डिप्लोमा आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग क्या है और कैसे करें?

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डिप्लोमा आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग

डिप्लोमा आर्किटेक्चरल इंजीनियरिंग कोर्स विभिन्न साइंटिफिक टेक्नीक्स और टेक्नोलॉजी के माध्यम से स्ट्रक्चरल रूप से फ्लेक्सिबल और एनर्जी एफिशिएंट इमारतों के डिजाइन, निर्माण और रखरखाव के लिए आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग के पहलुओं को एक साथ रखता है। इस कोर्स को करने के लिए आप सीधे 10वीं कक्षा के बाद किसी संस्थान में प्रवेश पा सकते हैं तथा इस बाद अपनी पढ़ाई जारी भी रख सकते हैं। इस ब्लॉग में डिप्लोमा आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग के बारे में बताया गया है इस कोर्स के बारे में अधिक जानने के लिए अंत तक पढ़ें। 

कोर्स का नाम डिप्लोमा इन आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग 
कोर्स का लेवलडिप्लोमा
एग्जामिनेशन टाइप ईयरली/सेमेस्टर वाइज़
भारत में एवरेज ट्यूशन फीस लगभग INR 15 से 60 हज़ार 
योग्यता 10वीं कक्षा में 60% 
एडमिशन प्रक्रिया मेरिट बेस्ड/ एंट्रेंस बेस्ड 
भारतीय कॉलेज APC पॉलिटेक्निक, जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, जयपुर पॉलिटेक्निक आदि। 
टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज़ फैंशेव कॉलेजहंबर कॉलेजजॉर्ज ब्राउन कॉलेज आदि। 
जॉब प्रोफाइल सिविल इंजीनियर, असिस्टेंट आर्किटेक्ट, हाईवे इंजीनियर आदि। 
टॉप रिक्रूटर्सikix 3d prints, Mars BIM, CBRE आदि। 

डिप्लोमा आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग क्या होती है?

डिप्लोमा आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग तीन वर्ष की अवधि वाला कोर्स है जो की बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन तथा डिजाइन से संबंधित है। आर्किटेक्चरल इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट, डिजाइन और निर्माण से लेकर निर्मित बिल्डिंग के संचालन तक कई टेक्निकल पहलुओं से संबंधित है। बहुत से लोग एक आर्किटेक्ट को एक आर्किटेक्चरल इंजीनियर के साथ भ्रमित करते हैं, लेकिन तथ्य यह है कि दोनों के बीच एक बड़ा अंतर है, एक आर्किटेक्ट बिल्डिंग के आर्टिस्टिक एक्सप्रेशन पर ध्यान केंद्रित करता है जबकि आर्किटेक्चरल इंजीनियरिंग में टेक्निक शामिल होती है। 

डिप्लोमा आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग क्यों चुनें?

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स को क्यों चुनें इसके कुछ प्रमुख कारण नीचे दिए गए हैं:

  • डिप्लोमा आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग एक मल्टी डिसिप्लिनरी क्षेत्र है। भवन और अन्य स्ट्रक्चर्स के टेक्निकल भाग के लिए मजबूत एनालिटिकल एबिलिटीज़ की आवश्यकता होती है। आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग उन कुछ क्षेत्रों में से एक है जहां आप एक ही समय में क्रिएटिव और एनालिटिकल दोनों हो सकते हैं।
  • एक पेशे के रूप में देखा जाए तो आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग हमेशा बदल रहा है, और निर्माण विधियों और प्रक्रियाओं के मामले में जनता और उनके ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करना एक आर्किटेक्ट का काम है। आर्किटेक्ट्स को नए आर्किटेक्चरल कॉन्सेप्ट्स को डेवलप करने की आवश्यकता होती है जो मॉडर्न प्रोजेक्ट्स को कैसे पूरा किया जाता है, इसकी सीमाओं को आगे बढ़ाते हैं, जिससे यह एक गतिशील और हमेशा बदलने वाला अनुशासन बन जाता है।
  • डिप्लोमा आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग कोर्स के बाद एक आर्किटेक्ट के रूप में, आपको कई नए स्थानों पर जाने की आवश्यकता होगी जहाँ आपके ग्राहक अपने डिजाइन स्थापित या निर्मित करना चाहते हैं। यह किसी एक स्थान तक सीमित नहीं है; यह आपको ग्लोब का पता लगाने और विचारों और संरचनाओं का निर्माण करने की अनुमति देता है।
  • इस कोर्स के बाद आप जॉब प्राप्त कर सकते हैं या फिर अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए आसानी से बीटेक के सेकंड ईयर में प्रवेश पा सकते हैं।

