ओलंपिक खेलों की नींव लगभग दो शताब्दी पहले ही रखी जा चुकी थी। प्राचीन काल में यूनान की राजधानी एथेंस में ओलम्पिक खेलों की शुरुआत हुई थी। ओलम्पिक खेल हर चार साल में एक बार आयोजित किए जाते हैं। ओलम्पिक खेलों में खिलाड़ियों को पुरस्कार के रूप में मेडल प्रदान किए जाते हैं। ओलम्पिक गेम्स को खेलों का महाकुम्भ भी कहा जाता है। यह विश्व में खेलों का सबसे बड़ा आयोजन है और पूरी दुनिया की निगाहें इन खेलों पर रहती हैं। आपके मन में भी ओलम्पिक खेलों को लेकर काफी जिज्ञासा रहती होगी जैसे ओलम्पिक खेलों की शुरुआत कब हुई? इन्हें किसने शुरू किया, इन्हें ओलम्पिक खेल क्यों कहते हैं और इसमें कौन से खेल शामिल होते हैं? आदि इस ब्लॉग Olympic in Hindi में इन सभी बातों के बारे में विस्तार से और सरल भाषा में बताया गया है।
This Blog Includes:
- ओलंपिक खेल क्या है?
- ओलंपिक खेलों का जन्मदाता कौन है?
- ओलंपिक खेलों की शुरुआत
- ओलंपिक में भारत का इतिहास
- ओलंपिक खेलों का उद्देश्य क्या है?
- ओलंपिक खेलों का महत्व
- ओलंपिक खेल कितने प्रकार के होते हैं?
- वर्ष 2024 में ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक कहाँ आयोजित किया जाएगा?
- वर्ष 2024 के ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में कितने खेलों को शामिल किया जाएगा?
- क्या पेरिस ओलंपिक में कोई नया खेल शामिल है?
- वर्ष 2024 के ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों में भाग लेने वाले भारतीय खिलाड़ी और उनसे संबंधित खेल
- FAQs
ओलंपिक खेल क्या है?
ओलंपिक खेल विश्व की सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता है। इसमें पूरी दुनिया के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं और अपने अपने राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। ओलम्पिक खेलों का आयोजन प्रत्येक चार वर्षों में एक बार किया जाता है। ओलम्पिक खेलों के आयोजन की अवधि को ओलम्पियाड के नाम से जाना जाता है। ओलम्पिक खेलों में खिलाड़ियों को तीन प्रकार के मेडल से सम्मानित किया जाता है, किसी भी खेल में प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को गोल्ड मेडल, द्वितीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को सिल्वर मेडल और तृतीय पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ी को ब्रॉन्ज़ यानि कांस्य पदक दिया जाता है।
ओलम्पिक खेलों का आयोजन कराने वाली और इसको नियंत्रित करने वाली संस्था का नाम इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) है। ओलम्पिक के झंडे में पांच रंग के रिंग बने होते हैं, नीला, पीला, काला, हरा और लाल। ये सभी पांच रंग विश्व के सभी महाद्वीपों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ओलम्पिक के झंडे को वर्ष 1913 में पियरे डी कोबेर्टिन ने डिजाइन किया था।
ओलंपिक खेलों का जन्मदाता कौन है?
