स्पोर्ट्स में कैसे बनाएं करियर जानिए स्पोर्ट्स ऑफिसर अर्पित सक्सेना से

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Sports Officer Interview
Sports Officer Interview

अपने पसंदीदा क्षेत्र में नौकरी करने से अधिक संतुष्टि किसी ओर फिल्ड में काम करने से नहीं मिल सकती है, अगर आपका पसंदीदा क्षेत्र खेल है और आपको आप उसी में अपना करियर बने लें तो इससे बेहतर क्या ही होगा। वर्तमान में खेल के प्रति बढ़ रही लोकप्रियता को देखते हुए स्पोर्ट्स में करियर के कई ऑप्शंस मौजूद हैं। स्पोर्ट्स इस समय फुल टाइम करियर के साथ फेम भी दे रहा है। अगर खेल के प्रति जुनून है और देश के लिए समर्पण का भाव है तो कैंडिडेट्स के लिए स्पोर्ट्स में बेहतर करने से कोई नहीं रोक सकता। इसलिए इस ब्लाॅग में हम स्पोर्ट्स के लिए खुद को तैयार करने के लिए अर्पित सक्सेना से टिप्स जानेंगे, जिन्होंने खेल के जरिए ही अपना मुकाम हासिल कर स्पोर्ट्स ऑफिसर का पद हासिल किया।

अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में बताएं?

मैं बदायूं, उत्तर प्रदेश रहने वाला हूं और पढ़ाई भी यही से की है। स्कूलिंग के बाद मैंने ग्रेजुएशन में बीपीएड फिजिकल एजुकेशन 2011 में हिंदू यूनिवर्सिटी, बनारस से की। इसके बाद एमपीएड (MPED) 2013 में इंदौर से कंप्लीट किया। इस बीच 2012 – 2013 में पढ़ाई के साथ ही मैंने दो बार नेट एग्जाम भी पास किया है। 2013 से नवोदय विद्यालय समिति में ढाई वर्ष जॉब करने के बाद मैंने 2017 में KVS की परीक्षा पास की और नरसिंगपुर में ज्वाइनिंग ली, लेकिन मैंने नौकरी के साथ ही पढ़ाई जारी रखी और MPPSC की परीक्षा को पास किया और गवर्नमेंट टीजी कॉलेज, नरसिंगपुर स्पोर्ट्स ऑफिसर की पोस्ट पर कार्यरत हूं।

आपने स्पोर्ट्स को ही क्यों चुना?

स्पोर्ट्स को कोई भी चुने, इंट्रेस्ट के आधार पर ही आगे बढ़ता है और मेरा स्पोर्ट्स में आने का कारण है कि मैं प्लेयर रह चुका हूं और इस फील्ड में आगे बढ़ने की सोची, लेकिन प्लेयर के तौर पर नहीं। स्पोर्ट्स ऑफिसर के तौर पर मैं बच्चों के साथ जुड़ पाऊंगा और उन्हें आगे बढ़ाने में अच्छा योगदान दे पाउंगा। अब बच्चों की मदद करने के, अपनी फिटनेस सही रखने के साथ ही स्पोर्ट्स से भी जुड़ाव है।

स्पोर्ट से बच्चों की पढ़ाई पर प्रभाव नहीं पड़ता है क्या?

पढ़ाई के साथ साथ जो बच्चे स्पोर्ट्स से भी जुड़े होते हैं, वे 100 प्रतिशत अपना रिजल्ट्स एकेडमिक में देते हैं। मैंने लगातार अनुभव किया है, जो बच्चे नेशनल तक खेलते है, मैंने उनको IIT, मेडिकल आदि क्षेत्र में बेहतर करते भी देखा है। उनको एक मौके की जरूरत हैं, आप उन्हें एक चांस दीजिए और बच्चे रिजल्ट्स देने को तैयार हैं। मुझे अभी 4 साल हो रहा है और मैंने पाया है की सबसे ज्यादा बच्चे गांव से आते हैं, जिनके साथ काम करने में बहुत मजा आता है, क्योंकि इनका एनर्जी लेवल उनकी उत्सुकता देख कर मुझे लगता है यह आने वाले समय में बहुत अच्छा करेंगे।

गांव से शहर के मुकाबले कम लोग स्पोर्ट्स में क्यों आते हैं?

गांव की बात करें तो काफी सुविधा न मिलने की वजह से शहर के मुकाबले गांव के लोग कम ही है। गांव से शहर में आकर एकेडमी ज्वाइन करना बहुत कठिन हो जाता है। इसमें से बहुत कम लोग ही आ पाते हैं। हालांकि बीते कुछ वर्षों में गांवों में भी स्पोर्ट्स को लेकर काफी सुविधाएं बढ़ी हैं और कई विश्वस्तरीय खिलाड़ी गांवों से निकल कर आते हैं और इसका उदाहरण आप क्रिकेट के साथ अन्य स्पोर्ट्स में भी देख सकते हैं।

लड़कियां स्पोर्ट्स को करियर के लिए रूप में क्यों नहीं चुन पाती या उनकी संख्या इतनी कम क्यों है?

लड़कियों और स्पोर्ट्स को लेकर ऑन पेपर तो बहुत सी बातें की जाती हैं, लेकिन जब आप ग्राउंड लेवल लेवल पर देखें तो उतना अच्छा रिजल्ट्स हमारे सामने नहीं आ पता है और न ही उतने लोग इस समय जुड़ रहे हैं, जितने हमें चाहिए। हालांकि बीते कुछ वर्षों में देखा जाए तो बेटियों ने स्पोर्ट्स में काफी अच्छा किया है और कई बड़े रिकॉर्ड्स बनाकर अपनी सफलता की चमक बिखेरी है। हमें लड़कियों को स्पोर्ट्स के लिए प्रमोट कर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

स्पोर्ट्स में आगे बढ़ने के लिए किन चीजों पर फोकस करना चाहिए? 

