Diwali ka Calendar : 31 अक्टूबर या 1 नवंबर कब मनाई जाएगी दिवाली? यहां देखें दीपावली का कैलेंडर

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दीपों का त्योहार दीपावली, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। यह त्योहार हमें अंधकार से प्रकाश की ओर, बुराई से अच्छाई की ओर चलने की प्रेरणा देता है। यह त्योहर न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसमें लोग अपने परिवार और मित्रों के साथ मिलकर खुशियाँ बाँटते हैं। ऐसे में यह जानना महत्वपूर्ण है कि दीपावली का उत्सव केवल एक दिन का नहीं है, बल्कि ये कई दिनों तक चलता है। आइए, इस ब्लॉग में, हम दीपावली 2024 का कैलेंडर को विस्तार से जानते हैं। 

दिवाली 2024 कब है: तिथि और समय

दीपावली के पर्व का सभी लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। इस शुभ अवसर पर देशभर में खास उत्साह देखने को मिलत है। हर साल, यह पर्व भगवान श्रीराम, माता सीता, और लक्ष्मण के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। वहीं इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है, जो धन और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। हर साल दीवाली का त्यौहार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 03 बजकर 52 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 01 नवंबर को संध्याकाल 06 बजकर 16 मिनट पर होगा। ऐसे में 2024 में दिवसपली (Diwali 2024 Date) 01 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी।

दिवाली 2024 का कैलेंडर 

दिवाली के दौरान कई महत्वपूर्ण पर्व मनाए जाते हैं, जो एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। नीचे दिए गए टेबल में आप दिवाली 2024 का कैलेंडर देख सकते हैं : 

दिनत्योहारतारीख
पहला दिन धनतेरस29 अक्टूबर, 2024 (मंगलवार)
दूसरा दिन काली चौदस30 अक्टूबर, 2024 (बुधवार)
तीसरा दिननरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली)31 अक्टूबर, 2024 (गुरुवार)
चौथा दिन दिवाली (लक्ष्मी पूजन)1 नवंबर, 2024 (शुक्रवार)
पांचवा दिन गोवर्धन पूजा,2 नवंबर, 2024 (शनिवार)
छठा दिन भाई दूज3 नवंबर, 2024 (रविवार)

क्यों मनाई जाती है दिवाली? जानें इतिहास और महत्व

भारत में एक प्रमुख त्योहारों में से एक दिवाली, हर साल कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है। हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार इस पर्व का इतिहास भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और सीता मां की अयोध्या वापसी से जुड़ा हुआ है। जब भगवान श्रीराम 14 वर्षों का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे, तो नगरवासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया। इस खुशी के अवसर पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। वहीं जैन धर्म में इस दिन भगवान महावीर स्वामी को मोक्ष प्राप्त हुआ था, जबकि सिख धर्म में भाई गोकुल के कारागार से मुक्त होने के उपलक्ष्य में इसे मनाया जाता है। इस तरह दिवाली का पर्व अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है, जो हमें अच्छे कर्मों और विचारों की प्रेरणा देता है। इस दौरान परिवार और दोस्त मिलकर आपस में खुशियाँ बाँटते हैं।

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आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको दीपावली का कैलेंडर (Diwali ka Calendar) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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