MGNREGA Yojna in Hindi: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA), जिसे आमतौर पर मनरेगा कहा जाता है, भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार की गारंटी देना और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाना है। मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी में चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में ऐतिहासिक रूप से उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है इसलिए यह चर्चा में होने के साथ यूपीएससी की परीक्षा के लिए एक अहम विषय है, क्योंकि यह ग्रामीण रोजगार, विकास और सरकारी कल्याणकारी योजनाओं को समझने का एक बेहतरीन उदाहरण है। इस ब्लॉग में, मनरेगा के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है, ताकि छात्र इस विषय को गहराई से समझ सकें और अपनी परीक्षा की तैयारी को और बेहतर बना सकें।
This Blog Includes:
- मनरेगा के लिए हाइलाइट : Highlight for MGNREGA UPSC in HIndi
- MGNREGA योजना क्या है?
- मनरेगा का इतिहास
- मनरेगा के अंतर्गत कौन-सी पहल हैं?
- मनरेगा (MGNREGA) में महिलाओं की भागीदारी के रुझान क्या हैं?
- MNREGA योजना जॉब कार्ड क्या है?
- मनरेगा योजना के लिए पात्रता मापदंड
- मनरेगा योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया
- मनरेगा के अंतर्गत शामिल गतिविधियाँ
- मनरेगा की विशेषताएं और लाभ
- मनरेगा 2022-23 की उपलब्धियाँ
- मनरेगा में राज्य सरकार की जिम्मेदारियां
- मनरेगा में ग्राम पंचायत की भूमिकाएँ
- मनरेगा में ग्राम सभा की भूमिकाएँ
- Facts About MNREGA in Hindi : मनरेगा के बारे में तथ्य
- UPSC परीक्षा के लिए मनरेगा योजना से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर
- FAQs
मनरेगा के लिए हाइलाइट : Highlight for MGNREGA UPSC in HIndi
MGNREGA का पूरा नाम क्या है? | महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) |
मनरेगा योजना (Manrega Yojna) कब लागू हुई? | 2 फरवरी, 2006 (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 23 अगस्त, 2005 को पारित हुआ था) |
मनरेगा का पुराना नाम क्या था? | इसे पहले राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA) कहा जाता था। |
क्या मनरेगा और NREGA में अंतर है? | मनरेगा वही राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम है, बस नाम में बदलाव किया गया था। |
मनरेगा कार्यक्रम में कितने जिले शामिल हैं? | 11 फरवरी, 2021 तक 708 जिले इस योजना में शामिल हैं। |
मनरेगा में विभिन्न हितधारक कौन हैं? | दिहाड़ी मजदूर, ग्राम सभा, ब्लॉक कार्यक्रम अधिकारी, जिला कार्यक्रम समन्वयक, पंचायती राज संस्थान, राज्य सरकार, सिविल सोसाइटी, अन्य विभाग, स्वयं सहायता समूह। |
मनरेगा जॉब कार्ड क्या है? | यह एक दस्तावेज है जो यह प्रमाणित करता है कि कोई श्रमिक मनरेगा के तहत रोजगार प्राप्त करने के योग्य है। |
मनरेगा की आधिकारिक वेबसाइट क्या है? | https://nrega.nic.in/netnrega/home.aspx |
MGNREGA योजना क्या है?