हमें ग्रास लेवल पर अभी बहुत काम करने की जरूरत हैं। टेक्नोलॉजी पर काम होना सबसे जरूरी है क्योंकि बाहर के देशों की बात करे तो वह लोग टेक्नोलॉजी पर ज्यादा काम करते हैं। टेक्नोलॉजी के होने से पूरा पैरामीटर काउंट होता है। उससे आपकी बॉडी के हर मूव का पता चलता है। इसलिए ये स्पोर्ट के लिए सबसे जरूरी पार्ट है। अब MIT University, Lovely University, oriental University ये यूनिवर्सिटी प्लेयर्स को हायर करती है।

स्पोर्ट्स करियर में फाइनेंशियल प्रॉब्लम्स क्या हैं?

स्पोर्ट्स में करियर की कोई उम्र नहीं होती है, हालांकि कई बार फाइनेंशियल प्राॅब्लम्स आती हैं, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं। स्पोर्ट्स में सिर्फ टैलेंट की जरूरत है, यदि आप में टैलेंट है तो आपको 100 प्रतिशत मौका मिलेगा, लेकिन इस समय तो कई योजनाएं चल रही हैं जो खेलों को बढ़ावा दे रही है। गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया कई कोचिंग या स्पोर्टस सेंटर में बगैर फीस के बच्चों को ट्रेन्ड करते हैं। 

यह भी पढ़ें- स्पोर्ट्स कोटा क्या है और इससे मिलने वाले लाभ क्या हैं?

स्पोर्ट्स में करियर बनाने के लिए किस कोर्स को करना सही है?

cbse 12th क्लास से ही एक सब्जेक्ट के रूप में फिजिकल एजुकेशन पढ़ा रही है। अभी नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत क्लास 11th व 12th के तहत योगा को भी जोड़ दिया गया है। कुछ अन्य कोर्सेज के भी विकल्प हैं जैसे- बीपीएड, (बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन साइंस) या फिर DAV इंदौर भी 3 साल का कोर्स BPE कोर्स कहते हैं। 12th के बाद अगर स्नातक नहीं करना है तो स्पोर्ट्स में BPH कोर्स कर सकता है।

स्पोर्ट्स में करियर बनाने के लिए प्रैक्टिस जरूरी?

स्पोर्ट्स में करियर बनाने के लिए प्रैक्टिस बहुत ज्यादा जरूरी है, इसके साथ ही पढ़ाई पर फोकस करना भी बेहद जरूरी है। अगर स्पोर्ट्स में करियर को आगे बढ़ाना है तो कई बार भारत के अलावा अन्य देशों में खेलने के लिए जाना होता है तो वहां एजुकेशन काम आती है। अगर स्पोर्ट्स में कोर्स की बात की जाए तो स्पोर्ट्स एकेडमी ज्वाइन करनी चाहिए।

भारत में क्रिकेट को काफी पसंद किया जाता है तो क्रिकेटर बनने के लिए क्या करें?

प्रोफेशनल क्रिकेटर बनना आसान नहीं है। आपको क्रिकेट खेलने में अच्छा होना ज़रूरी है लेकिन एक सफल क्रिकेट खिलाड़ी बनने के लिए यह पर्याप्त नहीं है। खेल को पेशेवर स्तर पर ले जाने की क्षमता पाने के लिए आपको बहुत अभ्यास करने और खेल के प्रति अपनी क्षमता को उजागर करने की आवश्यकता है। बल्ले और गेंद का उपयोग करने का ज्ञान इस खेल का सार नहीं है, आपको विभिन्न शब्दों क्रिकेट में उपयोग किए जाने वाले उपकरणों और खेल के नियमों की जानकारी होनी चाहिए। आपको यह जानना होगा कि आप इस खेल के किस भाग में अच्छे हैं। अगर आप अच्छे गेंदबाज हैं या यदि आप बल्लेबाजी में अच्छे हैं और आप अपने कमजोर बिंदुओं को कैसे सुधार सकते हैं और अपने मजबूत बिंदुओं को मजबूत कर सकते हैं।

स्पोर्ट्स छात्रों को क्या फायदे होते हैं ?

स्पोर्ट्स बैग्राउंड से आने वाले छात्रों के लिए स्पोर्ट्स कोटा की व्यवस्था है, जहां से खेलों के प्रति जागरूकता का एक सफल अभियान चलाया जाता है। इस व्यवस्था के अंतर्गत यूनिवर्सिटीज में एडमिशन से लेकर जॉब्स तक को शामिल किया जाता है, कई सरकारी विभागों में स्पोर्ट्स कोटे के माध्यम से अनेकों पदों पर भर्तियां की जाती हैं। सरल भाषा में भारत सरकार द्वारा खेल और खिलाड़ियों को प्रमोट करने के लिए कई प्रकार की सुविधाएं खिलाड़ियों को दी जाती हैं और यह स्पोर्ट्स में करियर बनाने के लिए सही दिशा देता है।


उम्मीद है कि Sports me Kaise Banaye Career अर्पित सक्सेना का इंटरव्यू पढ़ कर आपको अपनी Sports से जुड़ी काफी जानकारियां मिल गई होंगी। ऐसे ही अन्य इंटरव्यू पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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