इंटरनेशनल एपिलेप्सी डे (International Epilepsy Day in Hindi) प्रत्येक वर्ष फरवरी के दूसरे सोमवार को विश्वभर में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है मिर्गी के बारे में जागरूकता फैलाना और इससे पीड़ित लोगों के लिए समर्थन प्रदान करना। ऐसे में इस खास अवसर पर विभिन्न सार्वजनिक जागरूकता अभियान का आयोजन किया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जा सके। इसी कड़ी में हम आपको इस ब्लाॅग के माध्यम से बताएंगे कि क्या है International Epilepsy Day in Hindi, इसका इतिहास और महत्व?
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अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस के बारे में
फरवरी माह के महत्वपूर्ण दिनों में से एक अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस हर साल फरवरी के दूसरे सोमवार को मनाया जाता है। इस वर्ष यह दिवस 12 फरवरी 2024 को मनाया जाएगा। यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य समाज को मिर्गी रोग के प्रभाव के बारे में सूचित करना है। विश्वभर में जागरूकता फैलाने के लिए इस दिन विभिन्न सूचनात्मक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
आपको बता दें कि मिर्गी सेंट्रल नर्वस सिस्टम में होने वाली एक समस्या है जो लोगों को बार-बार बिना उकसावे के दौरे पड़ने के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती है। यह रोग जेनेटिक डिसऑर्डर के कारण भी हो सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा समय में दुनिया भर में करीब 50 मिलियन से अधिक लोग मिर्गी रोग से जूझ रहे हैं। ऐसे में आज भी समाज में इस बीमारी को एक कलंक के रूप में देखा जाता है, मिर्गी से पीड़ित लोगों को अक्सर सामाजिक बहिष्कार और भेदभाव का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में समाज से इस कलंक को हटाने के लिए हर साल अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया जाता है।
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अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस का इतिहास और महत्व
2015 में इंटरनेशनल लीग अगेंस्ट एपिलेप्सी (ILAE) और इंटरनेशनल ब्यूरो फॉर एपिलेप्सी (IBE) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस की शुरुआत की गई थी। इस दिवस को मनाये जाने का उद्देश्य था लोगों को मिर्गी रोग के प्रभावों के बारे में जागरूक करना और विभिन्न अभियानों और कार्यक्रमों का आयोजन कर मरीजों को सहायता एवं समर्थन सेवाएं प्रदान करना। ऐसे में यह दिन हर साल एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है। आपको बता दें कि यह दिन अब लगभग 120 से अधिक देशों में हर साल मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस कैसे मनाते हैं?
दुनिया भर में इस दिन को कई तरह से मनाया जाता है। बता दें कि इस दिन कई कार्यक्रम और अभियान आयोजित किए जाते हैं जिसका उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को मिर्गी के बारे में शिक्षित करना और पीड़ित लोगों के लिए समर्थन प्रदान करना होता है। इस दिन कई जागरूकता अभियान भी आयोजित किये जाते हैं जिसके लिए अक्सर सार्वजनिक विज्ञापनों, सोशल मीडिया अभियानों, और अन्य सामुदायिक कार्यक्रमों का उपयोग किया जाता है। वहीं इस दिन सहायता और समर्थन सेवाएं भी प्रदान की जाती हैं।
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अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस क्यों मनाते हैं?
International Epilepsy Day in Hindi के इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस क्यों मनाते हैं? तो चलिए आपको बता दें कि इस दिवस को वैश्विक स्तर पर मिर्गी के प्रभाव के बारे में शिक्षित करने और मिर्गी के लक्षणों एवं उपचार के बारे में अधिक समझाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन लोगों को मिर्गी के बारे में बुनियादी जानकारी प्रदान करने का एक अवसर प्रदान करता है और साथ ही मिर्गी से पीड़ित लोगों को समझने में मदद करता है।
अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस 2024: थीम
प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस 2024 थीम एक महत्वपूर्ण विषय है। ऐसे में बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस हर साल एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस 2024 की थीम “मेरी मिर्गी यात्रा पर मील के पत्थर” (Milestones on My Epilepsy Journey) है।
अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस के बारे में रोचक तथ्य
अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस के बारे में कुछ रोचक तथ्य निम्नलिखित है :
- प्रतिवर्ष फरवरी के दूसरे सोमवार को मनाये जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस (IED), एक महत्वपूर्ण अवसर है जो लोगों को मिर्गी के बारे में जागरूक करने और मिर्गी से पीड़ित लोगों के लिए समर्थन प्रदान करता है।
- अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस की शुरुआत 1998 में विश्व मिर्गी संगठन (WSO) ने की थी।
- मिर्गी ब्रेन से जुड़ा एक डिसऑर्डर है जिसके कारण दौरे, संवेदनशीलता में बदलाव और व्यवहार में बदलाव जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
- एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में लगभग 50 मिलियन लोग मिर्गी से पीड़ित है। वहीं भारत में, लगभग 10 मिलियन लोग मिर्गी से पीड़ित हैं।
- मिर्गी का इलाज दवाओं, सर्जरी या फिर दोनों के संयोजन से किया जा सकता है।
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FAQs
मिर्गी की समस्या से पीड़ित लोगों को तनाव बिल्कुल भी नही लेना चाहिए। उन्हें जितना हो सके उतना खुश रहना चाहिए और अपने दिमाग को आराम देना चाहिए। रिलेक्स होने से मांसपेशियों को भी काफी आराम मिलता है।
मिर्गी ब्रेन से जुड़ा एक डिसऑर्डर है, जो लोगों को बार-बार बिना उकसावे के दौरे पड़ने के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती है। इसे अंग्रेजी में एपिलेप्सी कहा जाता है।
मिर्गी के दौरे के दौरान पीड़ित व्यक्ति का संतुलन पूरी तरह से बिगड़ जाता है उसका शरीर लड़खड़ाने लगता है। इसका प्रभाव चेहरे, हाथ और पैर पर देखने को मिल सकता है।
आशा है कि आपको International Epilepsy Day in Hindi की जानकारी मिली होगी जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ाने का काम करेगी। इसी प्रकार के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स पर ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।