Mahatma Gandhi Death Anniversary Speech in Hindi 2025: 30 जनवरी को हर वर्ष भारत के राष्ट्रपिता यानि महात्मा गांधी की पुण्यतिथि मनाई जाती है, क्योंकि 1948 में आज ही के दिन नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी। इस दिन को हम शहीद दिवस के रूप में भी मनाते हैं। इस दिन महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए स्कूल, काॅलेजों और अन्य संगठनों की ओर से कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमें छात्रों और शिक्षकों से भाषण देने के लिए कहा जाता है। इसलिए इस ब्लाॅग में आप Mahatma Gandhi Death Anniversary Speech in Hindi स्पीच लिखने और तैयार करने के बारे में जानेंगे।
This Blog Includes:
- महात्मा गांधी- राष्ट्रपिता (Mahatma Gandhi in Hindi)
- 100 शब्दों में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर भाषण
- 200 शब्दों में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर भाषण
- 500 शब्दों में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर भाषण (Mahatma Gandhi Death Anniversary Speech in Hindi)
- महात्मा गांधी पर भाषण कैसे तैयार करें?
- महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर 10 लाइन (10 Lines on Mahatma Gandhi in Hindi)
- FAQ’s
महात्मा गांधी- राष्ट्रपिता (Mahatma Gandhi in Hindi)
महात्मा गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ और ‘बापू’ के नाम से भी संबोधित किया जाता है। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। गांधी जी के पिता का नाम ‘करमचंद गांधी’ था जो ब्रिटिश राज के समय काठियावाड़ की एक छोटी सी रियासत के दीवान थे। उनकी माता का नाम पुतलीबाई था। गांधी जी का विवाह 13 साल की उम्र में ‘कस्तूरबा गांधी’ के साथ हो गया था। महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा की राह पर चलते हुए भारत को स्वतंत्र कराने में अपनी अहम भूमिका निभाई थी। 30 जनवरी 1948 को गांधीजी की नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
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100 शब्दों में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर भाषण
100 शब्दों में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर भाषण (Mahatma Gandhi Death Anniversary Speech in Hindi) इस प्रकार हैः
स्वतंत्रता का एक अहिंसक सिपाही अपने लिए किसी चीज का लालच नहीं करेगा, वह केवल अपने देश की आजादी के लिए लड़ता है। सत्ता, जब आएगी तो भारत के लोगों की होगी और यह उन्हें ही तय करना होगा कि यह किसे सौंपी जाए। यह कहना था हम सबके प्यारे बापू यानि महात्मा गांधी का। आज उनकी पुण्यतिथि पर हम सब उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं और उनके भारत में ‘अहिंसा’ के परिचय का बखान कर रहे हैं। महात्मा गांधी वह नेता थे, जिन्होंने कई वर्षों से भारतीय जनता पर ब्रिटिश उपनिवेशवाद की बेड़ियों से भारत को मुक्त कराया था, इसलिए बापू हमारे लिए हमेशा सम्मानीय रहेंगे।
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200 शब्दों में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर भाषण
200 शब्दों में Mahatma Gandhi Death Anniversary Speech in Hindi इस प्रकार हैः
आज 30 जनवरी का दिन यानि हमारे बापू की पुण्यतिथि का दिन है। बिड़ला हाउस में गांधी स्मृति में महात्मा गांधी की हत्या के बाद हम उनकी याद में इस दिन का स्मरण करते हैं। भारत सरकार ने 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में घोषित किया था। शहीद दिवस को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। यह गांधी के अहिंसा और शांतिपूर्ण प्रतिरोध के संदेश के वैश्विक महत्व को दर्शाता है, जो आज भी दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करता है।
