राजस्थान के संत संप्रदाय 

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राजस्थान के संत संप्रदाय

राजस्थान क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से भारत का सबसे बड़ा राज्य है। भारत के इतिहास में राजस्थान की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण स्थान है। राजस्थान का एक समृद्धशाली इतिहास रहा है। इस कारण से प्राय: राजस्थान से जुड़े प्रश्न विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के जनरल नॉलेज सेक्शन के अंतर्गत पूछे जाते हैं। इस कारण राजस्थान जीके से जुड़े विषय परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं। यहाँ के संत सम्प्रदाय के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।  

राजस्थान के प्रमुख संत 

यहाँ राजस्थान के संत सम्प्रदाय के अंतर्गत राजस्थान के प्रमुख संतों के नाम बताए जा रहे हैं : 

  • संत दादू दयाल 
  • संत जाम्भोजी 
  • संत जसनाथ 
  • संत चरणदास 
  • संत हरिदास 
  • संत मावजी 
  • संत बालनन्दाचार्य 
  • संत पीपा 

राजस्थान के प्रमुख संतों और उनके सम्प्रदाय का विवरण 

राजस्थान के संत सम्प्रदाय के अंतर्गत राजस्थान के प्रमुख संतों उनके सम्प्रदाय के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है : 

संत दादू दयाल 

  • इनका जन्म गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था।  
  • लोदीराम नाम के ब्राम्हण ने इनका लालन पालन किया था। 
  • इनके गुरु का नाम संत ब्रम्हानन्द था। 
  • इनका अंतिम समय जयपुर के नरैना नामक स्थान पर बीता था। 
  • सम्प्रदाय : इनका सम्प्रदाय 5 शाखाओं में विभाजित हो गया था जैसे खालसा, विरक्त, उतरादे, खाकी, नागा 

संत जाम्भोजी 

  • इनका वास्तविक नाम धनराज था। 
  • संत जाम्भोजी का जन्म राजस्थान के नागौर जिले में हुआ था। 
  • संत जाम्भोजी को गुरु जम्बेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। 
  • इनका देहांत राजस्थान के बीकानेर जिले में हुआ था। 
  • सम्प्रदाय : इनके द्वारा चलाए गए संत सम्प्रदाय का नाम मुकाम था। 

संत जसनाथ 

  • इनका जन्म राजस्थान के बीकानेर जिले में हुआ था। 
  • इनके पिता जा नाम हम्मार जी और माता का नाम रूपादे थे। 
  • सम्प्रदाय : इनके द्वारा चलाए गए सम्प्रदाय को जसनाथी सम्प्रदाय की मथुरा कहा जाता है। 

संत चरणदास 

  • इनका जन्म राजस्थान के अलवर जिले में हुआ था। 
  • इनके बचपन का नाम रणजीत था। 
  • इनकी माता का नाम कुंजोबाई तथा पिता का नाम मुरलीधर था।  
  • इनके गुरु का नाम शुकदेव था।  
  • सम्प्रदाय : इन्होने चरणदासी नाम का सम्प्रदाय चलाया था। 

संत हरिदास 

संत हरिदास का जन्म राजस्थान के नागौर जिले में हुआ था।  

  • इनका बचपन का नाम हरिसिंह सांखला था। 
  • संत हरिदास जी का जीवन महर्षि वाल्मीकि से काफी मिलता है। वे भी पहले डाकू थे लेकिन बाद में संत बन गए। 
  • सम्प्रदाय : इन्होने हरिदासी सम्प्रदाय की शुरुआत की थी। इनके सम्प्रदाय को निरंजनी सम्प्रदाय भी कहा जाता है। 

संत मावजी 

  • इनका जन्म राजस्थान के डुंगरपुर जिले में हुआ था। 
  • संत मावजी के शिष्य इन्हें भगवान विष्णु का कल्कि अवतार मानते थे। 
  • संत मावजी ने वागड़ी भाषा में अपने उपदेश दिए थे। 
  • सम्प्रदाय : संत मावजी ने निष्कलंकी सम्प्रदाय चलाया था।  

संत बालनन्दाचार्य 

  • इनका जन्म राजस्थान के झुंझुनूं जिले में हुआ था। 
  • ‘ये अपने शिक्षण की सेना भी रखते थे।  
  • इन्होने अपनी सेना भेजकर औरंगजेब के खिलाफ मेवाड़ के राजा राज सिंह और मारवाड़ के राजा दुर्गादास राठौर की मदद की थी। 
  • सम्प्रदाय :  इन्होने चतुः सम्प्रदाय एवं सम्बन्धित अखाड़ों को संगठित किया था। 

संत पीपा 

  • इनका बचपन का नाम प्रताप सिंह खींची था। 
  • संत पीपा गांगरोन के राजा थे। 
  • इनके गुरु संत रामानंद जी थे। 
  • सम्प्रदाय : इन्होने अपने गुरु संत रामानंद के नाम पर रमानन्द सम्प्रदाय की शुरुआत की थी। 

आशा है कि आपको राजस्थान के संत सम्प्रदाय के बारे में जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए बने रहिये Leverage Edu के साथ।

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