श्रीमद्भागवत गीता में भगवान कृष्ण के उपदेशों का वर्णन है जिसमें मनुष्य को जीवन, कर्म, ध्यान, शांति, सत्य, योग और सफलता के बारे में सभी महत्वपूर्ण विषयों को गहराई से जानने को मिलता है। जो ज्ञान किसी भी मनुष्य के जीवन में बहुत उपयोगी सिद्ध होता है। श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने अपने शिष्य अर्जुन को कुरुक्षेत्र में न केवल ज्ञान की बातें बताई उसके साथ ही जीवन जीने की कलाओं के बारे में भी बताया है। इस ब्लॉग में हम krishna quotes in Hindi के बारे में विस्तार से जानेंगे। जो कि हर मनुष्य के लिए प्रेरणास्त्रोत का कारण होता है।
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Krishna Quotes In Hindi
भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के दौरान गीता के ये उपदेश अपने प्रिय शिष्य अर्जुन को दिए थे। गीता में दिए उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं और मनुष्य को जीवन जीने की सही राह दिखाते हैं। श्रीकृष्ण के उपदेश हमें धर्म के मार्ग पर चलते हुए अच्छे कर्म करने की शिक्षा देते हैं। जानते है Krishna Quotes In Hindi जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं।
कर्म किए जाओ, फल की चिंता मत करो।
आत्मा अमर है, इसलिए मरने की चिंता मत करो।
इस संसार में कुछ भी स्थाई नहीं है।
नर्क के तीन द्वार हैं: काम, क्रोध और लोभ।
मौन सबसे अच्छा उत्तर है, किसी ऐसे व्यक्ति के लिए, जो आपके शब्दों को महत्व नही देता
आत्मा का अंतिम लक्ष्य परमात्मा में मिल जाना होता है।
धर्म केवल कर्म से होता है कर्म के बिना धर्म की कोई परिभाषा ही नहीं है।
अहंकार करने पर इंसान की प्रतिष्ठा, वंश, वैभव, तीनों ही समाप्त हो जाते हैं।
मैं सभी प्राणियों के हृदय में स्थित आत्मा हूँ।
मैं सभी प्राणियों का आदि, मध्य और अंत भी हूँ।
सत्य कभी नष्ट नहीं हो सकता।
अच्छा करने से नहीं डरना चाहिए।
बेस्ट 15 Krishna Quotes In Hindi
बेस्ट 10 Krishna Quotes In Hindi नीचे दी गई है:
समय कभी नहीं रुकता,
आज यदि बुरा चल रहा है तो कल अवश्य अच्छा आएगा
आप केवल निस्वार्थ भाव से कर्म कीजिए
केवल वही आपके हाथ में है ।
मनुष्य कितना भी गोरा क्यों ना हो
परंतु उसकी परछाई सदैव काली होती है,
“मैं श्रेष्ठ हूँ” यह आत्मविश्वास है,
लेकिन “सिर्फ मैं ही श्रेष्ठ हूँ” यह अहंकार है”
व्यक्ति जो चाहे बन सकता है, यदि विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करें।
प्रेम सदैव माफी मांगना पसंद करता है और अहंकार सदैव माफी सुनना पसंद करता है।
जो रास्ता ईश्वर ने आपके लिए खोला है
उसे कभी भी कोई बंद नहीं कर सकता!
