प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को भारत अपना गणतंत्र दिवस मनाता है। वर्ष 2024 में भारत 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है और यह दिन पूरे देश में देशभक्ति के जोश के साथ मनाया जाता है। इस दिन को यादगार बनाने के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित करते हैं और ध्वजारोहण समारोह आयोजित करते हैं। अगर आप छात्र हैं और ध्वजारोहण समारोह में जा रहे हैं तो आपको ध्वजारोहण के नियम के बारे में मालूम होना चाहिए और ध्वजारोहण और ध्वज फहराने में क्या अंतर है इसके बारे में भी पता होना चाहिए।
ध्वजारोहण और ध्वज फहराने में क्या अंतर है?
भारत के दो राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त और 26 जनवरी को देश भर में कई जगह ध्वजारोहण के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। पर आपको पता है कि ध्वजारोहण और झंडा फहराये जाने में अंतर होता है। एक को ध्वजारोहण (Hoisting) कहते हैं और दूसरे को झंडा फहराना (Unfurling) कहते हैं। आपको बता दें कि जब ध्वज को ऊपर की ओर खींचकर फहराया जाता है तो इसे ध्वजारोहण कहते हैं। वहीं गणतंत्र दिवस के अवसर पर पर राष्ट्रीय ध्वज ऊपर बंधा रहता है और उसको खोलकर फहराते हैं और इसे झंडा फहराना कहा जाता है।
ध्वजारोहण के नियम क्या है?
ध्वजारोहण के नियम (Indian Flag Hoisting Rules in Hindi) इस प्रकार हैंः
- तिरंगे को हमेशा आदर और सम्मान की स्थिति में रखना चाहिए।
- कभी भी क्षतिग्रस्त या गंदा झंडा प्रदर्शित नहीं करना चाहिए।
- झंडे को उल्टा करके, नीचे केसरिया पट्टी लगाकर नहीं फहराना चाहिए।
- किसी भी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देने के लिए राष्ट्रीय ध्वज को डुबाना अनुचित है।
- किसी भी अन्य झंडे को तिरंगे के ऊपर, उससे ऊंचा या उसके बगल में नहीं लगाया जाना चाहिए।
- फूल, माला या प्रतीकों को ध्वज-स्तंभ पर या उसके ऊपर रखने की अनुमति नहीं है जहां से झंडा फहराया जा रहा है।
- राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग उत्सव, रोसेट या बंटिंग के रूप में सजावट के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
- झंडे को जमीन, फर्श या पानी की सतह को छूने से रोकें।
- अन्य झंडों के साथ-साथ प्रदर्शन की अनुमति नहीं है।
- तिरंगे को कमर से नीचे पहने जाने वाले कपड़ों या वर्दी का हिस्सा नहीं होना चाहिए।
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आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको ध्वजारोहण समारोह के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।