हमारे आसपास बच्चों के अपहरण, तस्करी और गुमशुदा होने की खबरें अक्सर सामने आती हैं। यह घटनाएं न केवल पीड़ित बच्चों और उनके परिवार के लिए दर्दनाक होती है बल्कि पूरे समाज में भय और अविश्वास का माहौल पैदा कर देती है। इसी भयानक समस्या के प्रति जागरूकता बढ़ाने और समाज को बच्चों के सुरक्षा के तरीकों के बारे में शिक्षित करने के लिए हर साल अंतरराष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की शुरुआत कैसे और कहाँ से हुई, इसे जानने के लिए यह लेख पढ़िए। International Missing Children’s Day in Hindi में आपको इस महत्वपूर्ण दिवस के इतिहास से लेकर अन्य रोचक जानकारी विस्तार से दी गई है।
This Blog Includes:
- International Missing Children’s Day in Hindi – अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस के बारे में
- अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस का इतिहास
- अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस मनाने की शुरुआत कैसे हुई?
- क्या है इस दिवस का महत्व?
- कैसे मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस?
- भारत में गुमशुदा बच्चों की स्थिति पर एक नजर
- FAQs
International Missing Children’s Day in Hindi – अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस के बारे में
अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस एक जागरूकता कार्यक्रम है जो हर साल 25 मई को मनाया जाता है। यह दिन उन बच्चों को याद करने का अवसर है जो गुम हो गए हैं, अपहरण कर लिए गए हैं या उनका शोषण किया गया है। बता दें कि इस महत्वपूर्ण दिवस को बच्चों के अपहरण के मुद्दे पर प्रकाश डालने, माता-पिता को अपने बच्चों की सुरक्षा के उपायों के बारे में शिक्षित करने और उन लोगों का सम्मान करने जो इस क्षेत्र में लगातार काम कर रहे हैं, के उद्देश्य से मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस की शुरुआत 1983 में हुई थी। बता दें कि 1983 में अमेरिका के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन (US President Ronald Reagan) ने इस दिन को मनाये जाने की घोषणा की। वहीं 2001 में इंटरनेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉयटेड चिल्ड्रन (ICMEC), मिसिंग चिल्ड्रन यूरोप और यूरोपीय आयोग द्वारा इसे आधिकारिक तौर मनाया गया। तब से लेकर यह दिवस हर साल मनाया जा रहा है।
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अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस मनाने की शुरुआत कैसे हुई?
दरअसल 25 मई 1979 को अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर से एक 6 साल का बच्चा एटन पैट्ज किसी कारणवश लापता हो गया था। इस घटना के बाद पूरे अमेरिका में भूचाल आ गया। एटन पैट्ज के पिता एक फोटोग्राफर थे जिन्होंने अपने के अचानक से लापता होने के बाद उसकी ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर जारी कर खोजने की अपील की। यह मामला जल्द ही अमेरिका में एक राष्ट्रीय मुहिम बन गया। एटन पैट्ज का मामला भले ही अनसुलझा रहा लेकिन इसने अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस घटना के बाद ही 2001 में 25 मई को आधिकारिक तौर पर अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस (IMCD) के रूप में मान्यता मिली। तब से लेकर हर साल 25 मई को वैश्विक स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस मनाया जा रहा है।
क्या है इस दिवस का महत्व?
अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस के महत्व निम्नलिखित है :
- यह दिन लापता बच्चों के मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने का अवसर देता है।
- यह दिन उन परिवारों के प्रति एकजुटता दिखाने का अवसर देता है जो बच्चों के लापता होने के दर्द से गुजर रहे हैं।
- यह दिन उन लोगों को सम्मानित करने का अवसर देता है जो लगातार गायब बच्चों को ढूंढने का काम कर रहे हैं।
- यह दिन सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों को लापता बच्चों को खोजने के लिए प्रेरित करता है।
कैसे मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस?
अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस को मनाने के तरीके निम्नलिखित है :
- इस दिन बच्चों की सुरक्षा के लिए आप जागरूकता अभियान चला सकते हैं।
- लापता बच्चों की तलाश के लिए अधिकारीयों सहायता कर सकते हैं।
- इसके अलावा आप सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सकते हैं।
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भारत में गुमशुदा बच्चों की स्थिति पर एक नजर
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े चिंताजनक हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक, लापता हुए बच्चों की संख्या में 2013 और 2015 के बीच लगभग 84 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि अत्यंत चिंताजनक है और दर्शाती है कि बच्चों की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है, हमें इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसी के साथ आपको बता दें कि साल 2020 में मध्यप्रदेश में लापता बच्चों की संख्या 8751 रही जबकि साल 2021 में मध्यप्रदेश में कुल 10648 बच्चे लापता हुए। उसी तरह राजस्थान में साल 2020 में 3179 बच्चे लापता हुए जबकि साल 2021 में राजस्थान में करीब 5354 बच्चे लापता हुए। वहीं यूपी में साल 2021 में कुल 2998 बच्चे लापता हुए।
FAQs
हर साल 25 मई को अंतरराष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस (IMCD) के रूप में मनाया जाता है। यह महत्वपूर्ण दिवस दुनिया भर में गुमशुदा होने वाले बच्चों के लिए जागरूकता फैलाने का दिन है।
अब से हर साल 25 मई को दुनियाभर में विश्व फुटबॉल दिवस मनाया जायेगा। बता दें कि 7 मई 2024 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया, जिसमें 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हर साल 25 मई को विश्व फुटबॉल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।
गुमशुदा बाल दिवस की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका में 1983 में एक समारोह के रूप में हुई थी।
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