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA), जिसे आमतौर पर मनरेगा कहा जाता है, 2005 में शुरू की गई भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है। इसका उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को रोजगार की गारंटी देना और उनकी आजीविका सुरक्षित करना है। इस योजना के तहत, हर परिवार को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिनों के काम की गारंटी दी जाती है। जो भी परिवार इस योजना के तहत काम करना चाहता है, उन्हें सरकार में आवेदन करना होता है, और काम उनकी मांग के अनुसार दिया जाता है। इसमें जल संरक्षण, सड़क निर्माण, पेड़ लगाना और ज़मीन सुधार जैसे काम शामिल हैं।
मनरेगा का उद्देश्य न केवल लोगों को काम देना है, बल्कि गांवों का विकास करना और पर्यावरण की देखभाल करना भी है। यह योजना गरीब परिवारों के लिए बहुत फायदेमंद है और उन्हें एक बेहतर जीवन जीने में मदद करती है।
मनरेगा का इतिहास
प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव ने 1991 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) का प्रस्ताव रखा था। शुरुआत में इसे “नरेगा” के नाम से जाना जाता था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में लोगों को रोजगार देना था, खासकर उन किसानों और मजदूरों को जो मुश्किल वक्त में काम की तलाश में होते हैं। यह योजना भारतीय अर्थव्यवस्था में सड़कें, पुल, और अन्य जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में मदद करती है और साथ ही लोगों को खाने की सुरक्षा भी सुनिश्चित करती है।
यह योजना पहले “रोजगार आश्वासन योजना” के नाम से शुरू हुई थी। फिर 2000 के दशक में इसे “काम के बदले अनाज” योजना के साथ जोड़ दिया गया और इसका नाम बदलकर मनरेगा रख दिया गया। इस तरह, मनरेगा ने ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और रोजगार के अवसर पैदा करने में अहम भूमिका निभाई है।
मनरेगा के अंतर्गत कौन-सी पहल हैं?
मनरेगा योजना (Manrega Yojna) के तहत कई तरह के काम किए जाते हैं, जिनसे गांवों का विकास होता है और लोगों को रोजगार मिलता है। इसके तहत घर बनाने, पानी बचाने और संग्रह करने, बगीचे लगाने और पेड़ लगाने जैसे काम शामिल हैं। इसके अलावा, सिंचाई के लिए छोटी सुविधाएं तैयार की जाती हैं, गांवों को जोड़ने के लिए सड़कें बनाई जाती हैं, खेतों की सीमा बांधने और जमीन के विकास का काम किया जाता है। गौशालाओं का निर्माण और बाढ़ से बचाव के उपाय भी इस योजना के तहत किए जाते हैं।
मनरेगा (MGNREGA) में महिलाओं की भागीदारी के रुझान क्या हैं?
पिछले दस सालों में महिलाओं की भागीदारी में लगातार बढ़ोतरी हुई है। 2020-21 में कोविड-19 के समय महिलाओं की भागीदारी 53.19% थी, जो अब बढ़कर 59.25% हो गई है। दक्षिणी राज्यों जैसे केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और गोवा में महिलाओं की भागीदारी बहुत ज्यादा है, जो 70% से भी अधिक है। वहीं उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे उत्तरी राज्यों में यह दर लगभग 40% या उससे कम है। हालांकि, कुछ राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और लक्षद्वीप ने हाल ही में महिलाओं की भागीदारी में सुधार है।
MNREGA योजना जॉब कार्ड क्या है?
MNREGA जॉब कार्ड रोजगार पाने का एक जरूरी दस्तावेज है, जो काम करने वाले व्यक्ति की पहचान करता है और उसे ग्राम पंचायत में पंजीकृत करता है। इस कार्ड में व्यक्ति का नाम, NREGA पंजीकरण संख्या और परिवार के बारे में जानकारी होती है। यह कार्ड कामकाजी लोगों के अधिकारों की रक्षा करता है।
