प्रतियोगी परीक्षाओं में करंट अफेयर्स से जुड़े क्वेश्चन पूछे जाते हैं, क्योंकि करंट अफेयर्स का उद्देश्य मनुष्य की समझ को विस्तार करना है। UPSC में प्री और मेंस एग्जाम के अलावा इंटरव्यू का भी महत्वपूर्ण रोल है, इसलिए कैंडिडेट्स को देश-दुनिया के बारे में जानना होगा और बड़ी घटनाओं को समझना होगा। इस ब्लाॅग में हम झारखंड की जनजातियाँ जानेंगे, जिसे आप अपनी तैयारी में जोड़ सकते हैं।
जनजाति के बारे में
जनजातियों में लोगों का एक समूह एक निश्चित और भौगोलिक क्षेत्र (shared geographical area) में एक साथ रहता है और काम करता है। एक जनजाति की एक समान संस्कृति, बोली और धर्म होता है। किसी भी जनजाति का नेतृत्व एक मुखिया करता है।
यह भी पढ़ें- भारत के किन राज्यों में अधिक जनजातियां हैं? जानें यहां
झारखंड की जनजातियाँ क्या हैं?
झारखंड की जनजातियों में भारत के झारखंड राज्य में रहने वाली 32 जनजातियां शामिल हैं। झारखंड में जनजातियों को मूल रूप से भारतीय मानवविज्ञानी ललिता प्रसाद विद्यार्थी द्वारा उनके सांस्कृतिक प्रकारों के आधार पर वर्गीकृत किया गया था। मुंडा, ओरांव, खारिया, गोंड, कोल, कांवर और सावर आदि प्रमुख जनजातियां हैं जिनके बारे में हम विस्तार से जानेंगे।
कोल
कोल जनजाति के लोग झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में होते हैं। ये लगभग पांच शताब्दी पहले मध्य भारत के छोटा नागपुर से आए थे। ये वन उपज पर निर्भर हैं और अनुसूचित जाति के रूप में नामित हैं।
यह भी पढ़ें- Bharat ki Pramukh Janjatiyan : भारत की प्रमुख जनजातियां कौन सी हैं?
मुंडा
मुंडा लोग भारत का एक ऑस्ट्रोएशियाटिक भाषी जातीय समूह हैं। वे मुख्य रूप से मुंडारी भाषा को अपनी मूल भाषा के रूप में बोलते हैं, जो ऑस्ट्रोएशियाटिक भाषाओं के मुंडा उपसमूह से संबंधित है। मुंडा मुख्य रूप से छोटानागपुर पठार क्षेत्र में पाए जाते हैं, जो झारखंड के अधिकांश हिस्से के साथ-साथ बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के पड़ोसी क्षेत्रों में भी फैला हुआ है। वे भारत की सबसे बड़ी अनुसूचित जनजातियों में से एक हैं।
बैगा
बैगा एक जातीय समूह है जो कम संख्या में उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड में पाया जाता है। बैगा की सबसे बड़ी संख्या मध्य प्रदेश के मंडला जिले और बालाघाट जिले के बैगा-चुक में पाई जाती है।
संथाल
संथाल या संथाल, दक्षिण एशिया का मूल निवासी मुंडा जातीय समूह है। जनसंख्या की दृष्टि से संथाल भारत के झारखंड राज्य की सबसे बड़ी जनजाति है और यह असम, त्रिपुरा, बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा और पश्चिम बंगाल राज्यों में भी पाई जाती है। नेपाल और भूटान में इनकी अच्छी खासी आबादी है। संथाल लोग संथाली बोलते हैं।
झारखंड की जनजातियों की सूची
झारखंड की जनजातियों की सूची इस प्रकार हैः
मुंडा | Munda |
संथाल | Santhal |
ओरांव | Oraon |
खारिया | Kharia |
गोंड | Gond |
कोल | Kol |
कांवर | Kanwar |
सावर | Savar |
असुर | Asur |
बैगा | Baiga |
बंजारा | Banjara |
बथुडी | Bathudi |
बेदिया | Bedia |
बिंझिया | Binjhia |
बिरहोर | Birhor |
बिरजियाली | Birjiali |
चेरो | Chero |
चिक-बराइक | Chik-Baraik |
गोराईट | Gorait |
हो | Ho |
करमाली | Karmali |
खरवार | Kharwar |
खोंड | Khond |
किसान | Kisan |
कोरा | Kora |
कोरवा | Korwa |
लोहरा | Lohra |
महली | Mahli |
माल-पहाड़िया | Mal-Paharia |
परहैया | Parhaiya |
सौरिया-पहड़िया | Sauria-Paharia |
भूमिज | Bhumij. |
यह भी पढ़ें- UPSC Question : आदिवासी संस्कृति क्या है? जानें यहां
झारखंड की जनजातीय आबादी क्या है?
झारखंड राज्य की अनुसूचित जनजाति (एसटी) जनसंख्या 2001 की जनगणना के अनुसार 7,087,068 है जो राज्य की कुल जनसंख्या (26,945,829) का 26.3 प्रतिशत है। अनुसूचित जनजातियां मुख्य रूप से ग्रामीण हैं क्योंकि उनमें से 91.7 प्रतिशत गांवों में रहते हैं।
FAQs
झारखंड में 32 जनजातीय समूह हैं।
2001 की जनगणना के अनुसार झारखंड राज्य के अनुसूचित जनजातियों (एसटी) की जनसंख्या 7,087,068 है।
झारखंड की दूसरी सबसे बड़ी जनजाति उरांव है।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको झारखंड की जनजातियाँ पता चल गई होगी। एग्जाम की तैयारी और बेहतर करने व UPSC में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।