आधुनिक ओलंपिक खेलों का जन्मदाता पियरे डी कोर्बिटिन को कहा जाता है। पियरे डी कोबेर्टिन एक फ्रांसीसी शिक्षाविद और इतिहासकार थे। उनका जन्म वर्ष 1863 में फ्रांस के एक ऊंचे घराने में हुआ था। उन्होंने 23 जून 1894 को ओलंपिक समिति की स्थापना की थी। इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड में स्थित है।
ओलंपिक खेलों की शुरुआत
प्राचीन काल में शांतिकाल के दौरान योद्धाओं के बीच प्रतिस्पर्धा के रूप में खेलों की शुरुआत हुई थी। इन खेलों में बल प्रदर्शन करने वाले खेल जैसे दौड़, मुक्केबाजी और कुश्ती आदि शामिल थे। इसमें योद्धा अपने बल का प्रदर्शन करते थे। बीबीसी हिंदी के अनुसार ओलम्पिक खेलों का आयोजन 1,200 वर्ष पूर्व योद्धाओं और खिलाड़ियों के युद्ध कौशल और खेल कौशल को परखने के जाता था। वास्तव में ओलम्पिक खेलों का आधिकारिक रूप से आयोजन 776 ईसा पूर्व में हुआ था जो 394 ईस्वी तक जारी रहा। 19वीं शताब्दी में ओलंपिक खेलों को दोबारा से शुरू किया गया और ग्रीस यानी यूनान की राजधानी एथेंस में वर्ष 1896 में पहली बार आधुनिक ओलम्पिक खेलों का आयोजन कराया गया। ओलंपिया पर्वत पर खेले जाने के कारण इसका नाम ओलम्पिक पड़ा। आधुनिक ओलम्पिक खेलों की शुरुआत पियरे डी कोबेर्टिन ने की थी। उन्होंने वर्ष 1894 में ओलम्पिक समिति की स्थापना की और इसका पहला अध्यक्ष देमित्रिस विकेलस थे और इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के शहर लॉजेन में स्थित है। ओलंपिक के झंडे को डिज़ाइन करने का श्रेय भी पियरे डी कोबेर्टिन को ही जाता है।
ओलंपिक में भारत का इतिहास
भारत ने सर्वप्रथम वर्ष 1900 में ओलंपिक खेलों में भाग लिया था और इन खेलों में ब्रिटिश मूल के नॉर्मन प्रिचर्ड भारत के लिए दो रजत पदक जीतकर लाए थे। उन्होंने ये पदक एथलेटिक्स में जीते थे। इस तरह से ओलंपिक खेलों में मेडल जीतने वाला भारत पहला एशियाई देश बन गया।
भारतीय ओलंपिक आंदोलन वर्ष 1920 के दशक के दौरान स्थापित हुआ था: इस आंदोलन के कुछ संस्थापक दोराबजी टाटा, एजी नोहरेन (मद्रास कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन), एचसी बक (मद्रास कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन), मोइनुल हक (बिहार खेल संघ), एस भूत (बॉम्बे ओलंपिक एसोसिएशन), एएस भागवत (डेक्कन जिमखाना), और गुरु दत्त सोंधी (पंजाब ओलंपिक एसोसिएशन) थे; लेफ्टिनेंट कर्नल एचएलओ गैरेट (गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर और पंजाब ओलंपिक एसोसिएशन से) और साग्निक पोद्दार (सेंट स्टीफन स्कूल के) ने कुछ शुरुआती राष्ट्रीय खेलों को आयोजित करने में मदद की; और प्रमुख संरक्षकों में महाराजा और शाही राजकुमार जैसे पटियाला के भूपिंदर सिंह , नवानगर के रंजीतसिंहजी , कपूरथला के महाराजा और बर्दवान के महाराजा शामिल थे।
वर्ष 1923 में एक समिति का गठन किया गया जिसे अखिल भारतीय ओलंपिक समिति नाम दिया गया। इस समिति ने वर्ष 1924 में अखिल भारतीय ओलंपिक खेलों का आयोजन कराया जिनका उद्देश्य ओलंपिक खेलों के लिए भारत की ओर से भेजे जाने के लिए एक टीम तैयार करना था।
भारतीय हॉकी टीम ने वर्ष 1948 में समर ओलंपिक में ग्रेट ब्रिटेन की टीम को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। एक आज़ाद मुल्क के रूप में ओलंपिक खेलों में यह भारत का पहला गोल्ड मेडल था।
वर्ष 1952 में पहलवान केडी जाधव ने स्वतंत्र भारत के लिए पहला व्यक्तिगत मेडल जीता था। वर्ष 1956 के समर ओलंपिक खेलों में भारत की हॉकी टीम ने पकिस्तान को हॉकी में हराकर लगातार छठी बार स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। इसके बाद वर्ष 1964 के शीतकालीन ओलंपिक खेलों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए भारत ने एक प्रतिनिधिमंडल भेजा। यह शीतकालीन ओलंपिक खेलों में भारत की पहली उपस्थिति थी। इसमें भारत को प्रस्तुत करने वाले इकलौते खिलाड़ी थे।
ओलंपिक खेलों का उद्देश्य क्या है?
