Rajyasabha in Hindi : राज्यसभा क्या है और इसकी शक्तियां व कार्य क्या हैं?

1 minute read
राज्यसभा क्या है और इसकी शक्तियां व कार्य क्या हैं

Rajyasabha in Hindi : भारत में संसद का उच्च सदन राज्यसभा है। राज्यसभा ही लोकसभा के निर्णयों की समीक्षा करने और सत्तापक्ष के कुछ अनावश्यक निर्णयों पर अंकुश लगाने के लिए है। राज्य सभा एक स्थायी विधायी निकाय के रूप में कार्य करता है जो भारत के शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राज्यसभा के बारे में हम सभी को पूरी जानकारी होनी चाहिए क्योंकि इस विषय से UPSC में प्री, मेंस एग्जाम और इंटरव्यू के अलावा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। इस ब्लाॅग में राज्यसभा क्या है और इसकी शक्तियां व कार्य क्या हैं? (RajyaSabha in Hindi) के बारे में जानेंगे, जिसे आप अपनी तैयारी में जोड़ सकते हैं।

राज्यसभा (Rajyasabha in Hindi)मुख्य बिंदु
नामराज्यसभा (Council of States)
स्थापनाभारतीय संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत स्थापित
परिचयभारतीय संसद का उच्च सदन, जो राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करता है।
कुल सदस्य संख्याअधिकतम 250 सदस्य
वर्तमान सदस्य संख्या245 (233 निर्वाचित, 12 राष्ट्रपति द्वारा नामित)
निर्वाचन प्रक्रियाराज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य चुनाव करते हैं, अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली और एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के माध्यम से चुनाव।
नामित सदस्यराष्ट्रपति द्वारा साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्टता के आधार पर नामित।
कार्यकाल6 वर्ष (हर दो साल में एक-तिहाई सदस्य सेवानिवृत्त होते हैं)।
स्थायित्वराज्यसभा स्थायी सदन है और इसे भंग नहीं किया जा सकता।
अध्यक्षभारत के उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन अध्यक्ष होते हैं।
उपाध्यक्षसदन द्वारा चुना गया उपाध्यक्ष अध्यक्ष की अनुपस्थिति में कार्य करता है।
प्रमुख कार्य विधायी कार्य: विधेयकों पर चर्चा और पारित करना, वित्तीय विधेयकों पर सुझाव देना (लेकिन वित्त विधेयक पारित करने का अधिकार नहीं), राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव, अनुच्छेद 249 के तहत राष्ट्रीय महत्व के मामलों पर कानून बनाना।
सत्रबजट सत्र, मानसून सत्र, और शीतकालीन सत्र।
वित्तीय अधिकारसीमित (केवल सुझाव दे सकती है, लेकिन वित्त विधेयक पारित नहीं कर सकती)।
विशेष शक्तियाँनए अखिल भारतीय सेवाओं के निर्माण का प्रस्ताव पारित करना, राज्यों के हितों की रक्षा करना।
महत्त्वराज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की आवाज बनकर भारतीय संघीय ढांचे को मजबूत करता है।

राज्यसभा (RajyaSabha) क्या है?

राज्‍यसभा (RajyaSabha) एक स्‍थायी निकाय है और इसे भंग नहीं किया जा सकता। इसके एक तिहाई सदस्‍य प्रत्‍येक दूसरे वर्ष सेवानिवृत्‍त होते हैं और उन्‍हें नए निर्वाचित सदस्‍यों द्वारा रिप्लेस किया जाता है। प्रत्‍येक सदस्‍य को 6 वर्ष के लिए निर्वाचित (नाॅमिनेट) किया जाता है। भारत का उपराष्‍ट्रपति राज्‍य सभा का पदेन सभापति है। यह सदन अपने सदस्‍यों में से एक उप सभापति का चुनाव भी करता है। इसके अलावा राज्‍य सभा में उप-सभापतियों का एक पैनल होता है।

यह भी पढ़ें- क्या आप जानते हैं कि भारत में लोकसभा के पहले आम चुनाव कब हुए और क्या रहीं थीं चुनौतियां?

राज्यसभा की संरचना क्या है?

राज्‍य सभा में ऑफिशियल 250 सदस्‍य होंगे। इनमें 238 सदस्‍य राज्‍यों तथा संघ राज्‍य क्षेत्रों के प्रतिनिधि होंगे और 12 सदस्‍यों को राष्‍ट्रपति द्वारा नामांकित किया जाएगा। राज्यसभा का गठन 6 वर्ष के लिए होता है यह एक स्थाई सदन है जो कभी भंग नहीं किया जा सकता है। वर्तमान सदस्य संख्या: 245 (अभी तक), जिसमें 233 राज्य विधान सभाओं और केंद्र शासित प्रदेशों के निर्वाचित सदस्यों द्वारा एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से आनुपातिक प्रतिनिधित्व का उपयोग करके चुने जाते हैं। 12 सदस्यों को साहित्य, विज्ञान, कला और सामाजिक सेवाओं जैसे क्षेत्रों में उनकी विशेषज्ञता के लिए भारत के राष्ट्रपति द्वारा नामित किया जाता है।

राज्यसभा की स्थापना कब हुई थी?

