विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस हर साल 10 सितंबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य आत्महत्या से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इस गंभीर सामाजिक समस्या को रोकने के उपायों को प्रोत्साहित करना है। यह दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अंतर्राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम संघ (IASP) द्वारा मिलकर आयोजित किया जाता है। आत्महत्या एक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती है, जिससे हर साल लाखों लोग प्रभावित होते हैं। इस दिवस के माध्यम से सरकारों, संगठनों, समुदायों और व्यक्तिगत स्तर पर लोगों को आत्महत्या रोकने के लिए कदम उठाने की प्रेरणा दी जाती है, जिसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए। इसलिए इस ब्लॉग में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day in Hindi) की थीम, इतिहास और महत्व के बारे में बताया गया है।
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क्या है विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस?
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day in Hindi) एक विश्व विशेष दिवस है, जिसका उद्देश्य आत्महत्या को रोकने और उसके प्रति जागरूकता फैलाना है। यह दिन विश्व भर में 10 सितंबर को मनाया जाता है।
आत्महत्या एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जिसमें व्यक्ति अपने जीवन को खत्म करने की कोशिश करता है। यह दिन लोगों को आत्महत्या के खिलाफ सहयोग और समर्थन प्रदान करने के लिए जागरूक करता है और सामाजिक मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों पर ध्यान देने का संदेश देता है। इस दिन कई आयोजन और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिनमें आत्महत्या के प्रति जागरूकता बढ़ाने और समर्थन प्रदान करने का प्रयास किया जाता है।
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं, जैसे कि आत्महत्या करने के लक्षणों की पहचान, बचाव और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। यह दिन भी आत्महत्या के प्रभाव को कम करने के लिए सामाजिक, सांस्कृतिक और सार्वजनिक स्तर पर कई प्रयासों का हिस्सा बनता है।
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विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का उद्देश्य क्या है?
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day in Hindi) के माध्यम से निम्नलिखित मुख्य उद्देश्य होते हैं :
- आत्महत्या की रोकथाम: इस दिन का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोगों को आत्महत्या की रोकथाम में सहयोग करने और इसे रोकने के तरीकों के बारे में जागरूक किया जाए।
- मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता: इस दिन के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को बढ़ावा दिया जाता है और यह बताया जाता है कि मानसिक स्वास्थ्य की सही देखभाल और समर्थन कितना महत्वपूर्ण है।
- सामाजिक समर्थन: इस दिन का माध्यम से लोगों को सामाजिक समर्थन और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता के बारे में जागरूक किया जाता है, ताकि वे आत्महत्या से पीड़ित व्यक्तिओं को सही समय पर सहायता प्रदान कर सकें।
- आत्महत्या के प्रभाव: इस दिन के माध्यम से आत्महत्या के प्रभाव को समझाया जाता है, जैसे कि इसके परिवार और समुदाय पर क्या प्रभाव पड़ता है।
- सामाजिक संवाद: यह एक मानवाधिकार और सामाजिक संवाद का माध्यम भी होता है, जिसमें लोग आत्महत्या और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करते हैं और समाज में जागरूकता फैलाते हैं।
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का इतिहास
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का इतिहास (History of World Suicide Prevention Day in Hindi) यहाँ दिया गया है :
- विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पहली बार 10 सितंबर 2003 को मनाया गया था।
- इसकी शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मिलकर की थी।
- इस दिवस का मुख्य उद्देश्य आत्महत्या रोकथाम के लिए वैश्विक जागरूकता फैलाना और आत्महत्या से संबंधित मुद्दों पर बातचीत को प्रोत्साहित करना था।
- इस दिवस की स्थापना इस विचार के आधार पर की गई थी कि आत्महत्या एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है, जिसे रोकने के लिए वैश्विक सहयोग और समर्थन की आवश्यकता है।
- IASP और WHO ने इसे एक मंच के रूप में स्थापित किया, ताकि आत्महत्या के बारे में मिथकों को तोड़ा जा सके और आत्महत्या की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें।
- इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में सरकारों, संगठनों, मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों और आम जनता को इस समस्या की गहराई को समझने और आत्महत्या से बचाव के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करना है।
- धीरे-धीरे इस दिवस ने एक वैश्विक आंदोलन का रूप ले लिया, जिसमें सैकड़ों देशों में कार्यक्रमों और अभियानों के माध्यम से आत्महत्या रोकथाम के प्रति जागरूकता फैलाई जाती है।
- इस प्रकार विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का इतिहास मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या के प्रति जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों का प्रतीक है, जो आत्महत्या को रोकने और बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है।
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विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का महत्व
इस दिन को मनाने का खास मकसद इस बात को लोगों तक पहुंचाना है कि आत्महत्याओं को रोका जा सकता है। साथ ही उन्हें यह भी बताना है कि आत्महत्या के अलावा जीवन में और भी बेहतर विकल्प हैं।
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 2024 की थीम क्या है?
किसी भी दिवस को मनाने के लिए एक थीम निर्धारित की जाती है। ऐसे ही हर साल वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे (World Suicide Prevention Day in Hindi) एक ख़ास थीम पर आधारित होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 2024 के लिए ‘चेंजिंग द नैरेटिव ऑन सुसाइड’ (Changing the Narrative on Suicide) की थीम रखी है। इससे पहले साल 2023 में इस दिवस की थीम ‘क्रिएटिंग होप थ्रू एक्शन’ (Creating Hope Through Action) रखी गई थी।
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस कैसे मनाया जाता है?
