प्रतियोगी परीक्षाओं में करंट अफेयर्स से जुड़े क्वेश्चन पूछे जाते हैं, क्योंकि करंट अफेयर्स का उद्देश्य मनुष्य की समझ को विस्तार करना है। UPSC में प्री और मेंस एग्जाम के अलावा इंटरव्यू का भी महत्वपूर्ण रोल है, जिसके लिए कैंडिडेट्स को देश-दुनिया के बारे में जानना होगा और बड़ी घटनाओं को समझना होगा, इसलिए आज के इस ब्लाॅग में हम भारत के पहले रक्षा मंत्री कौन थे? (Bharat ke Raksha Mantri) के बारे में जानेंगे जिससे आपकी तैयारी को मजबूती मिलेगी।
भारत के पहले रक्षा मंत्री कौन थे?
भारत के पहले रक्षा मंत्री बलदेव सिंह थे और वह भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान 1947 से 1952 तक इस पद पर रहे। बलदेव सिंह न केवल एक प्रमुख राजनीतिक व्यक्ति थे बल्कि भारत की संविधान सभा के सदस्य भी थे, जिन्हें देश के आजाद होने पर पहले रक्षा मंत्री के रूप में चुना गया था।
बलदेव सिंह के बारे में
1902 में पंजाब के जालंधर जिले के रुरका कलां गांव में जन्मे बलदेव सिंह ने अपनी शिक्षा अमृतसर के खालसा कॉलेज और लाहौर के सरकारी कॉलेज से हासिल की और बाद में चलकर वह अपने पिता की कंपनी में शामिल हो गए। हालांकि, उनका दिल उस समय के राजनीतिक परिदृश्य की ओर आकर्षित हुआ और 1930 के दशक में उन्होंने पंजाब लौटने और राजनीति में अपना करियर बनाने का फैसला किया।
1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में उनकी प्रारंभिक भागीदारी ने भारत की स्वतंत्रता के संघर्ष में उनकी समर्पित भागीदारी की शुरुआत की। बलदेव सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व और भारत के पहले रक्षा मंत्री के रूप में उनकी भूमिका के अथक प्रयासों की भारतीय सशस्त्र बलों के विकास पर महत्वपूर्ण प्रभाव के लिए सराहना की जाती है।
भारत के पहले रक्षा मंत्री बलदेव सिंह का योगदान क्या रहा?
भारत के पहले रक्षा मंत्री कौन थे जानने के साथ ही भारत के पहले रक्षा मंत्री का योगदान समझना जरूरी है जो कि यहां बताया जा रहा हैः
- स्वतंत्र भारत के शुरुआती चरणों में उनका योगदान महत्वपूर्ण था, विशेष रूप से रियासतों की सेनाओं को भारतीय सशस्त्र बलों में समेकित करने के संबंध में। इस एकीकरण ने देश में एक सामंजस्यपूर्ण सैन्य संरचना की नींव रखी।
- बलदेव सिंह ने 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और नवगठित राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।
- भारत के पहले रक्षा मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, बलदेव सिंह ने रियासतों की सेनाओं के भारतीय सशस्त्र बलों में एकीकरण की देखरेख से लेकर 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने तक महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की।
- वह रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की स्थापना के पीछे मुख्य चेहरों में से एक थे और उन्होंने स्वदेशी रक्षा उद्योगों के विकास को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया।
दुनिया के पहले सिख रक्षा मंत्री थे बलदेव
भारत में जब बलदेव सिहं को पहला रक्षा मंत्री बनाया गया था, तो वह पूरी दुनिया में रक्षा मंत्री बनने वाले पहले सिख नेता थे।
भारत के रक्षा मंत्रियों की सूची
