Swachhata Par Kavita: स्वच्छता का संदेश देती स्वच्छता पर प्रेरणादायक कविता

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Swachhata Par Kavita

Swachhata Par Kavita: स्वच्छता केवल एक आदत नहीं, बल्कि एक संस्कृति, एक सोच और एक संकल्प है जो किसी भी समाज की प्रगति का दर्पण होती है। जब हम स्वच्छता की बात करते हैं, तो यह केवल सफाई तक सीमित नहीं रहती, बल्कि यह एक स्वस्थ जीवनशैली, पर्यावरण संरक्षण और आत्म-अनुशासन का प्रतीक भी है। महात्मा गांधी ने कहा था, “स्वच्छता स्वतंत्रता से अधिक महत्वपूर्ण है।” यह कथन हमें यह दर्शाता है कि स्वच्छता केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक रूप से भी आवश्यक है। आज जब हम स्वच्छ भारत अभियान जैसी पहलों को देखते हैं, तो हमें यह समझ में आता है कि स्वच्छता केवल सरकार की ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। एक साफ़-सुथरा वातावरण न केवल बीमारियों से बचाव करता है, बल्कि हमारे मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।

इस लेख में स्वच्छता पर कविता (Swachhata Par Kavita) दी गई हैं, जो समाज को सफाई का संदेश देती हैं। इन कविताओं के माध्यम से आप समाज को सफाई के प्रति जागरूक कर सकते हैं। आइए, पढ़ें स्वच्छता पर कविता।

स्वच्छता पर कविता – Swachhata Par Kavita

स्वच्छता पर कविता (Swachhata Par Kavita) की सूची इस प्रकार है:

कविता का नामकवि/कवियत्री का नाम
स्वच्छ भारत स्वस्थ भारतनवीन कुमार सिंह
भारत स्वच्छ बनाऊंगीप्रभुदयाल श्रीवास्तव
सफाई और स्वास्थ्यनंदेश निर्मल
मंत्र स्वच्छता का मतवाला, सेहत का है राज निराला।रामनरेश त्रिपाठी
स्वच्छता का संदेशमयंक विश्नोई
राम, तुम्हारा नाममयंक विश्नोई

स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत

स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत का करें निर्माण
स्वच्छता बन जाये अपने देश की पहचान

ना खुले में शौच करें ना करें सड़क को मैला
निकले जब बाजार हमारे हाथों में हो थैला

थूकना अब बंद कर दे सब सड़क पे पान
स्वच्छता बन जाये अपने देश की पहचान

साफ रखें हम गली मोहल्ला, नदियाँ और नहर
देश हमारा सोने जैसा चमके आठ पहर

मिलके सफल बनायें हम ये स्वच्छता अभियान
स्वच्छता बन जाये अपने देश की पहचान

साफ सफाई काम नहीं है यह केवल सरकारी
स्वच्छता से दूर रहेगी हमसे हर बीमारी

स्वस्थ रहकर हम करेंगे पूरे सब अरमान
स्वच्छता बन जाये अपने देश की पहचान
नवीन कुमार सिंह
साभार – कविताकोश

भारत स्वच्छ बनाऊंगी

अम्मा के संग मैं भी घर का,
कचरा अभी उठाऊंगी।
गीला कचरा-सूखा कचरा,
अलग-अलग रखवाऊंगी।

डस्टबिन भी अलग-अलग हैं,
सूखे-गीले कचरे की।
नगर पालिका कि गाड़ी में,
अलग-अलग डलवाऊंगी।

पुरा पड़ोसी गली-मोहल्ले,
के सारे बच्चों को ले।
भारत स्वच्छ बनाने की मैं,
अलख जगाने जाऊंगी।

भारत स्वच्छ बना देने के,
मैंने भी कुछ गीत लिखे।
बच्चों की टोली को लेकर,
गली-गली मैं गाऊंगी।

भारत स्वच्छ बनेगा तो हर,
घर में खुशहाली होगी।
बीमारी तब दूर रहेगी,
सबको मैं बतलाऊंगी।
प्रभुदयाल श्रीवास्तव
साभार – कविताकोश

सफाई और स्वास्थ्य

साफ सफाई का जीवन में
क्या महत्व है बच्चो जानो
जहाँ गंदगी वहाँ रोग है
गन्दे पन को अलग हटाओ

