बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी एक स्पेशलाइज्ड डिग्री है जो डायलिसिस की टेक्नोलॉजी को समझने और उसपर काम करने की प्रकिया पर बेस्ड है। यह एक तीन साल की अंडरग्रेजुएट डिग्री है जो आपको एक आर्टिफिशियल प्रोसेस का ज्ञान देने की तरफ केंद्रित है जिसमें मशीन के ज़रिए शरीर में खून का अनचाहा पानी अलग किया जाता है। यह कोर्स मुख्यतः ऐसे ग्रेजुएट्स को ट्रैन करने के लिए है जो स्पेशलिस्टस के अंडर रहकर विभिन्न ट्रीटमेंट के प्रोसेस में उनकी मदद कर सकें। इस कोर्स में कैंडिडेट विभिन्न मेडिकल कॉन्सेप्ट्स को बारीकी से जानेगा जिसमें किडनी, प्रिंसिपल्स ऑफ़ डायलिसिस, डायलिसिस सिस्टम्स एंड मशीनस, ब्लड केमिस्ट्री आदि शामिल है। इस कोर्स में आपको भिन्न भिन्न मशीनस को इस्तेमाल करने की प्रक्रिया भी सिखाई जाती है जो पेशेंट को ठीक करने के काम आती हैं। टेक्नोलॉजी के लगातार प्रोग्रेस होने के कारण यह कोर्स मार्केट में अत्यंत प्रसिद्ध है। इस कोर्स से जुड़ी बेहतर जानकारी पाने के लिए इस ब्लॉग को आगे तक पढ़ें।
कोर्स लेवल | अंडरग्रेजुएट |
फुल फॉर्म | बैचलर ऑफ़ साइंस इन डायलिसिस टेक्नोलॉजी |
अवधि | तीन साल |
योग्यताएं | साइंस से बारहवीं पास करना आवश्यक। |
जॉब प्रोफाइल | डायलिसिस थेरेपिस्ट, क्लीनिकल कोऑर्डिनेटर, डायलिसिस टेक्नीशियन, मेडिकल टेक्नीशियन, मेडिकल लेबोरटरी अस्सिस्टेंट, मेडिकल टेक्नीशियन, आदि। |
This Blog Includes:
- बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी क्या है?
- बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी क्यों करें?
- बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी सिलेबस
- विदेश में बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी कोर्स के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज़
- भारत में बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी कोर्स के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज
- बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी के लिए योग्यताएं
- आवेदन प्रक्रिया
- आवश्यक दस्तावेज़
- प्रवेश परीक्षाएं
- करियर स्कोप
- जॉब प्रोफाइल एंड सैलरी
- FAQs
बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी क्या है?
बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी एक तीन साल का अंडरग्रेजुएट कोर्स है जो मुख्य रूप से किडनी से जुड़ी प्रॉब्लम्स की तरफ केंद्रित है। इसे नेफ्रोलॉजी का हाइली स्पेशलाइज़्ड हिस्सा भी कहा जा सकता है। यह कोर्स न सिर्फ डायलिसिस टेक्नोलॉजी के बारे में है बल्कि इस कोर्स में स्पेशलाइज़्ड डॉक्टर को असिस्ट करने और पेशेंट को बेस्ट रेनल केयर देने की कला भी सिखाई जाती है। इस बात को गहराई से जानें तो एक डायलिसिस टेक्नोलॉजिस्ट ट्रेंड प्रोफेशनल्स होते हैं जो मेडिकल डिवाइसेज और इक्विपमेंट्स के प्रोसेस को मॉनिटर करते हैं। उन्हें पुरे प्रोसेस और सभी स्टेप्स की पूरी नॉलेज होती है जिसमें प्रोसीजर को प्रिपेयर करने से एक्ज़िक्युट करने तक का प्रोसेस शामिल होता है।
बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी क्यों करें?
बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी को करने के फायदों की लिस्ट में नीचे दिए गए पॉइंट्स आपको बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी कोर्स करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
- बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी स्टूडेंट्स को डायलिसिस से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी देने में सक्षम है।
- बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी का सिलेबस प्रैक्टिकल और थ्योरी दोनों तरीकों से आपको डायलिसिस से जुड़ी स्किल्स से अवगत कराता है। प्राईमरी स्टेप्स की बात की जाए तो यह आपको डायलिसिस टेक्नोलॉजी में स्किल्स और बेहतर ज्ञान की तरफ ढकेलने की प्रक्रिया के बारे में है।
- इस कोर्स का मोटिव पब्लिक हैल्थ प्रोफेशनल्स की क्वालिटी को बढ़ाना है जिसमें स्पेशलिस्ट्स डॉक्टर्स के अंडर काम करने वाले प्रोफेशनल्स भी मरीज़ों की तकलीफ और टेक्नोलॉजी दोनों को बेहतर तरीके से समझने के काबिल हों।
- इस टेक्नोलॉजी या कहें बाकी हेल्थ केयर से जुड़ी टेक्नोलॉजी के साथ अगर आप मेडिकल फील्ड की बेहतर नॉलेज रखते हैं तो भविष्य में मिलने वाले मौके आपको एक बेहतर ग्रोथ देने में सक्षम साबित होते हैं।
बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी सिलेबस
बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी के सिलेबस में आपकी चुनी गई यूनिवर्सिटी या इंस्टीट्यूशन के अनुसार बदलाव देखने को मिल सकता है। बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी के करिक्युलम में आने वाले कुछ सब्जेक्ट्स की सूची नीचे दी गई है :
वर्ष 1
हिस्ट्री ऑफ़ डायलिसिस | सुपरवाइज़िंग पेशेंट एंड मेडिसिन |
ब्लड | कॉन्सेप्ट ऑफ़ रेनल डिज़ीज़, डायलिसिस एंड न्यूट्रिशन |
वर्ष 2
ह्यूमन एनाटॉमी एंड फिजियोलॉजी | अप्लाइड एनाटॉमी एंड फिजियोलॉजी रिलेटेड तो डायलिसिस टेक्नोलॉजी |
ह्यूमन एनाटॉमी | सेंट्रल नर्वस सिस्टम्स |
वर्ष 3
फंक्शनिंग ऑफ़ किडनीस | फार्माकोलॉजी रिलेटेड टू डायलिसिस टेक्नोलॉजी | पेशेंट केयर मैनेजमेंट |
विदेश में बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी कोर्स के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज़
बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी के लिए विदेश की टॉप यूनिवर्सिटीज के नाम नीचे दिए गए हैं :
यूनिवर्सिटीज |
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, यूनाइटेड स्टेट्स |
द यूनिवर्सिटी ऑफ़ टोरंटो, कनाडा |
जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी |
द यूनिवर्सिटी ऑफ़ ऑक्सफ़ोर्ड, UK |
यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैंब्रिज, यूनाइटेड स्टेट्स |
यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलोफोर्निया सैन फ्रांसिस्को, यूनाइटेड स्टेट्स |
यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेंसिल्वेनिया, यूनाइटेड स्टेट्स |
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूनाइटेड स्टेट्स |
मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी |
यूनिवर्सिटी ऑफ़ वाशिंगटन |
कर्नल यूनिवर्सिटी |
येल यूनिवर्सिटी |
भारत में बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी कोर्स के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज
बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज निम्नलिखित हैं :
- मणिपाल यूनिवर्सिटी, कर्नाटक
- JIPMER, पॉन्डिचेरी
- JSS यूनिवर्सिटी, मैसोर
- जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, दिल्ली
- जामिआ हमदर्द यूनिवर्सिटी, दिल्ली
- MGMIHS, मुंबई
- M.M.M. कॉलेज ऑफ़ हैल्थ साइंस, चेन्नई
- AJ इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर
बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी के लिए योग्यताएं
अगर आप अब्रॉड में मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी की डिग्री के लिए पढ़ने जा रहे हैं तो आपको कुछ योग्यताओं के बारे में पता होना आवश्यक होगा। वैसे तो ये आवश्यकताएं कोर्सेज के स्तर के अनुसार भिन्न होती हैं, जैसे बैचलर, मास्टर या डिप्लोमा। बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी में कोर्स के लिए कुछ सामान्य योग्यताएं इस प्रकार हैं:
- बैचलर्स डिग्री प्रोग्राम के लिए ज़रुरी है कि उम्मीदवारों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2(PCM) में कम से कम 50 % मार्क्स अर्जित किए हों।
- कुछ यूनिवर्सिटीज प्रवेश परीक्षा के आधार पर भी एडमिशन स्वीकार करतीं हैं।
