आज भारत में हिंदी और अंग्रेजी के साथ साथ देश की लगभग सभी प्रमुख भाषाओं में अख़बार उपलब्ध हैं। आज हिंदी के अखबारों का एक बड़ा पाठक वर्ग मौजूद है और क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों को मिलाकर आज हिंदी में छपने वाले समाचार पत्रों की संख्या सैकड़ों में है। क्या आप जानते हैं भारत का पहला हिंदी समाचार पत्र कौनसा था? भारत का पहला हिंदी समाचार पत्र उदन्त मार्तण्ड था। यहाँ भारत के पहले हिंदी समाचार पत्र के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।
भारत में पहला समाचार पत्र किसने शुरू किया था?
भारत का पहला हिंदी समाचार पत्र उदंत मार्तण्ड था। इसकी पहली प्रति का प्रकाशन 30 मई 1826 को कलकत्ता से किया गया था। यह एक साप्ताहिक पत्र था। इसके संस्थापक जुगल किशोर शुक्ल थे। इस कारण से उन्हें हिंदी पत्रकारिता का जनक भी कहा जाता है। इसका प्रकाशन कोलकाता के कोल्हू टोला नामक मोहल्ले की 37 नंबर अमरतल्ला लेन से इसका प्रकाशन हुआ था।
उदंत मार्तण्ड की विशेषताएं
भारत का पहला समाचार पत्र कई विशेषताओं से भरा था :
- यह हिंदी का पहला मुद्रित समाचार पत्र था।
- इसने सामजिक और राजनैतिक मुद्दों पर काफी जागरूकता फैलाई थी।
- इसने हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- यह आधुनिक हिंदी पत्रकारिता के लिए प्रेरणा बना।
- यह केवल पांच महीने तक के लिए ही प्रकाशित हुआ था, लेकिन इतने कम समय में भी इसने हिंदी पत्रकारिता की नींव रख दी।
उदंत मार्तंण्ड के संस्थापक जुगल किशोर शुक्ल का संक्षिप्त जीवन विवरण
भारत का पहला हिंदी समाचार पत्र उदंत मार्तण्ड छापने वाले मूल रूप से कानपुर के रहने वाले थे। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हुआ था। उन्होंने संस्कृत और फ़ारसी भाषा का अध्ययन किया था। वे एक शिक्षक और वकील भी थे। पत्रकारिता के अलावा वे कविताएं और लेख भी लिखते थे। इसके साथ ही वे एक समाज सुधारक भी थे। उन्होंने कुछ नाटक भी लिखे। वर्ष 1851 में उनका निधन हो गया।
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