ध्वजारोहण समारोह: नियम, शिष्टाचार और आवश्यक जानकारी

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ध्वजारोहण समारोह

भारत में प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को पूरे हर्षोल्लास के साथ गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस राष्ट्रीय पर्व की शुरुआत ध्वजारोहण समारोह से होती है। ध्वजारोहण समारोह हमारे देश की एक गौरवशाली परंपरा है, जो हमें राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति का संदेश देती है। यह समारोह स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी संस्थानों में बड़े उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है। यह विशेष रूप से स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित किया जाता है, जो हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों और संविधान निर्माताओं के प्रति सम्मान प्रकट करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। बता दें कि इस वर्ष भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है, जिसके लिए हर भारतीय का यह कर्तव्य बनता है कि वह ध्वजारोहण समारोह को देशभक्ति के जोश और पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाएं। इस लेख में आपके लिए ध्वजारोहण समारोह की संपूर्ण जानकारी (जैसे – ध्वजारोहण का महत्व, नियम, प्रक्रिया) दी गई है, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ाने का काम करेगी।

ध्वजारोहण का महत्व

ध्वजारोहण केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं है; यह हमारे राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगे’ के प्रति सम्मान और हमारे देश के प्रति प्रेम को दर्शाने का एक माध्यम है। हमारा तिरंगा झंडा तीन रंगों – केसरिया, सफेद और हरे से बना है, जिसके मध्य में अशोक चक्र सुशोभित है। राष्ट्रीय ध्वज का प्रत्येक रंग हमारी विविधता में एकता, शांति और समृद्धि का प्रतीक है, जबकि अशोक चक्र हमें निरंतर संघर्षशील बने रहने की प्रेरणा देता है।

ध्वजारोहण और ध्वज फहराने में क्या अंतर है?

भारत के दो राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त और 26 जनवरी को देश भर में कई जगह ध्वजारोहण के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। पर आपको पता है कि ध्वजारोहण और झंडा फहराये जाने में अंतर होता है। एक को ध्वजारोहण (Hoisting) कहते हैं और दूसरे को झंडा फहराना (Unfurling) कहते हैं। आपको बता दें कि जब ध्वज को ऊपर की ओर खींचकर फहराया जाता है तो इसे ध्वजारोहण कहते हैं। वहीं गणतंत्र दिवस के अवसर पर पर राष्ट्रीय ध्वज ऊपर बंधा रहता है और उसको खोलकर फहराते हैं और इसे झंडा फहराना कहा जाता है।

ध्वजारोहण के नियम – Indian Flag Hoisting Rules in Hindi

ध्वजारोहण के नियम (Indian Flag Hoisting Rules in Hindi) इस प्रकार हैंः

  • तिरंगे को हमेशा आदर और सम्मान की स्थिति में रखना चाहिए। 
  • कभी भी क्षतिग्रस्त या गंदा झंडा प्रदर्शित नहीं करना चाहिए।
  • झंडे को उल्टा करके, नीचे केसरिया पट्टी लगाकर नहीं फहराना चाहिए।
  • किसी भी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देने के लिए राष्ट्रीय ध्वज को डुबाना अनुचित है।
  • किसी भी अन्य झंडे को तिरंगे के ऊपर, उससे ऊंचा या उसके बगल में नहीं लगाया जाना चाहिए।
  • फूल, माला या प्रतीकों को ध्वज-स्तंभ पर या उसके ऊपर रखने की अनुमति नहीं है जहां से झंडा फहराया जा रहा है।
  • राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग उत्सव, रोसेट या बंटिंग के रूप में सजावट के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
  • झंडे को जमीन, फर्श या पानी की सतह को छूने से रोकें।
  • अन्य झंडों के साथ-साथ प्रदर्शन की अनुमति नहीं है।
  • तिरंगे को कमर से नीचे पहने जाने वाले कपड़ों या वर्दी का हिस्सा नहीं होना चाहिए।

ध्वजारोहण की प्रक्रिया

ध्वजारोहण की प्रक्रिया में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि का स्वागत किया जाता है। इसके बाद तिरंगे झंडे को फहराया जाता है, झंडा फहराते ही सभी उपस्थित लोग सावधान मुद्रा में खड़े होकर राष्ट्रगान गाते हैं। यह क्षण हर भारतीय के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक होता है। जहाँ एक ओर इसके बाद मुख्य अतिथि देश के विकास और एकता पर आधारित अपना भाषण देते हैं, तो वहीं दूसरी ओर देश की राजधानी दिल्ली में इस समारोह के बाद एक भव्य परेड का आयोजन किया जाता है। इस प्रकार ध्वजारोहण की प्रक्रिया का राष्ट्रगान के साथ समापन किया जाता है।

ध्वजारोहण समारोह का संदेश

ध्वजारोहण समारोह हमें सिखाता है कि हमारा देश केवल भूमि का टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपरा और हमारे पूर्वजों के बलिदान का प्रतीक है। यह समारोह हमें बताता है कि हमारा राष्ट्र एक जीता जागता राष्ट्र पुरुष है। यह हमें देश की अखंडता और समृद्धि के लिए मिलकर काम करने की प्रेरणा देता है।

FAQs

ध्वजारोहण का अर्थ क्या है?

ध्वजारोहण का अर्थ है किसी विशेष अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज को ऊंचाई पर फहराना। यह देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है।

ध्वजारोहण समारोह क्यों मनाया जाता है?

ध्वजारोहण समारोह देश के प्रति सम्मान और देशभक्ति व्यक्त करने के लिए आयोजित किया जाता है। यह राष्ट्रीय पर्वों, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, और अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर किया जाता है।

ध्वजारोहण समारोह में कौन-कौन शामिल हो सकते हैं?

इसमें स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालय, निजी संस्थान, और आम जनता सभी शामिल हो सकते हैं। यह समारोह सामूहिकता और एकता का प्रतीक होता है।

ध्वजारोहण समारोह का महत्व क्या है?

ध्वजारोहण समारोह हमें राष्ट्रीय एकता, स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान, और संविधान के प्रति सम्मान को याद दिलाता है। ध्वजारोहण का महत्व यह भी है कि इसके कारण हम देशभक्ति की भावनाओं से ओतप्रोत होकर कर्तव्यपथ के पथिक बनने में सफल होते हैं।

ध्वजारोहण के समय कौन-कौन से नियमों का पालन करना चाहिए?

ध्वजारोहण के समय निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए –

ध्वज को हमेशा सम्मान के साथ संभालना चाहिए।
ध्वज जमीन या पानी को नहीं छूना चाहिए।
राष्ट्रीय गान के समय सभी को खड़े रहना चाहिए।
ध्वज को सूर्यास्त के बाद उतार लेना चाहिए।

ध्वजारोहण समारोह के दौरान कौन-कौन से कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं?

ध्वजारोहण समारोह के दौरान राष्ट्रीय गान का गायन, परेड और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, देशभक्ति गीत और भाषण, स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

ध्वजारोहण के समय राष्ट्रीय गान गाने का सही तरीका क्या है?

राष्ट्रीय गान गाते समय सभी को सावधान मुद्रा में खड़े रहना चाहिए। गान का समय लगभग 52 सेकंड का होता है, और इसे पूरे सम्मान के साथ गाया जाना चाहिए।

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