इस दिन हम महात्मा गांधी के विचारों को याद रखते हैं और उनकी शिक्षाओं का अनुपालन करने का प्रयास करते हैं। आने वाली पीढ़ी को राष्ट्रीय एकता और आपसी सद्भाव बनाए रखने का सन्देश देते हैं जो हमारे बापू ने दिया था। यह दिन इस चीज की याद दिलाता है कि गोली महात्मा गांधी को तो मार सकती है लेकिन उनके विचारों को नहीं। महात्मा गांधी के विचार आज भी एक प्रकाश स्तम्भ की तरह समाज को राह दिखा रहे हैं और आने वाली पीढ़ियों को भी दिखाते रहेंगे। महात्मा गांधी की आजादी की लड़ाई की भूमिका को भारत का हर नागरिक हमेशा याद करता रहेगा और बापू हमारे लिए हमेशा आदरणीय रहेंगे।
500 शब्दों में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर भाषण (Mahatma Gandhi Death Anniversary Speech in Hindi)
500 शब्दों में Mahatma Gandhi Death Anniversary Speech in Hindi इस प्रकार हैः
कहीं भी स्पीच की शुरुआत में सबसे पहले वहां के वरिष्ठ लोगों का संबोधन करना है और फिर टाॅपिक के ऊपर थोड़ी स्पीच देनी है, जैसे- देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले और सभी को सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाने वाले बापू की पुण्यतिथि पर हम सब उन्हें नमन करने के लिए एकत्र हुए हैं, क्योंकि 1948 में आज ही के दिन नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी।
गोडसे की गोली महात्मा गांधी को तो मार सकती है लेकिन उनके विचारों को नहीं। 1948 की इस घटना ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। गोडसे ने महात्मा गांधी को सीने और पेट में तीन गोलियां मारीं थीं और ऐसा कहा जाता है कि गांधीजी द्वारा बोले गए अंतिम शब्द हे राम थे।
यह दिन भारत के इतिहास का सबसे दुखद दिन माना जाता है। यह दिन महात्मा गांधी के विचारों और उनकी शिक्षाओं को याद रखने के लिए मनाया जाता है।
स्वतंत्रता संग्राम में गांधीजी ने निभाई थी अहम भूमिका
गांधी जी के विचारों ने भारत की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 1920 में महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन की शुरुआत की थी। इसका मुख्य उद्देश्य अंग्रेजों का विरोध करना था और इस आंदोलन ने भारतीयों को स्वतंत्रता के प्रति जागरूक करने का कार्य किया था। इसके अलावा भी उन्होंने दांडी यात्रा, ‘नमक सत्याग्रह’ और भारत छोड़ो आंदोलन की दम भरी थी और इससे उन्होंने देशवासियों के साथ देश को स्वतंत्र कराने की कसम खाई थी।
महिलाओं के अधिकारों का विस्तार करने के तौर पर भी बनाई पहचान
मोहनदास करमचंद गांधी को दुनिया भर में इतिहास के सबसे प्रेरणादायक और महान नेताओं में से एक के रूप में सम्मानित किया जाता है। वह गरीबी कम करने, महिलाओं के अधिकारों का विस्तार करने, धार्मिक और जातीय सौहार्द का निर्माण करने और सबसे ऊपर स्वराज या स्व-शासन प्राप्त करने के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन आयोजित करने वाले पहले व्यक्ति थे।
एकता और भाईचारे का संदेश देते थे बापू
गांधी जी ने भारत के लिए अपना बलिदान दे दिया और देश के हर नागरिक को दिखाया कि विविधता में एकजुट रहना चाहिए। महात्मा गांधी के जीवन की कहानी और सत्य, अहिंसा और प्रेम के संदेश ने लोगों के लिए प्रेरणादायक हैं और वह एकता और भाईचारे का संदेश देते थे।
भाषण के अंत में
महात्मा गांधी के विचारों से हम सबको बहुत कुछ सीखने को मिलता है और कवियों और लेखकों की कविताएं, किताबों ने महात्मा गांधी को लेकर वैश्विक पटल छाप छोड़ी है। महात्मा गांधी अहिंसा को अपना मूल सिद्धांत मानते थे और कई किताबें ऐसी हैं जिनमें महात्मा गांधी के जीवन को विस्तार से दर्शाया गया है और इनमें भारत की आजादी में उनके योगदान और आंदोलनों का भी महत्व बताया गया है। हर वर्ष भारत उनके योगदान को याद करता रहेगा और आज हम सब भी उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। इन वक्तव्यों के साथ मैं अपने भाषण को विराम देता हूं और मुझे उम्मीद है कि आपको मेरा भाषण अच्छा लगा होगा। धन्यवाद।
महात्मा गांधी पर भाषण कैसे तैयार करें?