NREGA जॉब कार्ड ग्रामीण परिवारों को अपने गांव में काम के लिए आवेदन करने की अनुमति देता है और कामकाजी श्रमिकों के साथ किसी तरह की धोखाधड़ी को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा, इस कार्ड का इस्तेमाल बैंक और पोस्ट ऑफिस में खाता खोलने के लिए भी किया जा सकता है।
मनरेगा योजना के लिए पात्रता मापदंड
मनरेगा योजना (MGNREGA Yojna in Hindi) का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक को निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा:
- वह भारत का नागरिक होना चाहिए।
- आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
- वह ग्रामीण परिवार से होना चाहिए।
- वह अकुशल काम करने के लिए तैयार होना चाहिए।
मनरेगा योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया
मनरेगा योजना (MGNREGA Yojna in Hindi) के तहत आवेदन प्रक्रिया निम्नलिखित है :
- जो लोग रोजगार की तलाश में हैं, उन्हें अपने क्षेत्र के संबंधित अधिकारियों को लिखित या मौखिक रूप से बयान देना होगा।
- आवेदक को जॉब कार्ड पंजीकरण संख्या, काम के लिए उपलब्ध होने की तारीख और जितने दिनों के लिए काम चाहते हैं, जैसे विशिष्ट विवरण देने होंगे।
- इसके बाद ग्राम पंचायत द्वारा आवेदन पर कार्रवाई की जाती है।
- आवेदकों को कार्य के आवंटन के बारे में पत्र या सार्वजनिक नोटिस के माध्यम से सूचित किया जाता है।
- यदि आवेदक ने मोबाइल नंबर प्रदान किया है, तो उसे एसएमएस के जरिए भी सूचना दी जाती है।
मनरेगा के अंतर्गत शामिल गतिविधियाँ
मनरेगा (MGNREGA Yojna in Hindi) के अंतर्गत शामिल गतिविधियाँ निम्नलिखित है :
- ग्रामीण पेयजल परियोजनाएं
- कृषि एवं संबद्ध गतिविधियाँ
- ग्रामीण स्वच्छता परियोजनाएं
- सिंचाई एवं बाढ़ प्रबंधन कार्य
- पशुधन से संबंधित कार्य
- मत्स्य पालन
- आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण, आदि।
मनरेगा की विशेषताएं और लाभ
मनरेगा (MGNREGA) की विशेषताएं और लाभ निम्नलिखित हैं:
- ग्रामीण परिवारों को एक साल में कम से कम 100 दिन का रोजगार दिया जाता है।
- यह योजना मुख्य रूप से अकुशल श्रमिकों के लिए है, जिससे उन्हें रोजगार मिलता है।
- योजना के तहत कम से कम एक तिहाई लाभार्थी महिलाएं होती हैं।
- इस योजना के तहत बुनियादी ढांचे का निर्माण और ग्रामीण इलाकों में विकास होता है।
- योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में काम किया जाता है, जिससे स्थानीय संसाधनों का संरक्षण होता है।
- श्रमिकों को एक जॉब कार्ड मिलता है, जिससे उनकी पहचान और रोजगार का अधिकार प्रमाणित होता है।
- काम करते समय चोट लगने पर श्रमिक को चिकित्सा उपचार की सुविधा मिलती है।
- यह योजना ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी को कम करने का काम करती है।
- योजना से श्रमिकों की आय में वृद्धि होती है और उनके जीवन स्तर में सुधार आता है।
- श्रमिकों को समय पर भुगतान और काम की गारंटी मिलती है।
मनरेगा 2022-23 की उपलब्धियाँ
- इस योजना के तहत देशभर में करीब 11.37 करोड़ परिवारों को रोजगार मिला।
- इसमें कुल 289.24 करोड़ व्यक्ति-दिवस रोजगार हुआ, जिसमें:
- 56.19% महिलाएँ
- 19.75% अनुसूचित जाति (SC)
- 17.47% अनुसूचित जनजाति (ST)
मनरेगा में राज्य सरकार की जिम्मेदारियां
मनरेगा में राज्य सरकार की जिम्मेदारियां निम्नलिखित है :
- बेरोजगारी और भत्ते के मुद्दों पर जिला कार्यक्रम समन्वयक हर साल रिपोर्ट राज्य परिषद को भेजता है।
- राज्य सरकार अस्पताल में भर्ती करने का इंतजाम करती है, ताकि घायल मजदूरों को रहने, इलाज, दवाइयाँ और भत्ता मिल सके।
- राज्य सरकार तय करती है कि मजदूरों को रोज कितनी मजदूरी नकद में दी जाएगी।
- अगर किसी मजदूर को चोट लगती है या उसकी मृत्यु होती है, तो राज्य सरकार मुआवजा देती है।
- राज्य सरकार MGNREGA योजना की जांच और संचालन के लिए एजेंसी बनाती है।