मनुष्य का जीवन केवल उसके कर्मों पर चलता है,
जैसा कर्म होता है, वैसा उसका जीवन होता है।
एक बार माफ़ करके अच्छे बन जाओ परन्तु दुबारा उसी इन्सान पर भरोसा करके बेवकूफ कभी न बनो।
मन की गतिविधियों, होश, श्वास, और भावनाओं के माध्यम से भगवान की शक्ति सदा तुम्हारे साथ है।
जीवन में आधे दु:ख इस वजह से आते है, क्यूंकि हमने उनसे आशाऐं रखी जिन से हमें नहीं रखनी चाहिए थी।
मैं ही इस सृष्टि की रचना करता हूँ, मैं हीं इसका पालन-पोषण करता हूँ और मैं हीं इस सृष्टि का विनाश करता हूँ।
जब संसार में धर्म की हानि होगी, अधर्म की विजय
तब मैं इस पृथ्वी पर अवतार लूंगा।
शांति से भी दुखों का अंत हो जाता है और शांत चित्त मनुष्य की बुद्धि शीघ्र ही स्थिर होकर परमात्मा से युक्त हो जाती है।
हमारी आस्था की परीक्षा तब होती है,
जब हम जो चाहे वो न मिले और
फिर भी हमारे दिल से प्रभु के लिए शुक्रिया ही निकले
लोग अक्सर सच कहने से बचते हैं या डरते हैं, पर सत्य कभी छुप नहीं सकता और न ही कभी मिट सकता है। कितना भी छुपा लें पर सच तो उजागर हो ही जायेगा।
जो बात सच पर आधारित हो उसे करने या कहने और मानने से कभी नहीं डरना चाहियें।
ज्ञानवर्धक Krishna Quotes In Hindi
कुछ ज्ञानवर्धक krishna quotes in Hindi नीचे दी गई है:
इच्छा पूरी नहीं होती तो क्रोध बढ़ता है, और इच्छा पूरी होती है तो लोभ बढ़ता है। इसलिये जीवन की हर स्थिति में धैर्य बनाये रखना।
धर्म केवल रास्ता दिखाता है।
लेकिन मंजिल तक तो कर्म ही पहुँचाता है।
वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है। मैं और मेरा की लालसा तथा भावना से मुक्त हो जाता है। उसे शांति प्राप्त होती है।
श्री कृष्ण ने कहा है, अगर तुम्हें किसी ने दुखी किया है तो बुरा मत मानना। लोग उसी पेड़ पर पत्थर मारते है, जिस पेड़ पर ज्यादा मीठे फल होते है।
स्वार्थ से रिश्ते बनाने की कितनी भी कोशिश करें, वो कभी नही बनते हैं। और प्रेम से बने रिश्तों को कितना भी तोड़ने की कोशिश करें, वो कभी नही टूटते।
अगर व्यक्ति शिक्षा से पहले संस्कार, व्यापार से पहले व्यवहार और भगवान से पहले माता पिता को पहचान ले तो जिंदगी में कभी कोई कठिनाई नही आएगी।
जिस मनुष्य ने जवानी में बहुत पाप किए है उसे बुढ़ापे में नींद नहीं आती।
श्री कृष्ण कहते है कि मनुष्य को अपने मन को बार बार समझाना चाहिए कि ईश्वर के सिवा उसका कोई नहीं है।
परिवर्तन इस संसार का नियम है, कल जो किसी और का था,
आज वो तुम्हारा हैं, एवं कल वो किसी और का होगा।
विषयों का चिंतन करने से विषयों की आसक्ति होती है। आसक्ति से इच्छा उत्पन्न होती है और इच्छा से क्रोध होता है। क्रोध से सम्मोहन और अविवेक उत्पन्न होता है।
जो कुछ हुआ, अच्छे के लिए हुआ। जो हो रहा है अच्छे के लिए हो रहा है। जो होगा वह भी अच्छे के लिए ही होगा।
मेरे लिए न कोई घृणित है और न ही कोई प्रिये, न कोई निर्धन है और न ही कोई धनी, बस जो भक्ति भाव के साथ मुझे याद करते हैं मैं उनका हूँ और वो मेरे।
आप वही हैं जिसमें आप विश्वास करते हैं, आप वह बन जाते हैं जो आप मानते हैं कि आप बन सकते हैं।