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस को मनाने के लिए निम्नलिखित कुछ तरीके यहाँ दिए गए हैं :
- सेमिनार: स्थानीय समुदायों और संगठनों को मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या के विषय में जागरूक करने के लिए सेमिनार आयोजित करने का विचार रखा जा सकता है। यहाँ पर मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों और अन्य विशेषज्ञों की सलाह और मार्गदर्शन प्राप्त किया जा सकता है।
- एजुकेशनल प्रोग्राम: स्कूल, कॉलेज, और अन्य शैक्षिक संस्थानों में आत्महत्या पर जागरूकता फैलाने के लिए शिक्षात्मक कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं। छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में शिक्षा दी जा सकती है।
- सामाजिक मीडिया कैंपेन: आत्महत्या पर जागरूकता फैलाने के लिए वीडियो, पोस्टर, और सामाजिक मीडिया कैंपेन चलाए जा सकते हैं। इसके माध्यम से लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूक किया जा सकता है।
- साझा कहानियां: आत्महत्या के बारे में सफल उदाहरण और प्रेरणादायक कहानियों को साझा करना भी लोगों को सहायता प्रदान कर सकता है।
- मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ: आत्महत्या के विचारों से प्रभावित लोगों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना भी एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
- स्वयंसेवा: आप अपने समुदाय में आत्महत्या पर जागरूकता फैलाने के लिए स्वयंसेवा कर सकते हैं, अपने साथी लोगों के साथ बात कर सकते हैं और उन्हें सहायता प्रदान कर सकते हैं।
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आत्महत्या से जुड़े कुछ आंकड़ें
विश्व और भारत में आत्महत्या से जुड़े कुछ आकड़ो के बारे में यहाँ बताया गया है :
- दक्षिण कोरिया में वर्तमान में दुनिया भर के किसी भी देश की तुलना में आत्महत्या की दर सबसे अधिक है। दक्षिण कोरिया में महिलाओं में आत्महत्या की दर किसी भी अन्य देश की महिलाओं की तुलना में काफी अधिक है। फिर भी, आत्महत्या आमतौर पर महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक प्रचलित है।
- किशोर आत्महत्या हमेशा एक गंभीर और कठिन विषय है। एक हालिया सर्वेक्षण में पाया गया कि संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 30 प्रतिशत महिला हाई स्कूल छात्रों ने पिछले वर्ष 14 प्रतिशत पुरुष छात्रों की तुलना में आत्महत्या का प्रयास करने पर गंभीरता से विचार किया था। संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रति 100,000 जनसंख्या पर किशोरों में औसतन लगभग 11 आत्महत्याएँ होती हैं। किशोर आत्महत्या की उच्चतम दर वाले राज्यों में इडाहो, कोलोराडो और यूटा शामिल हैं।
- राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़े देखें तो जहां 2020 में देशभर में कुल 12,526 विद्यार्थियों ने आत्महत्या की, वहीं 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 13,089 हो गया।
- आत्महत्या करने वाले विद्यार्थियों में 56.54 फीसद लड़के और 43.49 फीसदी लड़कियां थीं।
- अठारह साल से कम आयु के 10,732 किशोरों में से 864 ने तो परीक्षा में विफलता के कारण मौत को गले लगा लिया।
FAQs
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day) एक विश्व स्तरीय दिन है जो हर साल 10 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य आत्महत्या को रोकने, उसके कारणों को समझने, और मानवों को मानसिक स्वास्थ्य के मामले में जागरूक करने के लिए जागरूकता फैलाना है।
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का महत्व यह है कि यह आत्महत्या और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर जागरूकता फैलाने का माध्यम होता है। यह दिन लोगों को समझाता है कि आत्महत्या क्यों हो सकती है और कैसे इसे रोका जा सकता है। यह भी मानसिक स्वास्थ्य को महत्वपूर्ण बनाता है और उसके लिए समर्थन प्रदान करता है।
आत्महत्या के कारण विभिन्न हो सकते हैं, जैसे कि मानसिक दिक्कतें, दुख, तनाव, निराशा, संजीवनी दवाओं का अधिक प्रयोग, सामाजिक दूरी, आदि।
इस दिन को मनाने के लिए लोग विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करते हैं, जैसे कि सेमिनार, वार्षिक समागम, संवाद, प्रशिक्षण कार्यक्रम, और सामाजिक मीडिया पर जागरूकता फैलाने के प्रयास।
आत्महत्या के खिलाफ सहयोग करने के लिए लोगों को ध्यान में रखना चाहिए, मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में खुलकर बात करने का समर्थन करना चाहिए, और आवश्यकता पड़ने पर पेशेवर सहायता प्रदान करना चाहिए।
आत्महत्या की संकेतों में व्यक्ति का असमान व्यवहार, जीवन में रुचिकर्कता की कमी, अपने आप को समस्याओं के समाधान के लिए अकेला महसूस करना, या सुस्ती, उदासी, और उद्विग्नता शामिल हो सकती हैं।
आत्महत्या पर सहायता प्राप्त करने के लिए व्यक्तिगत सहायता, मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सा, और हेल्पलाइन सेवाएं (जैसे कि आत्महत्या प्रभावितों के लिए संजीवनी हेल्पलाइन) उपलब्ध हैं।
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