मजदूर दिवस पर शायरी : प्रत्येक वर्ष 1 मई को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाया जाता है। यह दिन हर उद्योग और क्षेत्र में कामकाजी लोगों के योगदान का सम्मान करने के लिए समर्पित है। यह सिर्फ उनकी कड़ी मेहनत का जश्न मनाने के लिए ही नहीं, बल्कि उन्हें अपने अधिकारों के बारे में जागरूक करने और सशक्त बनाने के लिए भी है। कई देशों में मजदूर दिवस पर राष्ट्रीय अवकाश भी होता है। ऐसे में मजदूर दिवस के मौके पर आप अपने प्रियजनों को शायरी के जरिए उन्हें शुभकामनाएं भेज सकते हैं।
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अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के बारे में
मजदूर दिवस का इतिहास 19वीं सदी से जुड़ा हुआ है जब 1886 में मजदूरों ने एक दिन में काम करने के लिए 8 घंटे निर्धारित किए जाने की मांग की थी। इसके बाद वर्ष 1889 में दूसरी अंतरराष्ट्रीय सोशलिस्ट कांग्रेस ने 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की। इस दिन सरकारी और निजी दोनों तरह के संगठन मजदूरों के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और समारोहों का आयोजन करते हैं। इसके अलावा राजनैतिक दलों के द्वारा भी श्रमिकों के हितों को लेकर रैलियों और प्रदर्शनों का आयोजन किया जाता है।
मजदूर दिवस पर शायरी
निगाहें मुंतज़िर थे हाथ ख़ाली
फिर इक मज़दूर कैसे घर गया था
– मोहम्मद फ़य्याज़ हसरत
जिन्दगी को
वह गढ़ेंगे जो शिलाएं तोड़ते हैं
जो भगीरथ नीर की निर्भय शिराएं मोड़ते हैं।
यज्ञ को इस शक्ति-श्रम के
श्रेष्ठतम मैं मानता हूं।
– केदारनाथ अग्रवाल
आने वाले जाने वाले हर ज़माने के लिए
आदमी मज़दूर है राहें बनाने के लिए
-हफ़ीज़ जालंधरी
हम हैं मज़दूर हमें कौन सहारा देगा
हम तो मिट कर भी सहारा नहीं माँगा करते
– राही शहाबी
Labour Day Essay : छात्रों और बच्चों के लिए मजदूर दिवस पर निबंध
ले के तेशा उठा है फिर मज़दूर
ढल रहे हैं जबल मशीनों में
– वामिक़ जौनपुरी
दुनिया मेरी ज़िंदगी के दिन कम करती जाती है क्यूँ
ख़ून पसीना एक किया है ये मेरी मज़दूरी है
– मनमोहन तल्ख़
सरों पे ओढ़ के मज़दूर धूप की चादर
ख़ुद अपने सर पे उसे साएबाँ समझने लगे
– शारिब मौरान्वी
मजदूर दिवस पर शेर
इस लिए सब से अलग है मिरी ख़ुशबू ‘आमी’
मुश्क-ए-मज़दूर पसीने में लिए फिरता हूँ
– इमरान आमी
ख़ून मज़दूर का मिलता जो न तामीरों में
न हवेली न महल और न कोई घर होता
– हैदर अली जाफ़री
सो जाते हैं फ़ुटपाथ पे अख़बार बिछा कर
मज़दूर कभी नींद की गोली नहीं खाते
– मुनव्वर राना
इन्ही हैरत-ज़दा आँखों से देखे हैं वो आँसू भी
जो अक्सर धूप में मेहनत की पेशानी से ढलते हैं
– जमील मज़हरी
मैं कि एक मेहनत-कश मैं कि तीरगी-दुश्मन
सुब्ह-ए-नौ इबारत है मेरे मुस्कुराने से
– मजरूह सुल्तानपुरी
Majdoor Divas Quotes in Hindi
मजदूर दिवस के खास मौके पर हम सभी एक-दूसरे को बधाई दे सकते हैं। अगर आप भी मजदूर दिवस के खास मौके पर किसी को सम्मान देना चाहते हैं, तो हम आपके लिए कुछ समानजनक शुभकामनाएं और बधाई कोट्स लेकर आए हैं, जिन्हें आप अपने मित्रों और सहभागियों को भेज सकते हैं।
कार्य का आनंद लेने वाले ही उसे सही तरीके से कर सकते हैं – अरस्तू
किसी काम को करना बड़ी बात नहीं है, लेकिन जिस काम से हमें खुशी मिलती है वह चमत्कार से कम नहीं है – मदर टेरेसा
शिक्षा जैसी कोई मजदूरी नहीं, यह अपने आपको एक इनाम देना है – महात्मा गांधी
कभी किसी को कुछ नहीं मिलता, जब तक कि वह उसकी कीमत के हिसाब से कठिन परिश्रम नहीं करता – बूकर टी वॉशिंगटन
अपने आपको उन लोगों के बीच रखो जिनसे आपको खुशी मिलती है – कार्ल मार्क्स
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उम्मीद है आप सभी को मजदूर दिवस पर शायरी से संबंधित सभी जानकारी मिल गयी होगी। इसी प्रकार के कोट्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।