साफ सफाई का जीवन में
क्या महत्व है बच्चो जानो।

सुबह जगो शौचालय जाओ
फिर दातून करो बढ़िया से
तब मन से स्नान करो तुम
यही बात सबको समझाओ।

साफ सफाई का जीवन में
क्या महत्व है बच्चो जानो।

गन्दे कपड़े कभी न पहनो
साफ सदा तुम उसको रक्खो
बनी रहेगी सदा ताजगी
बहनों को भी यही बताओ।

साफ सफाई का जीवन में
क्या महत्व है बच्चो जानो।

बड़े-बड़े नाखून न रखना
हाथ-पाँव अच्छा से धोकर
तब जाकर तुम भोजन करना
यह आरोग्य साध अपनाओ।

साफ सफाई का जीवन में
क्या महत्व है बच्चो जानो।

घर दरवाजा रहे शोभता
अच्छे-अच्छे पुष्प लगाओ
कभी गंदगी वहाँ न झांक
रोज यहाँ कुछ समय लगाओं
नंदेश निर्मल
साभार – कविताकोश

मंत्र स्वच्छता का मतवाला, सेहत का है राज निराला

मंत्र स्वच्छता का मतवाला, सेहत का है राज निराला।
आओ सब मिलकर जुट जाएं, शहर बनाएं सुंदर आला।।

नन्हें बच्चों के कोमल तन, इंजेक्शन से बींध न जाएं
क्यों ना बीमारी की जड़ में, जाकर हम हथियार चलाएं
अस्पताल जाने के बदले साफ करेंगे गंदा नाला।।

महंगी कड़वी दवा की शीशी, हमने दूर हटाकर फेंकी
ऐसा नहीं इलाज कराना, बेहतर है परहेज ये माना
साफ-सफाई रहे पास में, दूर गंदगी को कर डाला।।

साफ-सफाई सबको भाती, इससे नई ताजगी आती
मक्खी-मच्छर दूर भगाओ, रगड़-रगड़ कर खूब नहाओ
योग करो और रोग भगाओ, जीवन जी लो बेहतर वाला।।

मंत्र स्वच्छता का मतवाला, सेहत का है राज निराला।
आओ सब मिलकर जुट जाएं, शहर बनाएं सुंदर आला।।
अलका सिन्हा
साभार – कविताकोश

सफाई पर कविता – Poem on Cleanliness in Hindi

यहाँ सफाई पर कविता (Poem on Cleanliness in Hindi) दी गई हैं, जिन्हें पढ़कर आप सफाई का महत्व जान पाएंगे। सफाई पर कविता (Poem on Cleanliness in Hindi) इस प्रकार हैं;-

स्वच्छता का संदेश

अपने चारों ओर फैली गंदगी को
थोक के भाव फैली लाचारी को
हम सबको मिलकर भागना है
देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को
हम सबको मिलकर भागना है

यह देश घर है हम सबका
इसकी समृद्धि से ही हमारा बढ़ता सम्मान है
हमारे देश की उन्नति का हर किस्सा
हमारे संघर्षों की पहचान है
अपने इस प्यारे घर को
हमें अच्छे से सजाना है
स्वछता का संदेश अपनाकर
हमें स्वच्छ भारत बनाना है

स्वच्छता हमारी मर्यादा है
मर्यादा में रहकर जीवन बिताना है
स्वच्छता के इस महासमर में
हमें हर मोल चुकाना है।
मयंक विश्नोई

स्वच्छता का सपना

कर्म करेंगे मिलकर अपना
साकार होगा हमारा स्वच्छता का सपना

यह एक ऐसा सपना है
जिसने हमें आधार दिया है
स्वच्छता के इस मूल मंत्र का
जग ने भी सत्कार किया है
इस सपने की महाभेदी पर
पुरखों ने बलिदान दिया है
स्वच्छता के इस संकल्प का
सबने मिलकर सम्मान किया है

यह एक ऐसा सपना है
जिसने जग को एक मार्ग दिया है
स्वच्छता की कोख में पनपेगी
निज सपनों की निरोगी काया
भारत को यह वरदान मिला है
स्वच्छता से सम्मान मिला है
– मयंक विश्नोई

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