ओलंपिक खेल (Olympic in Hindi) विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति के लिए शुरू किए जाते हैं, जिनमें से प्रमुख हैं-
- शांति और एकता को बढ़ावा देना: ओलंपिक खेलों का उद्देश्य विभिन्न देशों और संस्कृतियों के लोगों को एक साथ लाना और खेलों के माध्यम से शांति और एकता को बढ़ावा देना है। ओलंपिक ध्वज, जिसमें पांच रंगों के छल्ले होते हैं, दुनिया के पांच महाद्वीपों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो एकजुटता का प्रतीक है।
- खेल भावना और अनुशासन को प्रोत्साहित करना: ओलंपिक खेल युवाओं में खेल भावना और अनुशासन को प्रोत्साहित करते हैं। खिलाड़ी कड़ी मेहनत, समर्पण और उत्कृष्टता के लिए प्रेरित होते हैं। ओलंपिक खेल यह भी दिखाते हैं कि जीत से अधिक महत्वपूर्ण है प्रतियोगिता और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयास करना।
- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना: ओलंपिक खेल लोगों को स्वस्थ रहने और शारीरिक रूप से सक्रिय रहने के लिए प्रेरित करते हैं। यह खेल लोगों को मानसिक रूप से मजबूत बनने और तनाव का सामना करने में भी मदद करते हैं।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान: ओलंपिक खेल विभिन्न संस्कृतियों के लोगों को एक साथ लाकर सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देते हैं। यह विभिन्न देशों के लोगों के बीच समझ और सहिष्णुता को बढ़ाने में मदद करता है।
- अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करना: ओलंपिक खेल देशों के बीच राजनयिक संबंधों को मजबूत करने में मदद करते हैं। यह देशों को एक दूसरे के साथ सहयोग करने और वैश्विक मुद्दों पर मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
- पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना: ओलंपिक खेल मेजबान शहरों के लिए पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का एक शानदार अवसर होते हैं। यह शहरों को बुनियादी ढांचे के विकास और रोजगार के अवसरों के निर्माण में मदद करता है।
- विकलांग व्यक्तियों को सशक्त बनाना: पैरालंपिक खेलों का आयोजन विकलांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने और उन्हें समाज में शामिल करने में मदद करता है। यह खेल विकलांग लोगों को अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और दूसरों को प्रेरित करने का अवसर प्रदान करते हैं।
- ओलंपिक मूल्यों को बढ़ावा देना: ओलंपिक खेल उत्कृष्टता, मित्रता, सम्मान और खेल भावना जैसे ओलंपिक मूल्यों को बढ़ावा देते हैं। यह मूल्य युवाओं को जीवन में सफल होने और दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करते हैं।
ओलंपिक खेलों का महत्व
ओलंपिक खेल (Olympic in Hindi) कई प्रकार से महत्वपूर्ण होते हैं-
- पारिस्थितिक जागरूकता और स्थिरता : हाल के वर्षों में, ओलंपिक आयोजन स्थलों ने पर्यावरणीय स्थिरता पर अधिक ध्यान दिया है। यह जागरूकता बढ़ाता है और हरित प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करता है, जैसे कि पुनर्चक्रण, नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग और टिकाऊ निर्माण।
- तकनीकी उन्नति: ओलंपिक खेलों में नवीनतम तकनीकी प्रगति का प्रदर्शन होता है, जैसे कि उच्च स्तरीय ब्रॉडकास्टिंग, डेटा एनालिटिक्स, और खेल उपकरण। यह तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देता है और नई तकनीकों के विकास में योगदान करता है।
- सामाजिक समावेश : ओलंपिक खेलों में पैरा-ओलंपिक्स और अन्य समानांतर खेलों का समावेश होता है, जो विकलांग खिलाड़ियों को भी समान मंच प्रदान करता है। इससे सामाजिक समावेश और समानता को बढ़ावा मिलता है।
- नवाचार और अनुसंधान : खेल विज्ञान और चिकित्सा में अनुसंधान और नवाचार के लिए ओलंपिक एक महत्वपूर्ण मंच है। नए प्रशिक्षण विधियों, पुनर्वास तकनीकों और पोषण संबंधी शोधों का विकास होता है।
- शिक्षा और विकास कार्यक्रम : ओलंपिक खेल शिक्षा और विकास के कई कार्यक्रमों को प्रेरित करते हैं, जो युवाओं को खेलों के माध्यम से नेतृत्व, टीम वर्क और अनुशासन सिखाते हैं। इससे समाज में खेल संस्कृति को बढ़ावा मिलता है और युवा पीढ़ी को बेहतर जीवन कौशल सिखाने में मदद मिलती है।
ओलंपिक खेल कितने प्रकार के होते हैं?