- राज्य रोजगार गारंटी परिषद (SEGC) बनाने की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार की है।
- राज्य सरकार नियम बनाकर और योजना की जानकारी दे कर यह योजना लागू करती है।
मनरेगा में ग्राम पंचायत की भूमिकाएँ
मनरेगा में ग्राम पंचायत की भूमिकाएँ निम्नलिखित है :
- मनरेगा पंजीकरण के लिए आवेदन गांव की ग्राम पंचायत में किए जाते हैं।
- ग्राम पंचायत का काम है घरों का पंजीकरण करना और पंजीकरण की जानकारी सही से चेक करना।
- यह एक जॉब कार्ड बनाती है, जिसमें घर के सभी बड़े सदस्यों के नाम और तस्वीरें होती हैं।
- ग्राम पंचायत इस योजना से जुड़े सभी दस्तावेज़, जैसे जॉब कार्ड और पासबुक रखती है।
- यह संबंधित अधिकारी को जानकारी देती है।
- अगर किसी आवेदक की जानकारी गलत हो, तो वह कार्यक्रम अधिकारी से जॉब कार्ड वापस करने के लिए कह सकती है।
- ग्राम पंचायत आवेदन के 15 दिनों के भीतर काम देने की जिम्मेदारी लेती है।
- यह पंचायत तय करती है कि कौन से काम पहले होंगे और कैसे योजना बनाई जाएगी।
मनरेगा में ग्राम सभा की भूमिकाएँ
मनरेगा में ग्राम सभा की भूमिकाएँ निम्नलिखित है :
- यह स्थानीय क्षेत्र की जरूरतों और संसाधनों को देख कर कामों की प्राथमिकता तय करता है।
- ग्राम पंचायत में कामों की निगरानी की जिम्मेदारी यह लेता है।
- यह सामाजिक जांच के लिए एक मंच बनाता है।
- यह कामकाजी लोगों के सवालों का जवाब देने के लिए एक मंच देता है।
Facts About MNREGA in Hindi : मनरेगा के बारे में तथ्य
मनरेगा के बारे में तथ्य इस प्रकार से है :
- मनरेगा योजना की देखरेख भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय (MRD) करता है, जो राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस योजना को चलाता है।
- इस योजना में पंजीकरण पांच साल के लिए होता है, और इसे समय-समय पर नवीनीकरण किया जा सकता है।
- पंजीकृत परिवार का हर वयस्क सदस्य, जिसका नाम जॉब कार्ड में है, काम के लिए आवेदन कर सकता है।
- हर व्यक्ति को एक साल में 100 दिन तक काम दिया जाता है।
- योजना के तहत कम से कम एक तिहाई लाभार्थी महिलाएं होंगी, जिन्होंने काम के लिए आवेदन किया है।
- अगर काम गांव के 5 किलोमीटर से दूर हो, तो मजदूरों को अतिरिक्त यात्रा और रहने का खर्च देने के लिए 10% ज्यादा मजदूरी दी जाती है।
- काम की अवधि सामान्यत: 14 दिन होती है और हफ्ते में 6 दिन से ज्यादा नहीं होती।
- अगर मजदूरी समय पर नहीं मिलती, तो मजदूर को मुआवजा मिलता है।
UPSC परीक्षा के लिए मनरेगा योजना से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर
UPSC परीक्षा के लिए मनरेगा योजना से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर इस प्रकार से है :
प्रश्न 1. मनरेगा की धारा 17 के तहत कौन सी बात कही गई है?
उत्तर : मनरेगा की धारा 17 के तहत मनरेगा कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए ग्राम सभा को जिम्मेदार ठहराया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि सभी कार्यों की निगरानी ग्राम स्तर पर की जाएगी और सभी कार्यों की जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराई जाएगी।
प्रश्न 2 . मनरेगा योजना को इंग्लिश में क्या कहते हैं?
उत्तर : मनरेगा योजना को अंग्रेजी में “Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act (MGNREGA)” कहते हैं।
प्रश्न 3 : मनरेगा अधिनियम की धारा 25 क्या है?
उत्तर : धारा 25 में कहा गया है कि केंद्रीय सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर कामों को सही तरीके से लागू करने के लिए योजनाएं बनाएगी और उनकी निगरानी करेगी। यह धारा योजना के काम करने के तरीके और उसकी निगरानी से जुड़ी है।
प्रश्न 4 : मनरेगा किस विभाग में आता है?