राज्यसभा (RajyaSabha) का गठन 13 अप्रैल 1952 को किया गया था इसकी पहली बैठक 13 मई 1952 को हुई थी। राष्ट्रपति साल में कम से कम दो बार राज्यसभा का अधिवेशन बुलाता है। राज्यसभा के एक सत्र के अंतिम बैठक तक तथा अगले सत्र की प्रथम बैठक की नियत तिथि के बीच 6 माह से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिए।

राज्यसभा क्या है और इसकी शक्तियां व कार्य क्या हैं

राज्यसभा की शक्तियां और कार्य क्या हैं?

Rajyasabha in Hindi को जानने के साथ ही हमें इसकी शक्तियां और कार्यों के बारे में जानना चाहिए, जोकि इस प्रकार हैंः

  • राज्यसभा लोकसभा के साथ मिलकर कानून बनाती है।
  • राज्यसभा लोकसभा के साथ मिलकर संविधान में संशोधन करती है।
  • राज्यसभा की बगैर सहमति के कोई विधेयक कानून नहीं बन सकता।
  • राज्यसभा महाभियोग की प्रक्रिया में भाग लेती है।
  • राज्यसभा किसी विषय को राष्ट्रीय महत्व का घोषित कर सकती है।
  • राज्यसभा राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के निर्वाचन में शामिल होती है।
  • राज्यसभा के सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयुसीमा 30 वर्ष निर्धारित की गई है।
  • वर्तमान में राज्यसभा में सदस्यों की संख्या 245 है।
  • भारत के उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति के तौर पर जाने जाते हैं।

यह भी पढ़ें- लोकसभा क्या है और इसकी शक्तियां व कार्य क्या हैं?

राज्यसभा (Rajyasabha in Hindi) का कार्यकाल और सदस्यता क्या है?

राज्यसभा (Rajyasabha in Hindi) का कार्यकाल और सदस्यता इस प्रकार है-

  • कार्यकाल: सदस्य छह साल के कार्यकाल के लिए सेवा करते हैं, जिनमें से एक तिहाई हर दो साल में सेवानिवृत्त होते हैं। लोकसभा के विपरीत, राज्यसभा एक स्थायी निकाय है और इसे भंग नहीं किया जा सकता है।
  • पात्रता: भारत का नागरिक होना चाहिए। कम से कम 30 वर्ष की आयु। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में निर्दिष्ट अन्य योग्यताएं पूरी करें।

राज्यसभा की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां क्या हैं?

राज्यसभा की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां यहां बताई जा रही हैं जिन्हें आपको जरूर जानना चाहिए-

  • विधायी कार्य: लोकसभा द्वारा प्रस्तावित विधेयकों की समीक्षा करना और उन्हें पारित करना। विधायी में संशोधन का सुझाव देना।
  • धन विधेयकों को छोड़कर, जो लोकसभा के लिए विशेष हैं, विधेयक प्रस्तुत करना।
  • वित्तीय शक्तियां: लोकसभा की तुलना में सीमित। राज्यसभा केवल धन विधेयकों पर चर्चा कर सकती है और संशोधन सुझा सकती है, लेकिन उन पर मतदान नहीं कर सकती।
  • चुनावी भूमिका: भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेती है। महाभियोग प्रस्ताव के माध्यम से उपराष्ट्रपति को हटाने में भूमिका निभाती है। राष्ट्रीय नीति निर्माण में राज्यों को आवाज़ देकर उनके हितों की रक्षा करती है।

राज्यसभा की भारतीय लोकतंत्र में भूमिका

भारत में राज्यसभा को उच्च सदन का दर्जा दिया गया है। राज्यसभा की भारतीय लोकतंत्र में भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि राज्यसभा संसदीय ढांचे के भीतर एक नियंत्रण और संतुलन प्रणाली सुनिश्चित करती है। सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने और संतुलित कानून बनाने में योगदान देकर राज्यसभा भारत के संसदीय लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

Rajyasabha in Hindi (1)

राज्यसभा और लोकसभा में क्या अंतर है?

राज्यसभा और लोकसभा भारतीय संसद के दो सदन हैं, लेकिन उनके कार्य, संरचना और शक्तियों में कई महत्वपूर्ण भिन्नताएं हैं। यहां उनकी तुलना की गई है:

Rajyasabha in Hindiराज्यसभा (उच्च सदन)लोकसभा (निचला सदन)
प्रतिनिधित्वराज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करता है।जनता द्वारा सीधे चुने गए प्रतिनिधियों का सदन।
सदस्यों की संख्याअधिकतम 250 (वर्तमान में 245)अधिकतम 552 (वर्तमान में 545)
चुनाव प्रक्रियाअप्रत्यक्ष: राज्य विधानसभाओं द्वारा चुना जाता है।प्रत्यक्ष: जनता द्वारा चुना जाता है।
कार्यकाल6 वर्ष (1/3 सदस्य हर 2 वर्ष में सेवानिवृत्त होते हैं)।5 वर्ष (भंग किया जा सकता है)।
स्थायित्वस्थायी सदन, कभी भंग नहीं होता।कार्यकाल पूरा होने या राष्ट्रपति द्वारा भंग किया जा सकता है।
अध्यक्षउपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन अध्यक्ष होते हैं।लोकसभा अध्यक्ष, सदन द्वारा चुने जाते हैं।
वित्तीय अधिकारवित्त विधेयकों पर केवल चर्चा कर सकता है और सुझाव दे सकता है।वित्त विधेयकों को पास करने का विशेष अधिकार।
विधायी शक्तियांविधेयकों में संशोधन या अस्वीकृति का अधिकार, सिवाय वित्त विधेयकों के।विधेयकों को पारित करने का प्रमुख अधिकार।
विशेष शक्तियांअनुच्छेद 249 के तहत संसद को राज्य सूची में कानून बनाने का अधिकार देता है।प्रधान मंत्री और मंत्रिपरिषद को चुना जाता है।
चुनावी भूमिकाराष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेता है।राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेता है।
प्राथमिक कार्यराज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के हितों की रक्षा।जनता के प्रतिनिधियों की आवाज को संसद में प्रस्तुत करना।
नियंत्रण और जवाबदेहीराज्यसभा सरकार को सीधे भंग या नियंत्रित नहीं कर सकती।लोकसभा सरकार के कामकाज पर सीधा नियंत्रण रखती है।

FAQs

राज्यसभा के लिए न्यूनतम आयुसीमा कितनी है?

30 वर्ष।

राज्यसभा में सदस्यों की अधिकतम संख्या कितनी हो सकती है?

250।

राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?

6 वर्ष का।

राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव कैसे होता है?

राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से आनुपातिक प्रतिनिधित्व के माध्यम से किया जाता है।

राज्यसभा के सदस्यों को कौन नामित करता है?

भारत के राष्ट्रपति साहित्य, विज्ञान, कला और सामाजिक सेवाओं में उनकी विशेषज्ञता के लिए 12 सदस्यों को नामित करते हैं।

राज्यसभा के सदस्य का कार्यकाल कितना होता है?

प्रत्येक सदस्य छह साल का कार्यकाल पूरा करता है, और एक तिहाई सदस्य हर दो साल में सेवानिवृत्त होते हैं।

राज्यसभा का अध्यक्ष कौन है?

भारत के उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं।

क्या राज्यसभा को भंग किया जा सकता है?

नहीं, राज्यसभा एक स्थायी सदन है और इसे भंग नहीं किया जा सकता है।

वित्तीय मामलों में राज्यसभा की क्या भूमिका है?

वित्तीय मामलों में राज्यसभा के पास सीमित शक्तियाँ हैं। यह धन विधेयकों पर चर्चा कर सकती है और संशोधन सुझा सकती है, लेकिन लोकसभा इन सुझावों को स्वीकार या अस्वीकार कर सकती है।

राज्यसभा के पास क्या विशेष शक्तियाँ हैं?

राज्य सूची के मामलों पर कानून बनाने के लिए संसद को अधिकृत कर सकती है (अनुच्छेद 249)।
नई अखिल भारतीय सेवाओं के निर्माण की सिफारिश कर सकती है (अनुच्छेद 312)।

राज्यसभा के लिए कोरम क्या है?

कुल सदस्यों का दसवां हिस्सा कोरम होता है, जिसका मतलब है कि कामकाज चलाने के लिए कम से कम 25 सदस्यों का मौजूद होना ज़रूरी है।

भारतीय लोकतंत्र में राज्यसभा क्यों महत्वपूर्ण है?

राज्यसभा राज्यों के हितों की रक्षा करने, विधायी मामलों पर गहन बहस के लिए एक मंच प्रदान करने और यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है कि कोई भी एक संस्था भारत के लोकतांत्रिक ढांचे पर हावी न हो।

संबंधित ब्लाॅग्स

UPSC Question : भारत के पहले वित्त मंत्री कौन थे?UPSC Question : भारत के पहले प्रधानमंत्री कौन थे?
UPSC Question : भारत के पहले राष्ट्रपति कौन थे?भारत में प्रधानमंत्री का कार्यकाल कितना होता है?
UPSC Question : भारत में गठबंधन की सरकार के पहले प्रधानमंत्री कौन थे?UPSC Question : भारत के प्रथम मुख्य चुनाव आयुक्त कौन थे?
UPSC Question : भारत के पहले गृहमंत्री कौन थे?UPSC Question : भारत के पहले शिक्षा मंत्री कौन थे?
Bharat ke Raksha Mantri : भारत के पहले रक्षा मंत्री कौन थे?Bharat ke Pehle Uprashtrapati : भारत के पहले उपराष्ट्रपति कौन थे?

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको राज्यसभा क्या है और इसकी शक्तियां व कार्य क्या हैं? (Rajyasabha in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। एग्जाम की तैयारी और बेहतर करने व UPSC में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*