ओलंपिक (Olympic in Hindi) दुनिया का सबसे बड़ा खेल मेला है। यह हर चार साल में आयोजित किया जाता है। ओलंपिक खेल चार प्रकार के होते हैं। ओलंपिक के चारों प्रकारों के बारे में यहाँ विस्तार से बताया गया है-
ग्रीष्मकालीन ओलंपिक
ये खेल हर चार वर्षों में आयोजित होते हैं और इसमें 300 से अधिक खेलों को शामिल किया जाता है। इसमें मुख्य रूप से एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, मुक्केबाज़ी, फुटबॉल, घुड़सवारी, स्वीमिंग और जूडो कराटे आदि शामिल होते हैं।
शीतकालीन ओलंपिक
ये खेल भी हर चार साल में एक बार आयोजित किए जाते हैं। इसमें 70 से अधिक खेल प्रतियोगिताएं शामिल की जाती हैं। इनमें यथलॉन, बॉबस्लेड, क्रॉस-कंट्री स्कीइंग, कर्लिंग, फिगर स्केटिंग, फ्रीस्टाइल स्कीइंग, आइस हॉकी, लुज, नॉर्डिक कंबाइंड, शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग, स्केलेटन, स्की जंपिंग और स्नोबोर्डिंग शामिल हैं।
पैरालंपिक खेल
पैरालंपिक खेल ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन ओलंपिक खेलों के फ़ौरन बाद आयोजित किए जाते हैं। इन खेलों में शारीरिक और बौद्धिक दोनों प्रकार के खेलों को शामिल किया जाता है। इसमें ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन खेलों से कम खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। पैरालंपिक खेल सबसे पहले वर्ष 1960 में इटली की राजधानी रोम में आयोजित किए गए थे। इन खेलों में सैनिकों के साथ साथ आम लोग भी भाग ले सकते हैं। ओलंपिक खेलों की तरह ही पैरालंपिक खेल भी दो प्रकार के होते हैं : ग्रीष्मकालीन ओलंपिक और शीतकालीन ओलंपिक।
यूथ ओलंपिक
यूथ ओलंपिक हर चार साल में एक बार आयोजित किए जाते हैं। ये खेल 14 से 18 के युवा एथलीटों के लिए आयोजित किए जाते हैं। यूथ ओलंपिक खेलों को आयोजित कराए जाने का मुख्य उद्देश्य युवाओं को खेलों से जुड़ने के लिए प्रेरित करना है। यूथ ओलंपिक में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक और शीतकालीन ओलंपिक की तुलना में कम खेल आयोजित किए जाते हैं। यूथ ओलंपिक सबसे पहली बार वर्ष 2010 में सिंगापुर में आयोजित किए गए थे।
वर्ष 2024 में ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक कहाँ आयोजित किया जाएगा?
वर्ष 2024 के ओलंपिक खेल (Olympic in Hindi) फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित कराए जाएंगे। यह फ्रांस में आयोजित होने वाला अब तक का सबसे बड़ा खेल आयोजन होगा। ओलंपिक खेल 26 जुलाई से 11 अगस्त 2024 तक आयोजित किए जाएंगे। ओलंपिक खेलों के तुरंत बाद पैरालंपिक खेल 2024 भी फ्रांस की राजधानी पेरिस में ही आयोजित किए जाएंगे। पैरालंपिक खेल 28 अगस्त से 8 सितंबर 2024 के बीच फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित किए जाएंगे।
वर्ष 2024 के ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में कितने खेलों को शामिल किया जाएगा?