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर स्पीच देने से पहले हमें उनके बारे में थोड़ी जानकारी करनी होगी और उसी अनुसार अपनी स्पीच तैयार करनी होगी। यहां Mahatma Gandhi Death Anniversary Speech in Hindi के टिप्स दिए जा रहे हैंः
- स्पीच तैयार करने और समय का ध्यान रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
- स्पीच लिखते समय आपको शब्दों का सही चयन करना होगा।
- पुण्यतिथि पर अपनी स्पीच में महात्मा गांधी के बारे में भी बोलना होगा।
- स्पीच की शुरुआत महात्मा गांधी के विचार या कोट्स से भी कर सकते हैं।
- अपनी स्पीच में गांधी जी के योगदान के बारे में बताएं।
- स्पीच देने से पहले एक बार उसे बोल कर देख लें।
- समय का ध्यान रखें, स्पीच ज़्यादा बड़ी न हो।
- स्पीच देते समय अपने टाॅपिक से न भटकें।
- स्पीच के अंत में मौजूद लोगों का धन्यवाद करें।
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर 10 लाइन (10 Lines on Mahatma Gandhi in Hindi)
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर 10 लाइन (10 Lines on Mahatma Gandhi in Hindi) इस प्रकार हैं-
- 30 जनवरी 1948 की शाम को नई दिल्ली के बिड़ला हाउस में महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई थी।
- राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नई दिल्ली के राजघाट पर गांधी जी को श्रद्धांजलि देते है।
- भारत के लोग महात्मा गांधी के सम्मान में दो मिनट का मौन रखते हैं।
- महात्मा गांधी की हत्या भारत के स्वतंत्रता इतिहास का सबसे दुखद दिन है।
- 36 साल की उम्र में गोडसे ने बेरेटा एम 1934 सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल से बिल्कुल नजदीक से गांधी की छाती में तीन बार गोली मारी।
- कहा जाता है कि गांधी को गोली मारने के बाद वापस बिड़ला हाउस के अंदर ले जाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई।
- कहा जाता है कि गांधी जी के अंतिम शब्द हे राम थे, जो उन्होंने गोली लगने के बाद कहे थे।
- ऐसा कहा जाता है कि गांधीजी को मारने की पहले भी पांच असफल कोशिशें हो चुकी थीं।
- महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर लोग उनके विचारों को आत्मसात करते हैं।
- महात्मा गांधी की हत्या का दुख अहिंसा पर चलने वाले हर भारतवासी को होता है।
FAQ’s
30 जनवरी 1948 में।
बिड़ला हाउस, नई दिल्ली में हुई थी।
नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या की थी।
गांधी जयंती पर भाषण आमतौर पर महात्मा गांधी के जीवन, उनके विचारों और उनके अहिंसा व सत्य के संदेश पर केंद्रित होते हैं। विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी संस्थानों में गांधी जी को श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। नेता और वक्ता उनके योगदान पर प्रकाश डालते हैं और समाज में उनके सिद्धांतों को अपनाने की प्रेरणा देते हैं।
30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि मनाई जाती है। इस दिन को ‘शहीद दिवस’ के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि 1948 में इसी दिन नाथूराम गोडसे ने गांधी जी की हत्या कर दी थी। इस अवसर पर राष्ट्र उनकी स्मृति में दो मिनट का मौन रखता है और विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
महात्मा गांधी की हत्या 30 जनवरी 1948 को हुई थी, जब नाथूराम गोडसे ने उन्हें गोली मारी थी। कहा जाता है कि गोली लगने के बाद गांधी जी के मुख से उनके अंतिम शब्द “हे राम” निकले थे। ये शब्द उनके भगवान में अटूट विश्वास और सत्य व अहिंसा के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाते हैं।
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