आजादी के बाद से भारत के रक्षा मंत्रियों की सूची यहां दी जा रही हैः
नाम | कार्यकाल की शुरुआत | कार्यकाल का समापन |
बलदेव सिंह | 15 अगस्त 1947 | 13 मई 1952 |
एन. गोपालस्वामी अयंगर | 13 मई 1952 | 10 फ़रवरी 1953 |
जवाहर लाल नेहरू | 27 फरवरी 1953 | 10 जनवरी 1955 |
कैलाश नाथ काटजू | 10 जनवरी 1955 | 30 जनवरी 1957 |
जवाहर लाल नेहरू | 30 जनवरी 1957 | 17 अप्रैल 1957 |
वी. के. कृष्ण मेनन | 17 अप्रैल 1957 | 1 नवंबर 1962 |
जवाहर लाल नेहरू | 1 नवंबर 1962 | 21 नवंबर 1962 |
-यशवंतराव चव्हाण | 21 नवंबर 1962 | 13 नवंबर 1966 |
स्वर्ण सिंह | 13 नवंबर 1966 | 27 जून 1970 |
जगजीवन राम | 27 जून 1970 | 10 अक्टूबर 1974 |
स्वर्ण सिंह | 10 अक्टूबर 1974 | 1 दिसंबर 1975 |
इंदिरा गांधी | 1 दिसंबर 1975 | 21 दिसंबर 1975 |
बंसी लाल | 21 दिसंबर 1975 | 24 मार्च 1977 |
जगजीवन राम | 28 मार्च 1977 | 27 जुलाई 1979 |
चिदम्बरम सुब्रमण्यम | 30 जुलाई 1979 | 14 जनवरी 1980 |
इंदिरा गांधी | 14 जनवरी 1980 | 15 जनवरी 1982 |
आर वेंकटरमन | 15 अगस्त 1982 | 1 अगस्त 1984 |
शंकरराव चव्हाण | 3 अगस्त 1984 | 31 दिसंबर 1984 |
पी. वी. नरसिम्हा राव | 1 जनवरी 1985 | 24 सितंबर 1985 |
राजीव गांधी | 25 सितंबर 1985 | 24 जनवरी 1987 |
वी. पी. सिंह | 25 जनवरी 1987 | 12 अप्रैल 1987 |
के. सी. पंत | 18 अप्रैल 1987 | 3 दिसंबर 1989 |
वी. पी. सिंह | 6 दिसंबर 1989 | 10 नवंबर 1990 |
चन्द्रशेखर | 21 नवंबर 1990 | 20 जून 1991 |
पी. वी. नरसिम्हा राव | 21 जून 1991 | 26 जून 1991 |
शरद पवार | 26 जून 1991 | 5 मार्च 1993 |
पी. वी. नसिम्हा राव | 6 मार्च 1993 | 16 मई 1996 |
प्रमोद महाजन | 16 मई 1996 | 1 जून 1996 |
मुलायम सिंह यादव | 1 जून 1996 | 19 मार्च 1998 |
जॉर्ज फर्नांडिस | 19 मार्च 1998 | 16 मार्च 2001 |
जसवन्त सिंह | 16 मार्च 2001 | 21 अक्टूबर 2001 |
जॉर्ज फर्नांडिस | 21 अक्टूबर 2001 | 22 मई 2004 |
प्रणब मुखर्जी | 22 मई 2004 | 24 अक्टूबर 2006 |
ए.के.एंटनी | 26 अक्टूबर 2006 | 26 मई 2014 |
अरुण जेटली | 26 मई 2014 | 9 नवंबर 2014 |
मनोहर पर्रिकर | 9 नवंबर 2014 | 13 मार्च 2017 |
अरुण जेटली | 13 मार्च 2017 | 3 सितंबर 2017 |
निर्मला सीतारमण | 3 सितंबर 2017 | 31 मई 2019 |
राजनाथ सिंह | 31 मई 2019 | अभी तक। |
भारत में रक्षा मंत्री की भूमिका क्या है?
भारत में रक्षा मंत्री की भूमिका तीनों सेनाओं- थल सेना, नौसेना और वायु सेना के साथ समन्वय करते हुए रक्षा उत्पादन इकाइयों और रक्षा अनुसंधान संगठनों का प्रबंधन करते हुए राष्ट्र की रक्षा सुनिश्चित करना है।
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FAQs
वर्तमान में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हैं और वह 31 मई 2019 से इस पद पर हैं।
इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला रक्षा मंत्री थीं।
वर्तमान में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हैं।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको भारत के पहले रक्षा मंत्री कौन थे? (Bharat ke Raksha Mantri) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। एग्जाम की तैयारी और बेहतर करने व UPSC में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।