- विदेश की अधिकतर यूनिवर्सिटीज मास्टर्स कोर्सेज के लिए GRE स्कोर की मांग करते हैं।
- साथ ही मास्टर्स में एडमिशन के लिए आपकी अंडरग्रेजुएट डिग्री में कम से कम 50 % मार्क्स का होना आवश्यक है।
- विदेश की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए IELTS या TOEFL टेस्ट स्कोर, अंग्रेजी प्रोफिशिएंसी के प्रमाण के रूप में ज़रूरी होते हैं।
- विदेश यूनिवर्सिटीज में पढ़ने के लिए SOP, LOR, सीवी/रिज्यूमे और पोर्टफोलियो भी जमा करने की ज़रूरत होती है।
आवेदन प्रक्रिया
विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:
- आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं।
- एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे।
- अगला कदम अपने सभी दस्तावेज़ों जैसे SOP, निबंध, सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टैस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है।
- यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
- आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीज़ा और छात्रवृत्ति/छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे ।
- अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लैटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है।
भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है:
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूज़र नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज़
कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ों की लिस्ट नीचे दी गई है–
- आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्ट
- स्कैन किए हुए पासपोर्ट की कॉपी
- IELTS या TOEFL, आवश्यक टेस्ट स्कोर
- प्रोफेशनल/एकेडमिक LORs
- SOP
- निबंध (यदि आवश्यक हो)
- पोर्टफोलियो (यदि आवश्यक हो)
- अपडेट किया गया सीवी/रिज्यूमे
- एक पासपोर्ट और छात्र वीज़ा
- बैंक विवरण
प्रवेश परीक्षाएं
बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी के लिए निम्नलिखित एंट्रेंस एग्जाम को महत्वपूर्ण माना गया है :
- JEE Mains
- BITSAT
- COMEDK
- VITEEE
- SRMJEEE
- UPSEE
करियर स्कोप
बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी के बाद आप प्राइवेट और गवर्नमेंट दोनों की सेक्टर्स में आराम से नौकरी पा सकते हैं। इसके अलावा अगर आप चाहें तो आगे की पढ़ाई कर मेडिकल कॉलेज में टीचर बनने के योग्य भी बन सकते हैं। कोर्स पूरा होने के बाद एक ग्रेजुएट डायलिसिस के प्रोसेस को संभालने के योग्य हो जाता है। मुख्य रूप से एक डायलिसिस टेक्नीशियन का काम डायलिसिस पर आए पेशेंट की इंस्ट्रक्शन और मेजरिंग वाइटल साईं को परखना होता है। यह ग्रेजुएट्स चाहें तो प्राइवेट सेक्टर में डायलिसिस टेक्नीशियन और थेरेपिस्ट जैसी प्रोफाइल के साथ काम कर सकते हैं। बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी के ग्रेजुएट्स के लिए पॉप्युलर जॉब प्रोफाइल्स निम्लिखित हैं:
- डायलिसिस टेक्नीशियन
- लेक्चरर
- डायलिसिस थेरेपिस्ट
- मेडिकल टेक्नीशियन
- क्लीनिकल कोऑर्डिनेटर
जॉब प्रोफाइल एंड सैलरी
बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी के ग्रेजुएट्स को मिलने वाली जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी नीचे दी गई है :
जॉब प्रोफाइल्स | एवरेज सैलरी |
डायलिसिस टेक्नीशियन | INR 6-7 लाख |
नेफ्रोलॉजिस्ट | INR 5-7 लाख |
डायलिसिस थेरेपिस्ट | INR 4-6 लाख |
मेडिकल लेबोरटरी असिस्टेंट | INR 3-5 लाख |
मेडिकल टेक्नीशियन | INR 4-5 लाख |
डायलिसिस असिस्टेंट | INR 4-6 लाख |
FAQs
बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी तीन साल का डिग्री कोर्स है जो छात्रों को प्रशिक्षित डायलिसिस तकनीशियन बनने के लिए तैयार करता है जो गुर्दे की विफलता के रोगियों को विशेष देखभाल प्रदान करने के लिए अस्पतालों को मजबूत पैरामेडिकल सपोर्ट सिस्टम प्रदान करते हैं।
बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी फ्रेशर्स प्रति वर्ष लगभग 2.5 लाख कमाएंगे। उनके करियर के दौरान प्राप्त अनुभव और सीखे गए कौशल के अनुसार वेतन में भी वृद्धि होगी।
डायलिसिस टेक्नोलॉजी पैरामेडिकल से जुड़ा कोर्स है, इसलिए इस सेक्टर में करियर के अवसर भी ज्यादा हैं। इस सेक्टर में आप विभिन्न हॉस्पिटल और नर्सिंग होम, डायलिसिस सेंटर में जॉब तलाश सकते हैं। चूंकि आज के समय मे हॉस्पिटल्स की कमी नहीं है, इसलिए आपको जॉब के लिए ज्यादा भटकना नहीं पड़ेगा।
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