अगर तुम अपना कल्याण करना चाहते हो, तो सभी तरह के उपदेशों, सभी धर्मों को छोड़ कर मेरी शरण में आ जाओ, मैं तुम्हें मुक्ति प्रदान करुंगा।
जिस इंसान के चारों तरफ नकारात्मक लोग रहते हैं, उस इंसान का मंजिल से भटक जाना तय है।
जिंदगी में सब कुछ ख़त्म होना जैसा कुछ भी नही होता, हमेशा एक नही शुरूआत हमारा इन्तजार कर रही होती हैं।
श्रीमद्भगवद्गीता श्री कृष्ण अनमोल वचन
श्रीमद्भगवद्गीता में कहे गए श्री कृष्ण के अनमोल वचन:
इंद्रियों के अधीन होने से मनुष्य के जीवन में विकार और परेशानियां आती है।
सुख-दुख का आना-जाना सर्दी-गर्मी के आने-जाने के जैसा ही है। इसलिए इन्हें सहन करना सीखना ही उचित है।
निर्बलता अवश्य ईश्वर देता है परंतु मर्यादा मनुष्य का मन खुद निर्माण करता है।
जीवन में वाणी को संयम में रखना अनिवार्य है क्योंकि वाणी से दिए हुए घाव कभी भरे नहीं जा सकते।
मनुष्य उसके लिए शोक करता है जो शोक करने के योग्य नही हैं, और फिर भी ज्ञान की बातें करते हो, बुद्धिमान व्यक्ति ना जीवित और ना ही मृत व्यक्ति के लिए शोक करते हैं।।
मैं हमेशा तुम्हारे साथ और तुम्हारे आसपास रहता है चाहे तुम कुछ भी कर रहे हों।
जो हुआ अच्छा हुआ, जो होगा अच्छा होगा। स्वयं को मुझ पर छोड़ दो अपने कर्म पर ध्यान दो। कर्म ऐसा जो स्वार्थरहित पापरहित हो।
जीवन में समय चाहे जैसा भी हो, परिवार के साथ रहो। सुख हो तो बढ़ जाता है, और दुख हो तो बट जाता है।
मोहग्रस्त होकर अपने कर्तव्य पथ से हट जाना मूर्खता है, क्योंकि इससे ना तो तुम्हें स्वर्ग की प्राप्ति होगी और ना ही तुम्हारी कीर्ति बढ़ेगी।
श्रीकृष्ण कहते है कि सत्संग ईश्वर की कृपा से मिलता है। परंतु कुसंगति में पड़ना मनुष्य के अपने ही हाथों में होता है।
Krishna Quotes In Hindi : महाभारत में कृष्ण के कहे 10 अनमोल वचन
यहाँ महाभारत के युद्ध में अर्जुन को दिए गए 10 अनमोल उपदेशों के बारे में बताया जा रहा है :
कर्म का फल व्यक्ति को उसी तरह ढूंढ़ लेता है, जैसे कोई बछड़ा सैकड़ों गायों के बीच अपनी मां को ढूंढ़ लेता है।
इस संसार में कुछ भी स्थाई नहीं है।
मैं सभी जीवों में विद्यमान हूं, मैं चींटी में भी विद्यमान हूं और हाथी में भी विद्यमान हूं।
मेरे भी कई जन्म हो चुके हैं। तुम्हारे भी कई जन्म हो चुके हैं। ना तो मेरा अंतिम जन्म है और ना यह तुम्हारा अंतिम जन्म है।
व्यक्ति कर्म करने से कभी छुटकारा नहीं पा सकता है। इसलिए तुम्हें हमेशा कर्म करते रहना चाहिए। क्योंकि कर्म के बिना तुम्हारे शरीर का निर्वाह भी नहीं हो सकता है।
परिवर्तन ही संसार में स्थाई है। इसलिए परिवर्तन से नहीं भयभीत नहीं होना चाहिए।
जो लोग दूसरों की सहायता करते हैं, ईश्वर उनकी सहायता करते हैं।
जब यह संसार ही स्थाई नहीं है, तो इस संसार की कोई वस्तु कैसे स्थाई हो सकती है?
आत्मा शरीर को वैसे ही छोड़ देती है, जैसे मनुष्य पुराने कपड़ों को उतार कर नए कपड़े धारण कर लेता है।
मन शरीर का हिस्सा है। सुख दुख का एहसास करना आत्मा का नहीं शरीर का काम है। मान अपमान लाभ हानि गम और खुशी सब मन का खेल है।
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