिक विषय कौन सा है?

यूपीएससी के लिए ऑप्शनल सब्जेक्ट में सबसे आसान समाजशास्त्र माना जाता है।

यूपीएससी की फुल फाॅर्म क्या है?

यूपीएससी की फुल फाॅर्म यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (Union Public Service Commission) है।

UPSC मेंस में कितने वैकल्पिक विषय होते हैं?

यूपीएससी मेंस में 26 ऑप्शनल सब्जेक्ट होते हैं। 

यूपीएससी मेंस में कितने पेपर होते हैं?

यूपीएससी मेंस में 9 पेपर होते हैं।

UPSC प्रीलिम्स में कितने पेपर होते हैं?

यूपीएससी प्री में 2 पेपर होते हैं।

उम्मीद है कि इस UPSC Agriculture Syllabus in Hindi ब्लाॅग में आपको यूपीएससी कृषि के सिलेबस की पूरी जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही UPSC से जुड़े ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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