उपसर्ग हिन्दी व्याकरण का वह अभिन्न अंग है, जिसकी सहायता से आप हिन्दी भाषा को गहराई से जान सकते हैं। “स्व उपसर्ग से दो शब्द बनाइए” की इस पोस्ट के माध्यम से आप पर उपसर्ग के बारे में संक्षिप्त में जानकारी प्राप्त कर पाएंगे, इसके माध्यम से आपके ज्ञान में विस्तार हो सकता है। जिसके लिए आपको इस पोस्ट को अंत तक पढ़ना पड़ेगा।
उपसर्ग किसे कहते है?
शब्दांश या अव्यय जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ बनाते हैं, उन्हें उपसर्ग कहा जाता है। आसान भाषा में समझा जाए तो यह कुछ इस प्रकार होगा कि वह अव्यय जो शब्द के पहले लगकर उसका अर्थ बदल देते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं। या इसको इस प्रकार भी समझा सकता है, उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है- किसी शब्द के साथ जुड़कर नया शब्द बनाना।
स्व उपसर्ग से दो शब्द बनाइए
स्व उपसर्ग से बने शब्दों में आप उपसर्ग और मूल शब्दों के बारे में आसानी से जानकारी प्राप्त कर पाएंगे, पर उपसर्ग से दो शब्द शब्द निम्नलिखित हैं-
- स्व + रुप = स्वरुप (इसमें ‘स्व’ एक उपसर्ग है और ‘रुप’ एक मूल शब्द है।)
- स्व + राज = स्वराज (इसमें ‘स्व’ एक उपसर्ग है और ‘राज’ एक मूल शब्द है।)
स्व उपसर्ग से बनने वाले शब्द
स्व उपसर्ग से बनने वाले शब्द निम्नवत हैं:
- स्वरुप
- स्वीकार
- स्वराज
- स्वरक्षा
- स्वाभिमान
- स्वतः
- स्वचालित
- स्वछंद
- स्वजनता
- स्वजन
- स्वज्ञान
- स्वजीवनी
- स्वतरु
- स्वतंत्रता
- स्वतंत्र
- स्वतुष्टि
- स्वदेश
- स्वधर्म
- स्वनियोजित इत्यादि।
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FAQs
किसी भी उपसर्ग के बाद प्रयोग होने वाले शब्द जिनका उपसर्ग से पहले भी कोई अर्थ होता है, या जिनके साथ उपसर्ग लगने पर उनका अर्थ बदल जाता है, वह शब्द ही उपसर्ग में मूल शब्द कहलाते हैं।
स्वजीवनी शब्द में ‘स्व’ उपसर्ग प्रयुक्त हुआ है।
स्वतुष्टि शब्द में ‘स्व’ उपसर्ग है।
आशा है कि ‘स्व उपसर्ग से दो शब्द बनाइए’ की यह पोस्ट आपके ज्ञान का विस्तार करेगी और आपको यह पोस्ट पसंद भी आई होगी। ऐसे ही अन्य उपसर्ग के बारे में पढ़ने के Leverage Edu के साथ बने रहिए।