उत्तर : मनरेगा योजना “ग्रामीण विकास मंत्रालय” (Ministry of Rural Development) के तहत आती है।
प्रश्न 5 : मनरेगा का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर : मनरेगा का दूसरा नाम “महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम” (MGNREGA) है।
प्रश्न 6 : मनरेगा का आविष्कार किसने किया था?
उत्तर : मनरेगा योजना की स्थापना भारत सरकार द्वारा की गई थी और इसे 2005 में लागू किया गया।
प्रश्न 7 : मनरेगा योजना में कितने दिन काम मिलता है?
उत्तर : मनरेगा योजना के तहत हर ग्रामीण परिवार को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिन का गारंटीकृत रोजगार मिलता है।
प्रश्न 8 : मनरेगा में फॉर्म 6 क्या है?
उत्तर : फॉर्म 6 एक जॉब कार्ड आवेदन फॉर्म है, जिसे श्रमिकों द्वारा मनरेगा में काम करने के लिए आवेदन करते समय भरना पड़ता है।
प्रश्न 9 : नरेगा का पूरा नाम क्या है?
उत्तर : नरेगा का पूरा नाम “National Rural Employment Guarantee Act” है।
प्रश्न 10 : मनरेगा के संस्थापक कौन थे?
उत्तर : मनरेगा योजना की स्थापना भारत सरकार द्वारा की गई थी, और इसे तत्कालीन सरकार के नेतृत्व में लागू किया गया।
प्रश्न 11 : मनरेगा दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर : मनरेगा दिवस 2 फरवरी को मनाया जाता है, यह दिन इस योजना की शुरुआत की याद में मनाया जाता है।
प्रश्न 12 : मनरेगा में किन दो कार्यक्रमों का विलय किया गया है?
उत्तर : मनरेगा में “नेशनल रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट प्रोग्राम” (NRIDP) और “सर्वकालिक ग्रामीण रोजगार योजना” का विलय किया गया है।
प्रश्न 13 : मनरेगा के तहत बेरोजगार लोगों से क्या वादा किया गया था?
उत्तर : मनरेगा के तहत बेरोजगार लोगों से यह वादा किया गया था कि उन्हें हर साल 100 दिनों तक गारंटीकृत रोजगार मिलेगा, और यह काम केवल मजदूरी के बदले होगा।
FAQs
MGNREGA का पूरा नाम है महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम। यह एक सरकारी योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी को कम करना और गरीब परिवारों को 100 दिनों का रोजगार प्रदान करना है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को 7 सितंबर, 2005 को विधान द्वारा अधिनियमित किया गया था। हालांकि, इसे 2 फ़रवरी, 2006 को 200 ज़िलों में लागू किया गया था।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को भारत में 2 अक्टूबर 2009 को कानून के रूप में लागू किया गया, ताकि गरीब परिवारों को हर साल 100 दिनों का काम मिल सके और उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो।
MGNREGA (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) भारतीय संविधान के अनुच्छेद 41 और अनुच्छेद 21 से प्रेरित है।
भारत का कोई भी ग्रामीण परिवार जिसका कोई सदस्य मजदूरी करने को तैयार है, पात्र है।
MGNREGA के तहत हर ग्रामीण परिवार को 100 दिनों का रोजगार दिया जाता है।
रोजगार पाने के लिए व्यक्ति को पंचायत में आवेदन करना होता है।
यह योजना ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करके उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाती है।
मनरेगा (MGNREGA) के मुख्य हितधारक ग्रामीण मजदूर हैं, जो रोजगार की तलाश में होते हैं। ये मजदूर, विशेष रूप से भूमिहीन किसान और गरीब परिवार, इस योजना के माध्यम से 100 दिनों का रोजगार पाकर अपनी आजीविका सुनिश्चित करते हैं।
मनरेगा के तहत ग्राम प्रधान मुख्य अधिकारी होता है, जो जॉब कार्ड जारी करने, मजदूरों को काम देने और कार्यों की निगरानी का काम करता है।
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