2024 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में कुल 306 खेल आयोजित किए जाएंगे, जो 33 विभिन्न खेलों में विभाजित किए जाएंगे। वर्ष 2024 के ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में आमतौर पर लगभग 33 खेल शामिल होंगे। इनमें समेत होते हैं सैलिंग, हॉकी, गोल्फ, तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, बॉक्सिंग, केनू, कैनो, सायक्लिंग, डिविंग, इक्वेस्ट्रियन, फुटबॉल, गोल्फ, गिम्नास्टिक्स, हैंडबॉल, जूडो, कराटे, रोक क्लाइमिंग, राफ्टिंग, रोलर स्केटिंग, रागबी सेवेंस, शूटिंग, स्क्वॉश, सर्फिंग, तैराकी, टेबल टेनिस, ताके वंदन, वॉलीबॉल, वेटर पोलो, वेटर स्कींग, और रेस्टलिंग।
क्या पेरिस ओलंपिक में कोई नया खेल शामिल है?
इस बार पहली बार ब्रेकिंग, हिप हॉप नृत्य शैली को ओलंपिक (Olympic in Hindi) 2024 में एक खेल के रूप में शामिल किया जाएगा। यह पहली बार है जब कोई नृत्य शैली ओलंपिक खेलों का भाग बनने जा रही है। इस कारण से पेरिस ओलंपिक खेल (Olympic in Hindi) आयोजन और भी विशेष बन गया है।
वर्ष 2024 के ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों में भाग लेने वाले भारतीय खिलाड़ी और उनसे संबंधित खेल
यहाँ वर्ष 2024 के ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों (Olympic in Hindi) में भाग लेने वाले भारतीय खिलाड़ी और उनसे संबंधित खेलों की सूची दी गई है-
संख्या | एथलीट | खेल | इवेंट | स्टेटस |
1 | धीरज बोम्मदेवरा | तीरंदाजी | पुरुष व्यक्तिगत | पुरुष टीम कोटा |
2 | तरूणदीप राय | तीरंदाजी | पुरुष व्यक्तिगत | पुरुष टीम टीम रैंकिंग |
3 | प्रवीण जाधव | तीरंदाजी | पुरुष व्यक्तिगत | पुरुष टीम टीम रैंकिंग |
4 | भजन कौर | तीरंदाजी | महिला व्यक्तिगत | महिला टीम कोटा |
5 | दीपिका कुमारी | तीरंदाजी | महिला व्यक्तिगत | महिला टीम टीम रैंकिंग |
6 | अंकिता भकत | तीरंदाजी | महिला व्यक्तिगत | महिला टीम टीम रैंकिंग |
7 | अविनाश साबले | एथलेटिक्स | पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज़ | प्रवेश मानक |
8 | सर्वेश कुशारे | एथलेटिक्स | पुरुषों की हाई जंप | रैंकिंग |
9 | जेसविन एल्ड्रिन | एथलेटिक्स | पुरुषों की लॉन्ग जंप | रैंकिंग |
10 | अब्दुल्ला अबूबकर | एथलेटिक्स | पुरुषों की ट्रिपल जंप | रैंकिंग |
11 | प्रवीण चित्रवेल | एथलेटिक्स | पुरुषों की ट्रिपल जंप | रैंकिंग |
12 | तजिंदरपाल सिंह तूर | एथलेटिक्स | पुरुषों की शॉटपुट | रैंकिंग |
13 | नीरज चोपड़ा | एथलेटिक्स | पुरुषों का जैवलिन थ्रो | प्रवेश मानक |
14 | किशोर जेना | एथलेटिक्स | पुरुषों की भाला फेंक | प्रवेश मानक |
15 | अक्षदीप सिंह | एथलेटिक्स | पुरुषों की 20 किमी रेस वॉक | प्रवेश मानक |
16 | परमजीत बिष्ट | एथलेटिक्स | पुरुषों की 20 किमी रेस वॉक | प्रवेश मानक |
17 | विकास सिंह | एथलेटिक्स | पुरुषों की 20 किमी रेस वॉक | प्रवेश मानक |
18 | मुहम्मद अनस/मुहम्मद अजमल/अमोज जैकब/संतोष तमिलारासन/राजेश रमेश/मिजो चाको कुरियन | एथलेटिक्स | पुरुष 4×400 मीटर रिले | नामित प्रतियोगिता |
19 | किरण पहल | एथलेटिक्स | महिला 400 मीटर | प्रवेश मानक |
20 | अंकिता ध्यानी | एथलेटिक्स | महिला 5000 मीटर | रैंकिंग |
21 | पारुल चौधरी | एथलेटिक्स | महिला 5000 मीटर, महिला 3000 मीटर स्टीपलचेज़ | रैंकिंग, प्रवेश मानक |
22 | ज्योति याराजी | एथलेटिक्स | महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़ | रैंकिंग |