स्किल्स 

इस कोर्स के दौरान प्रमुख स्किल्स जो कि एक विद्यार्थी के पास होनी चाहिए निम्न हैं:

  • एनालिटिकल स्किल्स
  • क्रिटिकल थिंकिंग
  • प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स
  • साइंस, मैथमेटिक्स और इंजीनियरिंग  प्रिंसिपल्स का ज्ञान
  • टाइम मैनेजमेंट स्किल्स
  • टीम वर्किंग
  • कम्युनिकेशन स्किल्स
  • कंप्यूटर एडेड ड्राफ्टिंग
  • इंडस्ट्री में ट्रेंड्स से संबंधित जानकारी को समझना

डिप्लोमा आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग कैसे करें? स्टेप बाय स्टेप गाइड

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड नीचे दी गई है। जिसकी सहायता से आप अपनी तैयारी कर सकते हैं:

  • स्टेप 1: आप आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स के लिए अपनी 10वीं कक्षा को 55% अंको के साथ पूर्ण करें। 10वीं के बाद आप इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं।  
  • स्टेप 2: 11वीं कक्षा में मैथमेटिक्स के स्ट्रीम को चुनकर आप अपनी 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं।  
  • स्टेप 3: आप अपने लिए किसी कॉलेज को चुनकर उसमें एडमिशन प्राप्त कर सकते हैं। कई सारे ऐसे संस्थान हैं जो साउंड इंजीनियरिंग में डिप्लोमा ऑफर करते हैं। 
  • स्टेप 4: किसी यूनिवर्सिटी को चुनने के बाद उसके एंट्रेंस एग्जाम के बारे में जानकारी प्राप्त करके उसकी तैयारी करें।
  • स्टेप 5: आप अपने डिप्लोमा कोर्स की अवधि पूर्ण होने के बाद में आसानी से जॉब प्राप्त कर सकते हैं। 

सिलेबस

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स का सिलेबस नीचे दिया गया है:

फर्स्ट ईयर सेकंड ईयर थर्ड ईयर 
स्ट्रेंथ ऑफ मटेरियलइंटीरियर एंड एक्सटीरियर डिजाइनफाउंडेशन डिजाइन
मैथमेटिक्सकंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट मैनेजमेंटएस्टीमेशंस, कोस्टिंग एंड स्पेसिफिकेशंस
सिविल ड्राफ्ट्समैन एंड आर्किटेक्चरबिल्डिंग कंस्ट्रक्शनकंक्रीट टेक्नोलॉजी
बिजनेस कम्युनिकेशनस्ट्रक्चरल इंजीनियरिंगइलेक्टिव सब्जेक्ट
इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी आर्किटेक्चरल डिजाइनप्रोजेक्ट
प्रैक्टिकलप्रैक्टिकलप्रैक्टिकल

टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज़

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स प्रदान करने वाली टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज़ के नाम नीचे दिए गए हैं:

टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज़

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज़ के नाम नीचे दिए गए हैं:

  • एकेडमी ऑफ आर्किटेक्चर
  • ऐसीएन कॉलेज ऑफ पॉलिटेक्निक
  • एमी इंस्टिट्यूट
  • एपीएस पॉलिटेक्निक
  • आर्यभट पॉलिटेक्निक
  • कोचीन टेक्निकल कॉलेज
  • देवघर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
  • गौतम गर्ल्स पॉलिटेक्निक
  • गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक
  • दिल्ली पॉलिटेक्निक कॉलेज
  • जयपुर पॉलिटेक्निक कॉलेज
  • वालचनाड कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग
  • GLA यूनिवर्सिटी
  • जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी

योग्यता

विदेश के शीर्ष यूनिवर्सिटीज़ से आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा का कोर्स करने के लिए, आपको कुछ पात्रता शर्तों को पूरा करना होगा। हालांकि योग्यता मानदंड एक यूनिवर्सिटी से दूसरे यूनिवर्सिटी में भिन्न हो सकते हैं, यहां कुछ सामान्य शर्तें दी हैं:

  • यदि आपको 10वीं कक्षा के आधार पर एडमिशन लेना है 10वीं कक्षा मे आपके कम से कम 55% अंक होने चाहिए। 
  • आवेदक के बारहवीं में अंक कम से कम 50% से अधिक होने अनिवार्य हैं।
  • आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स के  कोर्स में एडमिशन के लिए कुछ यूनिवर्सिटी प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं इसके बाद ही आप इन कोर्सेज के लिए एलिजिबल हो सकते हैं। 
  • किसी भी यूनिवर्सिटी में किसी कोर्स के लिए SAT/ACT की मांग भी की जा सकती है।
  • साथ ही विदेश के लिए आपको ऊपर दी गई आवश्यकताओं के साथ IELTS या TOEFL स्कोर की भी आवश्यकता होती है। 

क्या आप IELTS/TOEFL/SAT/GRE में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते हैं? आज ही इन टेस्ट की बेहतरीन तैयारी के लिए Leverage Live पर रजिस्टर करें और अच्छे अंक प्राप्त करें।

आवेदन प्रक्रिया

कैंडिडेट को आवदेन करने के लिए नीचे दी गई प्रक्रिया को पूरा करना होगा:

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप हमारे AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध (essay), सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप हमारी Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीज़ा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

आवदेन प्रक्रिया से सम्बन्धित जानकारी और मदद के लिए Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से 1800 572 000 पर संपर्क करें।

भारतीय यूनिवर्सिटी के लिए आवेदन प्रक्रिया 

भारतीय यूनिवर्सिटीज़ द्वारा आवेदन प्रक्रिया नीचे मौजूद है-

  • सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  • यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

आवश्यक दस्तावेज़

आपको निम्न आवश्यक दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:

छात्र वीज़ा पाने के लिए भी हमारे Leverage Edu  विशेषज्ञ आपकी हर सम्भव मदद करेंगे।

प्रवेश प्रक्रिया

अलग-अलग कॉलेजों में एडमिशन प्राप्त करने के लिए प्रवेश परीक्षाएं अलग प्रकार की होती है लेकिन कुछ ऐसी सामान्य परीक्षाएं है जो अधिकतर सभी कॉलेज या यूनिवर्सिटीज़ के द्वारा मान्य होती हैं उनमें से कुछ इस प्रकार हैं: 

विदेशी प्रवेश परीक्षाएं

लैंग्वेज रिक्वायरमेंट

भारतीय प्रवेश परीक्षाएं 

  • JEECUP
  • JEXPO
  • Odisha DET
  • AP POLYCET
  • Assam PAT
  • BCECE
  • HP PAT
  • Delhi CET

आवश्यक पुस्तकें

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए नीचे कुछ आवश्यक पुस्तकें दी गई हैं:

आवश्यक पुस्तकें लेखक का नामयहां से खरीदें
सिविल ड्राफ्टिंग टेक्नोलॉजीडेविड मेडसन, टेरेंस शूमेकर यहां से खरीदें
फंडामेंटल्स ऑफ बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन: मैटेरियल्स एंड मेथड्सएडवर्ड एलेन, जोसेफ लाने यहां से खरीदें
कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट मैनेजमेंटपॉल नेटशरयहां से खरीदें
फंडामेंटल्स ऑफ स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग जेजे कोनोर, सुसन फाराजी यहां से खरीदें
कंक्रीट टेक्नोलॉजी: थ्योरी एंड प्रैक्टिसएमएस शेट्टी, एके जैनयहां से खरीदें

करियर विकल्प

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल करने के बाद आप अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं इसके लिए आप किसी बैचलर डिग्री कोर्स में प्रवेश प्राप्त करने के बाद मास्टर्स डिग्री भी प्राप्त कर सकते हैं। कुछ टॉप कोर्सेज और टॉप रिक्रूटर्स की लिस्ट नीचे दी गई है:

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के बाद टॉप कोर्सेज 

  • Master of Architecture
  • BSc in Architecture Engineering
  • PhD in AE
  • Integrated Bachelor/Master of AE
  • MEng in AE
  • MSc AE
  • MSc Architectural Engineering Design
  • MEng AE
  • MPhil in Architecture Engineering
  • BEng (Hons) Architectural Environment Engineering
  • MEng (Hons) Architectural Environment Engineering
  • BEng (Hons) in AE
  • MEng (Hons) in AE
  • Bachelor of Applied Science in Architectural Engineering
  • MSc in Civil & Architectural Engineering
  • PhD in Civil & Architectural Engineering
  • B Tech Architecture Engineering

टॉप रिक्रूटर्स

  • CAD Outsourcing Services
  • ikix 3d prints
  • Mars BIM
  • CBRE
  • Kolte Patil
  • Virtual Building Studio
  • Vimalsoni Associates
  • Axis Architects and Urban Planners
  • Morphogenesis

जॉब प्रोफाइल और सैलरी पैकेज

Glassdoor.in के अनुसार आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स करने के बाद में जॉब प्रोफाइल तथा अनुमानित सालाना वेतन निम्न प्रकार से हो सकता है:

जॉब प्रोफाइल एवरेज सैलरी पैकेज 
सिविल इंजीनियरINR 4 लाख से 6 लाख
असिस्टेंट आर्किटेक्टINR 10 लाख से 16 लाख
हाईवे इंजीनियरINR 6 लाख से 8 लाख
बिल्डिंग कॉन्ट्रैक्टरINR 15 लाख से 20 लाख
लेआउट डिजाइनरINR 14 लाख से 18 लाख
इंटीरियर डिजाइनर INR 15 लाख से 20 लाख

FAQs

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा क्या होता है?

आसान शब्दों में समझें तो आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा निर्माण भवन डिजाइन और प्रोजेक्ट से संबंधित मूल अवधारणाओं, मौलिक सिद्धांतों, तकनीकी और वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर थ्योरिटिकल और प्रैक्टिकल ज्ञान प्रदान करता है।

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के बाद कौनसे कोर्स किया जा सकते हैं?

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के बाद में आप विभिन्न बैचलर, मास्टर्स तथा पीएचडी कोर्स कर सकते हैं। 

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स की अवधि कितनी है?

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स की अवधि 3 वर्ष है। 

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स के बाद कितना सैलरी पैकेज प्राप्त होता है?

आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स के करने के बाद आप आसानी से INR 2 लाख से 3 लाख तक का सैलरी पैकेज प्राप्त कर सकते हैं। 

उम्मीद है कि आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के संदर्भ में हमारा यह ब्लॉग आपको पसंद आया होगा। यदि आप भी किसी विदेशी यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते हैं तो आज ही 1800 572 000 पर कॉल करके हमारे Leverage Edu  के एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें। वे एक उचित मार्गदर्शन के साथ आवेदन प्रक्रिया में भी आपकी मदद करेंगे।

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