23 | अन्नू रानी | एथलेटिक्स | महिला भाला फेंक | रैंकिंग |
24 | प्रियंका गोस्वामी | एथलेटिक्स | महिला 20 किमी रेस वॉक | प्रवेश मानक |
25 | ज्योतिका श्री दांडी/सुभा वेंकटेशन/विथ्या रामराज/पूवम्मा एमआर/प्राची | एथलेटिक्स | महिला 4×400 मीटर रिले | नामित प्रतियोगिता |
26 | सूरज पंवार/प्रियंका गोस्वामी | एथलेटिक्स | मैराथन रेस वॉक मिश्रित रिले | नामित प्रतियोगिता |
27 | एचएस प्रणॉय | बैडमिंटन | पुरुष एकल | रैंकिंग |
28 | लक्ष्य सेन | बैडमिंटन | पुरुष एकल | रैंकिंग |
29 | सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी/चिराग शेट्टी | बैडमिंटन | पुरुष युगल | रैंकिंग |
30 | पीवी सिंधु | बैडमिंटन | महिला एकल | रैंकिंग |
31 | अश्विनी पोनप्पा/तनिषा क्रास्टो | बैडमिंटन | महिला युगल | रैंकिंग |
32 | अमित पंघल | बॉक्सिंग | पुरुषों का 51 किग्रा | कोटा |
33 | निशांत देव | बॉक्सिंग | पुरुष 71 किग्रा | कोटा |
34 | निकहत जरीन | बॉक्सिंग | महिला 50 किग्रा | कोटा |
35 | प्रीति पंवार | बॉक्सिंग | महिला 54 किग्रा | कोटा |
36 | जैस्मीन लेम्बोरिया | बॉक्सिंग | महिला 57 किग्रा | कोटा |
37 | लवलीना बोरगोहेन | बॉक्सिंग | महिला 75 किग्रा | कोटा |
38 | अनुष अग्रवाल | इक्वेस्ट्रियन | ड्रेसेज | कोटा |
39 | गगनजीत भुल्लर | गोल्फ | पुरुष इवेंट | रैंकिंग |
40 | शुभंकर शर्मा | गोल्फ | पुरुष इवेंट | रैंकिंग |
41 | अदिति अशोक | गोल्फ | महिला इवेंट | रैंकिंग |
42 | दीक्षा डागर | गोल्फ | महिला इवेंट | रैंकिंग |
43 | टीम इंडिया (16 खिलाड़ी) | हॉकी | पुरुष स्पर्धा | कॉन्टिनेंटल चैंपियन |
44 | तुलिका मान | जूडो | महिला +78 किग्रा | कॉन्टिनेंटल कोटा |
45 | बलराज पंवार | रोइंग | पुरुष सिंगल स्कल्स | कोटा |
46 | विष्णु सरवनन | सेलिंग | पुरुषों की डिंघी | कोटा |
47 | नेत्रा कुमानन | सेलिंग | महिला डिंघी | कोटा |
48 | अर्जुन बाबुता | शूटिंग | पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल, 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम | कोटा |
49 | संदीप सिंह | शूटिंग | पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल, 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम | कोटा |
50 | ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर | शूटिंग | पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन | कोटा |
51 | स्वप्निल कुसाले | शूटिंग | पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन | कोटा |
52 | अर्जुन चीमा | शूटिंग | पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल, 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम | कोटा |
53 | सरबजोत सिंह | शूटिंग | पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल, 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम | कोटा |
54 | अनीश भानवाला | शूटिंग | पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल | कोटा |
55 | विजयवीर सिद्धू | शूटिंग | पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल | कोटा |
56 | पृथ्वीराज टोंडिमान | शूटिंग | पुरुष ट्रैप | कोटा |
57 | अनंतजीत सिंह नरुका | शूटिंग पुरुष स्कीट | स्कीट मिश्रित टीम | कोटा |
58 | एलावेनिल वलारिवान | शूटिंग | महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल, 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम | कोटा |
59 | रमिता जिंदल | शूटिंग | महिला 10 मीटर एयर राइफल, 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम | कोटा |
60 | अंजुम मौदगिल | शूटिंग | महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन | कोटा |
61 | सिफ्ट कौर सामरा | शूटिंग | महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन | कोटा |
62 | रिदम सांगवान | शूटिंग | महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल, 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम | कोटा |
63 | मनु भाकर | शूटिंग | महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल, 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल | कोटा |
64 | ईशा सिंह | शूटिंग | महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल | कोटा |
65 | राजेश्वरी कुमारी | शूटिंग | महिला ट्रैप | कोटा |
66 | श्रेयसी सिंह | शूटिंग | महिला ट्रैप – कोटा महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल के साथ | स्वैप |
67 | रायज़ा ढिल्लों | शूटिंग | महिला स्कीट | कोटा |
68 | माहेश्वरी चौहान | शूटिंग | महिला स्कीट एवं स्कीट मिश्रित टीम | कोटा |
69 | श्रीहरि नटराज | स्विमिंग | पुरुषों की 100 मीटर बैकस्ट्रोक | युनिवर्सैलिटी |
70 | धीनिधि देसिंघु | स्विमिंग | महिलाओं की 200 मीटर फ्रीस्टाइल | युनिवर्सैलिटी |
71 | हरमीत देसाई | टेबल टेनिस | पुरुष एकल, पुरुष टीम | रैंकिंग |
72 | शरत कमल | टेबल टेनिस | पुरुष एकल, पुरुष टीम | रैंकिंग |
73 | मानव ठक्कर | टेबल टेनिस | पुरुष टीम | रैंकिंग |
74 | मनिका बत्रा | टेबल टेनिस | महिला एकल, महिला टीम | रैंकिंग |
75 | श्रीजा अकुला | टेबल टेनिस | महिला एकल, महिला टीम | रैंकिंग |
76 | अर्चना कामथ | टेबल टेनिस | महिला टीम | रैंकिंग |
77 | सुमित नागल | टेनिस | पुरुष एकल | रैंकिंग |
78 | रोहन बोपन्ना/एन श्रीराम बालाजी | टेनिस | पुरुष युगल | रैंकिंग |
79 | मीराबाई चानू | वेटलिफ्टिंग | महिलाओं की 49 किग्रा | रैंकिंग |
80 | अमन सहरावत | रेसलिंग | पुरुषों की फ्रीस्टाइल 57 किग्रा | कोटा |
81 | विनेश फोगाट | रेसलिंग | महिला 50 किग्रा | कोटा |
82 | अंतिम पंघाल | रेसलिंग | महिलाओं का 53 किग्रा | कोटा |
83 | अंशू मलिक | रेसलिंग | महिला 57 किग्रा | कोटा |
84 | निशा दहिया | रेसलिंग | महिला 68 किग्रा | कोटा |
85 | रीतिका हुडा | रेसलिंग | महिला 76 किग्रा | कोटा |
86 | महिला हॉकी टीम (16 खिलाड़ी) | हॉकी | महिला स्पर्धा | – |
FAQs
ओलंपिया पर्वत पर खेले जाने के कारण इन खेलों का नाम ओलंपिक खेल पड़ा।
सबसे पहले ओलंपिक खेल वर्ष 1896 में यूनान की राजधानी एथेंस में आयोजित किए गए थे।
इस बात की अभी तक कई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ भारत वर्ष 2036 के ओलंपिक खेलों की मेजबानी कर सकता है।
ओलंपिक खेल विश्व की सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता है। इसमें पूरी दुनिया के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं और अपने अपने राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। ओलम्पिक खेलों का आयोजन प्रत्येक चार वर्षों में एक बार किया जाता है।
शांति और एकता को बढ़ावा देना, खेल भावना और अनुशासन को प्रोत्साहित करना, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करना आदि।
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